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Saturday, July 25, 2020

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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उपसचिव बेसिक शिक्षा परिषद से दुर्व्यवहार पर राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य से मांगा स्पष्टीकरण

Posted: 24 Jul 2020 08:18 PM PDT

उपसचिव बेसिक शिक्षा परिषद से दुर्व्यवहार पर राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य से मांगा स्पष्टीकरण


सरकारी काम से राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य से मिलने गए उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के साथ दुर्व्यवहार एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्राचार्य राज्य शिक्षा संस्थान आशुतोष दुबे से स्पष्टीकरण मांगा है। उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद अनिल कुमार 22 जुलाई को निदेशक बेसिक शिक्षा का एक आवश्यक पत्र लेकर प्राचार्य राज्य शिक्षा संस्थान का हस्ताक्षर करवाने गए थे।


राज्य शिक्षा संस्थान पहुंचने पर जब उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को प्राचार्य अपने कार्यालय में नहीं मिले तो उन्हें फोन किया। फोन करने के बाद नाराज राज्य शिक्षा संस्थान प्राचार्य आशुतोष दुबे ने अनिल कुमार के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया।


फोन पर अमर्यादित आचरण किए जाने से नाराज उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने तत्काल इस बात की शिकायत महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद से की। शिकायत मिलने के दूसरे दिन ही 23 जुलाई को ही महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने आशुतोष दुबे से तीन दिन के भीतर उनके सामने उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

गांव से शहर तक की खेल प्रतिभाओं को निखारने को बनेगी नई नियमावली

Posted: 24 Jul 2020 08:00 PM PDT

गांव से शहर तक की खेल प्रतिभाओं को निखारने को बनेगी नई नियमावली


बेसिक स्कूलों में भी बनाया जाए एकेडमिक कैलेंडर, परिषदीय स्कूलों में बच्चों के ड्रॉप आउट पर ध्यान देने की जरूरत: आनंदीबेन

Posted: 24 Jul 2020 08:02 PM PDT

● परिषदीय स्कूलों में बच्चों के ड्रॉप आउट पर ध्यान देने की जरूरत: आनंदीबेन

● बेसिक स्कूलों में भी बनाया जाए एकेडमिक कैलेंडर, बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्यपाल को दिया प्रस्तुतीकरण

● दो साल में यूपी को टॉप 5 राज्यों की सूची में लाने का लक्ष्य निर्धारित - DGSE

● कहा- प्राथमिक स्कूल के बच्चों का भी शैक्षणिक कैलेंडर होना चाहिए

● वर्तमान परिवेश को देखते हुए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत


लखनऊ : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के वेसिक स्कूल के बच्चों का भी शैक्षणिक कैलेंडर होना चाहिए, जिसमें पूरे साल पड़ने वाले राष्ट्रीय पर्व, महापुरुषों के जन्मदिन और त्योहारों का जिक्र हो। वच्चों का पाठ्यक्रम तैयार करने में इस वात का ध्यान रखना कि उसमें प्रस्तुतिकरण बच्चो के आसपास के परिवेश का हो। 


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेसिक शिक्षा से जुड़े अध्यापकों को इस तरह प्रशिक्षित करने को कहा है कि जिससे वे बच्चों को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा अंक और अक्षर ज्ञान आसानी से सिखा सकें। उन्होंने बच्चों के ड्राप आउट पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन बच्चों का नामांकन हुआ है, वे अगली कक्षा में भी रहें। इसके लिए बच्चों के साथ उन्होंने अभिभावकों को भी प्रेरित करने का सुझाव दिया।


राजभवन में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय विद्यालयों के संचालन को लेकर किये गए प्रस्तुतीकरण के दौरान राज्यपाल ने कहा कि एक से आठ तक की उम्र के बच्चों में सीखने की शक्ति ज्यादा होती है। उनमें सुधार की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए बच्चों को आसानी से सिखाने के तौर-तरीके ईजाद किये जाने चाहिए।

पोस्टर व चित्रों से बच्चों को सिखाएं

राज्यपाल ने कहा कि छोटे बच्चों को पोस्टर व चित्रों से सिखाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय की दीवारों पर बच्चों की समझ के हिसाब से पोस्टर व चित्र बनाए जाएं जिन्हें देखकर बच्चे सीख लें। पोस्टर व चित्र बच्चों की लंबाई के हिसाब से लगाए जाएं। उन्होंने बच्चों के ड्रॉप आउट पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन बच्चों का नामांकन हुआ है, वे अगली कक्षा में भी रहें। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को भी प्रेरित करते रहना चाहिए।


दो साल में यूपी को टॉप 5 राज्यों की सूची में लाने का लक्ष्य निर्धारित - DGSE 

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने मिशन प्रेरणा के प्रस्तुतीकरण के माध्यम से केंद्र की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार के उठाए गए कदमों की जानकारी दी।


 उन्होंने बताया कि अगले 2 वर्षों में यूपी को टॉप 5 राज्यों की सूची में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उसी के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी, अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल, महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार भी मौजूद थीं।

पॉलीटेक्निक में 10 परीक्षा केंद्र डिबार, 15 को चेतावनी, देखें डिबार एवं चेतावनी मिलने वाले केंद्रों की सूची

Posted: 24 Jul 2020 05:41 PM PDT

पॉलीटेक्निक में 10 परीक्षा केंद्र डिबार, 15 को चेतावनी, देखें डिबार एवं चेतावनी मिलने वाले केंद्रों की सूची।

लखनऊ। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने 10 परीक्षा केंद्रों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। 15 संस्थाओं को कड़ी चेतावनी दी है। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई परिषद की परीक्षा समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में समिति द्वारा विषय सेमेस्टर परीक्षा दिसंबर, 2019 की परीक्षा की सीसीटीवी फुटेज की जांच और संबंधित संस्थाओं के स्पष्टीकरण के परीक्षण के बाद यह सहमति बनी है।




परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह ने बताया कि इन परीक्षा केंद्रों के केंद्र अधीक्षक व कक्ष निरीक्षकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इनकी संबद्धता पर विचार के लिए प्रकरण संबद्धता समिति को भेजने का भी निर्णय लिया गया है। जिन संस्थाओं को चेतावनी जारी की गई है समिति उन संस्थाओं के सीसीटीवी और वायस रिकॉर्डर का फिर से परीक्षण करेगी। इसके बाद ही इन्हें दोबारा परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।

प्राविधिक शिक्षा परिषद की परीक्षा समिति की बैठक में फैसला,
संस्थाओं की संबद्धता पर विचार के लिए संबद्धता समिति को भेजा गया प्रकरण।

ये केंद्र है डिबार : डिबार होने वाली संस्थाओं में आजाद पॉलीटेक्निक भरतीपुर पलहना आजमगढ़, मां वैष्णव मां शारदा पॉलिटेक्निक खोरमपुर बेलड आजमगढ़, इंदु प्रकाश पॉलीटेक्निक कॉलेज हलधरपुर मऊ, बाबा रामदल सूरजदेव पॉलिटेक्निक कॉलेज रसड़ा बलिया, इंदिरा गांधी कॉलेज ऑफ फार्मेसी सुमरी मऊ, ऋषि राम नरेश टेक्निकल इंस्टीट्यूट मोलनापुर मऊ, श्री सहदेव पौधारिया पॉलिटेक्निक कॉलेज रसड़ा बलिया, बाबा विश्वनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अमनावे फूलपुर आजमगढ़, एसएनएसके इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी गाजीपुर और डॉ. विजय इस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी वाराणसी शामिल हैं।

इन्हें मिली चेतावनी : आजमगढ़ के रुद्रा पॉलीटेक्निक गौरा,
एमएसजी पॉलिटेक्निक कॉलेज जबलपुर खरैला, मां शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी गहजी, काशी चंद्रदेव यादव प्राविधिक शिक्षण संस्थान बिल्हौर सदर, बैजनाथ राम नरेश कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी और स्वामी सहजानंद पॉलिटेक्निक बिलरिया। गाजीपुर के लाला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी जखनिया, काशीनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी सानंदनगर, लुटावन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एंड मैनेजमेंट जैतपुर, काशीनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटेक्निक नारायणपुर, ठाकुर तेजबहादुर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी करम, सत्य देव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गांधीपुरम् बोरसिया। इसी तरह बलिया के श्रीमती फुलहेरा स्मारक कॉलेज ऑफ पॉलीटेक्निक कमला और मऊ के मां भगवान कुंवर इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटेक्निक शामिल हैं।


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यूपी बोर्ड : विवाद, हिंसा वाले विद्यालयों को न बनाएं अग्रसारण केंद्र, व्यक्तिगत छात्रों के पंजीकरण के लिए अग्रसारण नीति जारी

Posted: 24 Jul 2020 06:58 PM PDT

यूपी बोर्ड : दूसरे राज्य के छात्र भर सकेंगे फॉर्म, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 2021 परीक्षा की अग्रसारण नीति की जारी।

प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए अग्रसारण नीति जारी हो गई है। व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए जारी नीति में प्रधानाचार्य और डीआइओएस को किसी भी गड़बड़ी के लिए सीधे जिम्मेदार बताया गया है। पिछले वर्षों की तरह राजकीय इंटर कॉलेज को ही अग्रसारण केंद्र बनाया जाएगा। इतना ही नहीं दूसरे राज्य, विदेशी नागरिक व गैर बोर्ड के छात्र केवल जिला मुख्यालय पर स्थित जीआइसी पर परीक्षा का फार्म भर सकेंगे। अपात्र आवेदनों को जिला स्तर पर निरस्त किया जाएगा।


शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय ने शुक्रवार को यूपी बोर्ड की परीक्षा तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए अग्रसारण नीति घोषित कर दी है। जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजी गई नीति में कहा गया है कि हाईस्कूल व इंटर के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का पंजीकरण ऑनलाइन ही होगा। वहीं, अग्रसारण केंद्र राजकीय इंटर कॉलेज को ही बनाया जाएगा, बशर्ते वहां पर्याप्त संख्या में अनुभवी व प्रवक्ता व शिक्षणेतर स्टॉफ हो। ज्ञात हो कि पहले कुछ ऐसे भी कालेज अग्रसारण बन गए जहां पर्याप्त स्टॉफ ही नहीं था। इसके अलावा जिन कालेजों में पिछले वर्षों में सामूहिक नकल या फिर अन्य अनियमितता हुई हो उसे अग्रसारण केंद्र नहीं बनाया जाएगा।

प्रत्येक केंद्र से हाईस्कूल के 600 और इंटर के 40 यानी कुल 1000 सीमा तक ही अग्रसारण किया जाए। जिन राजकीय कालेजों को पत्राचार इंटर का पंजीकरण केंद्र बनाया गया है उन्हें कालेजों को सामान्य व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का अग्रसारण केंद्र न बनाया जाए। वहीं, पत्रकार का अग्रसारण केंद्र बने स्कूलों को हाईस्कूल व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का अग्रसारण केंद्र बनाया जा सकता है। इंटर पत्राचार के परीक्षार्थियों की अधिकतम सीमा 800 व अन्य परीक्षार्थियों की अग्रसारण सीमा 40 ही रहेगी। सीमा से अधिक अग्रसारण या अनर्ह का अग्रसारण होने पर प्रशासनिक व विधिक कार्रवाई होगी।

प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए सूखे में दो वर्ष निवास का प्रमाण पत्र देना होगा। व्यक्तिगत बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग अग्रसारण केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में राजकीय कालेजों को बालक-बालिकाओं के लिए मिश्रित केंद्र बनाया जा सकता है।

इन पर खास नजर : अभ्यर्थियों के अर्हता संबंधित शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच व सत्यापन अनिवार्य,
• डीआईओएस प्रधानाचार्यों की टीम गठित करके विधिवत जांच कराएं क्षेत्रीय कार्यालय भी इसकी जांच कराएंगे और गड़बड़ी मिलने पर क्षेत्रीय सचिव भी जिम्मेदार होंगे।




यूपी बोर्ड : विवाद, हिंसा वाले विद्यालयों को न बनाएं अग्रसारण केंद्र, व्यक्तिगत छात्रों के पंजीकरण के लिए अग्रसारण नीति जारी।

प्रयागराज। ::  यूपी बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 की परीक्षा के लिए व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए अग्रसारण नीति जारी कर दी गई है। प्रदेश के निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पांडेय की ओर से जारी अग्रसारण नीति में राजकीय विद्यालयों को ही अग्रसारण केंद्र बनाने का सुझाव दिया गया है। निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उन राजकीय विद्यालयों को किसी भी हालत में अग्रसारण केंद्र न बनाया जाए जहां सामूहिक नकल के आरोप लगे हैं।



जिन केंद्रों पर हिंसात्मक घटनाएं हुई हो और जो लगातार विवाद में रहे हैं, उन्हें अग्रसारण केंद्र न बनाया जाए। किसी भी विद्यालय में हाईस्कूल में 600 और इंटरमीडिएट में 400 कुल मिलाकर अधिकतम 1000 छात्रों का ही पंजीकरण किया जाए निदेशक की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि व्यक्तिगत छात्रों के लिए आवेदन को पत्र वेबसाइटhttpsi/rupmsp.edu.in/ पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। व्यक्तिगत छात्रों को परेशानी न हो इसके लिए आवेदन पत्र के प्रारूप को जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से तहसील, ब्लाक, स्कूल स्तर तक उपलब्ध कराएं। इससे छात्रों को परेशानी नहीं होगी।


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'स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ के लिए HRD मंत्रालय ने गठित की कमेटी, पढ़े पूरी डिटेल

Posted: 24 Jul 2020 04:08 PM PDT

स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया' के लिए HRD मंत्रालय ने गठित की कमेटी,


केंद्र सरकार ने विदेश में पढ़ाई की चाह रखने वाले युवाओं को देश में ही बेहतर शिक्षा के मौके उपलब्ध कराने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को देश में रहें और यहीं पर रहकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई कर रहे थे और उनकी शिक्षा कोविड-19 संक्रमण की वजह से प्रभावित हुई है, उनके प्रोगाम को देश में रहकर पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाए।




केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई इस कमेटी का नेतृत्व यूजीसी के चेयरमैन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली समिति देश में शिक्षा के उचित अवसर प्रदान करने और कोविड-19 संक्रमण की वजह से विदेश से लौटने वाले छात्रों को उनके कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए उन्हें जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए संबोधित करेगी। केंद्र सरकार ने इस पहल को 'स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया' का नया नारा दिया दिया है।


वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने समिति के गठन के संबंध में एक सत्र आयोजित किया था। मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस दौरान कहा कि साल 2019 के दौरान लगभग 7.5 लाख छात्र अपनी पढ़ाई करने के लिए विदेश गए और इस वजह से मूल्यवान विदेशी मुद्रा भारत से बाहर चली गई और साथ ही साथ कई उज्ज्वल छात्र विदेश चले गए। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि छात्रों को देश में ही ज्यादा से ज्यादा बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाएं।

इस बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्वायत्त और तकनीकी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था। इसके अलावा एचआरडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, यूजीसी अध्यक्ष डीपी सिंह; एआईसीटीई अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, संयुक्त सचिव (आईसीसी), नीता प्रसाद और एआईयू महासचिव पंकज मित्तल ने भी भाग लिया था।

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उच्च शिक्षा : शासन के पास होगा शिक्षकों का डाटा बैंक, मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड होगा शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विवरण

Posted: 24 Jul 2020 07:08 PM PDT

समय सीमा पूरी, 40% शिक्षक कर्मचारियों का हुआ सत्यापन, मानव सम्पदा पोर्टल पर एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षक- कर्मचारियों का ब्योरा होना है अपलोड।

प्रयागराज : शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने, तैनाती में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए शासन ने सबका ब्योरा एकत्र करने का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों के दस्तावेजों का सत्यापन करने की प्रक्रिया 24 जुलाई को पूरी करनी थी। लेकिन, समयसीमा बीतने के बाद सिर्फ 40 प्रतिशत शिक्षक व कर्मचारियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जा सका है।

शासन ने मानव संपदा पोर्टल पर सूबे के एडेड डिग्री कालेजों के शिक्षक व कर्मचारियों ब्योरा अपलोड करके सत्यापन करना था। उच्च शिक्षा निदेशालय की निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने बताया कि ब्योरा अपलोड का कार्य लगभग पूरा हो गया। नेटवर्क में दिक्कत आ रही है। इसके बावजूद सभी प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वह जितना जल्दी हो सके, सत्यापन का कार्य पूरा करके उसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजें।

प्राचार्य को करना है सत्यापन : उच्च शिक्षा निदेशक सभी जिलों के एडेड डिग्री कालेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिया था कि वह अपने यहां के सभी कर्मचारियों व शिक्षकों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करें। साथ ही उसका सत्यापन करके रिपोर्ट निदेशालय को भेजें।

...


शासन के पास होगा शिक्षकों का डाटा बैंक।

 प्रयागराज  ::  प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाना है, ताकि सभी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का डाटा बैंक तैयार किया जा सके।


शिक्षकों एवं कर्मचारियों की तैनाती में डुप्लीकेसी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर व्यापक पैमाने पर हुई गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन की ओर से अब उच्च शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षकों की तैनाती को लेकर जांच कराई जा रही है। इस बारे में सभी राजकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों से शिक्षकों के बारे में विवरण मांगा गया है।





इसी क्रम में सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि राकीय एवं सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का पूरा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर तत्काल अपलोड कर दिया जाए। विवरण अपलोड किए जाने के बाद संबंधित कर्मचारी का डाटा सत्यापित किया जाएगा।

मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारी की व्यक्तिगत सूचना, सेवा प्रारंभ करने की सूचन अपलोड की जानी है। साथ ही प्रत्येक कर्मचारी को अपने कोड के आधार पर लॉगिन करके अपना हाईस्कूल का प्रमाणपत्र और पैन कार्ड की स्कैन कॉपी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करनी है। इसके अलावा जिन कर्मचारियों को जीपीएफ या प्रान नंबर आवंटित नहीं हुआ है, वे ई-सैलरी कोड के कॉलम में ट्रेजरी कोड अंकित करेंगे।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने बताया कि डुप्लीकेसी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। मानस संपदा पोर्टल पर सभी कर्मचारियों का विवरण अपलोड होने के बाद शासन एवं निदेशालय के पास कर्मचारियों का पूरा डाटा बैंक होगा, जिसके माध्यम से किसी भी वक्त ऑनलाइन माध्यम से किसी भी कर्मचारियों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी। इससे शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियेां की तैनाती को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी।



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फतेहपुर : बीत गया पिछला सत्र, अंग्रेजी स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नहीं आवंटित कर सका स्कूल, कागजों में अंग्रेजी माध्यम, हकीकत में हिंदी माध्यम में होती रही पढ़ाई

Posted: 24 Jul 2020 03:07 PM PDT

फतेहपुर : बीत गया पिछला सत्र, अंग्रेजी स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नहीं आवंटित कर सका स्कूल, कागजों में अंग्रेजी माध्यम, हकीकत में हिंदी माध्यम में होती रही पढ़ाई।

फतेहपुर : पिछला शैक्षिक सत्र बीतने के बाद अब नवीन सत्र भी शुरू हो गया लेकिन जिले का बेसिक शिक्षा विभाग पिछले वर्ष घोषित किए गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को शिक्षक मुहैया नहीं करा सका।




शासन की मंशा के मुताबिक जिले के 75 प्राथमिक एवं 19 उच्च प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का दर्जा प्रदान कर शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।पहले सत्र की सफलता को देशासन की मंशा मुताबिक जिले से कुल 94 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने का फैसला किया गया।





पांच सौ से अधिक शिक्षकों ने इन स्कूलों में पदस्थापित होने के लिए आवेदन किए थे। विभाग अगस्त माह तक आवेदन करने वाले शिक्षकों की लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार ही करा सका था।

कागज में अंग्रेजी जमीन में हिन्दी ::  पहले सत्र में 65 प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदला था तो वहीं पिछले सत्र में 19 उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल करते हुए कुल 94 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा दिया था। इन स्कूलों में हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई होती रही। सूत्र बताते हैं कि पिछले सत्र में जब शिक्षकों के म्युचुअल ट्रांसफर किए गए थे कुछ ऐसे शिक्षकों को भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भेज दिया गया जो अंग्रेजी स्कूलों में पदस्थापित होने की अर्हता नहीं रखते हैं।


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महराजगंज : मिशन प्रेरणा के सम्बन्ध में व्हाट्सअप ग्रुप बनाने एवं सुचारू रूप से संचालन हेतु बीएसए का दिशानिर्देश जारी

Posted: 24 Jul 2020 06:01 AM PDT

महराजगंज : मिशन प्रेरणा के सम्बन्ध में व्हाट्सअप ग्रुप बनाने एवं सुचारू रूप से संचालन हेतु बीएसए का दिशानिर्देश जारी।

अध्यापक से घूस लेते गिरफ्तार तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जांच में सही मिले रिश्वत के आरोप

Posted: 24 Jul 2020 06:01 AM PDT


रिश्वत लेते गिरफ्तार तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

सीबीसीआईडी की जांच में सही मिले रिश्वत के आरोप, सहायक अध्यापक से ली थी घूस

● सीबीसीआईडी कर रही थी जांच
● लखनऊ विजिलेंस ने वर्ष 2017 में रंग हाथ पकड़ा था
 

आगरा में वर्ष 2017 में सहायक अध्यापक से 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए बेसिक शिक्षाधिकारी के तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत के खिलाफ सीबीसीआईडी ने चार्जशीट लगा दी है। उन पर लगे आरोप सही पाए गए।  


मूलरूप से हाथरस के चंदपा निवासी तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनात थे। दो मई 2017 को लखनऊ की विजिलेंस टीम ने 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में खेरागढ़ ब्लाक के सरेंडा में तैनात सहायक अध्यापक दिनेश सिंह चाहर ने शिकायत की थी। 


आरोप था कि उनका निलंबन अवधि के जीवन निर्वहन भत्ता का 1.5 लाख रुपये रुके हुए थे। उसका बिल पास करने के बदले कन्हैया ने उससे रिश्वत में 50 हजार रुपये मांगी थी। सहायक अध्यापक के रिश्वत नहीं देने पर वेतन पास नहीं किया था। इस मामले में लखनऊ विजिलेंस ने जांच की। 


इसके बाद अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ लिया था। आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी के पीछे शिक्षा माफिया और विजिलेंस की मिलीभगत का आरोप लगाया था। जांच सीबीसीआईडी से कराने की मांग की। इस पर दिसंबर 2018 में जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जांच में वित्त एवं लेखाधिकारी पर लगे आरोप सही पाए गए।

महराजगंज : सम्पर्क फाउण्डेशन के 'बैठक ऐप' को डाउनलोड करने के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया निर्देश

Posted: 24 Jul 2020 05:47 AM PDT

महराजगंज : सम्पर्क फाउण्डेशन के 'बैठक ऐप' को डाउनलोड करने के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया निर्देश।

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