जनवादी पत्रकार संघ - 🌐

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Friday, July 10, 2020

जनवादी पत्रकार संघ

जनवादी पत्रकार संघ


अब हवा से भी साबधान रहने की जरूरत

Posted: 10 Jul 2020 08:31 AM PDT


०प्रतिदिन* -राकेश दुबे
१० ०७ २०२०
*दुष्काल : अब हवा से भी सावधान रहने की जरूरत*
अब तो मानना ही पड़ेगा कि कोविद -१९ कहीं भी फैल सकता है | विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मान गया है कि कोरोना हवा के जरिए कहीं भी फैल सकता है, यह बात अब न सिर्फ तय हो गई है, बल्कि इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन नए दिशा-निर्देश भी जारी करने वाला है।इंतजार कोरोना के फैलने का नहीं, बल्कि इंतजाम कोरोना से बचने का कीजिये |
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी उस धारणा को बदल दिया है इसमें सन्गठन ने मार्च २०२० में कहा था कि "हवा के जरिए कोरोना के फैलने की गुंजाइश ज्यादा नहीं है।" सिर्फ हवा के जरिए फैलने का खतरा वहीं ज्यादा है, जहां कोई कोरोना मरीज है। ऐसे में, केवल कोरोना मरीजों की सेवा में लगे चिकित्साकर्मियों को ही सावधान किया गया था। अब उसके विपरीत अब पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसे सुबूतों को मानने की प्रक्रिया में है, जिनसे साबित होता है कि कोरोना संक्रमण हवा के जरिए हो सकता है और हो रहा है। वैसे संगठन से इस पर विचार की मांग पहले भी हो रही थी पर चीन ने एक बार फिर भ्रमित किया मार्च महीने में ही ७५ ४६५ कोरोना मरीजों की विवेचना के बाद चीन द्वारा यह बताया गया था कि कोरोना हवा के जरिए नहीं फैलता। कोरोना के विषाणु ज्यादा समय तक हवा में नहीं रह सकते, उड़कर ज्यादा दूर नहीं जा सकते|
नवीनतम शोध और ताजा अध्ययन से पता चलता है कि मार्च में बनी वह धारणा सही नहीं थी। "कोरोना विषाणु काफी देर तक हवा में रह सकते हैं और जरूरी नहीं कि पास कोई कोरोना मरीज हो, तभी संक्रमण हो।" इस वैज्ञानिक खुलासे के बाद विश्व स्वास्थ्य सन्गठन फिर सक्रिय हुआ है और इसकी पड़ताल आने वाले दिनों को मद्देनजर रख विश्व स्वास्थ्य संगठन बहुत गहराई से कर ही नहीं रहा है बल्कि जल्दी ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने के आसार भी हैं । वैसे भी ठोस नतीजे पर पहुंचना जरूरी है, क्योंकि अगर वाकई हवा के जरिए कोरोना फैल रहा है, तो फिर मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने और शारीरिक दूरी बरतने के बुनियादी उपायों के आगे भी हमें सोचना होगा।

यह चिंताजनक बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस खतरे से आगाह करने के लिए २३९ वैज्ञानिकों को उसे खुला पत्र लिखना पड़ा है। सम्पूर्ण मानवता को उन सभी वैज्ञानिकों का आभार मानना चाहिए जिन्होंने कुछ देर से ही सही, लेकिन यह जरूरी रहस्योद्घाटन खुद आगे बढ़कर किया है। वैज्ञानिकों से ऐसी ही जरूरी दूसरी कोशिशों की उम्मीद है। आज दुनिया में संक्रमितों की संख्या १.२० करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है और जान गंवाने वालों की संख्या ५.५० लाख पार करने वाली है। ऐसे निर्णायक समय में कोरोना से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी भी लोगों के लिए बहुत कारगर हो सकती है। हवा से सावधान रहने की जरूरत है। भीड़भाड़, बंद, कम हवादार जगहों पर खतरा ज्यादा है। यह खतरा और ज्यादा बढत तब दीखता है जब लोग घर से बाहर निकलने के बावजूद मास्क नहीं लगाते हैं। शारीरिक दूरी रखने की अनिवार्यता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
देश के सभी राज्यों में कोरोना के दिनोंदिन बढ़ते आंकड़े गवाह हैं कि सावधानी में कमी हुई है।
जो लोग अभी भी यही सोच रहे हैं कि मुझे नहीं होगा। इसी सोच की वजह से सात लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना हो चुका है। बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं। हवा के रुख और हवा में खतरे की मौजूदगी महसूसते हुए सोच को बदलना होगा। बचाव के दिशा-निर्देशों और सजग वैज्ञानिकों की सलाह पर पूरी तरह अमल करना होगा। सावधानी आपकी नहीं और दूसरों की जान भी बचाएगी ।

Post Bottom Ad

Pages