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Tuesday, August 24, 2021

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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इस वर्ष शिक्षक पुरस्कारों हेतु नहीं होगा चयन, पढ़ाई न होने के चलते लिया गया निर्णय

Posted: 23 Aug 2021 06:14 PM PDT

इस वर्ष शिक्षक पुरस्कारों हेतु नहीं होगा चयन, पढ़ाई न होने के चलते लिया गया निर्णय


लखनऊ। शिक्षक दिवस (5 सितंबर ) पर इस बार परिषदीय और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को सम्मानित नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस बर्ष शिक्षक सम्मान समारोह न आयोजित करने का निर्णय किया है। 


बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रदेश के सभी शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एबं वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आबेदन मांगे थे। बेसिक शिक्षा विभाग में हर जिले से एक शिक्षक को सम्मानित किया जाना था।


 वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग में करीब 20 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। दोनों बिभागों में आवेदन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई और अंतिम चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच सरकार ने इस वर्ष शिक्षक सम्मान समायेह आयोजित न करने का निर्णय किया है। 


सरकार का मानना है कि शैक्षिक सत्र 2021-22 में कोरोना से अधिकांश समय स्कूल बंद रहे और शिक्षण कार्य भी बाधित रहा। कक्षा 1 से लेकर 12 तक में बिना परीक्षा के ही विद्यार्थियों को प्रोनत किया गया है। विद्यालयों में शिक्षण कार्य नहीं हुआ है, जबकि शिक्षक सम्मान की पहली अर्हता पठन-पाठन है। लिहाजा इस साल शिक्षक सम्मान समारोह नहीं करने का निर्णय लिया गया है। 


बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह ने बताया कि इस वर्ष शिक्षक सम्मान समारोह नहीं होगा। इसका आदेश जारी कर दिया है। वहीं उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि गत शैक्षिक सत्र में स्कूलों में पढ़ाई तो हुई नहीं है। शिक्षक सम्मान के चयन कौ प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। बीते वर्ष भी कोरोना के कारण शिक्षक सम्मान समारोह नहीं हुआ था।

राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित 73 शिक्षक एक वर्ष से पुरस्कार का कर रहे इंतजार

Posted: 23 Aug 2021 06:10 PM PDT

राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित 73 शिक्षक एक वर्ष से पुरस्कार का कर रहे इंतजार



लखनऊ। शैक्षिक सत्र 2019-20 में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित 73 शिक्षक एक वर्ष से पुरस्कार का इंतजार कर रहे हैं। गत वर्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के देहांत के कारण प्रदेश में शिक्षक सम्मान समारोह नहीं हो सका।


 इस वर्ष भी शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित नहीं होने से गत वर्ष पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों में मायूसी छा गई है। मुरादाबाद बरेली क्षेत्र से शिक्षक विधायक डॉ हरी सिंह ढिल्लो एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रदेश के राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों के लिए राजधानी लखनऊ में पूर्व की भांति समारोह पूर्वक पुरस्कार वितरण करने की मांग की है।

यूपी के 15 जिलों के परिषदीय विद्यालयों में चलेगा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम

Posted: 23 Aug 2021 05:58 PM PDT

यूपी के 15 जिलों के परिषदीय विद्यालयों में चलेगा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम



दिल्ली की तर्ज पर गोरखपुर समेत प्रदेश के 15 जिलों के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम चलेगा। चयनित जिलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। सफलता मिलने पर पूरे प्रदेश में लागू होगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने शिक्षकों के साथ बैठक कर पाठ्यक्रम की तैयारी पर कार्य शुरू कर दिया है।


■  इन जिलों में होगा लागू

गोरखपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, प्रयागराज, अमेठी, अयोध्या, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, झांसी व चित्रकूट


इसके लिए प्रदेश से 68 व जनपद से पांच शिक्षक चयनित किए गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से दिल्ली सरकार में हैप्पीनेस प्रोग्राम के अभिन्न अंग रहे श्रवण शुक्ल के अलावा परिषदीय विद्यालय के शिक्षक अभय कुमार पाठक, महेंद्र पटेल, अर्चना मालवीय तथा संतोष राव शामिल हैं। 

हैप्पीनेस पाठ्यक्रम खासतौर से तब चर्चा में आया जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मैलानिया ट्रंप ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल का दौरा कर हैप्पीनेस क्लास की जानकारी ली। उस दौरान मैलानिया के समक्ष विस्तृत प्रजेंटेशन गोरखपुर के शिक्षक श्रवण शुक्ल की टीम ने ही दिया था। हैप्पीनेस खुश रहने का पाठ्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम पांच मूल्यों के इर्द-गिर्द घूमता है। इन के मूल्यों में विश्वास, सम्मान, कृतज्ञता, ममता व स्नेह शामिल है।


NEP 2020: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कल NEP 2020 की प्रमुख पहलों का करेंगे शुभारंभ, पढ़ें विस्तार से

Posted: 23 Aug 2021 05:35 PM PDT

NEP 2020: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कल NEP 2020 की प्रमुख पहलों का करेंगे शुभारंभ, पढ़ें विस्तार से 


NEP 2020 शिक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि एनईपी 2020 की एक वर्ष की उपलब्धियों पर एक पुस्तिका और एनसीईआरटी का एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर भी लॉन्च किया जाएगा। एनईपी प्रमुख पहलों का शुभारंभ कल सुबह 10:15 बजे लाइव प्रसारित किया जाएगा।


NEP 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कल 24 अगस्त 2021 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की प्रमुख पहलों का शुभारंभ करेंगे। प्रमुख पहल के हिस्से के रूप में, शिक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि एनईपी 2020 की एक वर्ष की उपलब्धियों पर एक पुस्तिका और एनसीईआरटी का एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर भी लॉन्च किया जाएगा। 


एनईपी प्रमुख पहलों का शुभारंभ कल सुबह 10:15 बजे लाइव प्रसारित किया जाएगा। यह कार्यक्रम YouTube और शिक्षा मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर भी लाइव होगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके जानकारी दी गई है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीईआरटी के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर 2021-22 में सिलेबस या टेक्सटबुक से लिए गए लर्निंग आउटकम, विषयों और अध्यायों के संदर्भ में दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण गतिविधियों की सप्ताहवार योजना शामिल होगी। 

लॉन्च का सीधा प्रसारण कल 24 अगस्त को सुबह 10:15 बजे किया जाएगा। समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल (NIPUN) भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि देश में प्रत्येक बच्चा अनिवार्य रूप से कक्षा 3 के अंत तक, 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त कर ले। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा मंत्री कल राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) में दीक्षा (DIKSHA) और वर्चुअल स्कूल पर संसाधनों का भी उद्घाटन करेंगे।


विभाग ने इसे लचीला और सहयोगी बनाने के लिए कार्यान्वयन भागीदारों, विशेषज्ञों के साथ गहन परामर्श की एक श्रृंखला के माध्यम से, निपुन भारत के तहत एक व्यापक दिशानिर्देश विकसित किया है। इसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तरों पर एक कार्यान्वयन तंत्र को प्रभावी ढंग से स्थापित करने के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के साथ-साथ प्रशासनिक पहलुओं के प्रमुख तकनीकी पहलुओं को शामिल किया गया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई माह में देश भर में शिक्षा क्षेत्र में नीति निर्माताओं, छात्रों, शिक्षकों को संबोधित किया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

आज से खुलेंगे छह से आठवीं तक के स्कूल, इन निर्देशों का ध्यान रखना होगा जरूरी

Posted: 23 Aug 2021 05:22 PM PDT

आज से खुलेंगे छह से आठवीं तक के स्कूल, इन निर्देशों का ध्यान रखना होगा जरूरी


करीब छह महीने बाद कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए मंगलवार से स्कूल खुलने जा रहे हैं। सभी बच्चों को अभिभावकों का सहमतिपत्र साथ लाना होगा। विद्यालय में कोविड-19 से बचाव संबंधी निर्देशों का भी पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। बिना मास्क के बच्चों व शिक्षकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 



शासन से जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालय में आने वाले रसोइया व उनके परिवार के सदस्यों को कोविड-19 से संक्रमित न होने से संबंधी घोषणपत्र देना होगा। विद्यार्थियों व स्टाफ को भी स्कूल में प्रवेश के दौरान सैनिटाइज करने वह हाथ धुलवाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। सभी रसोइयों का टीकाकरण अनिवार्य है। मिड डे मील के वितरण के दौरान सभी बच्चों को निर्धारित दूरी पर बैठाना होगा।  जो विद्यालय दो पालियों में चल रहे हैं (8 से 11 व 11:30 से 2:30 बजे तक) वहां मिड डे मील 11 बजे से 11:30 बजे के बीच एक साथ दें।


🛑 आज 24  अगस्त  2021 से
🛑 बच्चों के लिए खुल रही 6 से 8 कक्षाएं
🛑 शिक्षक क्या करें, क्या न करें!
🛑 क्लिक करके देखें 👇


📌 परिषदीय विद्यालय पुनः संचालन के सम्बन्ध में बच्चों की उपस्थिति तथा व्यवहार के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश जारी, देखें


📌 परिषदीय विद्यालयों के भौतिक संचालन में एमडीएम की व्यवस्था के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी, देखें

 

📌 कोविड-19 के कारण बन्द कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को खोलने हेतु दिशा निर्देश जारी करने के सम्बन्ध में
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मिशन शक्ति : विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में ‘चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो’ अभियान

Posted: 23 Aug 2021 05:11 PM PDT

मिशन शक्ति : विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 'चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो' अभियान


लखनऊ : महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन का अभियान शुरू हो गया है। उच्च शिक्षा विभाग छात्रओं को 'चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो' अभियान के तहत परामर्श भी देगा। मिशन शक्ति अभियान दिसंबर माह तक चलना है, जिसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए शासन व निदेशालय से लेकर जिले स्तर तक नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।




प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति पर विशेष जोर है। 2020 के शारदीय नवरात्र व 2021 के वासंतिक नवरात्र में दो चरण संचालित हो चुके हैं, अब तीसरा चरण शुरू हुआ है। इसी माह विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों व शिक्षकों को बदलाव अभिकर्ता के रूप में चिन्हित करके दो अक्टूबर को उन्हें सम्मानित किया जाएगा। 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर संस्थानों में एजेंट्स आफ चेंज के कार्यो का प्रदर्शन होगा। छात्रओं को चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो के तहत परामर्श देने के लिए महिला अध्यापिकाएं नामित की जाएंगी। इस कार्य के लिए एनजीओ व मनोचिकित्सक का भी सहयोग लिया जाएगा।


बनेंगे बालिका हेल्थ क्लब : प्रदेश के महिला महाविद्यालयों में हेल्थ क्लब बनेंगे व सहशिक्षा वाले महाविद्यालयों में बालिका हेल्थ क्लब गठित होंगे, जिनमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से छात्रओं को प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हर विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में छात्रओं का अगस्त से दिसंबर के बीच स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा। पुलिस विभाग के सहयोग से जिले में महिला सुरक्षा व क्राइम पर जागरूकता अभियान चलेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में माह में एक बार महिला रोल माडल के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा।


लैंगिक समानता व स्वास्थ्यवर्धन : संस्थानों में सितंबर व दिसंबर के पहले शनिवार को लैंगिक समानता, बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन व पोषण के प्रति जागरूकता के लिए वेबिनार, व्याख्यानमाला तथा निबंध व पोस्टर प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। दूसरे शनिवार को महिला सुरक्षा के लिए महिला हेल्पलाइन, साइबर क्राइम, पाक्सो एक्ट, लैंगिक ¨हसा, दहेज कुप्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू ¨हसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न आदि प्रचलित कानूनों की जानकारी दी जाएगी। आत्मसुरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।


इसी तरह तीसरे शनिवार को विश्वविद्यालय के महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ की ओर से विषय विशेषज्ञों के सहयोग से शिक्षकों को जानकारियां दी जाएंगी। संस्थानों में छात्र व अभिभावक बालिका सुरक्षा की शपथ लेंगे।

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