प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- आयु निर्धारण में मेडिकल रिपोर्ट पर फैसला लेना सही : इलाहाबाद हाईकोर्ट
- छात्रवृत्ति लेने वाले निजी कॉलेजों पर लटकी तलवार, होगी जांच, मानकों के विपरीत छोटे भवनों में चल रहे कई कॉलेज
- 22 अक्टूबर को ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग का आयोजन करेगा यूनेस्को, कोरोना के बाद शिक्षा की स्थिति पर होगी विचार-विमर्श
- फर्जीवाड़ा : फर्जी संस्कृत बोर्ड दे रहा प्रबंधन तक डिग्रियां, संस्कृत एजुकेशन के नाम पर चल रहा फर्जी शिक्षा बोर्ड
- ओबीसी अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया, पिछड़ा वर्ग आयोग की रोक के बावजूद भर्ती की कोशिश पर उपजा आक्रोश
- हाथरस : बीएलओ ड्यूटी में उसी गांव के शिक्षामित्रों की ड्यूटी न लगाए जाने के सम्बन्ध में
- हाथरस : सरप्लस समायोजित कार्यभार ग्रहण न करने वाले 34 शिक्षकों का वेतन बहाल किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी
- हाथरस : अनुदेशकों की एवं अध्यापक विहीन विद्यालयों में सम्बद्धता के अतिरिक्त सभी सम्बद्धता समाप्त किये जाने के सम्बन्ध में
- हाथरस : दीक्षा एप मर्जर के पश्चात प्रेरणा प्रशिक्षण शत प्रतिशत अध्यापकों द्वारा पूर्ण करने के सम्बन्ध में
- हाथरस : बीईओ कार्यालय पर सम्बद्ध कर्मचारियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में
- हाथरस : बीएसए कार्यालय की अनुमति के बिना विकास खण्ड स्तर से बीएलओ ड्यूटी परिवर्तित न किये जाने के सम्बन्ध में
- हाथरस : सर्विलांस कार्य मे आंगनबाड़ी कर्मियों और शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में
- हाथरस : वर्ष 2020-21 की कंपोजिट ग्रांट की सम्पूर्ण धनराशि में से 50% धनराशि विद्यालय कायाकल्प पर खर्च किये जाने के सम्बन्ध में
- हाथरस : वर्ष 2019-20 में 134 विद्यालयों में स्वीकृत बृहद मरम्मत कार्यों को 14 पैरामीटर्स पर संतृप्त किये जाने के सम्बन्ध में
आयु निर्धारण में मेडिकल रिपोर्ट पर फैसला लेना सही : इलाहाबाद हाईकोर्ट Posted: 26 Sep 2020 07:28 PM PDT प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आयु निर्धारण को लेकर विवाद की स्थिति में दस्तावेजी साक्ष्य में स्पष्टता नहीं है तो मेडिकल साक्ष्य को वरीयता दी जाएगी। पीड़िता के आयु निर्धारण को लेकर विवाद पर हाईकोर्ट ने सीजेएम गाजीपुर की ओर से मेडिकल साक्ष्य को वरीयता देने के लिए निर्णय को सही करार देते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी है। याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र प्रथम ने सुनवाई की। पीड़िता के पिता ने निगरानी अर्जी दाखिल कर छह जनवरी 2020 के सीजेएम के आदेश को चुनौती दी थी। कहा गया कि इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर कोर्ट ने पीड़िता के अभिभावकों को भी सुनकर आयु निर्धारण का आदेश दिया था। सीजेएम ने उनको सुने बिना ही मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर एकतरफा आदेश दे दिया, जबकि उन्होंने पीड़िता की जन्म तारीख का प्रमाणपत्र जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट है, जिसमें उसकी जन्म तारीख 25 जनवरी 2004 दर्ज है, प्रस्तुत की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है। इस हिसाब से पीड़िता को नाबालिग मानना चाहिए। अधिकारी निर्णय लेकर चुनाव कराने का करें आदेश पारित : यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के जिला शाखा वाराणसी के द्विवार्षिक चुनाव में चुनाव अधिकारी की ओर से मतदान पूर्व चुनाव कार्रवाई स्थगित किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची से कहा है कि वह प्रत्यावेदन अधिकारी को दें और वह विचार कर निर्णय लें व चुनाव कराने का आदेश पारित करें। |
Posted: 26 Sep 2020 07:24 PM PDT राज्य ब्यूरो, लखनऊ : समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति लेने वाले निजी कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग उन कॉलेजों की जांच करा रहा है, जो छोटे भवनों में मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। यह जांच जिला समाज कल्याण अधिकारियों को सौंपी गई है। विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि कई शिक्षक एक से अधिक कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि कई संस्थान केवल छात्रवृत्ति के भरोसे ही चल रहे हैं। वे अपने यहां इस शर्त पर छात्र छात्राओं को दाखिला देते हैं कि उन्हें छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दिला देंगे। यह कॉलेज किराये के दो-तीन कमरों के छोटे मकानों में संचालित हो रहे हैं। समाज कल्याण निदेशक बाल कृष्ण त्रिपाठी की ओर से इस बाबत जारी पत्र के मुताबिक अफसरों को यह देखना है कि संस्थान मानकों के अनुसार संचालित हो रहे हैं या नहीं और निर्धारित मानकों के अनुरूप फैकल्टी की शैक्षिक अर्हता है या नहीं। निजी कॉलेजों की यह भी शिकायत मिली है कि वे शिक्षकों को निर्धारित वेतन नहीं देते हैं। इस कारण शिक्षक एक साथ कई संस्थानों में पढ़ाते हैं। कई कॉलेज निर्धारित मानकों के अनुरूप शिक्षक न रखकर केवल दिखावे के लिए शिक्षक रखते हैं। इन सभी पहलुओं की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जो प्राइवेट कॉलेज व संस्थान मानकों के विपरीत मिलेंगे, उनकी संबद्धता तक समाप्त करने की सिफारिश की जाएगी। ऐसे कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा। |
Posted: 26 Sep 2020 06:46 PM PDT 22 अक्टूबर को ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग का आयोजन करेगा यूनेस्को, कोरोना के बाद शिक्षा की स्थिति पर होगी विचार-विमर्श यूनेस्को (UNESCO) अगले महीने ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग (GEM) का एक विशेष सेशन का आयोजन करेगा। इसमें उच्चस्तरीय नेता, पॉलिसी मेकर्स और ग्लोबल एजुकेशन एक्सपर्ट वर्तमान समय और कोरोना संकट खत्म होने के बाद की दुनिया में शिक्षा की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल,साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) के मुताबिक 22 अक्टूबर को होने वाले इस सत्र का मकसद ऐसे समय में शिक्षा को बचाना और प्रोत्साहित करना है जब मौजूदा हालात के चलते सरकार द्वारा शिक्षा के लिए वित्त पोषण को नजरअंदाज किए जाने की आशंका है। पीढ़ियों को तबाही से रोकना है मकसद यूनेस्को (UNESCO) शिक्षा सहायक निदेशक स्टेफानिया गियानिनी कहते है कि, ''अगले महीने GEM का मकसद नेताओं को कोरोना महामारी से शीघ्र, समग्र एवं स्थायी तरीके से उबरने के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के केंद्र में शिक्षा को रखने के लिए प्रतिबद्ध करना है।'' उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए वित्त पोषण अगर बढ़ाया नहीं जाएं ,तो उसे कम भी नहीं किया जाएं, ताकि ''पीढ़ियों को तबाही'' से रोका जा सके। 154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स कोरोना से प्रभावित यूनेस्को के मुताबिक, कोविड-19 के बीच दुनियाभर में शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस वायरस से दुनियाभर में 3.2 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.82 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में यह आकंड़ा 59 लाख के ऊपर पहुंच चुका है। |
Posted: 26 Sep 2020 05:42 PM PDT फर्जीवाड़ा : फर्जी संस्कृत बोर्ड दे रहा प्रबंधन तक डिग्रियां, संस्कृत एजुकेशन के नाम पर चल रहा फर्जी शिक्षा बोर्ड। लखनऊ : आठवीं फेल हैं लेकिन, 12वीं पास की मार्कशीट चाहिए। सब मिल जाएगी। बस कीमत चुकानी पड़ेगी। जी हां, ऐसा ही खेल राजधानी समेत प्रदेश भर में चल रहा है। यूपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी संस्कृत एजुकेशन' के नाम पर यह खेल हो रहा है। चौंकिए नहीं, ये एक फर्जी शिक्षा बोर्ड है जिसका नाम प्रदेश सरकार के संस्कृत बोर्ड से मिलता जुलता है। प्रदेश सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद शाहमीना रोड, लखनऊ का गठन किया गया है। इसकी आधिकारिक वेबसाइट www.sanskriteb.gov.in है। जालसाज इसी से मिलते जुलते 'यूपी बोर्ड ऑफ सेकंडरी संस्कृत एजुकेशन के नाम पर एक फर्जी शिक्षा बोर्ड का संचालन कर रहे हैं। यह सारा खेल वेबसाइट www.upbsse.com के नाम पर किया जा रहा है। 2018 से चल रहा है खेल : फर्जी शिक्षा बोर्ड का यह खेल वर्ष 2018 से चल रहा है। इस फर्जी वेबसाइट की आईटी एक्सपर्ट्स से जांच कराई तो पता चला कि इस वेबसाइट www.upbsse.com का पहला पंजीकरण नवम्बर 2018 में किया गया था। इसके बाद नवम्बर 2019 में इसका रिन्यूवल कराया गया। साफ है कि लगातार जालसाज इसका संचालन कर रहे हैं। इस वेबसाइट पर दो पत्ते भी दिए गए हैं। पहला पता वास्तविक उ0प्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, शाहमीना रोड का दिया गया है। वहीं, दूसरा पता इलाहाबाद का है। यहां आठवीं से लेकर 12वीं और डिप्लोमा से लेकर डिग्री तक सब उपलब्ध है। फेल छात्रों और दूरदराज के छात्रों को करते हैं गुमराह : इन जालसाजों का सारा खेल वेबसाइट के माध्यम से चल रहा है। 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में फेल हो चुके छात्रों के साथ ही यह दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। वह इनको पास कराने का झांसा देकर अपने जाल में फसाते हैं। विभागीय स्तर पर भी इस तरह के फर्जी बोर्ड के संबंध में शिकायत सामने आई है। जल्द ही, विभागीय कार्रवाई के साथ पुलिस को शामिल करके मामले की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। -दीप चन्द, सचिव, उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद |
Posted: 26 Sep 2020 05:56 PM PDT ओबीसी अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया, पिछड़ा वर्ग आयोग की रोक के बावजूद भर्ती की कोशिश पर आक्रोश ओबीसी एससी अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर किया जबरदस्त प्रदर्शन, पुलिस प्रशासन को छकाया लखनऊ। 69000 शिक्षकों की भर्ती में अनिमियता का आरोप लगाते हुए ओबीसी, एससी व एसटी के अभ्यर्थियों ने शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी की तथा शिक्षा निदेशालय के पास रोड जाम करने का प्रयास किया। उनकी संख्या ज्यादा देख प्रशासन ने इन्हें ईको गार्डेन धरना स्थल खदेड़ा। अभ्यर्थियों ने कहा कि वह अब तभी वापस जाएंगे जब मुख्यमंत्री उन्हें न्याय का आश्वासन देंगे। उनका कहना था कि भर्ती में ओबीसी व एसी के छात्रों के साथ नाइंसाफी की गयी है। अभ्यर्थियों ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया में घोर अनियमितायें की हैं। भर्ती प्रक्रिया पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जुलाई 2020 में में ही रोक लगा दी थी। फिर किस आधार पर भर्ती की जा रही है। आयोग ने ओबीसी के साथ नाइंसाफी की जानकारी पर ही रोक लगायी थी। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब सब कुछ पारदर्शी तरीके से हुआ है तो शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची, शैक्षिक गुणांक सहित वर्गवार इसकी सूची क्यों नहीं जारी की जा रही है। क्यों नहीं आयोग को इसकी पूरी सूचना दी जा रही है। एमआरसी की आड़ में ओबीसी व एससी का आरक्षण छीना जा रहा है। इसे अभ्यर्थी बर्दास्त नहीं करेंगे। कोर्ट व आयोग में मूल चयन सूची उपलब्ध करायी जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं होगी, मुख्यमंत्री से न्याय का आश्वासन नही मिलेगा तब तक वह नहीं जाएंगे। उनका धरना अनवरत जारी रहेगा। अभ्यर्थियों का कहना था कि आयोग का फैसला आने के बाद हो भर्ती की जाए। सरकार जल्दबाजी क्यों कर रही है? प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हंगामे के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल तथा संयुक्त निदेशक गणेश कुमार अभ्यर्थियों से मिलने धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अभ्यर्थियों ने अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा। लेकिन अधिकारियों ने लिखित आश्वासन देने में असमर्थता जताई। |
हाथरस : बीएलओ ड्यूटी में उसी गांव के शिक्षामित्रों की ड्यूटी न लगाए जाने के सम्बन्ध में Posted: 26 Sep 2020 03:40 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:37 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:33 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:30 AM PDT |
हाथरस : बीईओ कार्यालय पर सम्बद्ध कर्मचारियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में Posted: 26 Sep 2020 03:27 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:24 AM PDT |
हाथरस : सर्विलांस कार्य मे आंगनबाड़ी कर्मियों और शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में Posted: 26 Sep 2020 03:21 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:19 AM PDT |
Posted: 26 Sep 2020 03:15 AM PDT |
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