प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- धराशाई हो गई ऑनलाइन पढ़ाई, किताबें उपलब्ध नहीं, संसाधनों के चलते ज्यादातर बच्चे रहे दूर
- दिव्यांगों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बनी आफत, 43 प्रतिशत छात्र छोड़ सकते हैं पढ़ाई
- फतेहपुर : मानव सम्पदा पोर्टल पर सुस्त फीडिंग से लटकी पगार, 12 हजार शिक्षक-कर्मचारियों का डाटा फीड करने में छूट रहा पसीना, 22 जुलाई तक होगी फीडिंग तब मिलेगा दो माह का वेतन
- राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में तैनात एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की सेवा की जाएगी समाप्त
- यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर के अंक सह प्रमाणपत्र 15 अगस्त तक वितरित करने की तैयारी
- फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के लिए 8 करोड़ 92 लाख बजट आवंटित, इस वर्ष भी जारी की जाएगी कम्पोजिट ग्रांट, राज्य परियोजना निदेशक ने जारी की गाइडलाइन
- आश्वासन के बावजूद संसाधनों की उपलब्धता कराये बिना शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण कराने के विरोध में UPPSS के पाण्डेय गुट ने बेसिक शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
| धराशाई हो गई ऑनलाइन पढ़ाई, किताबें उपलब्ध नहीं, संसाधनों के चलते ज्यादातर बच्चे रहे दूर Posted: 18 Jul 2020 06:32 PM PDT धराशाई हो गई ऑनलाइन पढ़ाई, किताबें उपलब्ध नहीं, संसाधनों के चलते ज्यादातर बच्चे रहे दूर। ■ समस्या ● माध्यमिक विद्यालयों में नहीं पटरी पर आ पा रही पढ़ाई ● ग्रामीण इलाके में 90 फीसदी बच्चों के पास एंड्रायड फोन नहीं कानपुर देहात : कोरोना संक्रमण ने सबसे अधिक बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित किया है। माध्यमिक स्कूलों के बच्चे मार्च के बाद से ही पढ़ाई से दूर हैं। विभाग ने उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई का दावा किया,लेकिन संसाधनों की कमी के कारण 90 फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे। वहीं जुलाई में भी उम्मीदें टूट गईं। बाजार में किताबें न होने से समस्या है। सबसे अधिक परेशानी हाईस्कूल व इंटर में पहुंचे करीब 48 हजार बच्चों के सामने हैं। कोरोना ने बच्चों की पढ़ाई को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। मार्च के महीने से ही लॉकडाउन आने के कारण कक्षा 6 से लेकर 11 तक के बच्चों को प्रोन्नत कर दिया गया। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पूरी हो जाने के कारण उनके रिजल्ट तो जारी हो गए, लेकिन अभी आगे की पढ़ाई का कोई रास्ता नहीं है। विभाग की ओर से 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरु करने का निर्देश जारी किया गया था, अभी तक जिले में कहीं भी ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चल पारहीं हैं। उसकी बड़ी वजह 90 फीसदी बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन न होने के साथ ही अन्य संसाधनों की कमी है। बाजार में नहीं मिल रहीं किताबें बीते वर्ष से बोर्ड ने कक्षा 10 व कक्षा 12 की पुस्तकों में बदलाव कर दिया है। इसके अलावा पहले कक्षा 9 व 10 का सिलेबस एक ही था। इसी तरह कक्षा 11 व 12 का सिलेबस एक ही किताब में होने के कारण बच्चे कक्षा 9 व 11 में ही पुस्तकें ले लेते थे और उसी से पढ़ाई हो जाती थी, लेकिन बीते वर्षों में कक्षा इनके कोर्स अलग-अलग कर दिए गए। इस कारण अब हाईस्कूल और इंटर के विद्यार्थियों को अलग-अलग किताबें खरीदनी पड़ती हैं। इस बार बाजार में अभी तक एनसीआरटी पेटन की किताबें न आने से बच्चे घरों में भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। |
| दिव्यांगों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बनी आफत, 43 प्रतिशत छात्र छोड़ सकते हैं पढ़ाई Posted: 18 Jul 2020 06:23 PM PDT दिव्यांगों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बनी आफत, 43 प्रतिशत छात्र छोड़ सकते हैं पढ़ाई ऑनलाइन शिक्षा में आ रही दिक्कतों के कारण करीब 43 प्रतिशत दिव्यांग बच्चे पढ़ाई छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। दिव्यांग लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने मई में ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, चेन्नई, सिक्किम, नगालैंड, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में यह सर्वेक्षण किया। इसमें छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों समेत कुल 3,627 लोगों ने भाग लिया। सर्वेक्षण के अनुसार 56.5 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों को मुश्किलें आ रही हैं तब भी वे रोजाना कक्षाएं ले रहे हैं। जबकि 77 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि वे दूरस्थ शिक्षा के तरीकों से वाकिफ नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। सर्वेक्षण में पाया गया कि 56.48 प्रतिशत छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख रहे हैं,जबकि बाकी के 43.52 प्रतिशत छात्र पढ़ाई छोड़ने का मन बना रहे हैं। इसमें कहा गया कि 39 प्रतिशत दृष्टिबाधित छात्र कई छात्रों के साथ बात करने के कारण विषयों को समझने में सक्षम नहीं हैं। करीब 44 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों ने शिकायत की कि वेबीनार में सांकेतिक भाषा का कोई दुभाषिया मौजूद नहीं होता। 86 फीसदी बच्चे तकनीक का इस्तेमाल नहीं जानते: 86 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि वे तकनीक का इस्तेमाल करना नहीं जानते । करीब 81 फीसदी शिक्षकों ने कहा कि उनके पास दिव्यांग छात्रों तक पहुंचाने के लिए शिक्षण सामग्री नहीं है। 64 फीसदी के पास कंप्यूटर या स्मार्टफोन नहीं: सर्वेक्षण में शिक्षकों ने कहा कि 64 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के पास घर में स्मार्टफोन या कंप्यूटर नहीं है। 67 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्हें ऑनलाइन शिक्षा के लिए टैब या कंप्यूटर की आवश्यकता है। 74 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों ने कहा कि उन्हें पढ़ाई के लिए डेटा/वाईफाई की आवश्यकता है जबकि 61 प्रतिशत ने सहायक की आवश्यकता बताई। सभी दिव्यांग को एक समूह में नहीं रख सकते : संगठन के मुताबिक सभी दिव्यांग बच्चों को एक समूह में नहीं रखा जा सकता क्योंकि उनमें अलग-अलग शारीरिक अक्षमताएं होती हैं। इसलिए उनकी जरूरतें भी अलग-अलग होती हैं। सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में कोविड-19 वैश्विक महामारी के वक्त नीतिगत बदलावों और आवश्यक संशोधनों की सिफारिश की है। अगला लेख: KVK Recruitment 2020 : स्नातक पास के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में सहायह के पदों पर भर्ती telegramलाइव हिन्दुस्तान टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं। आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं? हिन्दुस्तान ePaper मुफ्त में पढ़िए। JharkhandOdishaNagalandअन्य... रहें हर खबर से अपडेट हिन्दुस्तान के साथ ऐप डाउनलोड करें अपने इनबॉक्स में न्यूजलेटर पाने के लिए ईमेल एंटर करें। सब्सक्राइब करें संबंधित खबरें चेकनाका पर स्वास्थ्य जांच की कोई व्यवस्था नहीं गुजरात और महाराष्ट्र में फंसे सबसे अधिक झारखंडी चेन्नई से कोडरमा जा रहे 13 लोगों को चाईबासा में रोका हिंदी न्यूज़ › कॅरियर › KVK Recruitment 2020 : स्नातक पास के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में सहायह के पदों पर भर्ती KVK Recruitment 2020 : स्नातक पास के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में सहायह के पदों पर भर्ती jobs लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली | Published By: Alakha Singh Updated: Sat, 18 Jul 2020 06:55 PM अ+अ- KVK Recruitment 2020 : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) निश्चित वेतन में संविदा पर सहायक ग्रेड-I, सहायक ग्रेड -II, वाहन चालक और चपरासी के पदों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। योग्य व इच्छुक उम्मीदवार आगे दिए पदें पर साधारण डाक सा स्पीड पोस्ट या पंजीकृत डाक से आवेदन पत्र भेज सकते हैं। आवेदन प्रारूप व शर्तों से संबंधित अधिक जानकारी के लिए www.igau.edu.in पर जाकर देखी जा सकती है। आवेदकों को सलाह है कि आवेदन करने से भर्ती नोटिफिकेशन जरूर पढ़ें। आवेदन भेजने का पता - वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र, रायपुर कृषक नगर, जोरा-492012। आवेदन भेजने की आखिरी तारीख- आवदेन 14 अगस्त 2020 को शाम पांच बजे से पहले पहुंच जाना चाहिए। शैक्षिक योग्यता- सहायक के आवेदन के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक होना चाहिए। साथ ही डेटा एंट्री ऑपरेटर या प्रोग्रामिंग में एक वर्षीय डिप्लोमा भी होना चाहिए। वाहन चालक के लिए आवेदक को 8वीं पास होना व हल्के वाहन परिचालन का लाइसेंस होना जरूरी है। वहीं चपरासी के लिए योग्यता पांचवी पास है। वेतनमान- सहायक ग्रेड-I - 20900 रुपए सहायक ग्रेड -II - 18420 रुपए वाहन चालक - 14200 रुपए चपरासी - 11360 रुपए रिक्तियों की कुल संख्या- 04 भर्ती नोटिफकेशन - KVK Recruitment 2020 Notification वेबसाइट - www.igau.edu.in अगला लेख: RBSE 10th Result 2020 update : अगले सप्ताह जारी हो सकते हैं राजस्थान बोर्ड कक्षा 10 के नतीजे telegramलाइव हिन्दुस्तान टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं। आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं? 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| Posted: 18 Jul 2020 06:20 PM PDT फतेहपुर : मानव सम्पदा पोर्टल पर सुस्त फीडिंग से लटकी पगार, 12 हजार शिक्षक-कर्मचारियों का डाटा फीड करने में छूट रहा पसीना, 22 जुलाई तक होगी फीडिंग तब मिलेगा दो माह का वेतन। फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की पगार जून माह के तीसरे सप्ताह में भी नहीं मिल पाई। ऐसा 12,345 शिक्षक, शिक्षामित्र, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का ऑनलाइन डाटा फीड न होन के कारण हुआ है। सूत्रों की माने तो शिक्षक और कर्मचारियों की फीडिंग में विभाग टॉपटेन में शामिल है जबकि शिक्षामित्रों के मामले में आंकड़ा 50 वें स्थान पर पहुंच पर है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 22 जून तक हरहाल में डाटा फीडिंग का काम पूरा कराएं। शासन के निर्देश पर मानव संपदा पोर्टल पर विभाग के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और शिक्षामित्रों की ऑनलाइन कुंडली बन रही है। 12 हजार से अधिक लोगों की फीडिंग विभाग के लिए मुसीबत बनी हुई है। सर्वर के काम न करने से काम में तेजी नहीं आ पा रही है। शिक्षा महानिदेशक ने इस काम को पूरा करने के लिए 15 जुलाई का समय दिया था। पूरे प्रदेश में काम सुस्त होने के चलते इसे बढ़ाकर अब 31 जुलाई कर दिया है। यह भी साफ कर दिया है कि बिना संपूर्ण डाटा फीडिंग के वेतन नहीं जारी किया जाएगा। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में पगार का विकल्प तभी काम करेगा जब फीडिंग पूरी होगी। 22 जुलाई तक होगी फीडिंग तब मिलेगा दो माह का वेतन :: ऑनलाइन फीडिंग न होने के चलते जून माह की पगार नहीं मिल पाई है, अगर 22 जुलाई तक फीडिंग का काम पूरा हो जाता है है तो 26 जुलाई तक वेतन बिल बन जाएंगे और रुकी हुई पगार दो माह की एकसाथ आ सकेगी। फीडिंग के काम में तेजी नही है यह बात सही है। असल में दिन भर ब्लाकों में सर्वर की दिक्कत रहती है। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह प्रतिदिन वीडियो की मानीटरिंग करें और उसे जल्द पूरा कराएं, जिससे कि वेतन निर्गत हो सके। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए ![]() |
| राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में तैनात एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की सेवा की जाएगी समाप्त Posted: 18 Jul 2020 06:18 PM PDT राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में तैनात एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की सेवा की जाएगी समाप्त प्रयागराज : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में तैनात करीब एक दर्जन शिक्षकों की जल्द ही सेवा समाप्त होगी। उनके अभिलेख सत्यापन में खामियां प्रमाणित हुई हैं, शिक्षा निदेशालय पिछले वर्षो में तैनात शिक्षकों के अभिलेख जांच रहा है। जिन शिक्षकों के अभिलेख गड़बड़ मिले हैं, उनमें से कुछ ने पक्ष रखा है, बाकी ने जवाब देना उचित नहीं समझा। अगले सप्ताह सूची निर्गत करने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन लंबे समय से चल रहा है, इधर शासन ने माध्यमिक कालेजों में तैनात शिक्षकों के अभिलेख जांचने का आदेश दिया है। शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2012 व 2014 आदि में एलटी ग्रेड शिक्षक के रूप में तैनात शिक्षकों के अभिलेख सत्यापन शुरू किया तो गड़बड़ियां मिली हैं। संदिग्ध अभिलेख वाले शिक्षकों को नोटिस जारी करने उनका पक्ष पूछा गया, कुछ शिक्षकों ने अपना जवाब दिया है लेकिन, अधिकांश ने मौन साध लिया है। अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अंजना गोयल ने बताया कि शिक्षकों को सूची अगले सप्ताह जारी करने की तैयारी है। इसके बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। |
| यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर के अंक सह प्रमाणपत्र 15 अगस्त तक वितरित करने की तैयारी Posted: 18 Jul 2020 05:59 PM PDT यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर के अंक सह प्रमाणपत्र 15 अगस्त तक वितरित करने की तैयारी। प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 के अंक सह प्रमाणपत्र अब 15 अगस्त तक वितरित करने की तैयारी है। इंटर के प्रमाणपत्र 15 जुलाई से वितरण की तैयारी थी लेकिन, अब तक छपकर क्षेत्रीय कार्यालयों में ही नहीं पहुंच सके हैं। अफसरों का कहना है कि वेबसाइट से सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर के प्रमाणपत्र वितरित किए जा रहे हैं इसलिए छात्र-छात्राओं को समस्या नहीं हो रही है। बोर्ड प्रशासन ने 27 जून को दावा किया था कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रमाणपत्र छपने में विलंब हो रहा है। तैयारी थी कि 15 जुलाई से इंटर और 31 जुलाई से हाईस्कूल के अंक सह प्रमाणपत्र जिलों में वितरित कराए जाएंगे। यह समय सारिणी गड़बड़ा गई है। अभी तक क्षेत्रीय कार्यालय में अंक सह प्रमाणपत्र प्रिंट होकर नहीं पहुंच सके हैं। अफसरों का कहना है कि 22 जुलाई से इंटर के प्रमाणपत्र क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद अगस्त के पहले सप्ताह में हाईस्कूल के अंक सह प्रमाणपत्र कार्यालय पहुंचेंगे। बोर्ड व क्षेत्रीय कार्यालय दोनों प्रमाणपत्र एक साथ ही वितरित करने के लिए जिलों को भेजेंगे। तैयारी है कि 15 अगस्त तक इनका वितरण हर जिले में शुरू हो जाए। अपर सचिव शिव प्रकाश द्विवेदी का कहना है कि शासन के निर्देश पर परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए डिजिटल अंकपत्र सभी जिलों में वितरित किए जा रहे हैं। 22 जुलाई तक प्रमाणपत्र क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने की उम्मीद। ![]() |
| Posted: 18 Jul 2020 05:26 PM PDT फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के लिए 8 करोड़ 92 लाख बजट आवंटित, इस वर्ष भी जारी की जाएगी कम्पोजिट ग्रांट, राज्य परियोजना निदेशक ने जारी की गाइडलाइन। फतेहपुर :: केन्द्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट के अनुसार परिषदीय स्कूलों को एक बार फिर कम्पोजिट ग्रांट देने का फैसला किया गया है। इसके लिए स्कूलों को छात्र नामांकन के आधार पर पांच श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि का निर्धारण किया गया है। 16 जुलाई को राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बीएसए को इस सम्बन्ध में गाइडलाइन जारी कर दी है। धनराशि का प्रयोग स्कूलों की रंगाई पुताई समेत अन्य कार्यों में किया जाएगा। धनराशि एसएमसी के खातों में स्थानान्तरित की जाएगी। सरकार ने स्कूलों को अनुदान व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया था। केन्द्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्रांट को धारण करते हुए छात्र नामांकन के आधार पर स्कूलों को 5 श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि को धारण कर दिया है। इस बार फिर से छात्र नामांकन के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया जाएगा। धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से उपभोग की जाएगी। उपभोग का प्रमाण पत्र प्रधानाध्यापक को देना होगा। सबसे अधिक बल स्वच्छता पर दिया है। धनराशि का कम से कम दस फीसदी का उपयोग स्वच्छता सामग्री को खरीदने पर अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य परियोजना कार्यालय ने अनुदान के उपभोग के लिए एक सुझावात्मक सूची भी भेजी है। जिसमें कराए जा सकने वाले कार्यों का ब्यौरा दिया गया है। बजट से होंगे ये काम :: राज्य परियोजना कार्यालय ने अपनी सुझावात्मक सूची में कराए जा सकने वाले कामों के बारे में छात्र संख्या के आधार पर विस्तार से बताया है। धनराशि का प्रयोग स्वच्छता अभियान, अनुरक्षण कार्य, रंगाई पुताई, पेण्टिग कार्य, फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन यंत्र, स्टेशनरी, टाट पट्टी, चटाई एवं दरी, रेडियो प्रोग्राम, इंटरनेट बिल, बिजली उपकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामान्य सामग्री, बागवानी, शिक्षण सहायक सामग्री, दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री एवं पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री के लिए किया जा सकता है। अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को लाभ :: छात्र नामांकन के आधार पर मिलने वाली रकम से कम नामांकन वाले स्कूलों को कम लेकिन 15 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को न्यूनतम 25 हजार से 1 लाख तक का अनुदान मिल सकेगा। इससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को काफी राहत मिलेगी। ![]() |
| Posted: 18 Jul 2020 11:37 AM PDT |
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