दिव्य रश्मि न्यूज़ चैनल |
- डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए विभूतियों
- कोविड19 जागरूकता रथ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आमजनों को किया जा रहा है जागरूक जहांगीर कव्वाल कव्वाली के जरिए लोगों को कर रहे हैं जागरूक
- 3 दिसम्बर 2021, शुक्रवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? क्या है आप की राशी में विशेष ? जाने प्रशिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. प्रेम सागर पाण्डेय से |
- बिहार में मिला देश का सबसे बड़ा सोना भंडार, जानिए अब कौन सा शहर राज्य को करेगा मालामाल
- 2446 दरोगा की बहाली पर रोक, एचसी का आदेश, पढ़ें पूरा मामला
- आस्था के अनुरूप अयोध्या-अभिव्यक्ति
- केशव मौर्य का मथुरा कार्ड
- छत्तीसगढ़ में भाजपा की तैयारी
- ओमिक्राॅन को लेकर योगी सचेत
- 27 देशों तक पहुंचा ओमिक्राॅन
- कोरोना रिपोर्ट बदलवाकर ट्रम्प ने की थी डिबेट
- चीन ने जिगरी दोस्त को दिया धोखा
- यूक्रेन को लेकर पुतिन की नाटो को चेतावनी
- ऊर्जा संरक्षण जागरूकता के लिए आयोजित राज्यस्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन सैकड़ों छात्रों ने लिया हिस्सा
- रेलवे का मुद्रीकरण एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम हो सकता है
- हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करें और न्यायालयीन संघर्ष करें ! - श्री. प्रशांत संबरगी, चित्रपट निर्माता
- हंसते हुए
- गुलशन
- मद, मोह और अहंकार से परे व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता है मुक्ति-डॉक्टर प्रभाकर त्रिपाठी
- हिंद के जवान
- जमशेदपुर पुलिस को मिली सफलता कई मामलो का बांछित अपराधी गिरफ्तार |
- चंदन मिश्र हिंदुस्तान (दैनिक) में दूसरी पारी की शुरुआत करेंगे
- क्यों बिहार में शराब देवी-देवता की तरह दिखती तो कहीं नहीं, लेकिन मिलती है हर जगह!
- दरभंगा में खुला देश का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र, जन्मकुंडली, हस्तरेखा व राशिफल देख होता है बीमारी का इलाज
- बिहार का नया आंखफोड़वा कांड, पहले 24 की गई रोशनी, अब आंख निकलवाने कतार में लगे लोग
डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए विभूतियों Posted: 02 Dec 2021 07:19 AM PST डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए विभूतियोंहमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम इमेजिका वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का आयोजन यूथ होस्टल, पटना में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशेष सचिव विकास वैभव थे। समाजसेवी, कलाकार, पत्रकार, शिक्षाविद, राजनेता, गायक समेत कई क्षेत्र से जुड़े लोग में अभियंता विजय कुमार, माधुरी सिन्हा , प्रेम कुमार, अनुराग समरूप, डा. आर के गुप्ता, मोनिका सिन्हा, मौसम शर्मा, सागरिका चौधरी, राजन कुमार, रवि रंजन, गुरमीत, अभिषेक, रोमी, लक्ष्मी सिंह, सुशील, सौरभ सिंह, रजनीश राजपूत, डा० अर्चना त्रिपाठी, राजेश राज, प्रीति प्रिया, अमृता धीमान, स्वाति, निकिता सिंह, मनीषा मिश्रा, आकांक्षा जॉन, मनीषा जी, प्रेम रंजन,रवीन्द्र सिन्हा, शत्रुध्न प्रसाद, नीलम कर्ण, आशीष कुमार, राज रंजन, डा. कुणाल अहमद, प्रदीप्तो मुखर्जी, डा. कुमार निशांत, विजय प्रताप कुश्वाहा, प्रदीप उपाध्याय, डा. राकेश रंजन, बसंत सिन्हा, सतीश के दास, गौतम दता, सुरेश मिश्रा, राजेश मिश्रा, शांभवी आर्या, सनी दुबे, दीपक राय, रेणु और रिक्की महान समेत कई अन्य लोगों को सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर इमेजिका वेलफेयर फाउंडेशन की संयुक्त सचिव सोनिया सिंह ने बताया कि समाज में काम कर रहे विभिन्न क्षेत्र के लोगों को इमेजिका वेलफेयर फाउंडेशन ने सम्मानित करने का काम किया है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था वर्ष 2018 से 250 से 300 लोगों को हर रविवार को गेट नंबर 12 गांधी मैदान में जरूरतमंद लोगों को खाना बांटने का काम करता आ रहा है। समाज में जो भी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं उनकी संस्था समय-समय पर उन्हें सम्मानित करती रही है। इमेजिका के सचिव डॉ राकेश रंजन ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है । हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 06:58 AM PST कोविड19 जागरूकता रथ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आमजनों को किया जा रहा है जागरूक जहांगीर कव्वाल कव्वाली के जरिए लोगों को कर रहे हैं जागरूककोविड 19 टीकाकरण और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो पटना द्वारा बिहार के 18 जिलों में जागरूकता रथ चलाया जा रहा है। इसी क्रम में आज मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में जागरूकता रथ चलाया गया। ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा एवं विभागीय कलाकार आरती झा की मौजूदगी में आज बसौली पंचायत स्थित मोरनिस्फ गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए। लोगों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने कहा कि इस जागरूकता रथ और सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कोविड19 टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करना और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अभी तक टिका नहीं लिया है, वैसे लोगों को लक्षित करने के लिए और जहां पर टीकाकरण न्यूनतम रहा है, वैसे लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं जागरूकता रथ, लोगों को जागरूक करने का एक सशक्त माध्यम है। इससे लोगों को सीधा संदेश प्रभावी तरीके से दिया जा रहा है। कोविड-19 के तीसरी लहर को देखते हुए इस तरीके के जागरूकता कार्यक्रमों के दूरगामी प्रभाव देखने को बिहार में मिलेंगे। कुढ़नी प्रखंड के राजकीय इंटर कॉलेज में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां स्कूल के छात्र-छात्राएं और शिक्षक मौजूद थे। मौके पर स्कूल के सह प्राचार्य रामप्रवेश कुमार, भौतिकी के शिक्षिका नूतन कुमारी, राजनीति विज्ञान के शिक्षक प्रवीन कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे। दोनों कार्यक्रम स्थलों पर आमजनों को 2 गज की दूरी अपनाने, बार-बार हाथ धुलने और मास्क पहनने जैसी आवश्यक कोविड-19 नियमों के पालन करने की बात कही गई। इसके साथ ही लोगों से कोविड-19 टीकाकरण करवाने को भी जागरूक किया गया। मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दल दरभंगा के जहांगीर कव्वाल एवं नूरजहां की टीम ने कोविड-19 टीकाकरण से जुड़े कई कव्वाली प्रस्तुत किए। कव्वाली के माध्यम से ही उन्होंने लोगों को कोविड-19 टीकाकरण और कोविड-19 नियमों के बारे में लोगों को जागरूक किया। कव्वाली के संदेशों को सुन लोगों ने बहुत सराहा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), पटना द्वारा 22 नवंबर को राज्य के 18 जिलों के लिए 7 जागरूकता रथों को रवाना किया गया था। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क तथा जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने हरी झंडी दिखा कर इन रथों को रवाना किया था। कोविड 19 टीकाकरण एवं अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु चलाए जा रहे जागरूकता रथ को मुख्य रूप से अल्पसंख्यक, नक्सल प्रभावित, सीमावर्ती, एस्पीरेशनल जिलों में तथा जहां कम टीकाकरण हुए हैं, वहां चलाया जा रहा है। मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के द्वारा लगभग 140 जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। जिन 18 जिलों में जागरूकता रथ और सांस्कृतिक दलों के कार्यक्रम हो रहे हैं, उनमें औरंगाबाद, अरवल, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल, अररिया, कैमुर, रोहतास, खगड़िया, कटिहार, किशनगंज, लक्खीसराय, शेखपुरा और जमुई शामिल हैं।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 04:28 AM PST श्री गणेशाय नम: !! |
बिहार में मिला देश का सबसे बड़ा सोना भंडार, जानिए अब कौन सा शहर राज्य को करेगा मालामाल Posted: 02 Dec 2021 04:16 AM PST बिहार में मिला देश का सबसे बड़ा सोना भंडार, जानिए अब कौन सा शहर राज्य को करेगा मालामालजमुई (हिफी न्यूज)। अक्सर गरीब राज्य कहा जाने वाला बिहार अब जल्द मालामाल होने वाला है. दरअसल बिहार के जमुई जिले के सोनो प्रखंड के करमटिया इलाके में सोने का देश का सबसे बड़ा भंडार है. यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि केंद्रीय खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने खुद इस बात पर मुहर लगा दी है. प्रहलाद जोशी ने खुलासा किया है कि जमुई में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है. अकेले 44 प्रतिशत सोना जमुई जिले के सोनो इलाके में है. अब ऐसे में इस बात पर मुहर लग जाने के बाद इस इलाके के लोगों का खुश होना तो लाजिमी है. इस शानदार खबर के बाद इस इलाके के लोग खुशी में झूम रहे हैं. यहां के स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है कि अब सिर्फ यहां के लोग नहीं बल्कि पूरा बिहार मालामाल होगा. अब जल्द ही यहां सोने का खनन शुरू होगा। देश का 44 प्रतिशत सोना करमटिया इलाके में मिलने से इस इलाके के लोगों में खुशी है. चुरहेत गांव के सुधाकर कुमार सिंह और पुनीत कुमार सिंह ने बताया कि वे लोग छोटी सी उम्र से ही यह देखते आ रहे हैं कि यहां 8 किलोमीटर की परिधि में मिट्टी में चमकीले खनिज पाए जाते हैं जो सोना है. वहीं महेश्वरी गांव के दीपक सिंह ने बताया कि यहां पहले सर्वेक्षण के लिए कोलकाता की टीम 15 साल पहले आई थी तब सोना के साथ और भी दूसरे खनिज मिलने की बात कही गई थी. अब सरकार ने जब यह कहा है कि यहां सोना का भंडार है तो खनन होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा, साथ ही बिहार और जमुई समृद्ध होगा। दरअसल जमुई जिले का सोनो प्रखंड के चुरहेत पंचायत का करमटिया इलाका कई दशकों से स्वर्ण भंडार को लेकर चर्चा में रहा है. यहां के लोग बताते हैं कि बहुत पहले से यहां के मिट्टी में सोने के छोटे-छोटे टुकड़े पाए जाते थे. बहुत पहले लोग करमटीया इलाके के मिट्टी को नदी के पानी में धोकर छानते हुए सोना निकाल लेते थे, जिस कारण ही लगभग 15 साल पहले सरकार की एजेंसी के लोग यहां आए थे और महीनों रहकर सर्वेक्षण का काम हुआ था. बताया जा रहा है कि उसी सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि जमुई जिले के सोनो प्रखंड के इसी करमटिया इलाके में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है, यहां 44 प्रतिशत सोना पाये जाने की बात कही जा रही है। बता दें, जमुई जिले के सोनो के अलावा अन्य प्रखंडों में भी कई तरह के खनिज अयस्क पाए पाए जाते हैं, जिसमें अभ्रक के अलावा गोमेद समेत कई कीमती पत्थर भी शामिल हैं. ऐसी स्थिति में बताया जा रहा है कि 15 साल पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के लोगों के सर्वेक्षण के बाद खुदाई महंगी होने के कारण फिर से शुरू नहीं हो पाई. लेकिन, आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब खुदाई पहले की अपेक्षा सस्ती होने लगी है तो अब संभावनाएं भी दिख रही हैं कि यहां जल्द सोने का खनन शुरू हो सकता है।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
2446 दरोगा की बहाली पर रोक, एचसी का आदेश, पढ़ें पूरा मामला Posted: 02 Dec 2021 04:06 AM PST 2446 दरोगा की बहाली पर रोक, एचसी का आदेश, पढ़ें पूरा मामलापटना बिहार में दारोगा की बहाली पर रोकरू पटना हाईकोर्ट ने राज्य में 2446 दरोगा की बहाली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि बहाली नहीं हुई है तो यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. जस्टिस पीबी बजनथरी ने सुधीर कुमार गुप्ता और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार राज्य सबोर्डिनेट पुलिस सर्विस कमीशन से इस पूरे मामले में जवाब तलब भी किया है .कोर्ट को यह बताया गया है कि 268 ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने प्रारंभिक मुख्य और शारीरिक परीक्षा में सफलता हासिल की लेकिन बाद में उन्हें सफलता की सूची से बाहर कर दिया गया। एडवोकेट दीनू कुमार ने बताया कि 1 अगस्त 2021 को प्रकाशित मेरिट लिस्ट में इन सभी 268 उम्मीदवारों का नाम था .इस समय कट ऑफ मार्क्स 75.8 रहा लेकिन बाद में सूची जारी हुई उसमें कट ऑफ 75 था लेकिन इनके नाम सूची में नहीं थे। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से इस पूरे मामले में वकील कुणाल तिवारी ने अपना पक्ष रखा. कुणाल तिवारी की मानें तो हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि जिन पदों पर अभी बहाली हो गई है उसे छोड़कर अब अन्य पदों पर बहाली रोक दी जाए. कुणाल तिवारी ने बताया कि जिस बात को लेकर याचिका दायर की गई थी उसको लेकर आयोग की वेबसाइट पर पहले से एक नोटिफिकेशन अपलोड किया हुआ है. इसमें इस बारे में आयोग ने अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया है।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
आस्था के अनुरूप अयोध्या-अभिव्यक्ति Posted: 02 Dec 2021 04:02 AM PST आस्था के अनुरूप अयोध्या-अभिव्यक्ति(डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) अयोध्या जी के प्रति भारत ही नहीं दुनिया के अनेक देशों की आस्था है किंतु पहले इस गरिमा के अनुरूप यहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। विगत साढ़े चार वर्ष में अयोध्या जी का माहौल अनुकूल हुआ है। पांच शताब्दी बाद श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ हुआ। इसके पहले भव्य दीपोत्सव के वैश्विक कीर्तिमान स्थापित हुए। दुनिया में नए सिरे से अयोध्या की चर्चा होने लगी है। योगी आदित्यनाथ ने संन्यास व समाज सेवा का समन्वय स्थापित किया है। यह उनकी जीवन शैली है। समाज सेवा व मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये। पैंतालीस विकास व जनकल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश को शीर्ष पर पहुंचा दिया। संन्यास व आस्था के विषय में उनका अलग रूप परिलक्षित होता है। वैसे वह आस्था के विषयों को भी विकास से जोड़ देते है। तीर्थ स्थलों के विकास इसके प्रमाण है। वह राजनीति को ध्यान में रख कर आस्था की अभिव्यक्ति नहीं करते है। यह विषय सहज स्वाभाविक रूप से उनके जीवन में शामिल है। विगत साढ़े चार वर्षों में अयोध्या के विकास का नया अध्याय लिखा गया। इस क्रम में योगी आदित्यनाथ यहां एक धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उनका संबोधन मुख्यमंत्री के रूप में नहीं था। यहां वह एक संन्यासी व श्री महंत के रूप में दिखाई दे रहे थे। महर्षि बाल्मीकि का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा था- रामोविग्रह वान धर्मः' अर्थात श्रीराम धर्म के साक्षात स्वरूप हैं,राम ही धर्म है। धर्म के जो साक्ष्य किसी जगह मिलते हैं, वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम में ही मिलते हैं। इसलिए भगवान श्रीराम और धर्म परस्पर पूरक है। अयोध्या धर्म के पथ की अनुगामी है। यही श्रीराम और सनातन धर्म की विशेषता है। प्रभु श्रीराम जी का जीवन चरित्र सामाजिकता के साथ-अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष देने वाला है। योगी आदित्यनाथ वैभव व आस्था के अनुरूप अयोध्या का विकास कर रहे है। यहां अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट व दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्मांण प्रगति पर है। श्री राम वन गमन मार्ग का निर्माण कार्य पौराणिक गरिमा के अनुरूप किया जा रहा है। अयोध्या मोक्षदायिनी सप्तपुरियों में शीर्ष पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दृष्टि से अयोध्या को दुनिया मे प्रतिष्ठित कर रहे है। धार्मिक स्थलों का समग्र विकास किया जा रहा है। जिससे विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी सकारात्मक सन्देश मिले। समग्र विकास में दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शामिल है। यहां लोगों का इलाज भी हो रहा है। मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। इस मेडिकल कॉलेज को और सुविधासंपन्न बनाने के लिए अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई निर्माण कार्य पूरे होने वाले हैं जबकि कुछ महत्वपूर्ण निर्माण कार्य चल रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान में शामिल बीस हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। उस वर्चुअल समीक्षा में योगी आदित्यनाथ व संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे। मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, रामकी पैड़ी पुनर्जनन परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चैरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं। अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास होगा। सरयू नदी पर क्रूज संचालन भी शुरू होगा। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि कुछ वर्ष पहले तक अयोध्या उपेक्षित थी। यह विश्वस्तरीय पर्यटन व तीर्थाटन केंद्र रहा है लेकिन यहां स्थानीय स्तर की भी सुविधाएं नहीं थीं। फिर भी आस्था के कारण करोड़ों लोग यहां परेशानी उठाकर भी आते थे। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास पर ध्यान दिया। इसको स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या में इन सुविधाओं के विकास के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर केन्द्र व प्रदेश सरकार कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। योगी आदित्यनाथ ने भव्य दीपोत्सव व रामलीला का उल्लेख किया। इसमें अनेक देशों से आए कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन होता है। इन कलाकारों में थाईलैण्ड, लाओस, कम्बोडिया, इण्डोनेशिया के कलाकार सम्मिलित रहते है। इण्डोनेशिया के कलाकारों ने बताया था कि उनका भगवान श्रीराम के साथ आत्मीय सम्बन्ध है। उन लोगों के लिए अयोध्या जाना एक गौरव की बात थी। इण्डोनेशिया के कलाकारों ने यह भी कहा था कि अयोध्या में रामलीला का मंचन करना मंचन मात्र नाट्य मंचन नहीं है बल्कि भगवान श्रीराम हमारे आस्था के प्रतीक व पूर्वज हैं। श्रीराम के प्रति हमारे मन में श्रद्धा व आस्था का भाव है। थाईलैण्ड के राजा स्वयं को भगवान श्रीराम का वंशज मानते हैं। लाओस की परम्परा भी अपने आपको भारत से जोड़ती है। कम्बोडिया की पूरी परम्परा भारतीयता से प्रभावित है। इस वर्ष दीपोत्सव में श्रीलंका की रामलीला टीम भी आयी थी। श्रीलंका के राजदूत अशोक वाटिका की शिला को श्रीराम मन्दिर के निर्माण में दान करने के लिए लाए थे। पूरी दुनिया अयोध्या के साथ आत्मीय संवाद बना रही है। रामायण के साथ ही, महाभारत एवं अन्य भारतीय पारम्परिक ग्रन्थों का सम्मान करना चाहिए। महाभारत में वह सब जो भारत में पहले से मौजूद विभिन्न ग्रन्थों, वेद,पुराण उपनिषद इत्यादि में हैं। दुनिया के दो सौ देश योग की परम्परा से जुड़े हैं। योग भारत की ऋषि परम्परा का एक प्रसाद है। मानवता के कल्याण के लिए यह भारत की देन है। इसी प्रकार कुम्भ भारतीय सनातन परम्परा एवं आस्था का केन्द्र है। प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्वच्छता, सुरक्षा एवं सुव्यवस्था का एक मानक प्रस्तुत किया है। यूनेस्को ने कुम्भ को विश्व की अमूर्त धरोहर के रूप में मान्यता दी है। भारत के नेतृत्व ने मजबूती के साथ इसे विश्व पटल पर रखा है। भारत की बात को मानने के लिए विश्व संस्थाएं तैयार हुई हैं। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 03:58 AM PST केशव मौर्य का मथुरा कार्ड(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) उत्तर प्रदेश मंे विधानसभा के चुनाव इस बार अनुमानों से परे नजर आ रहे हैं। जाति-धर्म के समीकरण रोज नए रूप ले रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की उपलब्धियां अपनी जगह हैं लेकिन चुनाव जीतने के समीकरण उन पर भारी पड़ रहे हैं। इसीलिए जिताऊ लोगों को पार्टी में शामिल करते समय उनकी जन्म कुंडली नहीं देखी जाती। नये-नये मुद्दे गढ़े जा रहे हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राजनीतिक गलियारे मंे एक नयी बहस छेड़ दी है। उन्हांेने ट्वीट किया 'अयोध्या, काशी मंे मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की तैयारी है। इतना ही नहीं केशव मौर्य ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने को कृष्ण भक्त कहते हैं। वे बताएं कि मथुरा में मंदिर निर्माण चाहते हैं। इस प्रकार मथुरा का मंदिर विवाद भी 2022 के विधानसभा चुनाव में मुद्दा बन सकता है। यूपी का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए पीएम नरेन्द्र मोदी को दिसम्बर महीने मंे कई जनसभाओं व आयोजनों मंे बुलाया जाएगा। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने इस बार मजबूत गठजोड़ किया है। उत्तर प्रदेश मंे विधानसभा चुनाव-2022 का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे सियासी हलचल भी तेज होती जा रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट कर सियासी गलियारे में हलचल ला दी। उन्होंने प्रयागराज से ट्वीट किया कि 'अयोध्या-काशी में मंदिर निर्माण जारी है अब मथुरा की तैयारी है'। साथ ही हैशटैग किया- 'जय श्री राम, जय शिव शंभू, जय श्री राधे-कृष्ण।' यह भारतीय जनता पार्टी के भगवा एजेंडे का संकेत माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मथुरा भी मुद्दा बन सकता है। इससे पहले मंगलवार को प्रयागराज पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक चैनल से हुई बातचीत में कहा था कि जिस प्रकार से अयोध्या में श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पूरी दुनिया के रामभक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई हे, उसी तरह वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के भव्य मंदिर के कॉरीडोर का निर्माण भी हो चुका है। ऐसे में छह अगस्त 2020 के बाद से हम जो नारा लगाते थे कि अयोध्या हुई हमारी, अब काशी-मथुरा की बारी, वह नारा संपन्न होता नजर आ रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति ने भी करवट ली है। दशकों तक अयोध्या से पर्याप्त दूरी बनाए रहे और खुद को 'सेक्युलर' कहने वाले गैर भाजपाई दलों के नेताओं ने धीरे-धीरे हिंदुत्व की ओर भी सधे कदम रखे हैं। भाजपा पर भगवान राम के नाम पर राजनीति का आरोप लगाने के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव यदा-कदा भगवान कृष्ण को अपना आराध्य बताते रहे हैं। वह मथुरा, चित्रकूट सहित कई धर्मस्थलों पर गए, वहां से राजनीतिक कार्यक्रमों की भी शुरुआत की। केशव मौर्य का मथुरा कार्ड इसी का जवाब माना जाता है। हालांकि भाजपा योगी का काम और मोदी का नाम भी भुनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे दिसंबर उत्तर प्रदेश के बैक-टू-बैक दौरे कर सकते हैं। पीएम मोदी के 7 दिसंबर को गोरखपुर पहुंचने की संभावना है। यहां वे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का उद्घाटन करेंगे। पीएम ने जुलाई 2016 में यूपी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने से पहले इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। वे गोरखपुर में खाद फैक्ट्री का भी उद्घाटन कर सकते हैं। 13 दिसंबर से पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच सकते हैं, जहां वे काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। सीएम आदित्यनाथ ने हाल ही में उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए वाराणसी का दौरा किया था। साथ ही सरकार ने 'भव्य काशी, दिव्य काशी' कार्यक्रम और काशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत 13 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का फैसला लिया है। वाराणसी में पीएम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा वे किसान सम्मेलन और देशभर के कई शहरों से महापौरों का सम्मेलन भी संबोधित कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना के चलते दिसंबर में गोंडा का दौरा भी कर सकते हैं। साथ ही मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एक सेक्शन के उद्घाटन के लिए उनके कानपुर पहुंचने की भी संभावना है। वे राजधानी लखनऊ में पार्टी की 6 यात्राओं को लेकर एक विशाल रैली को भी संबोधित करेंगे। ये यात्राएं यूपी के 6 क्षेत्रों को कवर करेंगी। इनमें अवध, काशी, गोरखपुर, कानपुर, बृज और पश्चिम यूपी शामिल है। यहां पर ध्यान देने की बात है कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, संगठन किसी और केस में अपना हाथ नहीं डालेगा। श्रीराम मंदिर निर्माण तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की मियाद 3 साल की रखी है। संगठन सिर्फ इसी बात पर फोकस कर रहा है कि तय समय पर मंदिर निर्माण पूरा हो और रामलला अपने स्थान पर विराजमान हो जाएं। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने साफ कहा था कि कृष्ण जन्मभूमि मामले को अभी संगठन कोई तूल नहीं देना चाहता है। राम मंदिर निर्माण हो जाने के बाद जब भगवान राम अपना स्थान ग्रहण कर लेंगे, उसके बाद मथुरा काशी जैसे बाकी विषयों पर कार्य किया जाएगा। श्रीकृष्ण के भक्तों ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बने शाही ईदगाह मस्जिद को वहां से हटाने की मांग की है। इस मामले में मथुरा जिला सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई है। श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका में 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक की मांग की गई है। जानकारी के मुताबिक, आधा दर्जन भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच पांच दशक पूर्व हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने और मस्जिद को हटाकर पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 25 सितम्बर 2020 को मथुरा की अदालत में दायर की गई याचिका में कहा है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से गलत है और भगवान कृष्ण व उनके भक्तों की इच्छा के विपरीत है। इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए। लखनऊ की रहने वाली रंजना अग्निहोत्री और त्रिपुरारी त्रिपाठी, सिद्धार्थ नगर के राजेश मणि त्रिपाठी और दिल्ली निवासी प्रवेश कुमार, करुणेश कुमार शुक्ला और शिवाजी सिंह ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को जमीन देने को गलत बताते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में दावा पेश किया है। श्रीकृष्ण विराजमान, स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि और उक्त लोगों की ओर से पेश किए दावे में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (जो अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता है) और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच जमीन को लेकर समझौता हुआ था। इसमें तय हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी। (हिफी)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 03:55 AM PST छत्तीसगढ़ में भाजपा की तैयारी(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) छत्तीसगढ़ मंे भाजपा इस तरह की तैयारी कर रही है जिससे 2023 में कांग्रेस से सत्ता छीनी जा सके। इसके लिए भाजपा ने अपने संगठन मंे काफी बदलाव किये हैं। सक्रिय लोगों को महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है, जबकि निष्क्रिय लोग किनारे किये गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को महत्वपूर्ण समितियों में रखा गया है। दरअसल, राज्य मंे इसी महीने होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस भी हालांकि निकाय चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना रही है क्योंकि दुर्ग जिले से ही सरकार के ज्यादातर मंत्री हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दुर्ग जिले से ही हैं। भाजपा इस बार निकाय चुनाव मंे ही कांग्रेस को पटकनी देना चाहती है। भाजपा ने प्रदेश मंे वित्त समिति पहली बार बनायी है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। कोर ग्रुप और अनुशासन समिति का नये सिरे से गठन किया गया है। पहली बार वित्त समिति भी बनायी गयी है। कोर ग्रुप में कुल 16 सदस्यों को शामिल किया गया है। मिशन 2023 की तैयारी में छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। कोर ग्रुप की बात करें या फिर अनुशासन समिति या फिर प्रदेश चुनाव समिति की। सभी का नए सिरे से गठन किया गया है। कोर ग्रुप में सांसद अरूण साव, कोषाध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, प्रवक्ता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप को शामिल किया गया है। वित्त समिति का पहली बार गठन किया गया है। इसमें रायपुर सांसद सुनील सोनी, पूर्व वित्त मंत्री अमर अग्रवाल सहित कुल 6 सदस्यों को शामिल किया गया। कोर ग्रुप में शिव प्रकाश, डी पुरंदेश्वरी और नितिन नवीन विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। बीजेपी कोर ग्रुप में कुल 16 सदस्य हैं। इनमें विष्णुदेव साय- प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, धरमलाल कौशिक- नेता प्रतिपक्ष, डॉ सरोज पाण्डेय- राज्यसभा सांसद, रेणुका सिंह- केंद्रीय राज्यमंत्री, रामविचार नेताम- राज्यसभा सांसद, विक्रम उसेंडी- पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, अरूण साव- बिलासपुर सांसद, पुन्नुलाल मोहिले- पूर्व मंत्री, बृजमोहन अग्रवाल- पूर्व मंत्री और विधायक, पवन साय- प्रदेश महामंत्री (संगठन), गौरीशंकर अग्रवाल- प्रदेश कोषाध्यक्ष, केदार कश्यप- प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री, शिव प्रकाश- राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) डी. पुरंदेश्वरी- राष्ट्रीय मंहामंत्री और प्रदेश प्रभारी और नितिन नवीन- प्रदेश सह प्रभारी बनाए गये। बीजेपी अनुशासन समिति में-रामसेवक पैकरा- संयोजक, राम प्रताप सिंह- सदस्य, डॉ. सुभाऊ कश्यप- सदस्य, रामजी भारती- सदस्य और विभा राव- सदस्य हैं। वित्त समिति मंे- गौरीशंकर अग्रवाल- प्रदेश कोषाध्यक्ष, नंदन जैन- प्रदेश सह-कोषाध्यक्ष, सुनील सोनी- रायपुर सांसद, अमर अग्रवाल- प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, श्रीनिवास राव मद्दी- प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और राजीव अग्रवाल- प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। प्रदेश चुनाव समिति में विष्णुदेव साय- प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. रमन सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्री उपाध्यक्ष, धरमलाल कौशिक- राज्यसभा सांसद, डॉ. सरोज पाण्डेय- राज्यसभा सांसद, अरूण साव- बिलासपुर सांसद, विक्रम उसेंडी- पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, पुन्नुलाल मोहिले- पूर्व मंत्री, बृजमोहन अग्रवाल- पूर्व मंत्री और विधायक, रामप्रताप सिंह- पूर्व प्रदेश महामंत्री (संगठन), पवन साय- प्रदेश महामंत्री (संगठन), नारायण चंदेल- प्रदेश महामंत्री, भूपेंद्र सवन्नी- प्रदेश महामंत्री, किरण देव- प्रदेश महामंत्री, शालिनी राजपूत- पदेन सदस्य और महिला मोर्चा अध्यक्ष, शिव प्रकाश-राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन), डी पुरंदेश्वरी- प्रदेश प्रभारी, नितिन नवीन- प्रदेश सह प्रभारी बनाए गये हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। प्रदेश के 10 जिलों के 15 नगरीय निकायों में चुनाव होने वाले हैं लेकिन सभी की निगाहें इस वक्त प्रदेश के वीआईपी जिले दुर्ग पर हैं। दरअसल, प्रदेश में सबसे ज्यादा मंत्री इसी जिले से हैं और इस चुनाव में उनकी भी साख दांव पर है। प्रदेश के चार नगर निगम, पांच नगर पालिका और छह नगर पंचायतों के लिए वोटिंग 20 दिसंबर को होगी। प्रदेश के जिन चार नगर निगमों में चुनाव होने हैं उनमें से तीन भिलाई, भिलाई-चरोदा और रिसाली दुर्ग जिले के हैं। इसके अलावा दुर्ग की ही जामुल नगर पालिका शामिल हैं। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग और 23 दिसंबर को मतगणना होगी। इस साल भी निकाय चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे। गौरतलब है कि दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विधानसभा वाला क्षेत्र है। इसके अलावा दुर्ग संभाग से ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे और मंत्री रूद्र गुरु आते हैं। इतना ही नही दुर्ग संभाग का दायरा भी इतना बड़ा है कि मंत्री मोहम्मद अकबर और अनिला भेड़िया भी इसी संभाग से हैं। ऐसे में प्रदेश के 6 मंत्री वाले संभाग में चार बड़े निगर निगम में चुनाव हो रहे हैं और इस चुनाव में इन दिग्गजों की साख दांव पर है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का ये दावा है कि राज्य सरकार की योजनाओं की वजह से कांग्रेस को यहां क्लीन स्विप मिलने वाली है, साथ ही उन्होंने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रभारी बनाये जाने पर तंज कसा है। विकास तिवारी के मुताबिक, उनके विधानसभा क्षेत्र में 19 वार्डों में से केवल 4 वार्डों में ही बीजेपी के पार्षद है। वे अपने ही विधानसभा क्षेत्र में पार्षदों को चुनाव नहीं जीता सके और उन्हें प्रभारी बनाया गया है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस के तीन साल के कार्यकाल से जनता त्रस्त हो चुकी है और लोगों का आकर्षण खत्म हो चुका है। लगातार कांग्रेस छोड़कर लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में निकाय चुनाव में जनता बीजेपी को जीत दिलाएगी। इस चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दस जिलों में चुनाव होने से वहां जनता का रूझान पता चलेगा। (हिफी) हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 03:52 AM PST ओमिक्राॅन को लेकर योगी सचेत(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा) दक्षिण अफ्रीका मंे फैला कोरोना का नया वेरिएंट दुनिया भर मंे दहशत पैदा कर रहा है। भारत मंे भी बाहर से आने वालों की जांच करवायी जा रही है। पिछली बार की तरह इस बार किसी प्रकार की ढील भारत सरकार नहीं देना चाहती है। इसमंे राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ओमिक्राॅन वेरिएंट को आने से रोकने के लिए पहली दिसम्बर को पुख्ता तैयारी कर ली है। उन्हांेने टीम-09 को निर्देश दिये हैं कि कोविड के इस नए संक्रमण को किसी भी तरह रोका जाए। कोविड दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए मास्क को अनिवार्य किया जाए। उन्हांेने कहा है कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और टीकाकरण की नीति का ईमानदारी से क्रियान्वयन ही कोरोना महामारी को नियंत्रित कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्राम स्तर के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश मंे आक्सीजन प्लांट पर विशेष निगरानी रखने को कहा है। उत्तर प्रदेश मंे अगले साल के प्रारम्भ मंे ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए यहां सतर्कता बरतना ज्यादा जरूरी है। दुनिया भर में कोरोना वायरस के ओमिक्राॅन वेरिएंट को लेकर मची दहशत के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोविड टीकाकरण को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उच्चस्तरीय टीम-09 को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि विश्व के अनेक देशों में नए वेरिएंट के संक्रमित मिलने की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में हमें बहुत सतर्कता-सावधानी की जरूरत है। सभी जगहों पर मास्क को अनिवार्य कराएं। कोविड टीके की दोनों खुराक पाने वालों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। यहां 5 करोड़ 3 लाख अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। वहीं 11 करोड़ 23 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की लगभग 76.20 फीसदी से अधिक है। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 16 करोड़ 27 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 53 हजार 569 सैम्पल की जांच में कुल 7 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 3 संक्रमित कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 92 है। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिए ठोस प्रयास की जरूरत है। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाए। अब तक पहली डोज न लेने वालों की अलग सूची तैयार कराएं। जिनका दूसरा डोज ओवरड्यू हो गया हो उनकी अलग सूची बनाई जाए। दिव्यांग, अक्षम, निराश्रित, वृद्ध जनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराएं। सीएमओ स्तर से ग्राम प्रधानों, पार्षदों का सहयोग लिया जाए। प्रदेश भर में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की मदद से जागरूक करने की कवायद को शुरू किया जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन का डोज प्राप्त कर सकें। विश्व के अनेक देशों में कोविड-19 के नए ओमिक्राॅन वेरिएंट के संक्रमित मिलने की संख्या में बढोतरी हो रही है। ऐसे में दूसरे देशों और प्रदेशों से उत्तर प्रदेश आ रहे हर व्यक्ति की जांच जरूर की जाए। बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है, बिना किसी की जांच किए उसे बाहर न आने दिया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से गाइडलाइंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। पहले चरण में इंटरस्टेट कनेक्टिविटी वाले बस स्टेशन पर जांच को तेजी से बढ़ाते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतें। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर शासन की ओर से जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। लखनऊ के केजीएमयू , पीजीआई, गोरखपुर, झांसी, मेरठ में तेजी से जीनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था की जाए। नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग प्रदेश में स्वच्छता और सेनिटाइजेशन की कार्यवाही को तेज करें। प्रदेश में निगरानी समितियों को सक्रिय करे। ताकि कोविड से संक्रमित व्यक्तियों की समय से पहचान हो जाए और उनका समय पर इलाज हो सके। इसके साथ ही प्रदेश मंे आॅक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान के रूप मंे की जा रही है। इस तरह अब तक विभिन्न जिलों मंे कुल 525 आॅक्सीजन प्लांट क्रियाशील किये जा चुके हैं। शेष प्लान्ट की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए। कोरोना-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर भारतीय रेल भी सतर्क हो गया है। रेलवे ने इसके प्रसार को रोकने के लिए पहले ही ऐहतियाती तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए सभी जोनों को कड़े दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें पीएसए प्लांटस की प्रोपर मॉनिटरिंग से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडरों के पर्याप्त स्टॉक रखने, पीपीई किट और टेस्टिंग मैटिरियल्स की उपलब्धता सुनिश्चित रखने, ज्यादा से ज्यादा आईसीएयू बेड्स तैयार रखने, हर रेलवे कर्मी के वैक्सीनेशन सरीखे कदम उठाने को लेकर सभी जोन के महाप्रबंधकों से कहा गया है। भारतीय रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक, स्वास्थ्य डॉ. के श्रीधर ने सभी जोन, प्रोडक्शन यूनिटों के नाम एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से SARS CoV&2 वैरिएंट ओमीक्राॅन के एक नए म्यूटेशन की सूचना मिली है, जिसने इस वेरिएंट को चिंता के नए वेरिएंट के रूप में नामित किया है। लिहाजा रेलवे को पहले से ही इसकी तैयारियां करनी होंगी। उन्होंने महाप्रबंधकों और यूनिट प्रमुखों से कहा है कि पेंडिंग पीएसए प्लांट्स का काम जल्द पूरा किया जाए। साथ ही पीएसए प्लांट्स और वेंटिलेटर्स के प्रोपर मेंटेनेंस और फंक्शनिंग को मॉनिटर किया जाए। भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाए। ओमिक्राॅन वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनियाभर में लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि यह वायरस कितना घातक और तेजी से फैलता है, क्या यह डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक है, क्या कोविड-19 वैक्सीन ले चुके लोग भी इसकी जद में आ सकते हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए विश्व के सभी साइंटिस्ट अपनी कोशिश में लगे हुए हैं। दरअसल साउथ अफ्रीका में ओमिक्राॅन वेरिएंट की पहचान के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे बेहद गंभीर और संक्रामक वेरिएंट बताया है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि कई मेडिकल एक्सपर्ट और वैज्ञानिक इस वायरस की जांच कर रहे हैं और कुछ दिन या सप्ताह के अंदर इसे बारे में तथ्य सामने आएंगे। इसलिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओमिक्राॅन वेरिएंट को लेकर तैयारी समय पर उठाया गया कदम है। (हिफी) हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 03:48 AM PST 27 देशों तक पहुंचा ओमिक्राॅननई दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बहुत तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। दो हफ्ते पहले दक्षिण अफ्रीका में इसका पहला मामला उजागर होने के बाद अब यह दुनिया भर के 27 देशों तक पहुंच चुका है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर दक्षिण कोरिया तक यह वैरिएंट पहुंच चुका है। बेहद संक्रामक वैरिएंट यात्रियों के जरिए इन देशों में पहुंचा है। दक्षिण अफ्रीका से अमेरिका लौटे एक शख्स को इस वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। यह अमेरिका का पहला केस है। इजरायल में भी ओमिक्रॉन के पहले मामले की पुष्टि हुई है। संक्रमित व्यक्ति मालावी रोड से बस में सवार होकर तेल अवीव पहुंचा था। इटली में भी पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में नए 1100 मामलों में 90 फीसदी ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज हैं। वहां 8561 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इसके अलावा बोत्सवाना में 19, नीदरलैंड, पुर्तगाल और फ्रांस में 13-13, आस्ट्रेलिया में छह, ब्रिटेन और कनाडा में पांच-पांच, हॉन्गकॉन्ग में चार, स्विटरजरलैंड में तीन, जर्मनी, नॉर्वे, ब्राजील और डेनमार्क में दो-दो ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले मिले हैं। इसके अलावा बेल्जियम, चेक रिपब्लिक, आस्ट्रिया, स्पेन, स्वीडन, जापान, सउदी अरबिया और न्।म् में ओमिक्रॉन के एक-एक केस सामने आए हैं।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
कोरोना रिपोर्ट बदलवाकर ट्रम्प ने की थी डिबेट Posted: 02 Dec 2021 03:46 AM PST कोरोना रिपोर्ट बदलवाकर ट्रम्प ने की थी डिबेटवॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर एक किताब में चैंकाने वाला दावा किया गया है। व्हाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ की एक नई किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप पिछले साल सितंबर में अपने पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट से ठीक तीन दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट को नेगेटिव में बदल दिया गया, ताकि वो जो बाइडन के साथ डिबेट में हिस्सा ले सके। व्हाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज की किताब की एक कॉपी 'द गार्डियन' के हाथ लगी है। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। मीडोज का कहना है कि ट्रंप 26 सितंबर, 2020 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। ये वही दिन है, जब उन्होंने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में सुप्रीम कोर्ट के उम्मीदवार एमी कोनी बैरेट के लिए एक समारोह की मेजबानी की थी, जिसे बाद में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा एक सुपर स्प्रेडर (ैनचतम ैचतमंकमत) कार्यक्रम माना गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मीडोज ने ट्रंप से मिस्टर प्रेसिडेंट, मुझे कुछ बुरी खबर मिली है। आपकी कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इतना सुनते ही ट्रंप ने जवाब दिया, ओह। मीडोज की किताब में आगे कहा गया है कि बाद में ट्रंप की रिपोर्ट को पॉजिटिव से नेगेटिव किया गया। फिर 29 सितंबर 2020 को क्लीवलैंड में ट्रंप राष्ट्रपति उम्मीदवार बाइडन संग बहस में शामिल हुए। मीडोज ने अपनी किताब में दावा किया है कि जिस जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसे पुराने मॉडल किट से किया गया था। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
चीन ने जिगरी दोस्त को दिया धोखा Posted: 02 Dec 2021 03:44 AM PST चीन ने जिगरी दोस्त को दिया धोखाबीजिंग। चीन वैसे तो पाकिस्तान का जिगरी दोस्त बनता है, मगर चीन बड़ी चालाकी से पाकिस्तान को धोखा दे रहा है। दरअसल, चीन की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों अभी तक लौटने की मंजूरी नहीं मिली है। इससे करीब 11 हजार पाकिस्तानी स्टूडेंट्स का करियर तबाह होने की कगार पर पहुंच गया है। चीन में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद जनवरी 2020 में ज्यादातर पाकिस्तानी छात्र मुल्क लौट आए थे। इन्हें 7 महीने बाद जुलाई में वापस अपने कॉलेजों में पहुंचना था। अब 2021 भी खत्म होने को है, लेकिन चीन सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। अरब न्यूज की एक खबर के मुताबिक, ऐसे पाकिस्तानी छात्रों ने इमरान खान सरकार और चीन की एम्बेसी से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि चीन की एम्बेसी ने छात्रों के ई-मेल्स का भी जवाब तक नहीं दिया। चीन के कॉलेजों में करीब 28 हजार पाकिस्तानी छात्र हैं। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
यूक्रेन को लेकर पुतिन की नाटो को चेतावनी Posted: 02 Dec 2021 03:42 AM PST यूक्रेन को लेकर पुतिन की नाटो को चेतावनीमॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनका देश नाटो से इस बात की गारंटी मांगेगा कि वह पूर्व की तरफ ना बढ़े। उन्होंने कहा कि मॉस्को पश्चिमी देशों से कहेगा कि वह और अधिक विस्तार और रूस की सीमाओं के पास उसे हथियार तैनात करने से रोकने की कोशिश भी ना करे। यूक्रेन पर आक्रमण करने की मॉस्को की कथित योजना को लेकर यूक्रेन और पश्चिमी देशों की चिंताओं के बीच पुतिन का यह बयान आया है। रूसी राजनयिकों ने देश के पूर्व में अलगाववादी टकराव वाले क्षेत्र के पास यूक्रेन के सैन्य तैनाती के बारे में चिंता जताई है। पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन में एक कार्यक्रम में जोर देते हुए कहा कि रूस अपनी सुरक्षा की ठोस, विश्वसनीय और टिकाऊ गारंटी मांगेगा। पुतिन ने कहा, 'अमेरिका और इसके सहयोगी देशों के साथ एक वार्ता में हम विशेष समझौते करने पर जोर देंगे, जो पूर्व की ओर नाटो को और अधिक बढ़ने से और रूसी क्षेत्र के पास हथयिार प्रणाली की तैनाती रोकने के संबंध में होगा।' उन्होंने कहा कि रूस पश्चिमी देशों को इस मुद्दे पर विस्तृत वार्ता के लिए आमंत्रित कर रहा है और मॉस्को को अपनी सुरक्षा की कानूनी गारंटी की जरूरत होगी। रूसी नेता ने इस बात का जिक्र किया कि इस तरह के समझौते में सभी देशों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 03:28 AM PST ऊर्जा संरक्षण जागरूकता के लिए आयोजित राज्यस्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता के दूसरे दिन सैकड़ों छात्रों ने लिया हिस्साऊर्जा मंत्रालय और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक दिसंबर से शरू हुये राष्ट्रीय जागरूकता अभियान के आज दूसरे दिन नोट्रेड्रम स्कूल एनटीपीसी बाढ़, पटना और केन्द्रीय विद्यालय एवं बाल भारती पब्लिक स्कूल एनपीजीसी, नवीनगर, औरंगाबाद में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर ऊर्जा संरक्षण विषयक पर पेंटिंग बनायी। राज्य स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता में आज नोट्रेड्रम स्कूल एनटीपीसी बाढ़, पटना के 178 छात्रों ने भाग लिया वहीँ केन्द्रीय विद्यालय, एनपीजीसी, नवीनगर में 121 छात्रों ने और बाल भारती पब्लिक स्कूल, एनपीजीसी, नवीनगर, औरंगाबाद में 54 छात्रों ने भाग लिया। अगले चरण में डीएवी स्कूल एवं केन्द्रीय विद्यालय में ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता के संदेश को फैलाने के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर में पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जायगी। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस हर साल देश भर में चित्रकला प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन करके ऊर्जा संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए मनाया जाता है। ये ऊर्जा खपत को कम करने और ऊर्जा हानि को रोकने तथा हरित ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। एनटीपीसी द्वारा आयोजित की जा रही पेंटिंग प्रतियोगिता छात्रों को उनकी रचनात्मकता दिखाने के लिए मंच प्रदान करने और उन्हें ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए एक अनुकरणीय प्रयास है।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
रेलवे का मुद्रीकरण एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम हो सकता है Posted: 02 Dec 2021 03:19 AM PST रेलवे का मुद्रीकरण एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम हो सकता हैकेंद्र सरकार ने 23 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) योजना की घोषणा करते हुए कहा इस योजना के माध्यम से बड़े बदलावों की शुरुआत होगी। इस नीति के संभावित प्रभावों पर ध्रुवीकरण आधारित चर्चा और विचार-विमर्श शुरू हो गया है। रेलवे से अनुमानित राजस्व 1.5 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है और यह 6 लाख करोड़ रुपये की कुल पाइपलाइन में 25 प्रतिशत का योगदान देगा। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि परिसंपत्ति मुद्रीकरण, देश में नयी अवसंरचना के निर्माण के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाने का एक उपाय है और इसके लिए किसी सार्वजनिक संपत्ति की बिक्री भी नहीं की जायेगी। एनएमपी निजी कंपनियों को सक्षम बनाने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है, ताकि वे सरकार की स्वामित्व वाली अवसंरचना को पट्टे पर ले सकें और इन्हें संचालित कर सकें। इस पृष्ठभूमि में, यह विश्लेषण करना सार्थक होगा कि यह योजना आने वाले समय में रेलवे को कैसे प्रभावित कर सकती है। 67,368 किमी मार्ग पर रेललाइन के कुल 121,407 किमी के नेटवर्क के कारण, भारतीय रेल आकार के मामले में दुनिया में चौथा सबसे बड़ा देश है और यह 1.3 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। वाणिज्य के दृष्टिकोण से मालगाड़ियां विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जो 90 प्रतिशत से अधिक कोयले का परिवहन करती हैं, जो देश की बिजली जरूरतों का 50 प्रतिशत पूरा करते हैं। स्वतंत्रता के बाद से रेलवे मुख्य रूप से सरकारी सहायता पर निर्भर रहा है, इसलिए पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त धन जुटाना चुनौतीपूर्ण था। परिचालन व्यय के रूप में बड़ी मात्रा में धनराशि खर्च होना जारी है। रेलवे में अवसंरचना और पूंजी की चुनौतियां; रेलगाड़ियों के टकराव, पटरी से उतरने और रेलवे-फाटक की दुर्घटनाओं के रूप में प्रकट हुईं। इसके अलावा, पिछले वित्तीय वर्ष में कोविड के व्यवधान के परिणामस्वरूप यात्री किराये के राजस्व में 38,017 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। माल ढुलाई और यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे की अवसंरचना को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के लिए विचार करते हुए, क्षमता आधारित अवरोध को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है। वर्ष 2014 एक महत्वपूर्ण क्षण था, क्योंकि केंद्र सरकार ने न केवल रेलवे में निजी निवेश की अनुमति देने बल्कि रेलवे-अवसंरचना के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देते हुए साहसिक सुधारों की शुरुआत की। परिणामस्वरूप, विनिर्माण, संचालन और रख-रखाव की श्रेणी के तहत सूचीबद्ध दस क्षेत्रों/गतिविधियों में स्वचालित मार्ग (ऑटोमेटिक रूट) के माध्यम से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी। रेलवे और संबद्ध क्षेत्रों के लिए डीपीआईआईटी (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2000 से मार्च 2021 तक एफडीआई प्रवाह 1.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और यह भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का केवल 0.23 प्रतिशत है। इसलिए, इस संदर्भ में परिसंपत्ति मुद्रीकरण महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह निजी कंपनियों द्वारा अधिक से अधिक निवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा। हाल के वर्षों में, हमने देखा है कि निवेशकों का रुख सकारात्मक रहा है- 2015 में जनरल इलेक्ट्रिक ने 1,000 इंजनों (11 वर्षों के लिए वार्षिक आधार पर 100 इंजन) की आपूर्ति के लिए $2.6 बिलियन का अनुबंध हासिल किया। भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है, जिसका 30 मिलियन से अधिक यात्री प्रतिदिन उपयोग करते हैं– रेलवे की सुविधाओं का आधुनिकीकरण करने एवं इसकी गति बढ़ाने से हमारे कार्यबल को और अधिक उत्पादक बनाने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करने के रूप में देखा जा सकता है दुनिया की अन्य अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ कदम मिलाने के लिए भारत को तीव्र गति (हाई–स्पीड) वाले अपने रेलवे नेटवर्क का विस्तार करना होगा। भारतीय रेलवे विजन 2020 रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि हमारे रेलवे को रेलगाड़ियों की गति और दक्षता के मामले में अमेरिका, फ्रांस, जापान और जर्मनी जैसा बनाना होगा। उदाहरण के लिए- गति (भारत में रेलगाड़ियों की औसत गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा है) और प्रति दस लाख (एक मिलियन) की जनसंख्या पर मार्ग-किलोमीटर, जोकि किसी देश में रेल संपर्क के स्तर को मापने का पैमाने होता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) और राष्ट्रीय रेल योजना (एनआरपी) 2020 का मसौदा रेलवे के विकास की दिशा में परिसंपत्ति के स्तर पर एक विस्तृत योजना पेश करते हैं। इस एनआईपी में वित्तीय वर्ष 2022-25 में केन्द्र और राज्यों दोनों द्वारा कुल 13.7 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की परिकल्पना की गई है, जिसमें से 1.6 लाख करोड़ रुपये पीपीपी मोड के माध्यम से होने की उम्मीद है। एनआरपी 2020 के मसौदे ने इस क्षेत्र के लिए अगले तीन दशकों के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें यात्रियों के लिए सर्वश्रेष्ठ किस्म की सेवाओं को जारी रखते हुए रेलवे की औसत हिस्सेदारी (माल भाड़ा) को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करना शामिल है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का कारगर कार्यान्वयन व्यापक पैमाने पर धन की आमदनी को सुनिश्चित करेगा जोकि यात्री रेलगाड़ियों के लिए बुनियादी ढांचे और परिचालन संबंधी लॉजिस्टिक्स को उन्नत करने के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों, माल ढुलाई से जुड़े टर्मिनलों, रेलवे कॉलोनियों और रेलवे की पटरियों को बेहतर बना सकता है। इस संदर्भ में, यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि आजादी के बाद से हमारी रेलवे की परिसंपत्तियों का एक बड़ा हिस्सा या तो अप्रयुक्त रह गया है या फिर उसका बेहद कम उपयोग किया गया है। रेलवे की पटरियों के किनारे की जमीन का ही मामला लें- इसे केबल बिछाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को पट्टे पर दिया जा सकता है। इसी तरह, माल ढुलाई से जुड़े टर्मिनलों का निजी कंपनियों के लिए लॉजिस्टिक्स पार्क के रूप में उपयोग को संभव बनाकर राजस्व का एक अन्य स्रोत पैदा करना विवेकपूर्ण होगा। निजी क्षेत्र द्वारा ठोस निवेश सरकार द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की हासिल करना संभव बनाएगा। इन लक्ष्यों में 2023 तक शत– प्रतिशत विद्युतीकरण, 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन नेटवर्क, टिकट बुकिंग में आसानी, माल ढुलाई से संबंधित ऑनलाइन सेवाएं और इसी तरह की कई अन्य सेवाओं की व्यवस्था शामिल हैं। नीति आयोग के विश्लेषण में वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मुद्रीकरण मूल्य 76,250 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि यात्री रेलगाड़ियों के संचालन के लिए यह मूल्य 21,642 करोड़ रुपये आंका गया है। ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की ओर कदम धीरे-धीरे बढ़ाया गया है। देश में प्रमुख टोल सड़कों के मामले में भी इसी तरह का मॉडल अपनाया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, रियल एस्टेट के विकास के साथ-साथ 125 स्टेशनों के पुनर्विकास पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा, यात्री रेलगाड़ियों की कम क्षमता की वजह से एक और किस्म की चुनौती पैदा होती है। यह बात इस तथ्य से प्रमाणित होती है कि औसतन 15 प्रतिशत टिकट धारक प्रतीक्षा सूची में रहते हैं। अकेले 2018-19 के दौरान 8.84 करोड़ से अधिक यात्री प्रतीक्षा सूची में रहने की वजह से यात्रा नहीं कर सके थे। इस समस्या को दूर करने के उद्देश्य से उच्च-मांग वाले मार्गों में 12 क्लस्टर चिन्हित किए गए हैं और संभावित रूप से 109 मार्गों पर 150 आधुनिक रेलगाड़ियों को शामिल करने के साथ 30,000 करोड़ रुपये के निजी निवेश के आने की उम्मीद है। इस प्रकार, रेलवे का मुद्रीकरण इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों के एक विस्तृत अध्ययन पर आधारित है तथा एक ठोस आर्थिक तर्क द्वारा समर्थित है और इसमें अन्य क्षेत्रों के लिए एक अनुकरणीय एक आदर्श बनने की संभावना है। लेखक: अतुल चतुर्वेदी,सचिव, भारत सरकार (ये लेखक के निजी विचार हैं)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 02:58 AM PST हिन्दू धर्म का अपमान : मुनव्वर फारुखी की आजादी ?' विषय पर 'ऑनलाइन' विशेष संवाद ! हिन्दू धर्म का अपमान करनेवालों के विरोध में शिकायत प्रविष्ट करें और न्यायालयीन संघर्ष करें ! - श्री. प्रशांत संबरगी, चित्रपट निर्माता विविध कार्यक्रमों में हिन्दू धर्म के विषय में विनोद किया जा रहा हो, तो उस पर तभी आपत्ति नहीं उठाई जाती । जब तक दर्शक जागरूक नहीं होते, जागरूक हिन्दू इसके विरोध में आवाज नहीं उठाते, तब तक विविध कार्यक्रमों द्वारा 'अभिवयक्ति की स्वतंत्रता' के नाम पर हिन्दू धर्म का अपमान किया जाएगा । हिन्दुओं को अब आगे आकर इसके विरोध में शिकायत प्रविष्ट कर न्यायालयीन संघर्ष करना चाहिए, ऐसा आवाहन कर्नाटक के विख्यात चलचित्र निर्माता और उद्योजक श्री. प्रशांत संबरगी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित 'हिन्दू धर्म का अपमान : मुनव्वर फारुकी की आजादी ?' इस विषय पर आयोजित 'ऑनलाइन' विशेष संवाद में वे बोल रहे थे । हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा कि 'हिन्दू धर्म का अपमान करने पर अब तक हिन्दुओं ने संवैधानिक मार्ग से विरोध किया है । मनुव्वर फारुखी, कुणाल कामरा ने विभिन्न कार्यक्रमों में हिन्दू धर्म का अपमान किया है । हिन्दू देवताओं का अपमान करना, यह कौन-सी कला है ? यदि किसी ने इस्लाम का अपमान किया होता, तो देश में क्या वातावरण होता ? हिन्दू देवताओं का उपहास उडानेवालों को कठोर दंड होना चाहिए, इसलिए हम शासन से 'ईशनिंदा विरोधी कानून' बनाने की मांग करते हैं ।' हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 02:43 AM PST हंसते हुए -नरेश अग्रवाल। कहते हैं उम्र के साथ आदमी बदल जाता है कठोर होता जाता है मेरी मां कहां हुई? अभी भी तरल बूंद की तरह हाथों में लूं तो मोती आंखों में रखूं तो शीतलता गले मिलूं तो प्यास बुझाती हुई फूंक मारूं तो हिलती भी नहीं सचमुच हल्की पर बहुत मजबूत उसकी आंखें भी बहुत तेज मेरे वैसे दुखों को पहचान लेती जिनसे मैं भी अनभिज्ञ कई बार इन्हें पोंछ कर हाथों में ले लेती सभी सिमट जाते एक बूंद में जिसे अपनी आंखों में रख कर हंसते हुए मेरी ओर खुशी से देखती हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 02 Dec 2021 02:39 AM PST
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मद, मोह और अहंकार से परे व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता है मुक्ति-डॉक्टर प्रभाकर त्रिपाठी Posted: 02 Dec 2021 02:31 AM PST मद, मोह और अहंकार से परे व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता है मुक्ति-डॉक्टर प्रभाकर त्रिपाठी.शहर के सत्येंद्र नगर स्थित गायत्री भवन में मुरलीधर पांडेय एवं देवेंद्र पांडेय के संयोजन में गायत्री के परम उपासक स्वर्गीय सुरेश पांडेय की तीसरी पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह तथा संचालन डॉ रामाधार सिंह ने किया। बनारस से पधारे पंडित प्रभाकर त्रिपाठी ने आत्मा की अमरता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आत्मा अजर-अमर और अविनाशी है, परंतु हमारा शरीर क्षणभंगुर है। यह बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था से होते हुए अंततः विनाश को प्राप्त करता है। मनुष्य के ऊपर अहंकार, काम, क्रोध, मद, मत्सर का आवरण चढ़ा हुआ है। इसी आवरण के कारण उसका असली रूप प्रकट नहीं हो पाता। उन्होंने बतलाया कि स्वर्गीय पांडेय की मृत्यु एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान हुई है जो अपनी मृत्यु के कुछ ही क्षण पूर्व माता गायत्री, भगवान राम एवं भगवान श्रीकृष्ण के गुणों की चर्चा कर रहे थे। मैं तो यही समझता हूं कि उन्हें सायुज्य मुक्ति प्राप्त हुई है। डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि मनुष्य ने अपने को सीमित बंधनों में बांध लिया है। जाति, देश, संप्रदाय के बंधनों में घिरा मनुष्य पूर्ण ब्रह्म को नहीं प्राप्त कर सकता। इन्हीं विचारों के कारण ही उसे अनेक प्रकार के कष्ट उठाने पड़ते हैं। मेरी समझ से स्वर्गीय पांडेय ने अपने आप को उपरोक्त बंधनों से मुक्त कर लिया था। डॉक्टर शिवपूजन सिंह के शब्दों में- यह एक स्वयंसिद्ध सत्य है कि मृत्यु के अनंतर शरीर की सारी तन्मात्राएं समाप्त हो जाती हैं। जो प्राणी अपने शरीर से कुछ समय पूर्व तक चलता-फिरता, खाता-पीता, मल-मूत्र उत्सर्जन करता, सोचता, बोलता, दया और प्रेम आदि सभी क्रियाएं करता दिखता है वहीं प्राणवायु के निकलते ही वह शरीर मिट्टी के एक पुतले के अलावा कुछ नहीं रह जाता।उक्त बैठक में भैरव नाथ पाठक, चंद्रशेखर पांडेय, पुरुषोत्तम पाठक, धनंजय जयपुरी, शिव नारायण सिंह,अमरंजय पांडेय, अनिल कुमार सिंह, सुरेश विद्यार्थी इत्यादि मौजूद थे। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 01 Dec 2021 10:51 PM PST हिंद के जवानदेशभक्त वो दीवाने, हंसकर लुटाते जान। पराक्रमी वीर योद्धा, मेरे हिंद के जवान। मेरे हिंद के जवान, मेरे हिंद के जवान। बैरी पछाड़ कर वो, चलते सीना तान के। गीत वतन के गातें, तिरंगा की शान के। फौलादी जज्बो से गूंजे, भारती का गुणगान। देशभक्ति में झूमे नाचे, मेरे हिंद के जवान। मेरे हिंद के जवान, मेरे हिंद के जवान। हर बाधा तूफां से भीड़ते, गर्म रेतीले धोरों में। दुश्मन के छक्के छुड़ाते, रणवीर बड़े जोरों से। चंदन तिलक माटी का, अर्पण करते निज जान। रण कोशल दिखलाते, मेरे हिंद के जवान। मेरे हिंद के जवान, मेरे हिंद के जवान। हिम शिखरों पे चढ़ते जाए, बोले मां की जयकार। शौर्य पराक्रम ओज भरा, रणवीरों की भरमार। राष्ट्र धारा में निशदिन, सदा गाये तिरंगा शान। देशप्रेम की जोत जलाएं, मेरे हिंद के जवान। मेरे हिंद के जवान, मेरे हिंद के जवान। रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
जमशेदपुर पुलिस को मिली सफलता कई मामलो का बांछित अपराधी गिरफ्तार | Posted: 01 Dec 2021 10:47 PM PST जमशेदपुर पुलिस को मिली सफलता कई मामलो का बांछित अपराधी गिरफ्तार |जमशेदपुर से हमारे संवाददाता मुकेश कुमार की खास खबर | जमशेदपुर पुलिस को सफलता , जुबिली पार्क से बाइक चोरी कर साकची में पहले की थी छिनतई का प्रयास , विफल होने पर चाकू मारकर मानगो की ओर भागे थे अपराधी , फिर मानगो में शराब दुकान में विवाद के बाद चाकू मारकर युवक की कर दी हत्या , पुलिस ने चोरी की बाइक के साथ दो अपराधियों को किया गिरफ्तार , मंगलवार के कांड का किया खुलासा जमशेदपुर के साकची में छिनतई के प्रयास में चाकूबाजी और मानगो में चाकू मारकर हत्या की घटना में दो ही अपराधी शामिल थे . पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर लिया है . इस मामले में पुलिस ने कपाली निवासी शेख अशफाक उर्फ रज्जन और उसके साथी मो शारिक को गिरफ्तार किया है . पुलिस ने इनके पास से घटना में प्रयुक्त चाकू और चोरी की बाइक भी बरामद किया है . इसके अलावा कदमा से एक महिला से छीना गया मोबाइल भी बरामद किया गया है . मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी डॉ एम तमिल वाणन ने बताया कि जुबली पार्क से बाइक की चोरी करने के बाद दोनो ने पहले बाइक के नंबर प्लेट से छेड़छाड़ की फिर कदमा में जाकर एक महिला से मोबाइल की छिनतई की . वहां से दोनो ने फिर मोबाइल छिनतई का प्लान बनाया और साकची कब्रिस्तान की ओर गए . यहां दोनो ने बिरसानगर जोन नंबर चार निवासी समीर त्रिपाठी के सामने बाइक रोकी और समीर से मोबाइल छीनने का प्रयास करने लगे . विफल होने पर उन्होंने समीर पर चाकू से हमला कर दिया और वहां से फरार हो गए . यहां से भागते हुए दोनो मानगो चौक पहुंचे जहां शराब दुकान में शराब लेने पहुंचे . शराब लेने के दौरान उनकी मुलाकात अरविंद सिंह से हुई . आरोपी अशफाक और अरविंद पूर्व में एक ही जगह काम करते थे इसलिए दोनो एक दूसरे से परिचित थे . अशफाक ने अरविंद को शराब पिलाने को कहा . इसी बात को लेकर दोनो के बीच बहस हुई . बहस में ही अशफाक ने चाकू निकाला और अरविंद पर चाकू से कई बार वार कर दिए जिससे अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई . स्थानीय लोगों ने अशफाक को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी . फिलहाल पुलिस ने दोनो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है . हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
चंदन मिश्र हिंदुस्तान (दैनिक) में दूसरी पारी की शुरुआत करेंगे Posted: 01 Dec 2021 10:26 PM PST चंदन मिश्र हिंदुस्तान (दैनिक) में दूसरी पारी की शुरुआत करेंगेझारखण्ड ब्यूरो श्रीनिवास सिंह की खास खबर झारखण्ड ब्यूरो से प्राप्त खबर के अनुसार सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ के महासचिव डॉ सुधांशु शेखर मिश्र ने बतायाकि पुण्य. सत्यनारायण मिश्र के यशस्वी पुत्र श्री चंदन मिश्र की नियुक्ति हिंदुस्तान (दैनिक) समाचार पत्र में दुबारा हुई है। पिछले साल 2020 में 58 वर्ष की आयु पूरी कर वह सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें हिंदुस्तान अखबार प्रबंधन फिर से ऊंचे पद पर नियुक्त किया है। उन्होंनेआज से अपना कामकाज शुरू कर दिया है। श्री चंदन मिश्र पत्रकारिता जगत से पिछले लगभग चार दशक से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इन्होंने वर्ष 1987 में अंग्रेजी अखबार से पत्रकारिता में करियर की शुरूआत की। 1988 में वे हिन्दी पत्रकारिता से जुड़े। अविभाजित बिहार में दक्षिण बिहार के सर्वाधिक प्रसिद्ध 'रांची एक्सप्रेस' दैनिक अखबार में 12 वर्षों तक लगातार अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2000 में राष्ट्रीय हिन्दी समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' दैनिक से जुड़कर इन्होंने 20 सालों तक विभिन्न पदों यथा राज्य ब्यूरो प्रमुख, समाचार संपादक और राजनीतिक संपादक के दायित्व का सफल निर्वहन किया। आपने पास संसदीय रिपोर्टिंग के सिलसिले में देश के लगभग दो दर्जन से ज्यादा विधानसभाओं के अध्ययन- यात्रा का अनुभव है। साथ ही आपने आकाशवाणी, दूरदर्शन सहित विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए समाचार, समाचार विश्लेषण, विधानसभा कार्यवाही की समीक्षा, एंकरिंग और विशेषज्ञ की हैसियत से भी काम किया है। पिछले वर्ष 'दैनिक हिन्दुस्तान' से सेवानिवृत्त होने के बाद विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं के लिए लेखन का कार्य जारी रखा है। इसके अतिरिक्त तीन राज्यों से प्रकाशित होनेवाली पत्रिका ' माई स्टेट ' का झारखंड संपादक के रूप में नई जिम्मेवारी का निर्वहन आपने किया। आपके पास जनजातीय और क्षेत्रीय समस्याओं पर रिपोर्टिंग का भी काफी लंबा अनुभव है। महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में भी इनका असाधारण योगदान रहा है। पिछले दिनों ही इन्हें राँची में 'वैद्यास' संस्था द्वारा मग-विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया है। महासंघ-परिवार ने इनकी नियुक्ति पर हर्ष एवं व्यक्त करते हुए इन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। बधाई संदेश देने वालों में *सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण* के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीपक उपाध्याय, मुख्य संरक्षक श्री ब्रजबिहारी पाण्डेय, आचार्य लक्ष्मीनारायण पांडेय, आचार्य देवनाथ शास्त्री, श्री प्रकाश कुमार मिश्र, आचार्य कृष्णजी, प्रदेश अध्यक्ष श्री संजीव कुमार मिश्र, महासचिव, डॉ सुधांशु शेखर मिश्र, उपाध्यक्ष डॉ बृज बिहारी पाठक, कोषाध्यक्ष, श्री मनोज कुमार मिश्र, श्री सीताराम पाठक, रवींद्र कुमार मिश्र, मिथिलेश मिश्र, पंडित मृत्युंजय पाठक, महेश प्रसाद पाठक, श्री एम. के.मिश्र, संतोष मिश्र, अमरीष पाठक, जीतेश मिश्र के अलावे महासंघ के अन्य पदाधिकारी-गण शामिल हैं। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
क्यों बिहार में शराब देवी-देवता की तरह दिखती तो कहीं नहीं, लेकिन मिलती है हर जगह! Posted: 01 Dec 2021 05:57 AM PST क्यों बिहार में शराब देवी-देवता की तरह दिखती तो कहीं नहीं, लेकिन मिलती है हर जगह!पटना बिहार में पिछले कुछ दिनों से शराबबंदी कानून को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस समय बिहार में सड़क से लेकर सदन तक शराबबंदी कानून की ही चर्चा हो रही है. मंगलवार को विहार विधानसभा के चालू सत्र के दौरान शराब की खाली बोतलें विधानसभा परिसर में मिलने से हंगामा शुरू हो गया. चार दिन पहले ही शराबबंदी को लेकर शपथ दिलाई गई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरी नारजगी जाहिर की है. नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा है कि यह बर्दाश्त से बाहर है और इसकी जांच की जाएगी. बाद में राज्य के मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक शराब की बोतलें ढूंढ़ने में लग गए. इस घटना पर राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. वहीं, बीजेपी और जेडीयू ने कहा कि यह आरजेडी की साजिश है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि नीतीश सरकार की इतनी सख्ती के बाद भी बिहार में क्यों धड़ल्ले से शराब बिक रही है? क्यों इतने साल बीत जाने के बाद भी इस पर नकेल नहीं कसा जा सका है? बिहार में पिछले छह सालों से पूर्ण शराबबंदी है, मगर इसकी हकीकत को व्यक्त करने के लिए लोग अक्सर एक मजेदार व्यंग्य करते हैं. 'बिहार में भगवान की तरह शराब दिखता कहीं नहीं है मगर मिलता हर जगह है'. बिहार के करीब से जानने वाले पत्रकार सुनील पांडेय कहते हैं, 'राज्य सरकार की कथित सख्ती के बावजूद बंदी लागू होने के दिन से ही शराबबंदी माखौल बना हुआ है. केवल एक बदलाव आया है कि शराबखोरी के लिए अब आपको ज्यादा खर्च करने होंगे और इसके एवज में आपको होम डिलीवरी की सेवा उपलब्ध होगी. जाहिर है पैसों वालों के लिए इस शौक को पूरा करना कोई मुशिकल नहीं हो रहा है. मगर गरीबों को इस शाही शौक को पूरा करने में अपनी जान गंवानी पड़ रही है. शराब के नाम पर नकली शराब और मिलावटी जहरीली शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. नतीजा हुआ कि इस साल दशहरा, दिवाली और छठ के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई अंधे हो गए। बता दें कि हाल के कुछ घटनाओं के बाद सरकार और सख्त हो गई है. पटना सहित बिहार के सभी जिलों में शराब को लेकर हलचल तेज हो गई. शराबबंदी को पूर्णरूप से लागू करने में लगी तमाम एजेंसी को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है. पिछले दिनों ही शराबबंदी को माखौल बनाने में महती भूमिका निभाने वाले सभी पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाया गया. साथ में जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने भी शपथ लेकर इस कोरम को पूरा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अपने मंत्रिमंड़ल के सदस्सों को शपथ दिलाई और यह बताने की भरसक कोशिश की गई कि इस बार की शपथ लेने के बाद शराबबंदी वास्तव में लागू होगी. सरकार अपनी प्रशासनिक अमले को दुरूश्त करने में जुट गई है. ताबड़तोड़ बैठकें हुई. इसी कड़ी में बिहार कैडर के चर्चित सख्त मिजाजी आईएस अफसर केके पाठक को मद्ध निषेध विभाग का प्रमुख बनाया गया। केके पाठक अपनी सख्त रवैए और परिणाम देने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. विभाग की जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने अपनी मंशा व्यक्त कर दी. पाठक, सचिव स्तर के बिहार सरकार के इकलौते पदाधिकारी हैं जिन्होंन पब्लिक में अपना व्हाटसप नम्बर 9473400600 जारी किया और भरोसा दिया कि गोपनीयता बरतते हुए आप उनतक शराबखोरी में जुटे लोगों की सूचनाएं पहुंचाएं. सूचना मिलते ही सरकार उनसे निपट लेगी। मंगलवार को विहार विधानसभा के परिसर में शराब की बोतलें मिलने के बाद जमकर हंगामा हुआ. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. सदन के बाहर भी तेजस्वी यादव ने शराबबंदी के मसले पर सरकार को घेरा और कहा कि यह कानून पूरी तरह विफल है. शराबबंदी के नाम पर पुलिस प्रशासन आम लोगों को प्रताड़ित कर रही है। स्तम्भकार और स्वतंत्र लेखन से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडये कहते हैं, 'शरारबबंदी गैर व्यवहारिक, व्यर्थ अवधारणा पर आधारित यह निर्णय असफल होने के लिए वाध्य है. बिहार सरकार, गुजरात सरकार से इस बात को सीख सकती है. गुजरात में भी शराबबंदी है मगर कुछ छूट के साथ. कुल मिलाकर नियमन के साथ शराबखोरी पर नियंत्रण किया जा सकता है. अब यह सरकार तय करे कि नियमन की सीमा और सजा क्या होगी। हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
Posted: 01 Dec 2021 05:54 AM PST दरभंगा में खुला देश का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र, जन्मकुंडली, हस्तरेखा व राशिफल देख होता है बीमारी का इलाजदरभंगा हमारे देश में अक्सर इस बात की बहस होती रही है कि ज्योतिष विज्ञान वास्तव में होता है या फिर यह महज लोगों का विश्वास भर है. यह बहस तो अब भी जारी है और इसे मानने या न मानने वाले भी मौजूद हैं. इसी बीच दरभंगा के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में देश का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र खोला गया है, जहां मरीजों की बिमारी की पहचाना पैथोलॉजी रिपोर्ट और ग्- तंल देखा नहीं, बल्कि उसकी जन्मकुंडली, हस्तरेखा और राशिफल देख विशेषज्ञ करते हैं. मरीजों के ग्रह नक्षत्रों को बारीकी से देख उसका मिलान किया जाता है फिर बीमारी की पहचान की जाती है. इसके बाद मरीज को दवा के बदले मंत्र जाप के साथ उपासना और आराधना के अलावा ग्रह नक्षत्र को रत्न धारण करवाकर मरीजों का उपचार शुरू किया जाता है। दरभंगा आयुर्वेदिक कालेज में इसकी शुरुआत बीते 28 नवंबर से की गयी है. मरीज भी अपना इलाज कराने अब यहां पहुंच रहे हैं. जिनके पास जन्म कुंडली नहीं है ऐसे मरीजों से ज्योतिषाचार्य मरीज की जन्मतिथि और जन्मस्थल की जानकारी लेकर मरीज का खुद पहले कुंडली तैयार करते हैं, फिर ग्रह नक्षत्र के दोष गुण के अनुसार मरीज की बीमारी की पहचान कर उसका इलाज शुरू कर देते हैं. हलांकि ऐसा नहीं कि सभी मरीजों का इलाज एक ही विधि से होती हो. जरूरत होने पर मरीजों को कुछ आयुवेदिक दवा भी दी जाती है। जानकार बताते हैं कि पहले जमाने के जो भी वैद्य मरीजों का इलाज करते थे वे भी ज्योतिष के जानकार होते थे. इसलिए आयुर्वेद को ज्योतिष चिकित्सा से अलग नहीं किया जा सकता है. यही कारण है की यहां ज्योतिष चिकित्सा के अलावा योग और आयुर्वेद के आवश्यक घटक 'दिनचर्य', 'ऋतुचार्य' और 'पंचकर्म' के सिद्धांत अनुसार मरीजों का उपचार किया जाता है. दरभंगा के राजकीय महारानी रामेश्वरी विज्ञान संस्था में कई तरह की जड़ी-बूटी वाले पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं. जिससे जरूरत के हिसाब से इन प्राकृतक चीजों का उपयोग कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके। सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल अधीक्षक सह कॉलेज के प्राचार्य डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि प्राचीन काल में यह विज्ञान काफी लोकप्रिय था, लेकिन बदलते समय के साथ यह गुमनाम हो गया और नए युग के लोग इससे दूर हो गए. लेकिन, अब यह फिर से उपयोग में आ रहा है और सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज दरभंगा देश का पहला अस्पताल है जिसने आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ-साथ ज्योतिष चिकित्सा की शुरुआत की गयी है. यह कुछ ही दिनों में काफी लोकप्रिय भी हो रहा है. देश के अलग-अलग जगहों से लोग फोन कर इलाज के लिए संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के आवश्यक घटक 'दिनचर्य', 'ऋतुचार्य' और 'पंचकर्म' के सिद्धांत सभी चिकित्सा ज्योतिष पर ही आधारित हैं, इसलिए ज्योतिष चिकित्सा को नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने यह भी मरीज को ठीक होने से मतलब है, लेकिन डाक्टरों की अलग-अलग संस्था में मतभेद होने के कारण आयुवेद और ज्योतिष चिकित्सा हासिये पर चला गया था. जिसे अब पुनर्जीवित करने का प्रयास सरकार भी कर रही है। डॉ दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी को मेडिकल ज्योतिष में पूर्ण पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है. उम्मीद है इसे जल्द ही सम्मलित किया जयेगा. साथ ही दरभंगा में एक रिसर्च सेंटर खोलने का भी प्रस्ताव सरकार को भेजा है. बता दें कि दरभंगा में पहले से एम्स बनाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही दरभंगा एयपोर्ट ऑपरेशनल है. अब देश का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र का खुल जाना दरभंगा के लिए एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। दरभंगा ज्योतिष चिकित्सा केंद्र में अपना इलाज करवाने पहुंची शोभा कुमारी ने बताया कि नेत्र दोष के कारण उनके सिर में हमेश दिक्क्त होती है. आंखों के डॉक्टर से दिखवाया, चश्मा भी दिया, लेकिन बिमारी दूर नहीं हुई. ऐसे में उन्होंने अब अपना इलाज के लिए आयुर्वेद अस्पताल आये, जहां मेरी जन्म कुंडली बनाकर ज्योतिषाचार्य ने देखा और उपचार में कोई दवा नहीं, बल्कि उगते सूर्य को जल अर्पण करने के आलावा सूर्य की उपासना का मंत्र बताया गया है, जो काफी अच्छा है. उम्मीद है जल्द ही वे अब ऐसा कर स्वास्थ्य हो जायेंगी। ज्योतिष चिकित्सा के माध्यम से इलाज कर रहे डाक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि आयुर्वेद के इलाज में ज्योतिष चिकित्सा को अलग नहीं किया जा सकता है. प्राचीन काल में भी इलाज करने वाले वैद्य ज्योतिष विद्या के जानकार होते थे. यही चीज आज के जमाने में फिर से शुरू की गयी है. जहां वे मरीज की जन्मकुंडली देख ग्रह नक्षत्र के उतार चढ़ाव के साथ गुण और दोष देखते हैं. वहीं हस्तरेखा देख मरीज की वर्तमान परिस्थिति को जाना जाता है। इसके अलावा राशिफल से उसके तेज को मापा जाता है. फिर सभी के मिश्रण के बाद अंत में जरूरत के हिसाब से बिना दवा सुई के मरीज का इलाज मन्त्र जाप के साथ उपासना और अलग-अलग तरह ने रत्न धारण कर इलाज शुरू किया जाता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत होने पर ज्योतिष चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा की जाती है।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
बिहार का नया आंखफोड़वा कांड, पहले 24 की गई रोशनी, अब आंख निकलवाने कतार में लगे लोग Posted: 01 Dec 2021 05:50 AM PST बिहार का नया आंखफोड़वा कांड, पहले 24 की गई रोशनी, अब आंख निकलवाने कतार में लगे लोगमुजफ्फरपु । बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर देखने को मिली है. दो साल पहले ही मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की दर्दनाक तस्वीर देश-दुनिया के लोगों ने देखी थी अब एक बार फिर इस जिले में 'आंख फोड़वा' अस्पताल के कारनामे ने सबको हैरान और परेशान कर दिया है. दरअसल मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित आई-हॉस्पिटल में 22 नवंबर को सुबह 10रू00 बजे से लेकर 1रू00 बजे तक विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इसमें करीब 60 से अधिक महिलाओं और पुरुषों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था. लेकिन, महज एक सप्ताह के अंदर ही सभी के आंखों में इंफेक्शन हो गया। हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि 24 लोगों के आंखों की रोशनी ही चली गयी. अब 10 से ज्यादा मरीजों की हालत इनती गंभीर हो चुकी है कि उनकी आंखें बाहर निकालने की नौबत आ चुकी है. ऐसे में बुधवार को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में मरीज आंखें निकलवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आएं. इस दर्दनाक तस्वीर को देखकर हर कोई हैरान है और पूछ रहा है कि आखिर इन लोगों का क्या कसूर है कि पहले तो इनलोगों के आंखों की रोशनी छीन ली गयी अब इन्हें इन्फेक्शन की वजह से मजबूरन अपनी आंख निकलवानी पड़ रही है। इस बड़े कांड को लेकर बिहार विधानसभा में भी जमकर हंगामा हो रहा है. आरजेडी ने इस मामले को लेकर सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पूर्व सीएम राबड़ी देवी आंख निकालने की घटना को लेकर राज्य सरकार पर खूब बरसी और कहा कि आज कई लोगों को अपनी आंखे निकलवानी पड़ रही है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री आखिर क्या कर रहे है? अभी तक लोगों को कोई मुआवजे देने की बात भी नहीं की गयी है. यह कैसा शासन है जहां लोगों की आंखे निकालनी पड़ रही है, जांच किया जाए कि कौन कैम्प लगाया था।हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag |
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