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Monday, September 28, 2020

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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फतेहपुर : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में

Posted: 28 Sep 2020 12:17 AM PDT

फतेहपुर : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में।


दूरदर्शन उत्तर प्रदेश (DD UP) चैनल पर यूपी बोर्ड की कक्षा- 10 व 12 हेतु शैक्षणिक प्रसारण के छठवें चरण की समय सारिणी

Posted: 27 Sep 2020 10:08 PM PDT

दूरदर्शन उत्तर प्रदेश (DD UP) चैनल पर यूपी बोर्ड की कक्षा- 10 व 12 हेतु शैक्षणिक प्रसारण के छठवें चरण की समय सारिणी।


उच्च शिक्षा : नए निदेशक पर रहेगी शिक्षक भर्ती का अधियाचन जारी कराने की चुनौती

Posted: 27 Sep 2020 06:35 PM PDT

नए निदेशक पर रहेगी शिक्षक भर्ती का अधियाचन जारी कराने की चुनौती

 प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। नए निदेशक के रूप में संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा डॉ. अमित भारद्वाज का नाम सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि वही नए निदेशक बनेंगे। वैसे, निदेशक चाहे जो बने, उसे तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ी चुनौती असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती का अधियाचन जारी कराने का है। अगस्त में निदेशालय ने 1303 पदों का अधियाचन जारी किया था। लेकिन, क्षैतिज आरक्षण का मानक तय न होने के कारण भर्ती फंस गई है। वहीं, नई भर्ती का अधियाचन भी तैयार कराना होगा।


उच्च शिक्षा की मौजूदा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने अपने एक साल के कार्यकाल में व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रयास किया था। पटलों में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने में असमर्थ रहीं। पटल पर्वितन को लेकर शासन में शिकायत हुई है। शासन ने डॉ. अमित जांच अधिकारी बनाकर निदेशालय भेजा था। लेकिन, जांच रिपोर्ट गुमनामी में खो गई। अभी तक उसके अनुरूप कोई कार्रवाई नहीं हुई। नए निदेशक को पटलों की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। इसके साथ डिग्री कालेजों में 27 शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी मिली है। इसमें से दो के खिलाफ कार्रवाई हुई है। बचे 25 के खिलाफ कुछ नहीं किया गया। यह मामला भी निस्तारित करना होगा।


पठन-पाठन कराना होगा दुरुस्त

कोरोना के कारण घोषित लॉकडाउन से राज्य विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों का पठन-पाठन पटरी से उतर चुका है। नए निदेशक के समक्ष पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त करने की चुनौती होगी।

अब सरकारी व निजी माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के बनेंगे मददगार

Posted: 27 Sep 2020 05:57 PM PDT

अब सरकारी व निजी माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के बनेंगे मददगार

 
सरकारी और प्राइवेट माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के मददगार बनेंगे। दोनों आपस में संसाधनों को साझा करेंगे। निजी व सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी एक-दूसरे स्कूल में जरूरत के अनुसार पढ़ाने जाएंगे। यही नहीं कक्षा नौ के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सिक्योरिटी व आपदा प्रबंधन आदि को शामिल किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से पाठ्यक्रम भी बदलेगा। नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सोमवार को स्टेट टास्क फोर्स की बैठक होगी।


अब माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई करवाई जाएगी। विभिन्न विषयों में विद्यार्थी को प्रोजेक्ट दिया जाएगा। वहीं, कक्षा 6 से 12 तक का पाठ्यक्रम चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा, जो वर्ष 2022 से लागू होगा। नई नीति के तहत परीक्षा में बहुविकल्पीय सवाल भी शामिल किए जाएंगे। साथ ही शिक्षकों के लिए 50 घंटे का विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने के साथ ही प्रत्येक विषय में शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता करवाकर आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा।


संवाद और कौशल विकास पर जोर

सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की संवाद कौशल और व्यक्तित्व विकास को तराशने पर जोर दिया जाएगा। 21 वीं शताब्दी की कौशल आधारित शिक्षा के तहत विद्यार्थियों को नव प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।


ओलम्पियाड में भाग लेंगे विद्यार्थी

सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को विभिन्न गणित, विज्ञान सहित अलग-अलग विषयों के ओलम्पियाड में शामिल किया जाएगा। उन्हें इसके लिए तैयार किया जाएगा। विद्यार्थियों की कॅरियर काउंसिलिंग होगी। हेल्थ कार्ड बनेगा और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

पॉलीटेक्निक : संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम आज दोपहर तक होगा जारी

Posted: 27 Sep 2020 05:38 PM PDT

पॉलीटेक्निक : संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम आज दोपहर (28 सितम्बर) तक होगा जारी।

लखनऊ : राजधानी समेत प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे सोमवार को जारी किए जाएंगे। नतीजे दोपहर तक आने की उम्मीद जताई जा रही है। छात्र दोपहर बाद परिणाम परिषद की वेबसाइट www.jeecup.nic.in पर देख सकते हैं। प्रदेश के 150 राजकीय 19 अनुदानित और 1127 निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों के करीब 2.04 लाख परीक्षा आयोजित की गई थी। 


इस बार ऑनलाइन के साथ ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की गई थी। 12 सितंबर को ऑफलाइन और 15 सितंबर को ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित हुई थी।

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

Posted: 27 Sep 2020 05:27 PM PDT

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव।

लखनऊ :  छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में इस सत्र से सरकारी और निजी संस्थानों के आधार पर वरीयता का भेद खत्म होगा। समान वरीयता सूची के आधार पर भुगतान होगा। सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एससी एसटी के विद्यार्थियों के लिए पहले की ही तरह व्यवस्था लागू रहेगी। इस बाबत समाज कल्याण निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।


दरअसल, कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने सामान्य और ओबीसी विद्यार्थियों के लिए इस योजना में समान नियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत बदलाव की तैयारी है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के मामले में अभी तक लागू व्यवस्था में सरकारी संस्थानों, सहायता प्राप्त संस्थानों और निजी संस्थानों को इसी क्रम में वरीयता दी जाती है। यानी, उपलब्ध बजट में पहले सरकारी और सहायता प्राप्त सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है और बजट बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलता है। वहीं, ओबीसी विद्यार्थियों के मामले में संस्थानों के स्तर पर यह भेद नहीं किया जाता, बल्कि विद्यार्थियों के पिछली कक्षा में अंकों के आधार पर वरीयता सूची तय की जाती है।


समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव

अब यह है प्रस्ताव

तैयार प्रस्ताव के अनुसार, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरह ही समाज कल्याण विभाग सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए संसाधनों के आधार पर वरीयता दिए बिना सिर्फ अंकों के आधार पर वरीयता सूची तैयार करवाएगा। इससे झ दोनों वर्गों के नवीनीकरण श्रेणी के छात्रों को पहले भुगतान होगा इसके बाद जो धन बचेगा, उसे वरीयता सूची के आधार पर नए छात्रों को भुगतान होगा। एससी-एसटी छात्रों की राशि का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार देती है। इसलिए इसमें पहली जैसी व्यवस्था ही रहेगी। बता दें, एससी एसटी के सभी पात्र छात्रों को योजना का लाभ दिया जाता है, जबकि सामान्य व ओबीसी के छात्रों के लिए यह योजना बजट आधारित है।

छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में 50% छात्रों का अल्पसंख्यक होना अनिवार्य, नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी

Posted: 27 Sep 2020 05:23 AM PDT

छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में 50% छात्रों का अल्पसंख्यक होना अनिवार्य, नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी।

लखनऊ :  अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में कुल प्रवेश क्षमता के सापेक्ष 50 प्रतिशत अल्पसंख्यक छात्र होने पर ही इन संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिल सकेगा। अगर किसी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान ने इस नियम के खिलाफ जाकर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि ली है, तो उससे वसूली की जाएगी। 


समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजकर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की नियमावली का शत-प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यस्तरीय या अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिए बिना अगर कोई विद्यार्थी दाखिला लेता है तो उस पाठ्यक्रम के सभी वर्षों में मैनेजमेंट कोटे का माना जाएगा।

समाज कल्याण निदेशक ने किसी भी शिक्षण संस्थान में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 30 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र होने और 1 करोड़ रुपये से अधिक की शुल्क भरपाई होने पर रिकॉर्ड का अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने के लिए कहा है। प्रत्येक निजी शिक्षण संस्थान और वहां पढ़ रहे छात्रों के रिकॉर्ड का सत्यापन कराने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

▪️नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी 
▪️प्रत्येक निजी कॉलेज और छात्र के रिकॉर्डिंग करना होगा सत्यापन


ये भी दिए निर्देश

▪️किसी भी संस्था में नवीनीकरण के छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से कम है तो संस्था को ली गई राशि वापस करनी होगी।

▪️छात्रों का आधार कार्ड हाईस्कूल के अंकपत्र के अनुसार होना अनिवार्य है।

▪️शिक्षण संस्थानों में हर साल करना होगा शिक्षकों का सत्यापन।

▪️शिक्षण संस्थानों की मान्यता का लगातार कराया जाएगा परीक्षण।

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