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Friday, January 15, 2021

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को दाल की जगह मिलेगा काला चना

Posted: 14 Jan 2021 10:32 PM PST


आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को दाल की जगह मिलेगा काला चना,  इन 38 जिलों में बंटेगा काला चना


बिना तैयारी शुरू की गई पोषाहार वितरण की नई व्यवस्था चार माह बाद भी पटरी पर नहीं आ पाई है। पोषाहार के लिए तय मीनू के मुताबिक आहार का वितरण नहीं हो पा रहा है। अब तक लाभार्थियों को न दाल मिल रही है और न ही घी की  आपूर्ति शुरू हो पाई है। ऐसे में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) निदेशालय ने फिर पोषाहार आपूर्ति व्यवस्था में आंशिक बदलाव किया है।


आंशिक बदलाव के बाद अब शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाली गर्भवती, धात्री व किशोरियों को पोषाहार के रूप में दाल की जगह काला चना दिया जाएगा। जबकि छह माह से लेकर 6 साल के बच्चों व अति कुपोषित बच्चों को दाल ही दी जाएगी। फिलहाल यह व्यवस्था लखनऊ व अमेठी समेत 38 जिलों में शुरू की जाएगी। निदेशक आईसीडीएस डॉ. सारिका मोहन ने नैफेड के प्रबंध निदेशक को 38 जिलों के शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए काला चना उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश एक महीने की आपूर्ति के लिए जारी किया गया है।


बता दें कि नई व्यवस्था में पोषाहार के मीनू में मोटे अनाज के साथ ही दाल और देशी घी देने का प्रावधान किया गया था। घी की आपूर्ति पीसीडीएफ को करना था और खाद्य एवं रसद विभाग को दाल उपलब्ध कराना था। लेकिन प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) ने घी की आपूर्ति करने से मना कर दिया है। जबकि दाल खरीदने के लिए सरकार के स्तर से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर निर्धारित की गई है। जबकि बाजार में दाल की कीमत काफी अधिक है। इससे जिला कार्यक्रम अधिकारी दाल की खरीद नहीं कर पा रहे हैं। इन्हीं दिक्कतों से आपूर्ति व्यवस्था में आंशिक बदलाव किया गया है।
 

इन जिलों में बंटेगा काला चना
लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सीतापुर, वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, प्रतापगढ़, आजमगढ़, मऊ, बहराइच, बांदा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, जालौन, झांसी, कानपुर नगर, कासगंज, कुशीनगर, औरैया, अलीगढ़, मैनपुरी, पीलीभीत, फतेहपुर, बदायूं, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ व हमीरपुर।

डॉ.अमित भारद्वाज बने पूर्णकालिक उच्च शिक्षा निदेशक

Posted: 14 Jan 2021 10:21 PM PST

डॉ.अमित भारद्वाज बने पूर्णकालिक उच्च शिक्षा निदेशक



लखनऊ : डॉ.अमित भारद्वाज को उच्च शिक्षा निदेशक बनाया गया है। वह अभी तक कार्यवाहक निदेशक के तौर पर कार्यभार संभाल रहे थे, लेकिन अब उन्हें पूर्णकालिक निदेशक बना दिया गया है।

हाईस्कूल पास भी कर सकेंगे प्राथमिक चिकित्सा में पढ़ाई

Posted: 14 Jan 2021 10:18 PM PST

हाईस्कूल पास भी कर सकेंगे प्राथमिक चिकित्सा में पढ़ाई


लखनऊ : अब हाईस्कूल पास छात्र-छात्राएं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय लखनऊ से प्राथमिक चिकित्सा में सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। इसमें थ्योरी के साथ-साथ एसजीपीजीआइ में प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा। इसमें एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को फ्री प्रवेश मिलेगा।


यह जानकारी गुरुवार को के इग्नू सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने दी। वह इग्नू की ओर से सड़क सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। 'रोड सेफ्टी : अट टुडे, अलाईव टुमारो' विषय पर हुई कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि होमगार्ड विभाग के डिप्टी कमांडेंट रंजीत सिंह मौजूद रहे। 


इग्नू की निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने बताया कि प्राथमिक चिकित्सा के नए कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी सड़क दुघर्टना में प्राथमिक उपचार देने के तरीके सीख सकेंगे। एडीशनल डीसीपी पुर्नेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को यातायात के नियमों का पालन करने की सलाह दी। शिक्षाविद् आनंद शेखर, उप्र आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता मौजूद रहे।

कोरोना टीकाकरण के चलते पोलियो रविवार कार्यक्रम अब 31 जनवरी को

Posted: 14 Jan 2021 07:01 PM PST

कोरोना टीकाकरण के चलते पोलियो रविवार कार्यक्रम अब 31 जनवरी को


नई दिल्ली :  राष्ट्रीय पोलियो कार्यक्रम अब 31 जनवरी को होगा। पहले यह राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 17 जनवरी को निर्धारित था। इस कार्यक्रम के तहत देशभर में 0-5 वर्ष | उम्र वर्ग के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यक्रम में बदलाव के बारे में बताया है कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। इसलिए मंत्रालय ने राष्ट्रपति कार्यालय से विमर्श के बाद पोलियो टीकाकरण के कार्यक्रम में बदलाव किया है। 


राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस या पोलियो रविवार 31 जनवरी को होगा। राष्ट्रपति 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में सुबह 11.45 बजे कुछ बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर अभियान की शुरुआत करेंगे। कोरोना प्रबंधन एवं टीकाकरण तथा अन्य आवश्यक सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय किया है।

बिना किसी नियम के अदालत विशेषज्ञों का फैसला नहीं कर सकती खारिज - हाईकोर्ट

Posted: 14 Jan 2021 06:50 PM PST

पुनर्मूल्यांकन के बाद नियम न होने पर हस्तक्षेप उचित नहीं

बिना किसी नियम के अदालत विशेषज्ञों का फैसला नहीं कर सकती खारिज - हाईकोर्ट


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी व्यावसायिक पाठ्यक्रम के विषय में पुनर्मूल्यांकन एक बार विशेषज्ञों द्वारा करने के बाद न्यायालय को इस संबंध में कोई नियम न होने पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। न्यायालय विशेषज्ञों के फैसले को अपने निर्णय से बदल नहीं सकता है। कोर्ट ने कहा कि विशेषज्ञों की राय पर भरोसा करना ही होगा।


यह निर्णय न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने केडी डेंटल कॉलेज मथुरा के डेंटल सर्जरी के छात्र विश्व वैभव की याचिका खारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उसने अपनी पढ़ाई में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया लेकिन अंतिम परीक्षा में दो पेपर में उसे फेल कर दिया गया। उसने पुनर्मूल्यांकन का आवेदन किया। पुनर्मूल्यांकन में उसे मिले अंकों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। याची को पूरा भरोसा है कि उसकी उत्तर पुस्तिका सही तरीके से जांची नहीं गई है इसलिए एक ‌बार फिर से मूल्यांकन का आदेश दिया जाए। 


जबकि कॉलेज की ओर से कहा गया कि एक बार पुनर्मूल्यांकन हो गया तो बिना किसी नियम के दोबारा पुनर्मूल्यांकन नहीं कराया जा सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याची कोई ऐसा नियम नहीं बता सका कि एक बार पुनर्मूल्यांकन हो जाने के बाद दोबारा भी पुनर्मूल्यांकन कराया जा सकता है। यह मामला मेडसिन की विशेषज्ञ शाखा से जुड़ा है। 


इस न्यायालय के पास ऐसी कोई विशेषज्ञता नहीं है, जिससे वह यह निर्धारित कर सके कि याची सही है या पुनर्मूल्यांकन करने वाले विशेषज्ञ। न्यायालय के लिए यह उचित नहीं होगा कि वह खुद को विशेषज्ञ मानते हुए विशेषज्ञों के किए काम को फिर से करने का आदेश दे। इस स्थिति में विशेषज्ञों की राय पर ही भरोसा करना होगा।

प्रवासी कामगारों के बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं बीएसए : महानिदेशक स्कूल शिक्षा

Posted: 14 Jan 2021 05:51 PM PST

प्रवासी कामगारों के बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं बीएसए : महानिदेशक स्कूल शिक्षा


प्रयागराज। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी कामगार अपने घरों को लौट आए थे। इन कामगारों के करीब डेढ़ लाख बच्चों की शिक्षा को लेकर प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में क्या हो रहा है, इस बारे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मांगी है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से भेजी गई बच्चों की संख्या को उन्होंने राहत आयुक्त की उपलब्ध कराई गई संख्या से अलग बताया है। 


ऐसे में सवाल उठता है कि जिलों में इन बच्चों की पढ़ाई कैसी चल रही है। उन्होंने दो दिन के भीतर बीएसए से सही जानकारी तलब की है। महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि नवंबर में प्रदेश के सभी बीएसए से प्रवासी कामगारों के छह से 14 बर्ष की आयु के बच्चों के बारे में मांगी गई रिपोर्ट में उन्होंने सही आंकड़े नहीं भेजे। प्रदेश के अधिकांश बीएसए की ओर से भेजी गई जानकारी पर उन्होंने सबालिया निशान लगाया है।

UP Board Scholarship : कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के खातों में इस तारीख से आएगी छात्रवृत्ति

Posted: 14 Jan 2021 04:35 PM PST

UP Board Scholarship : कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के खातों में इस तारीख से आएगी छात्रवृत्ति 

यूपी के समाज कल्याण विभाग की ओर से कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के गरीब व जरूरतमंद आवेदक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि मिलने का इंतजार जल्द ही खत्म होगा। विभाग ने 26 जनवरी से इन छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि भेजने की तैयारी कर ली है।


विभाग के सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्र ने बताया कि 5 नवम्बर तक जिन छात्र-छात्राओं ने आवेदन किये थे और इनमें से जांच के बाद जिनके आवेदन सही पाए गए उनके बैंक खातों में 26 जनवरी से छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि भेजने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 
वैसे इसकी औपचारिक शुरुआत 24 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित अवध शिल्पग्राम में होने वाले यूपी दिवस के उद्घाटन के अवसर पर प्रतीक स्वरूप तीन छात्र-छात्राओं को छात्रवृ़त्ति व फीस भरपाई के चेक प्रदान करके करेंगे।

 मुख्यमंत्री आईएएस, पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले जरूरतमंद गरीब छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करने की योजना की शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम में इस पूरी योजना की कार्ययोजना पेश की जाएगी जिसके लिए शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग मिलकर तैयारी कर रहे हैं।

कवायद : केंद्रीय विद्यालयों को खोलने पर फैसला जल्द, दिल्ली सरकार की स्कूलों को खोलने की घोषणा के बाद शुरू हुई तैयारी

Posted: 14 Jan 2021 04:04 PM PST

कवायद : केंद्रीय विद्यालयों को खोलने पर फैसला जल्द, दिल्ली सरकार की स्कूलों को खोलने की घोषणा के बाद शुरू हुई तैयारी


▪️केंद्रीय विद्यालय संगठन ने योजना पर शुरू किया काम

▪️फिलहाल एक समय में नहीं बुलाई जाएगी पूरी क्लास



नई दिल्ली: दिल्ली के केंद्रीय विद्यालयों को भी खोलने का फैसला अब अगले एक-दो दिनों में लिया जा सकता है। फिलहाल दिल्ली सरकार की सभी स्कूलों को 18 जनवरी से खोलने की घोषणा के बाद केंद्रीय विद्यालयों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि इसे लेकर अहम बैठक शुक्रवार को रखी गई है। इसमें स्कूलों में दसवीं और बारहवीं के बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप या फिर सभी को एक साथ बुलाने को लेकर फैसला लिया जाएगा।


वैसे तो उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में स्कूलों को खोलने की अनुमति काफी पहले ही दे दी गई थी। इसके बाद केंद्रीय विद्यालयों को भी खोल दिया गया है, लेकिन बच्चों की उपस्थिति को अनिवार्य न करने से उपस्थिति काफी कम है। ऐसे में सिर्फ वहीं बच्चे स्कूल आ रहे हैं, जिन्हें पढ़ाई में कहीं कोई दिक्कत है। बाकी सभी बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान दसवीं और बारहवीं के बच्चों को प्रैक्टिकल कार्यों के लिए अनिवार्य रूप से बुलाया जा सकता है। इसकी तैयारी की जा रही है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो स्कूलों और अभिभावकों के साथ चर्चा के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। वैसे भी जिस तरह से बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाओं को एक मार्च से कराने की घोषणा की गई है, उसमें बच्चों को इससे पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षा की तैयारी के लिए बुलाया जाना है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि स्कूलों के बंद होने से अब तक प्रैक्टिकल बिल्कुल भी नहीं हो पाया है।

केंद्रीय विद्यालय के बच्चों से 18 जनवरी को निशंक करेंगे चर्चा

कोरोना संकट के दौरान स्कूलों को जब फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई है, उसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 18 जनवरी को केंद्रीय विद्यालय के छात्रों से चर्चा का फैसला लिया है। निशंक ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि वह छात्रों से कोरोना संकट के बीच बिताए गए समय और अब सतर्कता के साथ स्कूलों में फिर से लौटने जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा कर सकते है।

यूपी बोर्ड के कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा गंगा संरक्षण का पाठ, नमामि गंगे विभाग की पहल पर हाईस्कूल व इंटर स्तर पर होगा विषय, बोर्ड ने पाठ्यक्रम समिति को भेजा प्रस्ताव, नए शैक्षिक सत्र से होगा लागू

Posted: 14 Jan 2021 03:54 PM PST

यूपी बोर्ड के कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा गंगा संरक्षण का पाठ,  नमामि गंगे विभाग की पहल पर हाईस्कूल व इंटर स्तर पर होगा विषय, बोर्ड ने पाठ्यक्रम समिति को भेजा प्रस्ताव, नए शैक्षिक सत्र से होगा लागू

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) छात्र-छात्राओं को गंगा संरक्षण का पाठ भी पढ़ाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे विभाग की पहल पर इसे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्तर पर विषय में रूप में शामिल करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इस पाठ्यक्रम को नए शैक्षिक सत्र में शामिल किया जाएगा।


असल में, गंगा संरक्षण व जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए जन सहभागिता जरूरी है। इसके लिए यूपी बोर्ड सबसे है। प्रदेश भर में उपयुक्त 27 हजार से अधिक संबद्ध माध्यमिक कालेजों में हर साल पचास लाख से अधिक छात्र-छात्राएं दाखिला लेते हैं। विद्यार्थियों के इस विषय की पढ़ाई और जुड़ाव का असर उनके अभिभावकों पर भी पड़ेगा। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि गंगा संरक्षण और जल प्रदूषण की रोकथाम को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। यूपी बोर्ड ने इसे विचार के लिए विशेषज्ञों की पाठ्यक्रम समिति के पास भेजा है। समिति की मंजूरी मिलते ही इस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। छात्र-छात्राएं सीखेंगे और करेंगे सैर : छात्र छात्राएं गंगा के पवित्र जल को प्रदूषित होने से बचाने के तरीके सीखेंगे और हिमालय से बंगाल की खाड़ी तक गंगा की यात्रा भी कर सकेंगे। साथ ही गंगा स्वच्छता अभियान को युवाओं से जोड़ने और बच्चों के बीच निर्मल और अविरल गंगा की अवधारणा को फैलाने में मदद मिलेगी। इस पहल से न केवल बच्चों का ज्ञान बढ़ेगा, बल्कि गंगा स्वच्छता को भी नई गति मिलेगी।

राज्य सरकार का ग्रामीण जलापूर्ति विभाग भी तत्पर नमामि गंगे और राज्य सरकार के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि स्कूलों में गंगा प्रदूषण से संबंधित नए पाठ्यक्रम और गतिविधियां लागू की जाएं और छात्रों के लिए गंगा स्वच्छता कार्यक्रम में हिस्सा लेना अनिवार्य भी बनाया जाए।

नए सत्र से लागू होगा पाठ्यक्रम

यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि नमामि गंगे विभाग से निर्देश मिला है और उसे पाठ्यक्रम समिति के पास भेजा गया है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से 30 फीसद पाठ्यक्रम घटा है, इसलिए अभी इसे जोड़ना संभव नहीं है । नए शैक्षिक सत्र में इस विषय की पढ़ाई सभी कालेजों में कराई जाएगी।

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