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Posted: 28 Apr 2021 05:42 PM PDT अकबर बीरबल की कहानी पहेलियाँ (Akbar Birbal story puzzle) मित्रों, अकबर की पहेली (Akbar Birbal Riddle In Hindi) कहानी शेयर कर रहे हैं. अकबर बीरबल की इस कहानी में बादशाह अकबर बीरबल से एक पहेली पूछते हैं, जिसे सुनकर बीरबल चकरा जाता है. वह पहेली क्या थी? क्या बीरबल उस पहेली का उत्तर दे पाता है? यह जानने के लिए पढ़िए अकबर बीरबल की ये रोचक कहानियां || Friends, Akbar Birbal Riddle In Hindi is sharing the story. In this story of Akbar Birbal, Emperor Akbar asks Birbal a puzzle, which Birbal is confused by hearing. What was that puzzle? Is Birbal able to answer that riddle? Read these interesting stories of Akbar Birbal to know this. Story number #1 बादशाह अकबर को पहेलियों सुनने-सुनाने का बड़ा शौक था. वह अक्सर पहेलियों में बातें करते और अपने दरबारियों को उन्हें बूझने को कहते थे. एक दिन उन्होंने राजदरबार की कार्यवाही समाप्त होने के बाद उन्होंने दरबारियों से एक पहेली पूछी, "ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन, मध्य-मध्य खरबूजा. मौं छुरी से काटे आपहिं, अर्थ तासु नाहिं दूजा." कोई दरबारी इस पहेली को बूझ नहीं पाया. बीरबल ने भी यह पहेली पहली बार सुनी थी. उसे भी इसका अर्थ समझ नहीं आया. दरबारियों से अकबर को अधिक उम्मीद नहीं थी. इसलिए वे बीरबल से बोले, "बीरबल! तुम तो अपनी अक्लमंदी के लिए दूर-दूर तक मशहूर हो. तुमसे तो इस पहेली का जवाब मिलना ही चाहिए. बताओ इसका क्या मतलब हुआ?" फ़ौरन जवाब दे पाना बीरबल के लिए संभव नहीं था. उसने कुछ दिनों की मोहलत मांग ली. मोहलत पाकर बीरबल अकबर द्वारा पूछी गई पहेली का जवाब खोजने निकल पड़ा. घूमते-घूमते वह एक गाँव में पहुँचा. रात होने लगी थी. वह भूख-प्यास से व्याकुल हो रहा था. इसलिए एक मकान देखकर वह उसके भीतर चला गया. वहाँ उसने देखा कि आँगन में चूल्हे पर एक लड़की खाना बना रही है. बीरबल ने उससे पूछा, "पुत्री! क्या कर रही हो?" "आप देख तो रहे हैं कि मैं बेटी को पका रही हूँ और माँ को जला रही हूँ." लड़की बोली. लड़की की बात बीरबल को समझ नहीं आई. उसने उस बात को छोड़कर पूछा, "तुम्हारे पिताजी कहाँ है?' "वो मिट्टी को मिट्टी में मिला रहे हैं." लड़की ने उत्तर दिया. लड़की की गोल-मोल बातें बीरबल को समझ नहीं आ रही थी. उसने सोचा कि लगता है इसका पिता कहीं गया हुआ है. इसलिए उसने सोचा चलो इसकी माँ ने बारे में ही पूछ लेता हूँ. उसने पूछा, "पुत्री! ये तो बताओ तुम्हारी माँ क्या कर रही है?" "वह एक का दो कर रही है." लड़की ने इस बार भी उसे कोई सीधा उत्तर नहीं दिया. इतनी देर में बीरबल समझ गया कि ये लड़की उम्र में कम अवश्य है, लेकिन बुद्धि में किसी से कम नहीं. उसी समय लड़की के माता-पिता भी वहाँ आ पहुँचे. उन्हें बीरबल ने अपना परिचय दिया. उन्होंने बीरबल की आव-भगत की. उसके भोजन की व्यवस्था की. भोजन करने के बाद बीरबल ने लड़की से पूछा, "तुम्हारी सारी बातें पहेलियों में थी. अब मुझे उसका अर्थ भी समझा दो." लड़की ने बताया, "आपने पहले प्रश्न पर मैंने कहा था कि मैं बेटी को पका रही हूँ और माँ को जला रही हूँ. ऐसा मैंने इसलिए कहा था, क्योंकि मैं अरहर की दाल अरहर की लकड़ियों पर पका रही थी. फिर आपके दूसरे प्रश्न पर मैंने कहा था कि मेरे पिताजी मिट्टी को मिट्टी में मिला रहे हैं. ऐसा मैंने इसलिए कहा था क्योंकि मेरे पिताजी एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में गए हुए थे. आपके तीसरे प्रश्न के उत्तर में मैंने कहा था कि मेरी माँ एक के दो कर रही है. ऐसा मैंने इसलिए कहा था क्योंकि मेरे माँ उस समय दाल दल रही थी." बीरबल लड़की की बात से बहुत प्रभावित हुआ. उसे समझ आ गया कि बादशाह अकबर की जिस पहेली को बूझने वह निकला है, उसका उत्तर यह लड़की ही दे सकती हैं. उसने लड़की को वह पहली बताई और उसे बूझने को कहा. लड़की ने बिना देर किये उत्तर दिया, "इसका अर्थ है कि धरती और आकाश दो ढक्कन हैं. उनमें निवास करने वाले मनुष्य खरबूजा हैं. मृत्यु आने पर वह अपने आप ही मर जाता है, जैसे गर्मी में माँ पिघल जाती है." बीरबल को पहेली का उत्तर मिल चुका था. उसने लड़की को ईनाम दिया और अपने घर की ओर चल पड़ा. सारी रात वह चैन से सोया और अगले दिन राजदरबार जाकर उसने अकबर को पहेली का उत्तर दे दिया. बीरबल ने बिल्कुल सही पहेली बूझी थी. अकबर ख़ुश हो हुए. उन्होंने तारीफ़ के साथ ही बीरबल को ईनाम दिया || Translate in English Emperor Akbar was very fond of listening to riddles. He often talked in riddles and used to ask his courtiers to figure them out. One day, after the end of the court proceedings, he asked the courtiers a riddle, "Top lid down lid, mid-middle melon. I cut you with the knife, meaning tasu nahin duja. " No court could figure out this puzzle. Birbal had also heard this puzzle for the first time. He too did not understand its meaning. Akbar did not expect much from the courtiers. So he said to Birbal, "Birbal! You are far and wide famous for your wisdom. You must get an answer to this puzzle. Tell me what it means? " It was not possible for Birbal to answer immediately. He asked for a few days of deferment. After getting the delay, Birbal went out to find the answer to the riddle asked by Akbar. While wandering, he reached a village. It was getting dark. He was getting distraught with hunger and thirst. Therefore, seeing a house, he went inside it. There he saw a girl cooking on a stove in the courtyard. Birbal asked her, "Daughter! What are you doing?" "You see that I am cooking the daughter and I am burning the mother." The girl said. Birbal did not understand about the girl. He left that and asked, "Where is your father?" "They are mixing the soil with the soil." The girl answered. Birbal was not able to understand the girl's thoughts. He thought that his father seems to have gone somewhere. So he thought, let's ask his mother only. He asked, "Daughter!" Tell me, what is your mother doing? "She is doing one of two." The girl also did not give him a straight answer this time. In such a time, Birbal understood that this girl is definitely less in age, but no less than anyone in intellect. At the same time, the girl's parents also reached there. Birbal introduced himself to them. He paid obeisance to Birbal. Arranged his food. After having food, Birbal asked the girl, "All your things were in riddles. Now let me explain its meaning as well. " The girl said, "On the first question I told you that I am cooking the daughter and I am burning the mother." I said this because I was cooking arhar dal on the wood of arhar. Then on your second question I said that my father is mixing soil with soil. I said this because my father had gone to a person's funeral. In response to your third question, I said that my mother is doing two of one. I said this because my mother was a Dal Dal at that time. " Birbal was very impressed by the girl's talk. He understood that only this girl can answer the puzzle of Emperor Akbar which he has figured out. He told the girl that first and asked her to figure it out. The girl replied without delay, "It means that the earth and the sky are two caps." Humans living in them are melons. On death, he dies on his own, as the mother melts in the heat. " Birbal had found the answer to the riddle. He gave the girl a reward and walked towards her house. He slept all night and went to the court the next day and gave Akbar the answer to the riddle. Birbal figured out the perfect puzzle. Akbar was happy. He gave Birbal a prize with praise. || Story number #2 सड़क पर कितने मोड़ : अकबर बीरबल की कहानी | Akbar Birbal Stories In Hindi
फ़ारस के शहंशाह और बादशाह अकबर गहरे मित्र थे. अक्सर पत्र लिखकर वे एक-दूसरे का हाल-चाल पूछते रहते थे. पत्र में वे आमोद-प्रमोद की बातें, लतीफ़े और पहेलियाँ भी लिखते थे. पहेलियों का उत्तर सही मिलने पर वे एक-दूसरे को उपहार भी भेजा करते थे. लेकिन अकबर फ़ारस के शहंशाह के सामने शर्मिंदा नहीं होना चाहते थे. उन्हें किसी भी सूरत में इस प्रश्न का उत्तर देना ही था. उन्होंने टोडरमल को बुलवाया और कहा, "टोडरमल! तुम अभी तुरंत कुछ सैनिकों को लेकर निकल जाओ. तुम्हें हमारे पूरे साम्राज्य की सड़कों के मोड़ों की गणना करनी है. किसी भी सूरत में हमें ये काम पूरा करके दो." टोडरमल कुछ सैनिकों को लेकर तुरंत निकल गया. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी नहीं लौटा. इधर अकबर को चिंता सताने लगी कि ये कार्य टोडरमल कर पायेगा भी या नहीं? एक दिन बीरबल ने अकबर को चिंतित देखा, तो पूछ बैठा, "जहाँपनाह! क्या बात है? आप बड़े चिंतित लग रहे हैं? अकबर ने फ़ारस के शहंशाह के पत्र और उसमें पूछे गए प्रश्न के बारे में बीरबल को बताते हुए कहा, "बीरबल! हमने टोडरमल को राज्य की सभी सड़कों के मोड़ों की संख्या की गणना के लिए भेजा है. हमें उसकी ही प्रतीक्षा है. साथ ही ये चिंता भी कि वो ये काम पूरा करके लौटेंगा या नहीं." फ़ारस के शहंशाह के पूछे गए प्रश्न को जानकर बीरबल मुस्कुरा उठा और बोला, "जहाँपनाह! इस आसान से प्रश्न के लिए आपको टोडरमल को कहीं भी भेजने की आवश्यकता नहीं थी. मैं तो यही खड़े-खड़े ये बता सकता हूँ कि आपके राज्य की सड़कों पर कितने मोड़ हैं. यहाँ तक कि मैं तो ये भी बता सकता हूँ कि पूरी दुनिया की सड़कों में कितने मोड़ हैं." "बीरबल! तुम बिना गणना किये हमारे राज्य और दुनिया की सड़कों के मोड़ों की संख्या बता सकते हो. कैसे?" अकबर हैरत में पड़ गए. "जहाँपनाह! क्योंकि इसमें गणना की आवश्यकता ही नहीं है. दुनिया की सारी सड़कों के बस दो ही तो मोड़ होते हैं. एक दांया और दूसरा बांया." बीरबल (birbal) ने शांतभाव से उत्तर दिया. ये उत्तर सुनकर अकबर हँस पड़े, "अरे, हमने तो ये सोचा ही नहीं और टोडरमल को सड़कों के मोड़ों की गणना के लिए भेज दिया. बीरबल तुम वाकई अक्लमंद हो." अकबर ने बीरबल को इनाम में सोने का हार दिया और फ़ारस के शहंशाह के प्रश्न का उत्तर उन्हें भिजवा दिया || Translate in English The emperor and emperor of Persia was a close friend of Akbar. Often, they used to write letters and ask each other how they were going. In the letter, he used to write talks of jokes, jokes and puzzles. When the answer to the riddles was correct, they used to send gifts to each other. Once, the letter from the emperor of Persia was received by Akbar, in which he wrote and sent a question. The question was something like - "How many turns are there in the roads of your state?" Akbar got into thinking after reading the question. Their empire was spread far and wide. The number of roads in such a vast empire was also excessive. In such a situation it was an impossible task to calculate the turns of all roads. But Akbar did not want to be embarrassed in front of the emperor of Persia. He had to answer this question in any case. He called Todarmal and said, "Todarmal!" You immediately get out with some soldiers. You have to calculate the turns of the roads of our entire empire. In any case, let us complete this work. " Todarmal left immediately with some soldiers. But did not return even after several days passed. Here Akbar began to worry that whether he would be able to do this task or not" One day Birbal saw Akbar worried, then asked, "Jahanpanah! Wow? You look worried? Akbar told Birbal about the letter of the emperor of Persia and the question asked in it, "Birbal! We have sent Todarmal to calculate the number of turns of all the roads in the state. We are waiting for that only. At the same time, there is also a worry whether he will return after completing this work or not. " On knowing the question of the emperor of Persia, Birbal smiled and said, "Jahanpanah!" For this simple question you did not need to send to Todarmal anywhere. I can only tell this by standing how many turns are there on the roads of your state. Even I can tell you how many roads are there in the roads of the whole world. " "Birbal! You can calculate the number of roads in our state and the world without calculating. how?" Akbar was shocked "Jahanpahan!" Because there is no need of calculation in this. All the roads of the world have only two turns. One right and the other left. " Birbal answered calmly. Hearing this reply, Akbar laughed, "Hey, we did not even think of this and sent Todarmal to calculate the turns of the roads. Birbal, you are truly intelligent. " Akbar gave Birbal a gold necklace in reward and sent him the answer to the question of the emperor of Persia. Click here for more paheli and riddles दोस्तो अगर आप ढूंढ रहे है latest collection of Hindi Paheliyan with Answer, Hindi riddles, Paheliyan in Hindi with Answer, हिंदी पहेलियाँ उत्तर के साथ, Funny Paheli in Hindi with Answer, Saral Hindi Paheli with answers, Tough Hindi Paheliyan with Answer, Hindi Paheli, math riddles,fruit riddles, math paheli with Answer, math paheli, whatsapp paheli, whatsapp, riddles, Akbar Birbal story puzzles. |
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