प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- CTET 2020 : जानें कब तक जारी हो सकते हैं सीबीएसई सीटीईटी परीक्षा के एडमिट कार्ड
- केंद्रीय विद्यालय की प्री बोर्ड परीक्षाएं 12 जनवरी से
- इस बार आधी जून से ही खुल जाएंगे बेसिक स्कूल, भरी गर्मी में कक्षाएं लगवाने का विरोध
- फतेहपुर : प्रमोशन की बजाए चयन वेतनमान की नौबत, फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए शिक्षकों का प्रमोशन नहीं, शिक्षकों में रोष
- 72825 शिक्षक भर्ती के 11 बेसिक शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जानिए क्यों?
- 69000 भर्ती में आरक्षण के मामले को लेकर ठंड में खुले आसमान के नीचे डटे दिव्यांग अभ्यर्थी
- फतेहपुर : दफ्तरों के नहीं लगाने होंगे चक्कर, कई सुविधाओं से लैस है मानव सम्पदा पोर्टल
- 69000 भर्ती में त्रुटि के चलते वंचित अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगी इच्छा-मृत्यु
- मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 31 जनवरी तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
- दूरदर्शन, उत्तर प्रदेश (DD UP), e-vidhya-9 व e-vidhya-11 चैनल पर यू.पी. बोर्ड की कक्षा-9 एवं 12 हेतु शैक्षणिक प्रसारण की इक्कीसवें चरण की समय-सरिणी जारी
- एमएलसी चुनाव में बेसिक शिक्षकों को वोटर बनाने की मांग ✊
- सदन में उठेगा शिक्षकों के पद कम करने का मुद्दा
- संस्कृत पर संकट : संशोधन का प्रस्ताव मंगाकर भूल गए अफसर, 177 संस्कृत विद्यालयों में नहीं बचे हैं एक भी शिक्षक
- नई पहल : कर्मयोगी स्कीम के तहत पढ़ाई के साथ कमाई भी करेंगे लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स
CTET 2020 : जानें कब तक जारी हो सकते हैं सीबीएसई सीटीईटी परीक्षा के एडमिट कार्ड Posted: 11 Jan 2021 12:22 AM PST CTET 2020 : जानें कब तक जारी हो सकते हैं सीबीएसई सीटीईटी परीक्षा के एडमिट कार्ड केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 31 जनवरी 2021 को आयोजित की जाएगी। अब उम्मीदवारों को परीक्षा के एडमिट कार्ड का इंतजार है। सीटीईटी परीक्षा के एडमिट कार्ड जनवरी के दूसरे सप्ताह में जारी हो सकते हैं। एडमिट कार्ड सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर जारी किए जाएंगे। हालांकि एडमिट कार्ड जारी होने को लेकर अभी कोई आधिकारिक तिथि तय नहीं हुई, उम्मीदवार किसी भी जानकारी के लिए सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट ctet.nic.in पर लेटेस्ट अपडेट देखते रहें। अभी तक सीटीईटी के एडमिट कार्ड परीक्षा से तीन सप्ताह पहले ही जारी होते आए हैं। जब 2019 में 8 दिसंबर को परीक्षा आयोजित होनी थी तो 18 नवंबर को एडमिटकार्ड जारी हो गए थे। इसी प्रकार 7 जुलाई 2019 को परीक्षा थी , तो 22 जून को एडमिट कार्ड जारी हो गए थे। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि एडमिट कार्ड जनवरी के दूसरे सप्ताह में जारी हो सकते हैं। आपको बता दें कि सीटीईटी परीक्षा 135 शहरों में आयोजित की जाएगी। नए परीक्षा शहर लखीमपुर, नागों, बेगुसराय, गोपालगंज, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, सारन, भिलाई/दुर्ग, बिलासपुर, हजारीबाग, जमशेदपुर, लुधियाना, अंबेडकर नगर, बिजनौर, बुलंदशहर, देवरिया, गोंडा, मैनपुरी, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, सीतापुर और उधमसिंह नगर हैं। आपको बता दें कि यह परीक्षा पिछले साल 5 जुलाई को आयोजित की जानी थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था। |
केंद्रीय विद्यालय की प्री बोर्ड परीक्षाएं 12 जनवरी से Posted: 10 Jan 2021 06:17 PM PST केंद्रीय विद्यालय की प्री बोर्ड परीक्षाएं 12 जनवरी से राजधानी समेत लखनऊ संभाग के अन्य केन्द्रीय विद्यालयों में आगामी 12 जनवरी से 12वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षाएं होंगी। केवीएसलखनऊसंभाग की ओरसे यह कार्यक्रम तैयार किया गया है । यह दूसरी प्री बोर्ड परीक्षा होगी। इस बार की ये परीक्षा रीजनल स्तर पर होगी। इसका कार्यक्रम से लेकर प्रश्न पत्र तक रीजनल कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा भौतिक रूप से विद्यालय आने की सहमति दी है वह ऑफलाइन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, अन्यथा ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। संगठन की ओरसे बोर्ड परीक्षा से पहले एक औरप्री बोर्ड परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि बच्चों की तैयारी और बेहतर ढंग से हो सके। कोविड 19 की वजह से बच्चों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो सके। प्री बोर्ड परीक्षा का प्रस्तावित कार्यक्रम ● 12 जनवरी : अंग्रेजी कोर 15 जनवरी : भौतिक विज्ञान, अकाउंटेंसी, इतिहास 018 जनवरी : रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और राजनीति शास्त्र की परीक्षा ● 20 जनवरी : कम्प्यूटर साइंस, इन्फॉरमेशन प्रैक्टिस, हिन्दी कोर ● 22 जनवरी : गणित ● 23 जनवरी : भूगोल ● 25 जनवरी : जीव विज्ञान, बिजनेस स्टडीज और बायोटेक्नोलॉजी की परीक्षा होगी। |
इस बार आधी जून से ही खुल जाएंगे बेसिक स्कूल, भरी गर्मी में कक्षाएं लगवाने का विरोध Posted: 10 Jan 2021 06:12 PM PST इस बार आधी जून से ही खुल जाएंगे बेसिक स्कूल, भरी गर्मी में कक्षाएं लगवाने का विरोध ★ विरोध ● नए सत्र में 20 मई से 15 जून तक ही होगी गर्मी की छुट्टी ● भरी गर्मी में कक्षाएं लगवाने का शिक्षक कर रहे विरोध बरेली : नए शैक्षिक सत्र में बेसिक स्कूल 16 जून से ही खुल जाएंगे। इस बार शासन ने गर्मी की छुट्टियों में कटौती की है। इन की जगह सर्दियों में 15 दिन की छुट्टी की जाएगी। जून की भीषण गर्मी में कक्षाएं लगाने का परिषदीय शिक्षक विरोध कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने वर्ष 2021 के लिए अवकाश तालिका जारी की है। इसके अनुसार गर्मी की छुट्टियां 20 मई से शुरू होकर 15 जून तक रहेंगी। शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक होगा। वर्ष 2020 में शीतकालीन अवकाश नहीं हुआ था। जबकि गर्मी की छुट्टियां 21 मई से शुरू होकर 30 जून तक थी। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूलों का समय सुबह 8 से 2 बजे तक और 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा । ग्रीष्म काल में इंटरवल 10:30 बजे से 11:00 बजे तक और शीतकाल में 12 बजे से 12:30 बजे तक होगा। हरितालिका तीज, करवा चौथ संकटाचतुर्थी, ललई छठ, अहोई अष्टमी का अवकाश सिर्फ शिक्षिकाओं और बालिकाओं के लिए ही होगा। ■ जून की गर्मी में कक्षाएं सही नहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री हरीश बाबू शर्मा ने कहा कि पूर्व वर्षों की तुलना में अवकाश लगातार कम हो रहे हैं। ग्रीष्मकालीन स्कूलों का समय बेहद असुविधाजनक है। जून के महीने में गर्मी बहुत ज्यादा होती है। उस वक्त कक्षाएं लगाना भी सही नहीं होगा। यूटा के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि बेसिक स्कूल छुट्टियों के लिए बदनाम हैं। जबकि अन्य विभागों की तुलना में बेसिक में छुट्टी कम हैं। |
Posted: 10 Jan 2021 05:49 PM PST फतेहपुर : प्रमोशन की बजाए चयन वेतनमान की नौबत, फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए शिक्षकों का प्रमोशन नहीं, शिक्षकों में रोष फतेहपुर : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक शिक्षकों की पदोन्नति का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। अब हालात यूं बन रहे हैं कि एक दशक की सेवा के बाद सैकड़ों शिक्षकों को प्रमोशन की बजाए चयन वेतनमान प्रदान करने की नौबत आ गई है। वहीं दूसरी ओर दूसरे जिलों में कहीं तीन वर्ष तो कहीं पांच वर्ष की सेवा के बाद पदोन्नति होने से जिले के शिक्षकों की कुंठा बढ़ती जा रही है। गत विधान सभा चुनाव के पहले से ही अपने प्रमोशन की मांग कर रहे बेसिक शिक्षकों ने अपने प्रमोशन के लिए पहले चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने का इंतजार किया। इसके बाद जब विभाग ने प्रक्रिया शुरू की तो कोई न कोई अड़ंगा सामने आ गया। विभाग ने गत करीब दो वर्ष पूर्व 30 दिसंबर को पहल भी कर दी थी। विभाग ने ब्लाकवार वरष्ठिता सूची को पुनः परीक्षणोपरांत मुख्यालय भेजने के आदेश दिए थे। ब्लॉकों में वरष्ठिता सूची को अंतिम रूप भी दिया जा चुका था। इसके बाद आम चुनाव की रणभेरी बज गई। चुनाव खत्म होने के बाद फिर से पदोन्नति की मांग उठी तो विभाग ने वार्षिक परीक्षा एवं अन्य कामों पर अमल शुरू कर दिया। कई जिलों में शिक्षकों को जहां तीन वर्ष की सेवा में ही पदोन्नति का लाभ मिल गया, वहीं दूसरी ओर इस जिले में फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए प्राथमिक सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है। कोर्ट एवं विभागीय आदेशों से भी बाधा पदोन्नति को लेकर कई तरह के पेंच भी सामने आए। कभी टीईटी की अनिवार्यता को लेकर पेंच फंसा तो कभी समायोजन के बाद पदोन्नति करने जैसे फैसलों ने बाधा पहुंचाई। हाल ही में फतेहपुर समेत फिर से कई जिलों में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग संगठन द्वारा की गई है। अन्तर्जनपदीय तबादले से होगा नुकसान शिक्षकों का अन्तर्जनपदीय तबादला होने की स्थिति में प्रमोशन न पाने वाले शिक्षकों का खासा नुकसान होगा। दूसरे जिलों में पदोन्नति के बगैर तबादला लेने वाले शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हो जाएगी। वह नवीन जनपद में जूनियर माने जाएंगे। |
72825 शिक्षक भर्ती के 11 बेसिक शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जानिए क्यों? Posted: 10 Jan 2021 05:47 PM PST 72825 शिक्षक भर्ती के 11 बेसिक शिक्षकों की नौकरी खतरे में।प्रयागराज : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 11 शिक्षकों का बीटीसी प्रमाण पत्र रद कर दिया है। आने वाले दिनों में उनको सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 72825 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत कई चयनित होकर नौकरी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिव्यांग कोटे से प्रवेश लेकर आगे भी उसका लाभ लेने वाले शिक्षकों की जांच चल रही है। जांच के दौरान 11 ऐसे शिक्षकों की जानकारी हुई, जिन्होंने दिव्यांग कोटे में प्रवेश लेकर नौकरी में भी उसका प्रयोग किया था। जांच में खुलासा होने के बाद ऐसे 11 शिक्षकों का बीटीसी प्रमाण पत्र रद किया गया है। |
69000 भर्ती में आरक्षण के मामले को लेकर ठंड में खुले आसमान के नीचे डटे दिव्यांग अभ्यर्थी Posted: 10 Jan 2021 05:41 PM PST 69000 भर्ती में दिव्यांग आरक्षण के मामले को लेकर ठंड में खुले आसमान के नीचे डटे दिव्यांग अभ्यर्थीसूबे के परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक की 69 हजार पदों की भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थियों को चार प्रतिशत आरक्षण न मिलने के विरोध में प्रदर्शन जारी है। बेसिक शिक्षा परिषद कार्यातय पर अभ्यर्थी उेंद्र कुमार मिश्र, धनराज यादव, शरद अग्रहरि व मनोज भारद्वाज चार दिन से भूख हड़ताल कर रहे हैं। शारीरिक रूप से अक्षम होने के बावजूद उनका हौसला बुलंद है। अधिकार के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने का जज्बा कायम है, यही कारण है कि ठंड के बीच दिन-रात अभ्यर्थी खुले आसमान के नीचे डटे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में चार प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से 2760 सीटें दिव्यांग कोटे से भरी जानी चाहिए। |
फतेहपुर : दफ्तरों के नहीं लगाने होंगे चक्कर, कई सुविधाओं से लैस है मानव सम्पदा पोर्टल Posted: 10 Jan 2021 05:46 PM PST फतेहपुर : दफ्तरों के नहीं लगाने होंगे चक्कर, कई सुविधाओं से लैस है मानव सम्पदा पोर्टल फतेहपुर : शासन द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में मानव सम्पदा पोर्टल से ऑनलाइन प्रणाली की शुरूआत करने का फैसला बेसिक शिक्षकों के लिए राहतभरा साबित हो रहा है । अब तक अपने अवकाशों के लिए कार्यालय की परिक्रमा और अफसरों की जी हुजूरी करने वाले शिक्षकों को इससे छुटकारा मिलने लगा है। पोर्टल के जरिए अब शिक्षकों के सभी प्रकार के अवकाशों के आवेदन स्वीकृति तथा सर्विस बुक कारखरखाव किया जा रहा है। एनआईसी द्वारा तैयार किए गए पोर्टल में सूचनाएं स्वतः अपडेट होने लगी हैं। अपडेशन का जिम्मा बीई ओ व बीएसए का है । शिक्षक को एक यूजर आईडी उपलब्ध कराया गया है। यूजर आईडी के आधार पर ही बीईओ शिक्षक का परिचय पत्र बनाएंगे। कई सुविधाओं से लैस है मानव सम्पदा पोर्टल न केवल अवकाश बल्कि सेवा सम्बन्धी अन्य प्रक्रियाओं को सम्पादित करने की व्यवस्था पोर्टल में दी गई है। एनआईसी के सहयोग से सर्विस बुक का डिजीटाइजेशन, वेतन एवं जीपीएफ लोन आवेदन माड्यूल संचालित होने का दावा किया गया है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय आख्या के लिए भी एक माड्यूल शुरू हो जाएगा। अवकाश स्वीकृति की तय की गई सीमा महिला शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए शासन ने मातृत्व व बाल्य देखभाल अवकाश दो दिन में स्वीकृत करने की व्यवस्था दी है। 42 दिन तक के अवकाश बीईओ एवं अधिक दिनों का अवकाश बीएसए स्वीकृत करेंगे। आवेदन, संलग्नक, स्वीकृति एवं आपत्तियां आनलाइन माध्यम से होंगी। मेडिकल अवकाश आवेदन के दिन से ही मान्य होगा। सीसीएल फर्स्ट इन फर्स्ट आउट के सिद्धांत पर स्वीकृत होगी। महानिदेशक ने जताई नाराजगी बीते दिनों स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनन्द ने आनलाइन आवेदनों के त्वरित व समयबद्ध निस्तारण न होने पर गहरी नाराजगी जताई थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि जिस स्तर पर समयबद्ध तरीके से आवेदनों का निस्तारण नहीं होगा, उस अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हेडमास्टर को एक साथ चार सीएल स्वीकृत करने का अधिकार भी दिया गया लेकिन धरातल पर सभी अवकाश बीईओ ही स्वीकृत कर रहे हैं। |
69000 भर्ती में त्रुटि के चलते वंचित अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगी इच्छा-मृत्यु Posted: 10 Jan 2021 05:18 PM PST 69000 भर्ती में त्रुटि के चलते वंचित अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगी इच्छा-मृत्यु। राजधानी में करीब 35 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय में धरना दे रहे अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया है। कहीं सुनवाई न होने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। सीतापुर से आई बबली पाल ने कहा कि हमें मजबूर होकर राष्ट्रपति को पत्र लिखना पड़ा है। हम लोग मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि हमारे मूल अभिलेख देखकर हमें नियुक्ति दी जाए। हमारी नियुक्ति वैध है और सभी की काउंसिलिंग भी हो चुकी है। राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों में सौरभ राय, आशुतोष, ममता, रमन, संदीप व कुमुदश्री भी शामिल हैं। |
मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 31 जनवरी तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन Posted: 10 Jan 2021 05:15 PM PST मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 31 जनवरी तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की साल 2021 के सेकंडरी (मुंशी-मौलवी), सीनियर सेकंडरी (आलिम), कामिल और फाजिल की परीक्षाओं के लिये ऑनलाइन आवेदन सोमवार से किये जा सकेंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी तय की गई है। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश शिक्षा मदरसा परिषद द्वारा संचालित वर्ष 2021 की परीक्षाओं में भाग लेने वाले सेकंडरी, सीनियर सेकंडरी, कामिल और फाजिल के छात्र व छात्रएं 11 जनवरी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। आवेदन मदरसों के माध्यम से ऑनलाइन ही किए जा सकेंगे। इस बार किसी भी दशा में ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि इन आवेदनों से जुड़े परीक्षा शुल्क और जरूरी दिशा निर्देश मदरसा शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी तय की गई है। चालान के जरिये परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी तय की गई है। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन आवेदन मंजूर नहीं किए जाएंगे। |
Posted: 10 Jan 2021 05:07 PM PST |
एमएलसी चुनाव में बेसिक शिक्षकों को वोटर बनाने की मांग ✊ Posted: 10 Jan 2021 04:58 PM PST एमएलसी चुनाव में बेसिक शिक्षकों को वोटर बनाने की मांग ✊ प्रयागराज। अटेवा पेंशन बचाओ मंच की रविवार को चांदपुर सलोरी में हुई बैठक में मांग उठी कि एमएलसी चुनाव में बेसिक शिक्षकों को भी मतदाता बनाए जाए। अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि अटेव का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती। बैठक में प्रवेश प्रवक्ता उपेंद्र वर्मा, मंडल अध्यक्ष सुधीर गुप्ता, सुरेंद्र प्रताप सिंह, संतलाल वर्मा, अनिल भारती, अरुण कुमार सिंह आदि शामिल रहे। संचालन जिला महामंत्री कमल सिंह ने किया। |
सदन में उठेगा शिक्षकों के पद कम करने का मुद्दा Posted: 10 Jan 2021 04:56 PM PST सदन में उठेगा शिक्षकों के पद कम करने का मुद्दाप्रयागराज। माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद लगातार कम किए जा रहे हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी शिक्षक भर्ती में विलंब कर रहे है। नियुक्ति प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है। यह मुद्दा अब सदन में उठेगा। यह बात एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने रविवार को एक होटल में आयोजित शिक्षक संघ की बैठक में कही। शिक्षक दल का नेता बनने के बाद शिक्षक संघ के साथ पहली बार बैठक कर रहे एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने शिक्षकों से उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए शुल्क लिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। कहा हय कार्य विभाग का है, वह अपने स्तर पर सत्यापन कराए। कहा कि यह मुद्दा भी सदन में उठाएंगे। कोरोना काल में तमाम वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। शुल्क न मिलने से स्कूल प्रबंधन ने वेतन नहीं दिया। अब समान कार्य का समान वेतन देने की मांग सदन में उठेगी। पुरानी पेंशन योजना को भी बहाल कराने के लिए भी संघर्ष होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के शिक्षक 16 जनवरी को अवकाश पर रहेंगे और अपने जनपद में सुबह 11 से शाम चार बजे तक उपवास पर रहते हुए धरना देंगे। शिक्षकों की समस्याओं को लेकर डीआईओएस के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। वहीं, एक फरवरी को प्रत्येक विद्यालय से एक-एक शिक्षक लखनऊ स्थित ाश्क्षिा निदेशक के शिविर कार्यालय में इकट्ठा होंगे और उपवास पर रहकर धरना देंगे। बैठक में जिला अध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय, जिला मंत्री अनुज कुमार पांडेय, कुंज बिहारी मिश्र, रामसेवक त्रिपाठी, जगदीश प्रसाद आदि शामिल हुए। |
Posted: 10 Jan 2021 04:37 PM PST संस्कृत पर संकट : संशोधन का प्रस्ताव मंगाकर भूल गए अफसर, 177 संस्कृत विद्यालयों में नहीं बचे हैं एक भी शिक्षक ▪️ संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के 1282 पदों पर भर्ती का मामला ▪️ढाई साल पहले भेजा गया था नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव प्रयागराज : प्रदेश में कक्षा 6 से 12 तक के 958 संस्कृत स्कूलों में शिक्षकों की कमी निकट भविष्य में दूर होती नहीं दिख रही। माध्यमिक शिक्षा विभाग के बड़े अफसर संस्कृत विद्यालयों में रिक्त 1282 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव मंगवाकर उसे कैबिनेट से मंजूर करवाना भूल गए हैं। 28 मार्च 2018 को शासन ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद (संस्थानों के प्रधानों, अध्यापकों एवं संस्थानों के अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्ते) विनियमावली 2009 में संशोधन के बाद सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के चयन का अधिकार चयन बोर्ड को दे दिया था। इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संस्कृत स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व 3 अप्रैल 2018 को चयन बोर्ड की नियामवली में संशोधन का प्रस्ताव मांगा था। जिसके जवाब में तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव ने 9 अप्रैल 2018 को नियमावली में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव संयुक्त सचिव शासन को भेज दिया था। लेकिन पौने तीन साल का समय बीतने के बावजूद संशोधन को मंजूरी नहीं मिल सकी है। जिसका नतीजा यह है कि शिक्षकों की कमी के कारण एक के बाद एक संस्कृत विद्यालयों पर ताला पड़ता जा रहा है। 177 संस्कृत विद्यालयों में नहीं बचे हैं एक भी शिक्षक प्रयागराज : तकरीबन तीन दशक से भर्ती ठप होने के कारण संस्कृत स्कूलों की हालत खस्ता है। वर्तमान में 117 ऐसे विद्यालय हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं बचे हैं। इनमें से 58 सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालय अध्यापकों के अभाव में बंद हो चुके हैं। अकेले प्रयागराज के 42 संस्कृत विद्यालयों में से 14 ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। 3 स्कूल चपरासी तो एक क्लर्क के भरोसे खोले जा रहे हैं। यानि कुल 18 विद्यालय शिक्षकविहीन हैं। |
नई पहल : कर्मयोगी स्कीम के तहत पढ़ाई के साथ कमाई भी करेंगे लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स Posted: 10 Jan 2021 05:45 AM PST नई पहल : कर्मयोगी स्कीम के तहत पढ़ाई के साथ कमाई भी करेंगे लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स एक स्टूडेंट को एक दिन में 2 घंटे काम करने की होगी अनुमति लखनऊ यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स के लिए कर्मयोगी स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत स्टूडेंट्स को पढ़ाई जारी रखने के साथ ही पार्ट टाइम जॉब करने का अवसर मिलेगा। यानी अब यूनिवर्सिटी के सहयोग से स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकेंगे। इस बारे में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि स्कीम के तहत एक स्टूडेंट को एक दिन में अधिकतम 2 घंटे काम करने की अनुमति मिलेगी। एक एकेडमिक ईयर में 50 दिन कर सकेंगे काम कर्मयोगी स्कीम के तहत एक एकेडमिक ईयर में एक स्टूडेंट अधिकतम 50 दिन काम कर सकता है। उन्हें उनकी इच्छा और क्षमता के मुताबिक यूनिवर्सिटी का तरफ से ही काम दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स क्लास करने के बाद यह काम कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें पैसे भी दिए जाएंगे। एक स्टूडेंट को प्रति घंटे 150 रुपए के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। यानी कि एक स्टूडेंट साल में 15 हजार रुपए तक कमा सकेगा। यूनिवर्सिटी कैंपस में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को मिलेगी सुविधा कुलपति के मुताबिक फिलहाल यह स्कीम सिर्फ लखनऊ यूनिवर्सिटी के कैंपस में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के लिए शुरू की गई है। हालांकि, कुलपति चाहते हैं कि संबद्ध कॉलेज भी अपने स्तर पर इस तरह की पहल शुरू करें। ऐसी योजनाओं से स्टूडेंट्स काम का आदर करना सीखेंगे और स्टूडेंट्स का टैलेंट यूनिवर्सिटी के काम आएगा। साथ ही स्टूडेंट्स का अपनी यूनिवर्सिटी के साथ उनका जुड़ाव गहरा होगा और उन्हें आर्थिक मदद भी मिलेगी। |
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