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Thursday, August 26, 2021

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खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना नेता जी की रैली में क्यूं नहीं जाते कोरोना

Posted: 26 Aug 2021 02:14 AM PDT

खुलते मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना नेता जी की रैली में क्यूं नहीं जाते कोरोना

कोरोना महामारी के चलते देश भर में मार्च 2020 से स्कूल बंद हैं, हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। कोरोना के इस दौर में जब-जब स्कूल खोलने की डिमांड उठती है, तब-तब कोरोना महामारी का हवाला दिया जाने लगता है। वहीं, चुनावों में नेताओं की रैलियों में कोरोना का कोई असर नहीं दिखाई देता है। इन्हीं सबको एक गाने 'खुलते मेरा स्कूल आ जाते हो कोराना…' में पिरोया है, तीसरी क्लास में पढ़ने वाले 8 साल के स्टूडेंट रौनक रतन ने। रौनक का ये गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।


बेटे की सिचुएशन देखकर पिता ने लिखा गाना बिहार के ताजपुर फुलवरिया गांव में रहने वाले रौनक के पिता रत्नेश रतन प्रोफेशनल भोजपुरी सिंगर हैं। वे कई भोजपुरी गाने लिख और गा चुके हैं। रत्नेश कहते हैं 'कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो हमेशा रौनक पूछता रहता था कि पापा स्कूल कब खुलेंगे। मैं अक्सर देखता रहा कि नेताओं की रैलियां हो या चुनाव, वहां कोरोना नहीं होता। लेकिन स्कूल खुलने के नाम पर कोरोना फैलने लगता है। इसी को देखकर मैंने यह गाना लिखा, जिसे रौनक ने गाया और देखते ही देखते ये गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।'

Coronavirus: कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर डराया, एक ही दिन में बढ़े 12 हजार नए केस

Posted: 25 Aug 2021 09:00 PM PDT

कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर डराया

कोरोना के मामलों में फिर तेजी आई है. मंगलवार को देश में करीब 25 हजार नए केस सामने आए थे लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा बढ़कर 37 हजार के पार चला गया. कोरोना के कारण होने वाली मौत में भी अचानक तेजी देखने को मिली है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 37,593 नए मामले सामने आए. वहीं इस दौरान 648 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना के तीन करोड़ 25 लाख 12 हजार 366 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 4 लाख 35 हजार 758 लोगों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है.

अफगानिस्तान से लौटे 16 लोग पॉजिटिव अफगानिस्तान से आए 78 लोगों में से 16 लोग पॉजिटिव पाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने आप को क्वारंटीन कर लिया है, जिन 3 लोगों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब लिया हुआ था वो भी पॉजिटिव हैं. सबसे पहले बाहर निकले गुरुदास, धर्मेंद्र सिंह के संपर्क में भी कई मीडिया कर्मी आए थे. मालूम हो कि मंगलवार को AI 1956 दुशान्बे से दिल्ली की ओर 78 यात्रियों को लेकर लौटा था. जिसमें 25 भारतीय नागरिक भी शामिल थे. इन लोगों को भारतीय वायु सेना के विमान में काबुल से लोगों को निकाला गया था.

देशभर के कुल नए कोरोना मामलों का 87.1 फीसदी हिस्सा सिर्फ 5 राज्यों से है, जिसमें से अकेले केरल में 64.63 फीसदी नए केस दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा मामलों वाले राज्यों की बात करें तो केरल में 24,296 कोरोना मामले, महाराष्ट्र में 4,355, तमिलनाडु में 1,585, कर्नाटक में 1,259 आंध्र प्रदेश में 1,248 मामले सामने आए हैं.

तीन महीने में पहली बार इतने केस केरल में 26 मई के बाद यह पहली बार है जब एक दिन में सामने आए कोरोना संक्रमण के नए मामलों की संख्या 24 हजार से अधिक रही है. 26 मई को केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के 28,798 नए मामले सामने आए थे. केरल के आंकड़ों को देखें तो राज्य में 29 मई के बाद 27 जुलाई को संक्रमण के नए मामलों की संख्या 20 हजार से अधिक रही थी जब 22,129 नए मामले सामने आए थे.

जन्माष्टमी घर में चुपचाप यहाँ छुपा दे एक लौंग फिर देखे चमत्कार बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा

Posted: 25 Aug 2021 08:48 PM PDT

जन्माष्टमी घर में चुपचाप यहाँ छुपा दे एक लौंग फिर देखे चमत्कार बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा

जन्माष्टमी घर में चुपचाप यहाँ छुपा दे एक लौंग फिर देखे चमत्कार बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा: हिंदू पंचांग भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भाद्रपद महीना और रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि इन्हीं नक्षत्रों में मनाया जाता है भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव. इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जा रही है। सावन के बाद आने वाले इस महीने में हरछठ जिस दिन बलराम का जन्म हुआ था मनाया जाता है। इसके बाद जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।

लौंग: लौंग का प्रयोग टोने -टोटके करने के लिए हमेशा प्रयोग में लाया जाता है। लौंग से जुड़ा ये एक छोटा सा उपाय बहुत ही आसानी से आपका काम कर देगा। जन्माष्टमी के दिन रात में भगवान कृष्ण की पूजा से पहले उनकी मूर्ति के नीचे सिर्फ एक लौंग को छुपा दें और जब पूजा के समय भगवान की आरती करें तो दीपक में 2 लौंग डाल दे। ऐसा करने से सारे बिगड़े काम आसानी से पूरे हो जाते है। साथ ही घर में धन की वर्षा भी होती है।

जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखने के साथ ही भजन-कीर्तन और विधि-विधान से पूजा करते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय रात 12 बजे अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र था। अष्टमी तिथि 29 अगस्त दिन रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी, जो कि 30 अगस्त को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।

Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी न करे ये 5 काम, नहीं तो हो जाएंगा अनर्थ

Posted: 25 Aug 2021 08:38 PM PDT

Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी न करे ये 5 काम, नहीं तो हो जाएंगा अनर्थ

इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021 को मनाया जा रहा है। हालांकि, पंचाग के अनुसार जन्माष्टमी इस बार 30 अगस्त 2021 को पड़ रहा है, लेकिन धार्मिक मान्यता के मुताबिक भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव इस बार एक दिन पहले यानि की 30 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी, श्री कृष्ण को समर्पित एक बहुत ही बड़ा पर्व है जिसे उनके भक्त पूरी श्रद्धा, उमंग और उत्साह से मनाते हैं। इस दिन जहां लोग भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा करते हैं वहीं कुछ बातें ऐसी भी हैं जिनका जन्माष्टमी पर ख़ास ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं इस दिन किन चीज़ों को करना वर्जित माना गया है।

न करें ये काम 1. जन्माष्टमी पर भूलकर भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। कहते हैं माता तुलसी विष्णु जी से विवाह करना चाहती थीं। विष्णु जी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तुलसी जी ने कठोर तपस्या भी की थी। हालांकि, तुलसी के पत्ते विष्णु जी की पूजा में चढ़ाए जाते हैं इसलिए एक दिन पहले ही आप तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख सकते हैं।

2. भगवान कृष्ण के लिए उनके सभी भक्त एक समान ही हैं चाहे अमीर हो या फिर गरीब। सुदामा, जो उनके सबसे करीबी दोस्तों में से एक थे वह बहुत ही गरीब थे किन्तु फिर भी वह श्री कृष्ण को बहुत ही प्रिय थे। इसलिए किसी भी गरीब का अपमान करना श्री कृष्ण को अप्रसन्न कर सकता है। गरीबों का अपमान करने से केवल श्री कृष्ण ही नहीं बल्कि शनि देव भी क्रोधित होते हैं, ख़ास तौर पर जन्माष्टमी के दिन। इसलिए भूलकर भी किसी निर्धन का दिल न दुखाएं। हो सके तो जन्माष्टमी पर गरीबों में अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।

3. जन्माष्टमी पर पेड़ों को काटना भी अशुभ माना गया है। इस दिन हमें उतने पेड़ लगाने चाहिए जितने हमारे परिवार के सदस्य हैं। इससे घर और परिवार में सुख और शांति बनी रहती है, साथ ही ढेरों खुशियां भी आती है। महाभारत के आठवें अध्याय में श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि वह हर चीज़ में वास करते हैं और हर चीज़ उनमें वास करती है इसलिए जन्माष्टमी पर हमें किसी को भी नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।

4. इस दिन मांसाहारी भोजन खाना वर्जित माना गया है। पूरे चतुर्मास के दौरान मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। चतुर्मास पूरे चार माह का होता है यह समय भगवान विष्णु की निद्रा का समय होता है और उनकी अनुपस्तिथि में भगवान शिव उनकी सभी ज़िम्मेदारियां उठाते हैं। जन्माष्टमी पर शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

5. इस दिन गायों का अपमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि गाय भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय थी। ऐसी मान्यता है कि जो भी गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होता है। वहीं दूसरी ओर गायों का अपमान करने वाले को कृष्ण कभी माफ़ नहीं करते हैं। जन्माष्टमी पर गौशाले में दान करना चाहिए। इसके अलावा किसी भी घायल गाय की सेवा कर उसे भोजन कराने से श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा है अद्भुत संयोग, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Posted: 25 Aug 2021 08:48 PM PDT

कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा है अद्भुत संयोग, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

इस साल जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। इसलिए भगवान के भक्त रात 12 बजे ही उनका जन्मोत्सव मनाते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। ग्रहों के विशेष संयोग के कारण इस साल की जन्माष्टमी बहुत खास मानी जा रही है।

बन रहा विशेष संयोग- शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी। इसके अलावा वृषभ राशि में चंद्रमा संचार करेगा। इस दुर्लभ संयोग के कारण जन्माष्टमी का महत्व और बढ़ रहा है। मान्यता है कि इस दौरान सच्चे मन से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

दुर्लभ संयोग में पूजा के फायदे ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) पर बन रहे दुर्लभ संयोग में व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि अद्भुत संयोग में कृष्ण भगवान (Bhagwan Krishna) की विधि विधान से पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है तथा भक्तों को भगवत की कृपा प्राप्त होती है।

प्रेत योनि से मिलती है मुक्ति ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जो लोग कई जन्मों से प्रेत योनि में भटक रहें हैं इस दुर्लभ संयोग में उनके लिए पूजा करने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है। इस संयोग में वासुदेव कृष्ण (Bhagwan Krishna) के पूजन से सिद्धि प्राप्त होती है और हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति भी मिल जाती है।

जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त- 29 अगस्त की रात 11 बजकर 25 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि 31 अगस्त की रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से लगेगा, जो कि 31 अगस्त की सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा।

पूजा का अभिजीत मुहूर्त- जन्माष्टमी के दिन अभिजीत मुहूर्त 30 अगस्त की सुबह 11 बजकर 56 मिनट से देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र जन्म की कहानी

Posted: 25 Aug 2021 08:25 PM PDT

Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र जन्म की कहानी

Janmashtami – Story of Lord Krishna मानव जीवन सबसे सुंदर और सर्वोत्तम होता है. मानव जीवन की खुशियों का कुछ ऐसा जलवा है कि भगवान भी इस खुशी को महसूस करने समय-समय पर धरती पर आते हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने भी समय-समय पर मानव रूप लेकर इस धरती के सुखों को भोगा है. भगवान विष्णु का ही एक रूप कृष्ण जी का भी है जिन्हें लीलाधर और लीलाओं का देवता माना जाता है

कृष्ण को लोग रास रसिया, लीलाधर, देवकी नंदन, गिरिधर जैसे हजारों नाम से जानते हैं. कृष्ण भगवान द्वारा बताई गई गीता को हिंदू धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ और पथ प्रदर्शक के रूप में माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) कृष्ण जी के ही जन्मदिवस के रूप में प्रसिद्ध है.

When is Janmashtami 
मान्यता है कि द्वापर युग के अंतिम चरण में भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसी कारण शास्त्रों में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन अर्द्धरात्रि में श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी मनाने का उल्लेख मिलता है. पुराणों में इस दिन व्रत रखने को बेहद अहम बताया गया है. इस साल जन्माष्टमी (Janmashtami) 30 अगस्त को मनाई जाएगी.

कृष्ण जन्मकथा श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था. कंस ने अपनी मृत्यु के भय से अपनी बहन देवकी और वसुदेव को कारागार में कैद किया हुआ था. कृष्ण जी जन्म के समय घनघोर वर्षा हो रही थी. चारो तरफ़ घना अंधकार छाया हुआ था. भगवान के निर्देशानुसार कुष्ण जी को रात में ही मथुरा के कारागार से गोकुल में नंद बाबा के घर ले जाया गया.

नन्द जी की पत्नी यशोदा को एक कन्या हुई थी. वासुदेव श्रीकृष्ण को यशोदा के पास सुलाकर उस कन्या को अपने साथ ले गए. कंस ने उस कन्या को वासुदेव और देवकी की संतान समझ पटककर मार डालना चाहा लेकिन वह इस कार्य में असफल ही रहा. दैवयोग से वह कन्या जीवित बच गई. इसके बाद श्रीकृष्ण का लालन–पालन यशोदा व नन्द ने किया. जब श्रीकृष्ण जी बड़े हुए तो उन्होंने कंस का वध कर अपने माता-पिता को उसकी कैद से मुक्त कराया.
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया जमुना के तट पे विराजे हैं
मोर मुकुट पर कानों में कुण्डल कर में मुरलिया साजे है

जन्माष्टमी में हांडी फोड़ श्रीकृष्ण जी का जन्म मात्र एक पूजा अर्चना का विषय नहीं बल्कि एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस उत्सव में भगवान के श्रीविग्रह पर कपूर, हल्दी, दही, घी, तेल, केसर तथा जल आदि चढ़ाने के बाद लोग बडे हर्षोल्लास के साथ इन वस्तुओं का परस्पर विलेपन और सेवन करते हैं. कई स्थानों पर हांडी में दूध-दही भरकर, उसे काफी ऊंचाई पर टांगा जाता है. युवकों की टोलियां उसे फोडकर इनाम लूटने की होड़ में बहुत बढ-चढकर इस उत्सव में भाग लेती हैं. वस्तुत: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत केवल उपवास का दिवस नहीं, बल्कि यह दिन महोत्सव के साथ जुड़कर व्रतोत्सव बन जाता है.

नोट कर लें पूजा विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट 30 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी

Posted: 25 Aug 2021 08:16 PM PDT

30 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी

Krishna Janmashtami 2021: भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस साल 30 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात्रि में हुआ था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा- अर्चना रात्रि में ही की जाती है। आइए जानते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट..

पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
  • लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
  • लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
  • अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
  • इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
  • रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
  • लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
  • लड्डू गोपाल की आरती करें।
  • इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

सामग्री की पूरी लिस्ट- खीरा, दही, शहद, दूध, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, पंचामृत, बाल कृष्ण की मूर्ति, सांहासन, गंगाजल, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत, माखन, मिश्री, भोग सामग्री, तुलसी का पत्ता

करें ये आरती-


आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की..॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की..॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की..॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

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