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Tuesday, July 28, 2020

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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छात्रवृत्ति चाहे राज्य दे या केंद्र सरकार, आधार हुआ अनिवार्य

Posted: 27 Jul 2020 06:55 PM PDT

छात्रवृत्ति चाहे राज्य दे या केंद्र सरकार,  आधार हुआ अनिवार्य

 

प्रयागराज। भारत सरकार या राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति में इस बार आधार अनिवार्य कर दिया गया है। आधार न होने की दशा में छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए आवेदन ही नहीं कर सकेंगे। 2020- 21 के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन में इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। आधार नंबर का वेरिफिकेशन न होने पर फॉर्म सबमिट नहीं होगा।


आधार बेस भुगतान की प्रक्रिया के तहत विद्यार्थियों के आधार नंबर से लिंक बैंक खाते में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि जाएगी। छात्रों का बैंक खाता जिस बैंक में खुला होगा वह बैंक पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम से मैप होना चाहिए। छात्रवृत्ति को आधार बनवाना होगा, आधार को बैंक से लिंक कराएं। हाईस्कूल अंकपत्र- प्रमाण पत्र में दर्ज नाम ही आधार में होने चाहिए। जन्मतिथि गलत है तो अपडेट कराएं। आधार नंबर, नाम, पिता या पति का नाम, लिंग और जन्मतिथि का सत्यापन होने के के बाद आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगी। इसे भरने के बाद ही फॉर्म सबमिट होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने पर यूजीसी से मांगा जवाब

Posted: 27 Jul 2020 06:51 PM PDT

सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने पर यूजीसी से मांगा जवाब
 

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों और कालेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यूजीसी से तीन दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट मामले पर 31 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा।


न्यायमूर्ति अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को आदेश दिया कि वे याचिकाओं की प्रति सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और यूजीसी के वकील को दें। कोर्ट ने यूजीसी को तीन दिन में याचिका का जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता कोई प्रतिउत्तर दाखिल करना चाहते हैं तो अगली सुनवाई 31 जुलाई से पहले दाखिल कर दें। कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हैं जिसमें कालेजों और विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के 6 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई है। 


याचिका में कोरोना के अलावा बिहार व असम में बाढ़ के कारण छात्रों को होने वाली परेशानी का भी मुद्दा उठाया गया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि करीब 390 विश्वविद्यालय परीक्षाएं कराने की प्रक्रिया में हैं।

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल के अंकपत्र में देरी के आसार

Posted: 27 Jul 2020 06:38 PM PDT

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल के अंकपत्र में देरी के आसार

 

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 का परिणाम घोषित हुए एक माह पूरा हो गया है। लेकिन, परीक्षार्थियों को अब तक अंक पत्र हासिल नहीं हो पा रहा है। यह जरूर है कि डिजिटल अंकपत्र जरूर वितरित किया जा रहा है। जिलों में सभी परीक्षार्थियों को वितरित करने में देरी की वजह कोरोना संकट है। हाईस्कूल का अंकपत्र इस माह के अंत तक क्षेत्रीय कार्यालयों में पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन कागज की कमी से देरी होने का अंदेशा है।


उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने 27 जून को हाईस्कूल व इंटर का परिणाम घोषित किया था, उसी दिन यह भी ऐलान हुआ था कि इंटर का अंकपत्र 15 और हाईस्कूल का 31 जुलाई से वितरित किया जाएगा। इस बीच छात्र-छात्रओं की सहूलियत के लिए डिजिटल अंकपत्र देने के निर्देश हुए थे। जैसे-तैसे इंटर का अंकपत्र प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय कुछ दिन पहुंच गया है लेकिन उसका वितरण अभी जिलों में शुरू नहीं हो सका है।


वहीं, प्रिंटिंग संस्थाओं ने हाईस्कूल के अंकपत्र में देरी होने का संकेत बोर्ड का भेजा है। संस्थाओं का कहना है कि हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की संख्या अधिक है, उस अनुपात में कागज नहीं मिल पा रहा है। अफसरों का कहना है कि 10 अगस्त तक अंकपत्र क्षेत्रीय कार्यालयों तक पहुंच सकते हैं, बोर्ड के अफसर यह समय कम करने पर जोर दे रहे हैं लेकिन छपाई का कार्य बाधित है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि पूरा प्रयास हो रहा है कि जिलों में दोनों अंक पत्रों का वितरण कराया जाए। इंटर की प्रक्रिया शुरू हो रही है ऐसे ही हाईस्कूल का अंकपत्र भी मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल अंकपत्र से प्रवेश आदि में दिक्कत नहीं आ रही है।

फेलोशिप के लिए अब नेट पास करना जरूरी, UGC ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की

Posted: 27 Jul 2020 06:24 PM PDT

फेलोशिप के लिए अब नेट पास करना जरूरी, UGC ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की


नई दिल्ली : एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समाज के प्रतिभाशाली छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए इनसे जुड़ी राष्ट्रीय फेलोशिप स्कीमों में बदलाव किया गया है। जिन्हें हासिल करने के लिए अब नेट ( नेशनल इलिजबिलटी टेस्ट) पास करना जरूरी होगा। यूजीसी ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की है। साथ ही कहा है कि इससे समाज के प्रतिभाशाली छात्रों को आगे आने का मौका मिलेगा। अभी तक इन सभी फेलोशिप स्कीमों में चयन पीजी कोर्स के अंकों के आधार पर किया जाता था।


यूजीसी का मानना है कि इन सभी फेलोशिप के लिए चयन की अब तक जो प्रक्रिया थी, उससे बड़ी संख्या में समाज के प्रतिभाशाली छात्र वंचित रह जाते थे। इसी कारण संबंधित मंत्रलयों को इसमें बदलाव का सुझाव दिया गया। इस सुझाव पर मंत्रलयों ने अपनी सहमति दे दी है। इस निर्णय के मद्देनजर अल्पसंख्यकों के लिए चल रही मौलाना आजाद फेलोशिप स्कीम की नई गाइडलाइन जारी की गई है। यह 2019-20 से ही लागू मानी जाएगी। 


इससे पहले इन सभी स्कीमों की फेलोशिप राशि में भी बढ़ोतरी की गई थी। इसके तहत सीनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए हर महीने 35 हजार रुपए और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए 31 हजार रुपए दिए जाते हैं। इन फेलोशिप स्कीमों के लिए वित्तीय मदद संबंधित मंत्रलय उपलब्ध कराता था। बाकी फेलोशिप को लेकर भी गाइडलाइन जारी की जा रही है।

69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने धीमी जांच पर उठाए सवाल

Posted: 27 Jul 2020 06:12 PM PDT

69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने धीमी जांच पर उठाए सवाल


प्रयागराज : सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में मोस्टवांटेड चंद्रमा यादव समेत अन्य फरार अभियुक्तों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग अब आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने की है। उन्होंने स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की धीमी जांच और कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए सवाल उठाए हैं। साथ ही आइजी एसटीएफ को पत्र लिखकर अपेक्षित कार्रवाई न होने की शिकायत की है। 


प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा को लेकर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस फर्जीवाड़े में धूमनगंज निवासी चंद्रमा यादव, भदोही का मायापति दुबे, प्रतापगढ़ का दुर्गेश पटेल और सरगना डॉ. केएल पटेल के दो साले समेत कुल आठ अभियुक्त अभी तक फरार चल रहे हैं। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि उन्होंने 15 जून 2020 को प्रयागराज एसटीएफ के एसपी को डॉक्यूमेंट, ऑडियो व वीडियो रिकाíडंग के साथ कई जानकारी वाट्सएप के माध्यम से भेजी थी। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव सहित कई अभियुक्त फरार हैं। उन्होंने विवेचना में देरी और लापरवाही होने पर परिणाम गलत होने की आशंका जताई है।


 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 की परीक्षा के दौरान लीक हुए पर्चे और पकड़े गए साल्वर गिरोह के खिलाफ दर्ज मुकदमों में भी आधी-अधूरी कार्रवाई का आरोप भी अमिताभ ठाकुर ने लगाया है। कहा है कि प्रयागराज समेत अन्य शहरों में कुल 18 मुकदमे दर्ज किए गए थे। उनकी विवेचना धीमी है।

बांदा : 1868 स्कूलों का नहीं हो पाया कायाकल्प, समन्वयक ने उजागर किए कायाकल्प के अधूरे कार्य

Posted: 27 Jul 2020 06:11 PM PDT

बांदा : 1868 स्कूलों का नहीं हो पाया कायाकल्प, समन्वयक ने उजागर किए कायाकल्प के अधूरे कार्य।

बांदा ::  नए शिक्षा सत्र में जिले के 1868 विद्यालयों के बच्चों को बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ेगा। कहीं पीने का नहीं तो कहीं शौचालय नदारद हैं। तमाम स्कूलों में रसोईघर और बिजली कनेक्शन का अभाव है। विभागीय जिला समन्वयक द्वारा उप निदेशक (बेसिक) को भेजी गई रिपोर्ट में ये खामियां उजागर हुई हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 124 स्कूल सभी सुविधाओं से संतृप्त और लैस हैं। शासन ने मार्च 2019 में परिषदीय स्कूलों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी 'ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायतों को दी थीं, लेकिन ग्राम पंचायतों ने सभी स्कूलों के बुनियादी सुविधाओं से लैस नहीं किया। स्कूलों की ताजा हालत सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक (निर्माण) द्वारा दो दिन पूर्व बेसिक शिक्षा उप निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट से उजागर हुई है।


समन्वयक की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के 1992 परिषदीय स्कूलों में मात्र 124 स्कूलों में ही 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत कार्य कराए गए हैं। 1868 स्कूल आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1992 परिषदीय विद्यालयों में 620 में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। 844 स्कूलों में बालक व बालिकाओं के अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। 692 स्कूलों में रसोईघर, 1925 स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट, 1217 विद्यालयों में बिजली कनेक्शन और बाउंड्रीवाल नहीं है। 1947 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय व रैप नहीं बने हैं। 120 विद्यालयों में श्यामपट्ट (ब्लैक बोर्ड) नहीं हैं। 1198 स्कूलों की कक्षाओं में फर्श या टायल्स नहीं हैं।





पहले शौचालय और पंचायत भवन बनेंगे : जिला समन्वयक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जिला पंचायत राज विभाग का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवनों के निर्माण को शासन के निर्देशानुसार पहले कराया जा रहा है।

शासन ने ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय स्कूलों में 14 बिंदुओं पर संतृप्त करने का कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा है। उन्हें ही सभी स्कूलों में यह कार्य कराना है। अधूरे कार्यों के बारे में शासन को पत्राचार किया गया है। -हरिश्चंद्र नाथ, बेसिक शिक्षा अधिकारी, बांदा।

शासन ने 125 दिनों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय और पंचायत घर बनाए जाने के आदेश दिए हैं। इसलिए पहले ये दोनों कार्य कराए जा रहे हैं। इसी के बाद ऑपरेशन कायाकल्प' से स्कूलों में काम होंगे। -संजय यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी बांदा।


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फतेहपुर : राज्य अध्यापक पुरस्कार को 13 मास्साबों ने किया आवेदन, देखें सूची

Posted: 27 Jul 2020 06:12 PM PDT

फतेहपुर : राज्य अध्यापक पुरस्कार को 13 मास्साबों ने किया आवेदन, देखें सूची


फतेहपुर :: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों के उत्कृष्ट शिक्षक शिक्षकों का उत्साहवर्धन करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ष राज्य अध्यापक पुरस्कार दिया जाता है। वर्ष 2019 के राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए इस बार भी ऑनलाइन आवेदन मागे गए। जिसमें जिले के आठ ब्लाकों से 13 शिक्षक शिक्षिकाओं ने आवेदन किया। आवेदन मिलने के बाद विभाग द्वारा इनका कई बिंदुओं पर सत्यापन कराया गया है।



शिक्षक दिवस यानि पांच सितम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा लखनऊ में चयनित मास्साबों को पुरस्कृत किया जाना है। इसके पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सम्बंधित खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से आवदेकों का सत्यापन कराया है। जिसमें आवेदन व्यक्तिगत टयूशन में लिप्त न हो, स्थानीय समुदाय में छवि की स्थिति, समाज, अभिभावक एवं छात्रों को उत्प्रेरित करने का कार्य, शैक्षिक क्षमता एवं उसमें सुधान करने की चेष्टा, बच्चों के प्रति वास्तविक स्नेह समेत 16 बिंदुओं पर जांच करते हुए आवेदन का सत्यापन कराया गया है। प्रदेश स्तर की चयन समिति द्वारा चयनित मास्साबों के नामों की घोषणा की जानी है। आवेदन मिलने के बाद विभाग द्वारा इनका कई बिंदुओं पर सत्यापन कराया गया है।


इंतजार : आवेदकों की विभिन्न बिंदुओं पर विभाग ने कराई जांच, आठ ब्लाकों से शिक्षक शिक्षकों ने किया है आवेदन।

*इन शिक्षकों ने किया आवेदन*

अम्बिका प्रसाद मिश्र, प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर ऐरायां,

बृजेन्द्र सिंह प्राथमिक विद्यालय नरौली हथगाम,

राम प्रसाद प्राथमिक विद्यालय अहिंदा हथगाम,

आनंद कुमार मिश्र, प्राथमिक विद्यालय मलूकपुर ऐरायां,

प्रकाश चन्द्र द्विवेदी उच्च प्राथमिक विद्यालय जलालपुर भिटौरा,

सर्वेश कुमार अवस्थी प्राथमिक विद्यालय बाबूपुर अमौली,

धर्मेद्र कुमार प्राथमिक विद्यालय जगतपुर गाडा द्वितीय तेलियानी,

अर्चना अरोड़ा प्राथमिक विद्यालय बरेठी खुर्द खजुहा,

चम्पा प्राथमिक विद्यालय आदर्श मसवानी नगर क्षेत्र,

देवव्रत त्रिपाठी प्राथमिक विद्यालय अर्जुनपुर गढ़ा विजईपुर,

बबलू सोनी प्राथमिक विद्यालय कोरांव हथगाम,

साधना प्राथमिक विद्यालय ढोढिया तेलियानी,

माया देवी प्राथमिक विद्यालय कुटीपर ऐरायां शामिल हैं।



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CBSE: नए नियमों से पुनर्मूल्यांकन में एक विषय के नंबर बदलने पर दूसरे पर पड़ेगा असर

Posted: 27 Jul 2020 01:19 PM PDT

CBSE: नए नियमों से पुनर्मूल्यांकन में एक विषय के नंबर बदलने पर दूसरे पर पड़ेगा असर।

सीबीएसई की ओर से जारी नए मूल्यांकन नियमों का असर पुनर्मूल्यांकन में छात्रों के दूसरे विषयों के नंबर पर पड़ेगा। बोर्ड की ओर से पुनर्मूल्यांकन से पहले जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि छात्र की ओर से जिस विषय के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया गया है, उसमें अंक बढ़ेंगे तो उन विषयों के नंबर भी बढ़ जाएंगे, जिसकी परीक्षा न होने के चलते असेसमेंट किया गया था।



पुनर्मूल्यांकन में छात्रों को नंबर बढ़ने पर जहां लाभ होगा तो नंबर कम होने की स्थिति में नुकसान भी होगा। पुनर्मूल्यांकन में नंबर कम होने की स्थिति में दोहरा नुकसान होगा, इस संबंध में सीबीएसई ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

सीबीएसई की ओर से 2020 की परीक्षा में कई विषयों की परीक्षा नहीं होने के चलते उसमें पहले तीन विषयों के अंक के आधार पर असेसमेंट करके अंक दिया गया है। ऐसे में जिन विषयों की परीक्षा हुई है, परीक्षार्थी उसमें अंक बढ़ाने के लिए आवेदन करेंगे तो अंक बढ़ने की स्थिति में असेसमेंट वाले विषयों के अंक बढ़ जाएंगे।
नंबर कम हुए तो असेसमेंट वाले विषयों के अंक कम हो जाएंगे, इससे छात्रों को दोहरा नुकसान होगा। गंगा गुरुकुलम की प्रधानाचार्या अल्पना डे का कहना है कि जिन बेस्ट थ्री सब्जेक्ट के अंक के आधार पर असेसमेंट किया गया, उसमें किसी भी विषय के अंक बढ़ते या घटते हैं तो औसत अंक दिया जाएगा। उनका कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि नंबर बढ़ने पर लाभ और घटने पर छात्र को नुकसान होगा। इसका असर 10 वीं की तुलना में बारहवीं में अधिक होगा।

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प्रयागराज : बिना सुरक्षा मानक के कंप्यूटर अनुदेशकों की कोरोना जांच केंद्र पर लगी ड्यूटी, सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने पर ड्यूटी नहीं पहुंचे अनुदेशको को बीएसए ने नोटिस जारी कर किया जवाब तलब

Posted: 27 Jul 2020 01:11 PM PDT

प्रयागराज : बिना सुरक्षा मानक के कंप्यूटर अनुदेशकों की कोरोना जांच केंद्र पर लगी ड्यूटी, सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने पर ड्यूटी नहीं पहुंचे अनुदेशको को बीएसए ने नोटिस जारी कर किया जवाब तलब।

परिषदीय विद्यालयों के अस्थाई कंप्यूटर अनुदेशकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सुरक्षा मानकों को पूरा किए बिना केपी कॉलेज स्थित कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी लगा दी। कोराना के भय के चलते मात्र 7000 रुपये के मानदेय पर काम करने वाले कंप्यूटर अनुदेशक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इनके खिलाफ नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी पर लगाए गए अनुदेशकों का कहना है कि उनके लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अनुदेशकों ने जांच केंद्र पर ड्यूटी के लिए पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।





बीएसए की ओर से 12 कंप्यूटर अनुदेशकों को नोटिस भेजकर जुलाई महीने का मानदेय रोके जाने और तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। बीएसए की ओर से इन कंप्यूटर अनुदेशकों की ड्यूटी कोरोना जांच केंद्र पर डाटा फीडिंग के लिए लगाई गई थी। ड्यूट पर नहीं आने वाले अनुदेशकों को भेजी नोटिस में बीएसए ने कहा है कि उनके नहीं आने से कोरोना की जांच में बांधा पड़ी। बीएसए ने इन अनुदेशकों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है नहीं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष भोलानाथ पांडेय का कहना है कि अनुदेशकों ने कभी किसी विभागीय आदेश की अवहेलना नहीं की है। उनका कहना है कि बिना पीपीई किट और कोरोना से बचाव का प्रशिक्षण दिए बिना कोविड-19 की डाटा फीडिंग में लगा दिया गया। डाटा फीडिंग के बगल में ही कोरोना की जांच चल रही है, ऐसी स्थिति में किसी अनुदेशक के साथ दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, उनके परिवार की चिंता के बारे में अधिकारी आश्वासन दें तो अनुदेशक अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हैं।


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संत कबीरनगर : मध्याह्न भोजन और कन्वर्जन कास्ट का वितरण समय से नहीं कराए जाने पर सभी खंड शिक्षाधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से बीएसए ने लगाई रोक

Posted: 27 Jul 2020 12:46 PM PDT

संत कबीरनगर : मध्याह्न भोजन और कन्वर्जन कास्ट का वितरण समय से नहीं कराए जाने पर सभी खंड शिक्षाधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से बीएसए ने लगाई रोक।

कबीरनगर : लॉकडाउन की अवधि में परिषदीय और सहायताप्राप्त विद्यालयों के बच्चों को मध्याह्न भोजन की प्रतिपूर्ति के लिए राशन और धनराशि दिया जाना था। यह कार्य विद्यालय स्तर से पूरा किया जाना था। अद्यतन कार्य पूरा नहीं होने को लेकर बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है।




जारी पत्र में बीएसए ने लिखा है कि जून माह में ही मध्याह्न भोजन और कन्वर्जन कास्ट उपलब्ध करवा दिया गया था। इसका वितरण समय अनुसार नहीं हो सका। इससे अनुश्रवण की लचर स्थिति सामने आती है। उन्होंने जिले के नौ ब्लाकों के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों का वेतन बाधित करते हुए 30 जुलाई तक अनिवार्य रूप से लाभान्वित छात्रों की संख्या का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।


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फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में बनेगा एकेडमिक कैलेंडर, बीएसए ने खण्ड शिक्षाधिकारियों को दिया निर्देश

Posted: 27 Jul 2020 12:33 PM PDT

फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में बनेगा एकेडमिक कैलेंडर, बीएसए ने खण्ड शिक्षाधिकारियों को दिया निर्देश।

फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग ने एकेडमिक कैलेंडर पर काम कराना भी शुरू करा दिया है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में एकेडमिक कैलेंडर बनवाएं।




राज्यपाल ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई सुझाव दिए हैं। आठ माह पूर्व जब उन्होंने जिले में रात्रि प्रवास के बाद सुबह थरियांव के परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण करते हुए वहां पढ़ने वाले बच्चों से मिलकर जिले के शैक्षिक स्तर को परखा था। लखनऊ में बीते दिन हुए कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षा पर चिता जताते हुए प्रदेश को देश के टॉप-5 में शामिल करने का आह्वान किया था। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एकेडमिक कैलेंडर बनाए जाने के निर्देश मिले हैं। सभी खंड शिक्षाधिकारी इस काम में जुट गए हैं। कोरोना संकट की वजह से दिक्कत आ रही है। शैक्षिक कैलेंडर में कक्षावार कोर्स को माह वार बांटा जाएगा। वहीं साल भर में पड़ने वाले महापुरुषों के नाम जिनमें छुट्टियां नहीं होती हैं वह भी दर्ज होंगे। कैलेंडर के साथ ही राज्यपाल की मंशा के मुताबिक पढ़ाई को पोस्टर और चित्र के माध्यम से सुग्राही बनाया जाएगा। इस काम में अभिभावकों का सहयोग लिया जाएगा।


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आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग के पांच शिक्षकों की सेवा समाप्त, फर्जी अभिलेख पर पाई थी नौकरी

Posted: 27 Jul 2020 12:21 PM PDT

आजमगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग के पांच शिक्षकों की सेवा समाप्त, फर्जी अभिलेख पर पाई थी नौकरी।

आजमगढ़ :  बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी कर रहे पांच सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। महानिदेशक स्कूल एवं राज्य परियोजना के आदेश पर बर्खास्त शिक्षकों से नियुक्ति से लेकर अब तक आहरित धनराशि की रिकवरी के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा और संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।




जिन सहायक अध्यापकों की सेवा समाप्त की गई है, उसमें शिक्षा क्षेत्र कोयलसा के प्राथमिक विद्यालय धनसिंहपुर में तैनात रहे मऊ जनपद के चांदमारी इमिलिया गांव निवासी आवेश कुमार पुत्र सतीश चंद्र शर्मा, शिक्षा क्षेत्र सठियांव के प्राथमिक विद्यालय सींहीं, निवासी इमलीडीह पोस्ट बारीपुर जनपद गोरखपुर की नेहा शुक्ला पुत्री ब्रह्मानंद शुक्ला, शिक्षा क्षेत्र बिलरियागंज के प्राथमिक विद्यालय शोधनपट्टी पर तैनात सहयक अध्यापक निवासी भुवनेश्वर प्रताप सिंह, 443, सिविल लाइन आजमगढ़, शिक्षा क्षेत्र महराजगंज के प्राथमिक विद्यालय पर तैनात रहे राजेश कुमार पुत्र रामदुलारे निवासी खलीलाबाद, जनपद संतकबीरनगर एवं शिक्षा क्षेत्र अतरौलिया के प्राथमिक विद्यालय पचरी पर तैनात बांकेबिहारी लाल पुत्र किशोर प्रसाद निवासी सल्लहपुर, तहसील सलेमपुर जनपद देवरिया शामिल हैं।


जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे

शासन के निर्देश पर जांच प्रक्रिया के दौरान संबंधित शिक्षकों के अभिलेख फर्जी मिले थे। कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। निर्धारित मूल प्रमाणपत्रों के साथ संबंधित सहायक अध्यापक कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए और ना ही अपना कोई प्रत्यावेदन ही दिया।इसलिए महानिदेशक के निर्देश पर इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है।

-अमरनाथ राय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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अब गाड़ियों से निशुल्क पहुंचाई जाएंगी किताबें, जनपद गोरखपुर को 22 लाख रुपये जारी

Posted: 27 Jul 2020 08:06 AM PDT

अब गाड़ियों से निशुल्क पहुंचाई जाएंगी किताबें

परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं निशुल्क किताबें मुहैया कराई जा रही हैं। कोरोना काल में किताबें अभिभावकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की थी। अब शासन स्तर से तय कर दिया गया है कि किताबें गाड़ियों से पहुंचाई जाएंगी। इसके लिए 22 लाख रुपये जारी किए गए हैं। जिले के तीन हजार विद्यालयों में परिषदीय विद्यालय पढ़ने वाले 3,63,000 विद्यार्थियों को किताबों का वितरण किया जाना है। पुरानी व्यवस्था में किताबें जिले से बीआरसी और वहां से संकुल पर पहुंचाई जाती थी। यहां से शिक्षक किताबें अपने अपने स्कूल पर ले जाते थे। इसके लिए शिक्षकों को कोई वाहन भत्ता नहीं मिलता था। इसकी वजह से कई बार किताबें स्कूल पर समय से नहीं पहुंच पाती थीं या शिक्षकों को किताबें अपने वाहनों से ले जानी पड़ती थीं। अब व्यवस्था में शासन ने बदलाव किया है। बीएसए ने कहा कि किताबों को बच्चों तक पहुंचाना प्राथमिकता है। शासन ने परिवहन व्यय बजट जारी कर दिया है।

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