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Thursday, October 29, 2020

न्यूज़ हिमाचली News Himachali | हिमाचल की No. 1 हिंदी वेबसाइट

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एक 3 अक्षर की ट्रिक जो आपको नौ चीजे याद करा देगी |

Posted: 29 Oct 2020 12:56 AM PDT

एक 3 अक्षर की ट्रिक जो आपको नौ चीजे याद करा देगी |

शिमला में हाईवे पर ट्रक-कार में भिड़ंत, एक शख्स की मौत, 3 लड़कियों सहित 3 घायल

Posted: 29 Oct 2020 12:52 AM PDT


हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सड़क हादसा हुआ है. ट्रक और कार की भिड़ंत में एक शख्स की मौत और तीन अन्य लोग घायल हैं. हादसा गुरुवार दस बजे के करीब शिमला-नारकंडा नेशनल हाईवे पर हुआ है. रामपुर के डीएसपी ने हादसे की पुष्टि की है.

जानकारी के अनुसार, शिमला से 80 किमी दूर कुमारसैन के खेखर में हाईवे पर एक ऑल्टो कार और ट्रक में टक्कर हो गई. हादसे में कार सवार शख्स की मौत हो गई, जबकि कार में सवार दो लड़कियों सहित तीन लोग घायल हैं. हादसे की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची है. घायलों और मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है.

शिमला पुलिस के अनुसार, हादसे में एक शख्स की मौत हुई है, जबकि तीन लोग घायल हैं. पुलिस सूचना मिलने के बाद मौके के लिए रवाना हो गई है.

हिमाचल: दो नवंबर से खुलने वाले स्कूलों में जनवरी और फरवरी में भी लगेंगी नियमित कक्षाएं

Posted: 29 Oct 2020 12:46 AM PDT


हिमाचल में दो नवंबर से खुलने जा रहे स्कूलों में जनवरी और फरवरी में भी नियमित कक्षाएं लगेंगी। कोरोना संकट के चलते इस बार शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां नहीं होंगी। ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रखी जाएगी। साढ़े सात माह तक स्कूल बंद रहने के कारण अब शैक्षणिक सत्र को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। संभावित है कि नवंबर या दिसंबर की कैबिनेट बैठक में इसे रखा जाएगा। पहली से 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएं इस बार एक साथ पूरे प्रदेश में मार्च 2021 में लेने का फैसला लिया गया है।

 कोरोना के चलते इस साल मार्च से हिमाचल में स्कूल बंद हैं।बच्चों की पढ़ाई जारी रखने को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री व्हाट्सएप से भेजी जा रही है। ऑनलाइन फर्स्ट टर्म परीक्षाएं भी ली गईं। सेकेंड टर्म परीक्षाओं की तैयारी शुरू हो गई है। ई पीटीएम भी विभाग दो बार कर चुका है। अब प्रदेश में पहले के मुकाबले हालात कुछ सामान्य हो रहे हैं। दो नवंबर से सरकार ने नौवीं से 12वीं कक्षा की नियमित कक्षाएं लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने इस बार शीतकालीन स्कूलों में जनवरी और फरवरी की छुट्टियां नहीं देने का फैसला लिया है। 

इन दो माह में भी स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस मामले को भी कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मार्च से स्कूल बंद होने के चलते टीचिंग डे प्रभावित हुए हैं। सिलेबस पूरा करने और बच्चों की पढ़ाई को गति देने के लिए सर्दियों की छुट्टियां नहीं दी जाएंगी। कोरोना के चलते पहले ही स्कूलों की छुट्टियां का कोटा पूरा कर लिया गया है।

कांगड़ा: 32 मील में पुल के नीचे मिला व्यक्ति का अर्धनग्न शव

Posted: 29 Oct 2020 12:44 AM PDT


पुलिस थाना जवाली के अधीन पठानकोट-मंडी नेशनल हाइवे पर 32 मील के नजदीक पुल के नीचे गुरुवार को शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव राम प्रसाद (40) पुत्र शंकर दास निवासी त्रिलोकपुर के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने 32 मील के पास सड़क पर एक स्कूटी को खड़े देखा था तथा हेलमेट भी पड़ा था, इसी के साथ जैसे ही खड्ड में नज़र पड़ी तो अर्धनग्न शव को पड़े देखा तथा इसकी सूचना कोटला चौकी में दी। सूचना मिलते ही चौकी इंचार्ज संजय शर्मा पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त शुरू की। 

तलाशी लेने पर उसकी जेब से बन्द पड़ा मोबाइल मिला जिसको स्विच आन करके फोन किया गया तो उक्त शव त्रिलोकपुर निवासी राम प्रसाद पुत्र शंकर दास का निकला। एसएचओ जवाली प्रशांत सिंह ठाकुर भी पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे। एसएचओ जवाली प्रशांत सिंह ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने केस दर्ज कर शव को कब्जे में लिया है तथा पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम उपरान्त ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। प्रथम दृष्टया लग रहा है कि उक्त व्यक्ति लघुशंका करते समय करीबन 150 फुट गहरी कहा में पत्थर पर गिर गया होगा जिस कारण उसकी मौत हो गई होगी।

चंबा से बड़ी ख़बर : पशुओं को खेतों में जाने से रोका तो काट डाली युवक की टांग

Posted: 29 Oct 2020 12:41 AM PDT


चम्बा जिला की सिल्लाघ्राट पंचायत के चमारा गांव में 2 भाइयों ने एक युवक पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया। हमले में युवक की टांग में काफी चोटें आई हैं। उसे उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज चम्बा में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में नरेंद्र (26) पुत्र कैलाश निवासी गांव चमारा ने बताया कि मंगलवार दोपहर बाद स्थानीय अली हुसैन व काका के पशु उसके खेत में आ गए। जब उन्हें पशुओं को यहां न छोडऩे व बांधकर रखने को कहा तो वे लड़ाई-झगड़ा करने लगे।

यही नहीं, उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद एक ने उसे पकड़ लिया और दूसरे ने दराटी से उसकी टांग पर वार कर दिया। इससे उसकी टांग कट गई है और काफी चोटें आई हैं। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। घायल युवक को तुरंत उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज चम्बा पहुंचाया गया। सदर थाना प्रभारी सकीनी कपूर ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच चल रही है।

कंटकारी के औषधीय जड़ी बूटी के फायदे और नुकसान

Posted: 29 Oct 2020 12:37 AM PDT


कटेरी को कंटकारी या भटकटैया के नाम से भी जाना जाता है। कटेरी एक प्रकार की खरपतवार है जिसे शायद ही कोई न जानता हो। यह हो सकता है कि सभी लोग इसे कटेरी के नाम से ना जानते हों, क्‍योंकि अलग-अलग जगहों पर इसे कई नामों से जाना जाता है। कटेरी खरपतवार होने के बाद भी अपने औषधीय गुणों के लिए बहुत ही लोकप्रिय है। कटेरी के फायदे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अधिक होते हैं। 

कटेरी को विभिन्‍न जड़ी बूटीयों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है। कटेरी एक औषधीय जड़ी बूटी है क्‍या आप कटेरी के फायदे और नुकसान जानते हैं। कटेरी के फायदे अस्‍थमा, पाचन विकार, बवासीर, कान की सूजन, पेशाब के दौरान दर्द और संक्रमण साथ ही यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है। आज इस लेख में औषधीय जड़ी बूटी कटेरी के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

कंटकारी का पौधा: जैसा कि आप ऊपर जान चुके हैं कि कंटकारी का पौधा एक खरपतवार है। यह एक कांटेदार, चमकीली, और बहुत सारी शाखाओं वाली सदाबहार झाड़ी है। इस पौधे के फूल नीले-बैंगनी रंग के होते हैं। इस पौधे के लिए गर्मी का मौसम में बहुत अनुकूलित होता है। यह पौधा विशेष रूप से उष्‍णकटिबंधीय और उपोष्‍णकटिबंधीय क्षेत्राों में होता है। अक्‍सर आपने इस पौधे को सड़कों के किनारे या बंजर जमीन पर खरपतवार के रूप में देखा होगा। इस पौधे के सभी भाग जैसे जड़, तना, पत्‍ते, फूल, फल और बीज सभी में औषधीय गुण होते हैं। आइए जाने कटेरी का पौधा और इसके सभी अंगों के बारे में।

कंटकारी की जड़: कंटकारी की जड़ बेलनाकार होती है जिसकी लंबाई लगभग 10-45 सेटीमीटर होती है। इन जड़ों का व्‍यास लगभग कुछ मिली मीटर होती है। कटेरी की जड़ भी झाड़ीनुमा होती है इसलिए इसकी जड़ को 100 जड़ों के समूह के नाम से भी जाना जाता है। कटेरी की जड़ों में मसूर के दानों की तरह ही छोटे-छोटे दाने होते हैं। साथ ही इसकी जड़ झुर्रियों युक्‍त होती है। कटेरी की जड़ की ऊपरी परत पतली होती है। स्‍वाद में कटेरी की जड़ का स्‍वाद कड़वा होता है।

कंटकारी के पत्‍ते: कंटकारी या कटेरी के पत्‍ते लंबे और कांटे युक्‍त होते हैं। साथ ही इनके पत्‍तों में छोटे-छोटे रूये युक्‍त बाल होते हैं। पत्‍तों का रंग गहरा हरा होता है लेकिन समय बढ़ने के साथ इसमें मौजूद कांटे पहले सफेद और फिर धीरे-धीरे पीले होने लगते हैं।

कंटकारी के फूल: कंटकारी या कटेरी के पौधे अपने नीले फूलों के कारण दूर से देखने पर बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं। हालांकि इस पौधे में मौजूद कांटों की बजह से लोग इसे अपने घर के आस-पास नहीं पनपने देते हैं।

कंटकारी के फल: कंटकारी के फल छोटे और गोल बेरी की तरह होते हैं। इनका व्‍यास लगभग 0.8 – 1 सेमी होता है। जब यह फल कच्‍चा होता है तो इसका रंग हरा होता है जिसमें सफेद ध‍ारियां होती हैं। लेकिन पकने के बाद इस फल का रंग पीला हो जाता है।

कंटकारी के बीज कटेरी के फल में समूह के रूप में बहुत सारे छोटे-छोटे गोल बीज होते हैं। जिनका व्‍यास लगभग 0.2 सेमी होता है। ये बीज देखने में चमकदार होते हैं जिनका स्‍वाद तीखा और कड़वा होता है।

कंटकारी के गुण : जैसा कि हम ऊपर जान चुके हैं कि कटेरी एक औषधीय जड़ी बूटी है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इसमें विभिन्‍न प्रकार के गुण मौजूद होते हैं जो हमारी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने में प्रभावी होते हैं। इस कारण ही आयुर्वेद के साथ ही वैज्ञानिक चिकित्‍सा पद्धति में भी दवाओं के रूप में कटेरी का उपयोग किया जाता है। कंटकारी के गुण में पोटेशियम नाइट्रेट, फैटी एसिड, डायोसजेनिन, सिटोस्‍टेरॉल, इसोक्‍लोरोजेनिक एसिड, न्‍यूरोसेनोजेनिक एसिड, क्रोनोजेनिक एसिड , कैफीक एसिड आदि अच्‍छी मात्रा में होते हैं।

कटेरी की तासीर कैसी होती है कटेरी की तासीर गर्म होती है इसलिए औषधी के रूप में उपयोग करते समय इसकी बहुत ही कम मात्रा का इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए।

कंटकारी का औषधीय गुण
पोषक तत्‍वों की उच्‍च मात्रा होने के कारण भटकटैया हमारे स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकती है। भटकटैया के औषधीय गुण इस प्रकार हैं।
एंटी-अस्थमैटिक – इस गुण के कारण कटेरी के फायदे अस्‍थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।
हाइपोग्‍लाइसेमिक – हाइपोग्‍लाइसेमिक होने के कारण यह शरीर में ब्‍लड शुगर को कम करने में सहायक होता है।
हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होने के कारण यह लिवर की रक्षा भी करता है।
एंटी-इंफ्लामेटरी – यह गुण होने के कारण भटकटैया सूजन संबंधी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है।

कंटकारी का आयुर्वेदिक उपयोग 
मुख्‍य रूप से कटेरी का उपयोग स्‍वास संबंधी समस्‍या जैसे अस्‍थमा, खांसी, हिचकी आदि का इलाज करने में किया जाता है। इसके अलावा अपने औषधीय गुणों के कारण कटेरी बुखार, सूजन आदि का भी प्रभावी उपचार कर सकता है। आयुर्वेद में में इसे दवा के रूप में सीधे ही उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे कई अन्‍य जड़ी बूटीयों के साथ मिलाकर भी इस्‍तेमाल किया जाता है।

1 कंटकारी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ
कटेरी का उपयोग आयुर्वेद, सिद्ध और युनानी में विभिन्‍न रोगों के उपचार में किया जाता है। यह कृमि, खांसी, गला बैठना, बुखार, पेशाब के दौरान दर्द और मूत्राशय में पथरी के इलाज में उपयोगी है। इसके अलावा यह अस्‍थमा, माइग्रेन और सिरदर्द का भी प्रभावी इलाज कर सकता है। इस पौधे के सभी अंगों को पीसकर पेस्‍ट का उपयोग करने पर यह गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है। आइए विस्‍तार से जाने कटेरी के फायदे क्‍या हैं।

2 कंटकारी के लाभ खांसी में खांसी का घरेलू उपचार करने के लिए कटेरी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप कटेरी के पूरे पौधे या पंचांग की 3-5 ग्राम मात्रा लें और इसे 200 मिली ग्राम पानी में उबालें। उबलते हुए पानी की मात्रा लगभग 50 मिली ग्राम बचे तब तक इसे उबालते रहें। इसके बाद इस काढ़े को ठंडा करें और दिन में 2 बार इसका सेवन करें। यह खांसी दूर करने का सबसे बेहतरीन तरीका हो सकता है।

3 कंटकारी के लाभ मिरगी के लिएमिरगी भी एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या होती है। लेकिन कटेरी के फायदे मिरगी का इलाज करने में प्रभावी होते हैं। इसके लिए आप ताजे भटकटैया के पत्‍तों का रस निकालें। इस रस 2 बूंद मात्रा को नियमित रूप से सुबह के समय अपने नथुनों में डालें। ऐसा करने से रोगी को मिरगी के दौरे आने की संभावना कम हो जाती है।

4 कंटकारी कटेरी के फायदे लीवर के लिएलीवर की सूजन यहां मौजूद बैक्‍टीरिया और संक्रमण के कारण हो सकती है। लेकिन आप अपने लीवर को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए कटेरी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। कटेरी लिवर के लिए टॉनिक का काम करती है। नियमित रूप से कटेरी के काढ़े का सेवन करने से लीवर में मौजूद संक्रमण और सूजन को कम किया जा सकता है।

5 कंटकारी के फायदे गर्भावस्‍था में
गर्भवती महिलाओं के लिए भी भटकटैया का उपयोग फायदेमंद होता है। गर्भावस्‍था के दौरान उल्‍टी और मतली को रोकने के लिए कटेरी पंचांग (5 ग्राम) और मुनक्‍का (5-6) लें और इसे पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े का नियमित सेवन करने पर गर्भवती महिला को उल्‍टी और मतली से छुटकारा मिल सकता है। यह उनकी भूख को भी सुधारने का अच्‍छा तरीका है।

6 कंटकारी या भटकटैया के फायदे दांत दर्द मेंदांतों का दर्द भी एक गंभीर समस्‍या है। लेकिन आयुर्वेद में दांत के दर्द को दूर करने के लिए भटकटैया का उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। यदि आप भी दांत के दर्द से परेशान हैं तो भटकटैया के पत्‍तों के रस का उपयोग करें। कटेरी की ताजा पत्तियों को मसलकर रस निकालें। इस रस को दर्द प्रभावित दांतों में लगाएं। यह आपको दांत के दर्द से तुरंत ही राहत दिलाता है।

7 सफेद कंटकारी भटकटैया के उपयोग बालों के लिएयदि आप बाल झड़ने की समस्‍या से परेशान हैं तो भटकटैया का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। यह बालों को झड़ने और बालों में डैंड्रफ की समस्‍या को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। इसके लिए आप कटेरी के ताजा पत्‍तों का रस निकालें और इसे अपने बालों की जड़ों पर लगाएं। नियमित रूप से कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपको लाभ मिल सकता है।

कंटकारी के नुकसानआमतौर पर यह गर्भावस्‍था के दौरान सुरक्षित माना जाता है लेकिन फिर भी उपयोग करने से पहले अपने स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकार से सलाह लेना आवश्‍यक है। औषधीय गुणों के कारण कटेरी हमारी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने पर यह हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। पित्‍त विकारों वाले रोगी को इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए। गर्म तासीर होने के कारण यह उन लोगों के लिए नुकसान दायक हो सकती है। यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो कटेरी का सेवन करने से पहले भी अपने डॉक्‍टर से सलाह जरूर लें।

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का देसी इलाज है जामुन, इसके फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

Posted: 29 Oct 2020 12:28 AM PDT


जामुन एक रसीला और स्वादिष्ट मौसमी फल है, जिसमें भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज के अलावा कई जरूरी लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है. जामुन में मौजूद औषधीय गुण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में कारगर असर दिखाते हैं. इसका इस्तेमाल कई बीमारियों में देसी दवा (Desi Medicine) के तौर पर किया जाता है. खैर आपने जामुन तो खाया ही होगा और इसके फायदों के बारे में भी सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि जामुन, उसकी गुठली और पत्ते डायबिटीज, कैंसर, बवासीर, दस्त, पेचिश, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं की कारगर औषधि मानी जाती है. चलिए जानते हैं इसके हैरान करने वाले फायदे (Benefits of Jamun).

1- डायबिटीज डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन का फल ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बेहद उपयोगी माने जाते हैं. जामुन का सेवन करने के अलावा उसकी गुठलियों का चूर्ण बनाकर खाने से डायबिटीज के रोगियों को फायदा होता है. 

2- ब्‍लड प्रेशर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए जामुन का इस्तेमाल एक कारगर देसी औषधि के तौर पर किया जा सकता है. जामुन और उसकी पत्तियों का सेवन करने से रक्त वाहिकाएं स्वस्थ रहती हैं, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है.

3- बेहतर पाचन अगर आप अपच और खराब पाचन की समस्या से परेशान हैं तो जामुन में इसका कारगर समाधान छुपा हुआ है. आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के पत्तों में पाचन को ठीक रखने के गुण पाए जाते हैं. इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है.

4- मुंह के छाले जामुन में एंटी बायोटिक गुण पाए जाते हैं, जिससे मुंह के छालों की समस्या से निजात मिलती है. अगर आप मुंह के छालों से परेशान है तो जामुन की पत्तियों का सेवन करें इससे आपको इस समस्या से पूरी तरह से निजात मिल सकती है.

5- दस्त प्राचीन काल से ही दस्त में देसी दवा के तौर पर जामुन का इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर किसी को दस्त हो रहे हैं तो जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना चाहिए. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीजों का इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है.

6- अल्सर अल्सर की समस्या से राहत पाने के लिए भी आप जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल, जामुन के पत्ते में विशेष औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे अल्सर की समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है.

7- दांतों की समस्या 
अगर आप दांतों और मसूड़ों से जुड़ी समस्या से परेशान हैं तो जामुन का इस्तेमाल करना फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके लिए जामुन के बीज को पीस कर उससे मंजन करना चाहिए. इससे दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं.

गौरतलब है कि बुखार के इलाज के लिए जामुन एक देसी औषधि है. दरअसल, जामुन की पत्तियों का इस्तेमाल किए जाने से शरीर का तापमान नियंत्रित होता है और बुखार में आराम मिलता है.

दुनिया की कोई बीमारी नहीं जो इनसे ठीक ना हो सके: हर बीमारी का इलाज हैं ये जंगली चीज

Posted: 29 Oct 2020 12:23 AM PDT

दुनिया की कोई बीमारी नहीं जो इनसे ठीक ना हो सके/हर बीमारी का इलाज हैं ये जंगली चीज:  यह भी सही है कि हर एक का शरीर एक दुसरे से अलग होता है और तासीर अलग होती है सभी वनस्पति सभी के लिए लाभदायक साबित नहीं होती इसलिए किसी भी वनस्पति का का प्रयोग आप अपने संयम से करें तथा किसी पेड़-पौधे /फल के प्रयोग से पहले किसी चिकित्सक या किसी जानकार की सलाह जरूर लें.

विडियो देखे जरुर: 

करवाचौथ पर नयी-नवेली दुल्हन भूलकर भी ना करें ये गलतियां,हो सकता है भारी नुकसान

Posted: 29 Oct 2020 12:07 AM PDT


सुहागिने पूरे सालभर करवा चौथे के व्रत का बड़ी बेसब्री से करती हैं। इस साल करवा चौथ का यह व्रत 4 नवंबर को पड़ रहा है। महिलाएं करवा चौथ का व्रत अपने पति की लंबी आयु और उनकी मंगल कामना के लिए रखती हैं। सुहागन महिलाओं के जीवन में करवा चौथ के व्रत का काफी ज्यादा खास महत्व होता है। वैसे इस व्रत को बाकी सभी व्रतो से कठिन माना जाता है। इस व्रत में पूरे दिन पानी पीने की मनाही होती है।

इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को चंद्रमा को अध्र्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं। इस व्रत को करने में काफी ज्यादा सावधानी करनी होती है। करवा चौथ के व्रत पर कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि करवा चौथ के व्रत में किन चीजों का परहेज करना चाहिए।

1.इन चीजों का दान करने से बचें: करवाचौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सफेद चीजों का दान करने से बचें। फिर बेशक वो खाने का सामान ही क्यों ना हो जैसे दूध,दही,पनीर आदि।

2.जरूरी है सरगी : करवा चौथ पर नई दुल्हन को ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि उसकी सरगी उसके पास हो। सरगी वो होती है जो आपकी सास आपको सुबह के समय खाने के लिए देती है। इसमें बादाम और मेवों के साथ सुहाग की निशानी होती है।

3.सुई-धागे का प्रयोग ना करें:
करवाचौथ के व्रत के दौरान किसी भी धारदार वाली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जैसे सुई,चाकू,कैंची आदि।

4.नहीं पहने सफेद और काले रंग के कपड़े: हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी शुभ कार्य के दौरान सफेद और काले रंग के कपड़े पहनना अच्छा नहीं माना जाता है। आप भी करवा चौथ पर सफेद और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। हो सके तो आप लाल रंग का कपड़ा पहने क्योंकि लाल रंग सुहाग का रंग होता है।

5.करें भजन-कीर्तन: करवा चौथ के दिन व्रत करके आप कथा सुनने के बाद शाम के समय पूजा तक चांद को देखने से पहले भजन कीर्तन जरूर करें। करवा मां के गानें और भजन को आप अपने आस-पड़ोस वाली महिलाओं के साथ ध्यान-पूजन कर सकते हैं।

कब है करवा चौथ? जानें इसकी पूजन विधि और मंगलसूत्र का महत्व

Posted: 29 Oct 2020 12:01 AM PDT


करवा चौथ (Karwa chauth 2020) के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत खोलती हैं. करवा चौथ का व्रत इस साल बुधवार, 4 नवंबर 2020 को रखा जाएगा. ये व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है. इस व्रत में सांस अपनी बहू को सरगी देती है. इस सरगी को लेकर बहु अपने व्रत की शुरुआत करती हैं. आइए आपको करवा चौथ की पूजन विधि और इस दिन पहने जाने वाले मंगलसूत्र का महत्व बताते हैं.

करवाचौथ व्रत की पूजा विधि सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं. सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. करवाचौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं. शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं.

पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें. एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं. पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर देनी चाहिए. इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं.

करवा चौथ पर मंगलसूत्र का महत्व मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है. यह एक काले मोतियों की माला होती है, जिसे महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं. इसके अंदर बहुत सारी चीजें जुडी होती हैं और हर चीज का संबंध शुभता से होता है. माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती है और पति के जीवन के सारे संकट कट जाते हैं. जबकि यह महिलाओं के लिए भी रक्षा कवच और सम्पन्नता का काम करता है

मंगलसूत्र के अंदर क्या क्या चीजें होती हैं? मंगलसूत्र में पीला धागा होता है. इसी पीले धागे में काले मोती पिरोए जाते हैं. साथ में एक सोने या पीतल का लॉकेट भी लगा हुआ होता है. यह लॉकेट गोल या चकोर दोनों हो सकता है. मंगलसूत्र में सोना या पीतल भले ही न लगा हो पर पीले धागे में काली मोतियां जरूर होनी चाहिए.

मंगलसूत्र धारण करने के नियम और सावधानियां क्या हैं?

- मंगलसूत्र या तो स्वयं खरीदें या अपने पति से लें
- किसी अन्य से मंगलसूत्र लेना उत्तम नहीं होता
- मंगलसूत्र मंगलवार को न खरीदें
- धारण करने के पूर्व इसे मां पार्वती को अर्पित करें
- जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो मंगलसूत्र को न उतारें
- मंगलसूत्र में लगा हुआ सोना अगर चकोर हो तो बहुत उत्तम होगा

करवा चौथ के दिन व्रती महिलाओं को पढ़नी चाहिए विशेष कथा

Posted: 28 Oct 2020 11:57 PM PDT



करवा चौथ व्रत सुहागिनों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सूर्योदय से पहले सरगी खाने की भी परंपरा है। पूरा दिन निर्जला व्रत करने के बाद शाम को पूजा और कथा पढ़कर या सुनकर चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलते हैं। करवा चौथ व्रत को लेकर कई मान्यताएं भी 

प्रचलित हैं, जानिए उनके बारे में-

करवा चौथ की मान्यताएं-कहते हैं कि करवा चौथ व्रत सुहागन स्त्रियां अपने पति के हित के लिए रखती हैं। इस दिन व्रत रखकर करवा चौथ की विशेष कथा का पाठ किया जाता है। कथा के अनुसार, इस दिन व्रती महिलाओं को कैंची और चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही न ही नाखून काटने चाहिए। कहते हैं कि जो महिलाएं ऐसा करती हैं उनके व्रत का फल नष्ट हो जाता है।

यह है करवाचौथ व्रत की पूजा और कथा पढ़ने का शुभ मुहूर्तमान्यता है कि इस दिन जीव हत्या करने से पति के जीवन पर संकट आते हैं, इसलिए इस दिन किसी भी तरह की हिंसात्मक गतिविधि नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि करवा चौथ के दिन चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ना चाहिए। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि शाम के वक्त भी टूटा हुआ अन्न नहीं खाना चाहिए। मान्यता है व्रत नियम का पालन करने वाली व्रती महिलाओं को सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त- संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार)- शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक। कहा जा रहा है कि चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट पर होगा।

(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

मृतका की मां ने कहा, अगर इसी तरह 20 साल तक बेटियों को पालने के बाद उनकी कोई हत्या कर देगा तो फिर कोई बेटी क्यों पैदा करना चाहेगा

Posted: 28 Oct 2020 11:46 PM PDT


हरियाणा के निकिता केस ने तूल पकड़ लिया है. हालांकि पुलिसआरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है. लेकिन घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. सबसे ज़्यादा खराब हालत निकिता की मां की है. मां ने सरकार से मांग की है कि जैसे उनकी बेटी को मारा गया है, इसी तरह से पुलिस आरोपियों का भी एनकाउंटर  करे. वहीं उनका कहना है कि अगर इसी तरह 20 साल तक बेटियोंं को पालने के बाद कोई उनकी कोई हत्या कर देगा तो फिर कोई बेटी क्यों पैदा करना चाहेगा. लोग बेटी पैदा होते ही मार देंगे. मृतका की मां बार-बार आरोपियों के एनकाउंटर की माँग कर रही है.

सरकार बोली- एसआईटी जांच कर रही है, किसी को नहीं बख्शेंगे पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. पकड़ा गया रेहान नूंह जिले का रहने वाला है. मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों तौसीफ और रेहान को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. मंगलवार को इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि घटना में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल हथियार को भी बरामद कर लिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी की टीम कर रही है. विज ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि मामले की जल्दी जांच करवाकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाए.

सोमवार को कॉलेज के बाहर छात्रा को सरेआम मार दी थी गोली

हरियाणा में फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में सोमवार को अग्रवाल कॉलेज के बाहर 21 वर्षीय युवती की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक युवती का नाम निकिता है और वो परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकल रही थी. इस दौरान बाहर सफेद रंग की आई-20 कार में मौजूद दो युवकों ने उसे जबरन किडनैप कर कार में बिठाने की कोशिश की.

इस पर निकिता ने शोर मचाया और वहां से भागी तो आरोपी तौसीफ ने पीछा कर उसे नजदीक से गोली मार दी. गोली लगने से निकिता जमीन पर गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई. निकिता के परिवारवालों का कहना है कि तौसीफ उससे धर्म परिवर्तन कर शादी करने का लगातार दबाव बना रहा था. लेकिन उनकी बेटी इससे इनकार कर रही थी.

जब मैदान पर सूयाकुमार से भिड़े विराट कोहली तो ट्विटर पर फैन्स ने लगाई लताड़

Posted: 28 Oct 2020 11:40 PM PDT


आईपीएल 2020 के 48वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 5 विकेट से मात देकर प्लेऑफ में करीब-करीब अपनी जगह पक्की कर ली है। मुंबई की इस जीत में अहम भूमिका मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने निभाई जिन्होंने 43 गेंदों पर 10 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 79 रन की नाबाद पारी खेली।

मुंबई की पारी के 13वें ओवर के दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसे देखने के बाद फैन्स ने विराट कोहली को फटकार लगा दी। दरअसल, 13वें ओवर की आखिरी गेंद पर जब सूर्यकुमार ने कवर ड्राइव लगाया तो वहां मौजूद आरसीबी के कप्तान विराट कोहली ने गेंद को पकड़ लिया। इसके बाद कोहली और सूर्याकुमार एक दूसरे को घूरने लगे और कोहली गेंद को पसीने से साफ करते-करते उनके पास पहुंचे। दोनों के बीच कुछ बात तो नहीं हुई, लेकिन आंखों ही आंखों में काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

कोहली के इस रवैये को देखते हुए फैन्स ने ट्विटर पर उनको जमकर लताड़ लगाई। कुछ फैन्स ने तो यह तक कह दिया कि विराट कोहली सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों की इज्जत करना जानते हैं।

उल्लेखनीय है, इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने देवदत्त पडिक्कल के 45 गेंदों पर 74 रन के दम पर निर्धारित 20 ओवर में 164 रन बनाए। पडिक्कल और फिलिपे ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़े थे, लेकिन कोहली (9) और डी विलियर्स (15) के फेल होने की वजह से आरसीबी बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पाई।

165 रन के लक्ष्या का पीछा करते हुए मुंबई की ओर से सूर्याकुमार यादव ने 79 रन की नाबाद पारी खेली और टीम को 5 विकेट और 5 गेंद शेष रहते मैच जिताया। इस जीत के साथ मुंबई की टीम प्लेऑफ क्वालीफिकेशन के और करीब पहुंच गई है।

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