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Wednesday, August 26, 2020

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UGC, University Final Year Exam Guideline : यूजीसी फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज नहीं सुनाएगा फैसला, जानें अपडेट

Posted: 26 Aug 2020 02:17 AM PDT

UGC, University Final Year Exam Guideline : यूजीसी फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज नहीं सुनाएगा फैसला, जानें अपडेट।


UGC, University Final Year Exam Guideline : फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं देश भर के लाखों परीक्षार्थियों के लिए जरूरी खबर है। लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आज इस संबंध में फैसला नहीं सुनाएगा। दरअसल मामला आज लिस्ट में नहीं है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अब कोर्ट इस संबंध में किसी और दिन फैसला सुना सकता है। देश भर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी या नहीं, इसे लेकर दायर याचिका पर 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था और सभी पक्षों से तीन दिनों के भीतर लिखित रूप से अपनी अंतिम दलील दाखिल करने को कहा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खण्डपीठ कर रही थी।




सुप्रीम कोर्ट की खण्डपीठ द्वारा सभी पक्षों को दिए गए समय सीमा समाप्त होने के बाद संभावना है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में निर्णय आज, 26 अगस्त को सुनाया जा सकता है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने भी 24 अगस्त को ट्वीट करके जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी खण्डपीठ द्वारा 26 अगस्त 2020 को निर्णय सुनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया था कि वे माननीय उच्चतम न्यायालय को जल्द फैसला सुनाने के लिए अनुरोध भेजने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा 6 जुलाई, 2020 को देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर, 2020 तक पूरा करने से सम्बन्धित सर्कुलर जारी किया गया था। उस समय से ही कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाएं कराने का विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर देश भर के अलग-अलग संस्थानों के 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें छात्रों द्वारा अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिका में छात्रों के रिजल्ट, उनके आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर तैयार किए जाने की मांग की गई थी।


नेता व अभिभावक भी कर रहे विरोध

अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी की गाइडलाइंस के आने के बाद से निरंतर इसका विरोध हो रहा है। स्टूडेंट्स, सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर यूजीसी की गाइडलाइंस का लगातार विरोध करते आ रहे हैं। अभिभावक समेत कई नेता भी यूजीसी के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी परीक्षा कराए जाने के यूजीसी के फैसले के विरोध में हैं। वहीं, शिवसेना की युवा शाखा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सितंबर तक परीक्षा कराए जाने के निर्णय को चुनौती दी थी।


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फीस जमा नहीं होने पर बच्चों के नाम न काटने को लेकर हाईकोर्ट ने मांगे सुझाव

Posted: 25 Aug 2020 07:13 PM PDT

फीस जमा नहीं होने पर बच्चों के नाम न काटने को लेकर हाईकोर्ट ने मांगे सुझाव

याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार को दो हफ्त में हलफनामा पेश करने के निर्देश

एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ यूपी ने शासनादेश को दी है चुनौती


लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कोरोना के दौर में फीस जमा न होने पर प्राइवेट स्कूलों के बच्चों का नाम न काटने के मामले में याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार से सुझाव मांगे हैं। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ यूपी की ओर से दाखिल अतुल कुमार व एक अन्य की याचिका पर दिया।


याचियों के अधिवक्ता मनीष वैश्य के मुताबिक यूपी सरकार के 4 जुलाई के उस शासनादेश को चुनौती देकर रद्द करने की गुजारिश की गई है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना आपदा के चलते फीस जमा नहीं होने पर प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के नाम न काटे जाएं। अधिवक्ता की दलील थी कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य सरकार को ऐसा शासनादेश जारी करने की शक्ति नहीं है। ऐसे में यह खारिज करने लायक है। 



कोर्ट ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के बाद याचियों से पूछा कि क्या वे अपने शिक्षकों व स्टाफ को बगैर किसी कटौती के नियमित वेतन दे रहे हैं। साथ ही यह सुझाव भी पेश करने को कहा है कि अगर जरूरतमंद विद्यार्थियों को किस्तों में फीस जमा किए जाने की अनुमति दी जाती है तो इसकी वसूली सुनिश्चित करने के लिए क्या एहतियात या शर्तें लगाई जानी चाहिए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद नियत करते हुए इन्हीं पहलुओं पर याचियों और महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह को हलफनामे पर लिखित सुझाव पेश करने के निर्देश दिए हैं।

खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रथम निरीक्षक-शिक्षा अधिकारी के समकक्ष वेतन और भत्ते देने की मांग

Posted: 25 Aug 2020 06:51 PM PDT

खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रथम निरीक्षक-शिक्षा अधिकारी के समकक्ष वेतन और भत्ते देने की मांग

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने खंड शिक्षा अधिकारियों को केंद्र सरकार के विद्यालय प्रथम निरीक्षक-शिक्षा अधिकारी के समान वेतन और भत्ते देने की मांग की है। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश द्विबेदी से मुलाकात कर लंबित मांगों पर बात की। 


साथ ही 32 सालों से प्रोन्नति नहीं मिलने से अधिकारियों का मनोबल कमजोर होने का भी मुद॒दा उठाया। मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में राज्य अत कर्म परिषद के अध्यक्ष एसपी तिवारी, संघ के महामंत्री वीरेंद्र , उपाध्यक्ष संजय शुक्ल, संयुक्त मंत्री आरपी यादव व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

औचक निरीक्षण कर बेसिक शिक्षा मंत्री ने परखी स्कूल ड्रेस की गुणवत्ता, दी चेतावनी

Posted: 25 Aug 2020 06:09 PM PDT



लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने मंगलवार को बीकेटी विकास खंड के ग्राम नवादा पहुंचकर गंगा स्वयं सहायता द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों के लिए बनाये जा रहे स्कूल ड्रेस की गुणवत्ता देखी। मंत्री ने वहां पर मौजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को चेतावनी दी कि अपनी देखरेख में समय पर ड्रेस पहुंचवाएं। इस दौरान मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने कोरोना महामारी के कारण दिल्लीए मुंबई जैसे शहरों से लौटे प्रवासी श्रमिकों के परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से स्वयं सहायता समूहों से स्कूल ड्रेस बनवाने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था बेहतर ढंग से संचालित हो रही है या नहींए इसे देखने के लिए वे औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। दरअसल स्वयं सहायता समूहों को परिषदीय स्कूलों के बच्चों की सकूल ड्रेस बनाए जाने की जिम्मेदारी सरकार द्वारा दी गई है। ताकी स्कूल बंद की अवधि के दौरान बच्चों की स्कूल ड्रेस भी तैयार हो सके। साथ ही कोरोना महामारी की मार झेल रहे स्वंय सहायता समूहों को भी आय अर्जित करने की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग में प्रदेश के तमाम जनपदों में स्वयं सहायता समूहों को स्कूल ड्रेस बनाए जाने की जिम्मेदारी सौंपी है। ड्रेस बनाने की प्रक्रिया की निगरानी की सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारीयों को लगाया गया है। मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सीधे बीकेटी स्थित स्वयं सहायता समूह के केंद्र पर पहुंचे। जिस कपड़े से ड्रेस तैयार की जा रही है उसकी गुणवत्ता जांची।

संत कबीरनगर : जांच टीम ने कब्जे में लिया कंपोजिट ग्रांट से खरीद के रिकार्ड, जांच उपरांत शासन को रिपोर्ट भेजने की कही बात

Posted: 25 Aug 2020 04:44 PM PDT

संत कबीरनगर : जांच टीम ने कब्जे में लिया कंपोजिट ग्रांट से खरीद के रिकार्ड, जांच उपरांत शासन को रिपोर्ट भेजने की कही बात।

संत कबीरनगर : राज्य परियोजना लखनऊ की टीम ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बेलहरकला और हैंसर ब्लाक में विभिन्न मदों से प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में हुए कार्यों की जांच की। जांच टीम ने चार दिन में जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही है।



राज्य परियोजना से आए अवर अभियंता अनिल कुमार शुक्ल व अवर अभियंता मुरलीधर तिवारी ने मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे बेलहरकला ब्लाक के मेलानखुर्द, कैथवलिया व बभनी के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों पर जांच की। यहां कंपोजिट ग्रांट से करवाए गए कार्यों के अभिलेखों को देखने के साथ ही खरीद के रिकार्ड अपने कब्जे में लिया। इसके अलावा हैंसर ब्लाक के तीन विद्यालयों की भी जांच हुई। मौके पर प्रभारी डायट प्राचार्य राजेश कुमार, ओंकारनाथ मिश्र,जिला समन्वयक निर्माण एचएन त्रिपाठी के अलावा संबंधित विद्यालयों के प्राधानाध्यापक व शिक्षक मौजूद रहे। आज भी होगी जांच


-बेसिक शिक्षा व राज्य परियोजना की टीम ने दो दिनों में तीन ब्लाकों में जांच किया। बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार व गुरुवार को भी जांच जारी रहेगी।


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बदायूं : बीएसए, लेखाकार, सहायक लेखाकार एवं अनुचर पाए गए कोरोना पॉजिटिव, बीएसए कार्यालय 48 घण्टे के लिए पूर्णतः बंद

Posted: 25 Aug 2020 06:22 PM PDT

बदायूं : बीएसए, लेखाकार, सहायक लेखाकार एवं अनुचर पाए गए कोरोना पॉजिटिव, बीएसए कार्यालय 48 घण्टे के लिए पूर्णतः बंद।



बदायूं : जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में मंगलवार को कर्मचारियों की चेकिंग हुई। डीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 50 कर्मियों के सैंपल लिए। इसमें से तीन कर्मचारी और संक्रमित निकले। इस पर कार्यालय को 48 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। वहीं, छह कर्मियों ने जांच नहीं कराई। उन्हें बिना सैंपल को प्रवेश नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं।


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपाल सिंह राजपूत सबसे पहले संक्रमित निकले। इस पर सोमवार को कार्यालय में सैनिटाइजेशन हुआ। मंगलवार को कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। यहां कार्यरत कर्मचारियों के सैंपल लिए। गेट बंद कर गार्डन में कर्मचारियों के सैंपल लिए गए। सैंपलिंग में सर्व शिक्षा अभियान के दो व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें साइड में बैठा दिया गया। एमडीएम विभाग का एक कर्मचारी, एक कनिष्ठ व एक वरिष्ठ सहायक, एक शिक्षामित्र और दो अन्य कर्मचारी अनुपस्थित रहे। अनुपस्थित कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है। वह कार्यालय आने से पहले कोरोना जांच कराए। उसके बाद ही उन्हें प्रवेश मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि अन्य कर्मचारी अपनी जांच जिला पंचायत अध्यक्ष आवास पर कोरोना टेस्ट करा सकते हैं।



बदायूं : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बीएसए रामपाल सिंह राजपूत ने शनिवार को अपना सैंपल कराया था जिसमें वह पॉजिटिव निकले। जब ये खबर कार्यालय स्टाफ में फैली तो हड़कंप मच गया। तब से कर्मचारी खुद इस छानबीन में लग गए हैं कि बीएसए के संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं। जो लोग संपर्क में आएं हैं, उन्होंने स्वयं को क्वांरटीन कर लिया है। बाकी स्वास्थ्य विभाग ने उनकी हिस्ट्री खंगालनी शुरू कर दी है। इधर, उसहैत कस्बे में लगातार कोरोना संक्रमितों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।




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विगत 3.5 वर्षों में शिक्षकों को अपमानित किये जाने वाले आदेशों एवं अन्याय की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ का मा0 मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित

Posted: 25 Aug 2020 05:28 AM PDT

विगत 3.5 वर्षों में शिक्षकों को अपमानित किये जाने वाले आदेशों एवं अन्याय की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ का मा0 मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित





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