प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- ललितपुर : प्रा0शि0संघ के ज्ञापन के क्रम में परिषदीय शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश दिए जाने का आदेश जारी
- यूपी के राजकीय माध्यमिक कालेजों को जल्द मिलेंगे शिक्षक, चयनितों को विद्यालय नियुक्ति /पदस्थापन हेतु करना होगा आवेदन
- माध्यमिक : नई शिक्षक भर्ती के लिए मांगी रिक्त पदों की जानकारी, 12 दिसंबर तक रिक्त पदों की संख्या पोर्टल पर करना होगा अपलोड, देखें आदेश
- कायाकल्प : तकनीक व डिजिटल सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल, बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्ययोजना तैयार कर विश्व बैंक से ऋण लेंगे
- UPTET में सेंध : आखिर प्रिंटिंग प्रेस बदलने की कौन सी रही मजबूरी या दबाव?
- हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति फंसी, बीएचयू समेत 67 संस्थानों के पास केवल 24 घंटे का समय
- NISHTHA FLN 3.0 : निष्ठा प्रशिक्षण के दिसंबर माह के कोर्स माड्यूल 05 और 06 के दीक्षा प्रशिक्षण लिंक जारी, करें एक क्लिक में जॉइन
- IGNOU ने आवेदन करने की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ाई
- देश भर के स्कूलों के लिए बने के एक कामन पाठ्यक्रम, संसदीय समिति की अहम सिफारिश
- साठ लाख बच्चों के अभिभावकों को DBT के जरिये धनराशि मिलने का अभी भी इंतजार
- क्या प्रशिक्षण की भेंट चढ़ेगी गुरुजी की छुट्टी? 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक घोषित है शीतकालीन अवकाश
- जिले के अंदर तबादले, पदोन्नति आदि पर समिति की रिपोर्ट जल्द, िशिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी से रिपोर्ट तलब
- सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और रजिस्ट्रार आज करेंगे ज्वाइन
- UPTET पेपर लीक केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, निलंबन के बाद पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार
- उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा तिथि के संबंध में लिया बड़ा फैसला, लाखों स्टूडेंट्स जरूर करें चेक
- CBSE Private Candidates : सीबीएसई 10वीं, 12वीं के प्राइवेट परीक्षार्थी कल से भरेंगे परीक्षा फॉर्म
- यूपी बोर्ड : कक्षा 9 से 12 अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंक वेबसाइट पर अपलोड करने के सम्बन्ध में।
- UPTET पेपर लीक कांड में बढ़ता जा रहा जांच का दायरा, लगातार गिरफ्तार किये जा रहे आरोपित, प्रिंटिंग के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक होने की बात आ रही सामने
- पुरानी पेंशन समेत 21 सूत्रीय मांगों के लिए कर्मचारियों व शिक्षकों की महारैली, सरकार को दिया चुनाव से पहले मांगे पूरी करने का अल्टीमेटम
ललितपुर : प्रा0शि0संघ के ज्ञापन के क्रम में परिषदीय शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश दिए जाने का आदेश जारी Posted: 02 Dec 2021 05:30 PM PST |
Posted: 02 Dec 2021 05:26 PM PST यूपी के राजकीय माध्यमिक कालेजों को जल्द मिलेंगे शिक्षक, चयनितों को विद्यालय नियुक्ति /पदस्थापन हेतु करना होगा आवेदन राजकीय माध्यमिक कालेजों को 210 शिक्षक जल्द मिलेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग में शुक्रवार से आनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। प्रवक्ता पद के आनलाइन पदस्थापन के लिए नौ दिसंबर तक, जबकि सहायक अध्यापक के लिए 10 से 16 दिसंबर तक आवेदन हो सकेंगे। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने पिछले दिनों 210 अभ्यर्थियों का चयन किया है। प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों को अब इन रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति दी जानी है। उप शिक्षा निदेशक विकास श्रीवास्तव ने बताया कि आवेदन पत्र आनलाइन ही स्वीकार होगा, किसी अन्य माध्यम से भेजा गया आवेदन रद किया जाएगा। आनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया में जो अभ्यर्थी प्रतिभाग नहीं करेंगे उन्हें अन्य अवसर नहीं दिया जाएगा व विभाग का निर्णय अंतिम होगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति पत्र जारी करने की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए विभाग एनआइसी के माध्यम से वेबसाइट seceduonlineposting.up.gov.in पर अभ्यर्थियों से आवेदन ले रहा है। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ई-मेल seceduonlineposting@gmail.com व हेल्पलाइन मोबाइल नंबर 6387219859 पर वाट्सएप व इसी नंबर पर कार्यदिवस में उपलब्ध रहेगा, जिस पर वे अपनी समस्या का निराकरण करा सकते हैं। इन विषयों के अभ्यर्थी करेंगे आवेदन : पुरुष शाखा के प्रवक्ता पद के लिए इतिहास, कृषि, तर्कशास्त्र, संस्कृत,नागरिक शास्त्र, भौतिक विज्ञान, जीवविज्ञान, अंग्रेजी, गणित, फारसी, शिक्षाशास्त्र, उर्दू, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, शारीरिक अनुदेशक व हिंदी। इसी तरह सहायक अध्यापक (पुरुष/महिला) शाखा के लिए हिंदी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, जीवविज्ञान, कला, गृह विज्ञान, अंग्रेजी व गणित विषय। |
Posted: 02 Dec 2021 05:07 PM PST दिनांक 01 दिसम्बर 2021 से उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज द्वारा विकसित अधियाचन पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2022 के अधियाचन भेजने विषयक। माध्यमिक : नई शिक्षक भर्ती के लिए मांगी रिक्त पदों की जानकारी, 12 दिसंबर तक रिक्त पदों की संख्या पोर्टल पर करना होगा अपलोड, देखें आदेश प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक, प्रवक्ता और प्रधानाचार्यों की एक और भर्ती शुरू होने जा रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर तीन से 12 दिसंबर तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रिक्त पदों की जानकारी (अधियाचन) अपलोड करने का निर्देश दिया है। अधियाचन भेजने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 8468007598 भी जारी किया गया है। खास तौर से सलाह दी गई है कि ध्यानपूर्वक परीक्षण के बाद सत्यापित अधियाचन ही भेजा जाए। साथ ही यह सुनिश्चित कर लें कि जनपद से भेजे गए रिक्त पदों के अलावा कोई और पद रिक्त नहीं है। इस बाबत एक प्रमाण पत्र भी चयन बोर्ड को देना होगा। ताकि आगे चलकर अगर कोई जानकारी गलत निकलती है तो उसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ही जिम्मेदार हों। |
Posted: 02 Dec 2021 04:52 PM PST कायाकल्प : तकनीक व डिजिटल सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल, बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्ययोजना तैयार कर विश्व बैंक से ऋण लेंगे लखनऊ। प्रदेश सरकार प्री-प्राइमरी से माध्यमिक शिक्षा तक के स्कूलों के कायाकल्प की तैयारी में है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालयों को तकनीकी व डिजिटल सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके लिए विश्व बैंक से ऋण लेने का फैसला किया गया है। संबंधित प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन सैद्धांतिक सहमति दी गई है। प्रदेश के प्री-प्राइमरी, प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में तकनीकी उच्चीकरण व डिजिटल सुविधाएं बढ़ाने के लिए आधारभूत ढांचा विकसित किया जाना है।इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्ययोजना तैयार कर विश्व बैंक से ऋण लेंगे। प्रदेश कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांति सहमति दे दी है। अब विभाग डीपीआर तैयार कर विश्व बैंक भेजने की कार्यवाही करेंगे। |
UPTET में सेंध : आखिर प्रिंटिंग प्रेस बदलने की कौन सी रही मजबूरी या दबाव? Posted: 02 Dec 2021 04:43 PM PST UPTET में सेंध : आखिर प्रिंटिंग प्रेस बदलने की कौन सी रही मजबूरी या दबाव? प्रयागराज : टीईटी पेपर लीक प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि गिरफ्तार सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय के ऊपर आखिरकार पुराने प्रेस को बदलने की ऐसी कौन सी मजबूरी या दबाव था। एसटीएफ की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि पेपर छापने का काम बदरपुर नई दिल्ली की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड को परीक्षा से एक महीने पहले 26 अक्तूबर को दिया गया था। उसने चार अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए और पेपर लीक का यही मुख्य वजह बनी। चर्चा है कि क्या संजय कुमार उपाध्याय ने निजी हितों के लिए ऐसी फर्म को प्रश्नपत्र छापने का ठेका दे दिया जिसके पास इतने गोपनीय काम का कोई अनुभव नहीं था या फिर किसी दबाव में यह निर्णय लेना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि संजय कुमार उपाध्याय के सचिव पद पर आने से पहले भी यहां तैनात रहे अफसरों पर प्रश्नपत्र छापने के लिए निजी प्रिंटिंग प्रेस और रिजल्ट बनाने के लिए प्राइवेट कम्प्यूटर फर्म के चुनाव के दबाव की सुगबुगाहट सुनने में आती रही है। चर्चा है कि रसूखदार लोग खुद मोटी कमाई या अपने खास लोगों को अनुचित लाभ दिलाने के लिए पसंदीदा प्रिंटिंग प्रेस और कम्प्यूटर फर्म को काम दिलवाने का दबाव अफसरों पर बनाते हैं। रसूखवालों के चहेतों को छपाई या रिजल्ट का काम न देने पर अफसरों को निलंबन और दूसरी कार्रवाई की धमकी भी मिलती रही है। लेकिन ये बातें कभी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आईं। |
हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति फंसी, बीएचयू समेत 67 संस्थानों के पास केवल 24 घंटे का समय Posted: 02 Dec 2021 02:47 PM PST हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति फंसी, बीएचयू समेत 67 संस्थानों के पास केवल 24 घंटे का समय उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा परीक्षा परिणाम छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड न किए जाने से वित्तीय वर्ष 2021-22 में पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से वंचित होना पड़ सकता है। समाज कल्याण निदेशालय ने शुक्रवार तक परीक्षा परिणाम अपलोड करने की समय सीमा तय कर दी है। यानी अगले 24 घंटे में लोड नहीं किया गया तो छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। निदेशालय ने प्रदेश के केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों व स्वायत्तशासी संस्थानों समेत कुल 67 संस्थानों को इस संबंध में पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि यदि तीन दिसंबर 2021 तक परीक्षा परिणाम अपलोड नहीं किया जाता है तो संस्थानों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल पाएगी, जिसके लिए संबंधित विश्वविद्यालय एवं संबद्ध एजेंसी जिम्मेदार होगी। निदेशालय ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध एजेंसियों को परीक्षा परिणाम घोषित होते ही तत्काल छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है लेकिन अभी तक परीक्षा परिणाम अपलोड नहीं किया गया है। निदेशालय ने जिन 67 संस्थानों की सूची जारी की है, उन्होंने एक भी परीक्षा परिणाम अपलोड नहीं किया है। इसमें बीएचयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ, भातखंडे संगीत सम विश्वविद्यालय लखनऊ, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ, यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी लखनऊ, यूपी होम्योपैथिक चिकित्सा बोर्ड लखनऊ, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, नरेन्द्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी तथा चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर जैसे संस्थान भी शामिल हैं। |
Posted: 01 Dec 2021 06:00 PM PST NISHTHA FLN 3.0 : निष्ठा प्रशिक्षण के दिसंबर माह के कोर्स माड्यूल 05 और 06 के दीक्षा प्रशिक्षण लिंक जारी, करें एक क्लिक में जॉइन निष्ठा FLN प्रशिक्षण 2021, उत्तर प्रदेश Module 05 & 06 Launch Start Date : 01 December 2021 End Date: 31 December 2021 आप अवगत है कि, निष्ठा FLN प्रशिक्षण प्रदेश में 15 October 2021 से दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शुरू किया गया है । इसी क्रम मे Module 05 एवं 06, 1 December 2021 से Live किये जा रहें हैं, प्रशिक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ निम्नवत है। 🔵 Module 5 👉 (दीक्षा Link)UP_'विद्या प्रवेश' एवं 'बालवाटिका' की समझ (निष्ठा FLN)👉 https://diksha.gov.in/learn/course/do_31342092885229568012347 🔵 Module 6 👉 (दीक्षा Link)UP_बुनियादी भाषा और साक्षरता (निष्ठा FLN) :👉 https://diksha.gov.in/learn/course/do_31342093148966092812490
1. प्रशिक्षण से पहले सभी users अपना दीक्षा ऐप playstore से अनिवार्य रूप से update कर लें । 2. अपनी दीक्षा प्रोफाइल में district, block, school का चयन कर update कर लें। ( https://youtu.be/8sHuHUrkBxQ वीडियो लिंक का प्रयोग कर प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया को समझ सकते हैं) 3.मोड्यूल 5 एवं 6 का डैशबोर्ड 5 December 2021 से live किया जाएगा। 📌 Nishtha FLN 2021 क्या है और इसको कैसे करें: Video Link: https://youtu.be/6dz6izD0R1Y |
IGNOU ने आवेदन करने की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ाई Posted: 01 Dec 2021 05:20 PM PST IGNOU ने आवेदन करने की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ाई इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने एक बार फिर जुलाई 2021-22 सत्र के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। यह आवेदन स्नातक और परास्नातक के लिए ओपन डिस्टेंस लर्निंग माध्यम के हैं। अब इसके लिए अभ्यर्थी 7 दिसंबर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले आवेदन की अंतिम तिथि नवंबर माह के आखिर में थी। इग्नू ने इससे पहले पांच बार आवेदन तिथि बढ़ाई है। अभ्यर्थी दाखिला पोर्टल https://ignouadmission.samarth.edu.in/ और https://ignouadmission.samarth.edu.in/index.php/site/programmes पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इग्नू ने यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी छात्र को आवेदन संबंधी परेशानी है तो ssc@ignou.ac.in पर मेल कर सकता है या 011-29572513 और 011 29572514 पर संपर्क कर सकता है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन संबंधी किसी तरह की परेशानी होने पर छात्र csrc@ignou.ac.in पर भी मेल कर सकते हैं। |
देश भर के स्कूलों के लिए बने के एक कामन पाठ्यक्रम, संसदीय समिति की अहम सिफारिश Posted: 01 Dec 2021 04:56 PM PST देश भर के स्कूलों के लिए बने के एक कामन पाठ्यक्रम, संसदीय समिति की अहम सिफारिश नई दिल्ली : सीबीएसई आइसीएससी और राज्य शिक्षा बोडर्डों में बंटी स्कूली शिक्षा को एक जैसा स्वरूप देने के लिए संसद की स्थायी समिति ने देश भर के स्कूलों के लिए एक समान (कामन) पाठ्यक्रम विकसित करने का सुझाव दिया है। साथ ही शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि वह इससे जुड़ी संभावनाओं पर काम करें। स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले सभी विषयों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए। समिति का कहना है कि इससे स्कूली शिक्षा में एकरूपता आएगी और देश भर के सभी स्कूली छात्रों का एक ही शैक्षणिक स्टैंडर्ड होगा। भाजपा सांसद डा विनय सहस्त्रबुद्धे की अगुवाई वाली शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने स्कूली शिक्षा को लेकर यह अहम सिफारिश उस समय की है, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल का काम तेजी से चल रहा है। इसके तहत स्कूलों के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकें भी तैयार होनी हैं। हालांकि इससे पहले ही समिति की स्कूली पाठ्यपुस्तकों की विषयवस्तु और डिजाइन में सुधार के संबंध में यह सिफारिश इसलिए भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में देश अलग-अलग शिक्षा बोर्डों से संबंद्ध स्कूल है। ऐसे में इन स्कूलों में अभी एक जैसा पाठ्यक्रम नहीं है। समिति से जुड़े सदस्यों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जब स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार ही होना है, तो फिर इन सिफारिशों पर भी विचार किया जा सकता है। संसदीय समिति ने इसके साथ ही स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली इतिहास से जुड़ी विषयवस्तु तैयार करने में पूरी सतर्कता से काम करने की जरूरत पर जोर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में करीब 25 बिंदु शामिल किए हैं। |
साठ लाख बच्चों के अभिभावकों को DBT के जरिये धनराशि मिलने का अभी भी इंतजार Posted: 01 Dec 2021 04:52 PM PST साठ लाख बच्चों के अभिभावकों को DBT के जरिये धनराशि मिलने का अभी भी इंतजार लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 60 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये नहीं पहुंचे हैं। सत्यापन पूरा न होने के कारण दूसरे चरण में करीब 60 लाख अभिभावकों को धनराशि नहीं भेजी जा सकी है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व अधिकारी इस समय मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में लगे हैं इसलिए सत्यापन में विलंब हो रहा है। बच्चों के स्वेटर व यूनीफार्म के लिए धनराशि न मिलने से ठंड में बच्चों को परेशानी हो रही है। प्रदेश सरकार पहली बार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये भेज रही है, वे बच्चों को यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता मोजा व स्वेटर आदि खरीदकर दे सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना का शुभारंभ किया और उसके कुछ दिन बाद ही करीब एक करोड़ 20 लाख बच्चों के अभिभावकों को तय धनराशि भेजी जा सकी। जिनके बैंक खाते अपडेट थे उनमें तत्काल धन पहुंचा अन्य में निरंतर पहुंच रहा है। दूसरे चरण में करीब 60 लाख बच्चों के अभिभावकों का जिलों में सत्यापन चल रहा है। इसमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, वित्त अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को इसका सत्यापन करना है। शिक्षक से लेकर अधिकारी तक निर्वाचन कार्य में लगे होने से सत्यापन का कार्य पूरा होने में समय लग रहा है। अब कुछ हजार सत्यापन बचे हैं। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने 30 नवंबर तक सभी के खाते में धन भेजने का निर्देश दिया था, विभागीय अफसरों का कहना है कि यह कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। |
क्या प्रशिक्षण की भेंट चढ़ेगी गुरुजी की छुट्टी? 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक घोषित है शीतकालीन अवकाश Posted: 01 Dec 2021 04:46 PM PST क्या प्रशिक्षण की भेंट चढ़ेगी गुरुजी की छुट्टी? 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक घोषित है शीतकालीन अवकाश प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में पठन पाठन का स्तर सुधारने और शिक्षकों का अध्यापन कौशल बढ़ाने के लिए शासन की तरफ से स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। पहले चरण में मास्टर ट्रेनर तैयार किए में गए। अब मास्टर ट्रेनरों को भौतिक रूप से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। शासन ने इस पर नाराजगी जताते हुए जल्द प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया है। इस आदेश से अध्यापकों का शीतकालीन अवकाश खटाई में पड़ता दिख रहा है। शिक्षक नेता ब्रजेंद्र सिंह, डा. एसपी सिंह का कहना है कि फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेशी ट्रेनिंग शीतकाल में कराना ठीक नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग प्रयागराज की ओर से जारी अवकाश तालिका में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित है। दूसरी तरफ महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से जो आदेश जारी है उसमें फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेशी ट्रेनिंग की तारीख 13 दिसंबर से 31 जनवरी प्रस्तावित है। यह प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर आफलाइन मोड में होना है। इसकी वजह से अध्यापकों का अवकाश प्रभावित होगा। इससे पूर्व गीष्मकालीन अवकाश भी कोरोना ड्यूटी की भेंट चढ़ चुका है। इसके बदले में शिक्षकों को किसी तरह का अन्य लाभ भी नहीं दिया गया। |
Posted: 01 Dec 2021 04:42 PM PST जिले के अंदर तबादले, पदोन्नति आदि पर समिति की रिपोर्ट जल्द शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी से रिपोर्ट तलब लखनऊ। बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इससे उम्मीद है कि शिक्षकों की वाजिब समस्याओं का समाधान जल्द होगा। दरअसल, शिक्षकों की पदोन्नति, वेतन विसंगति दूर करने, जिले के अंदर तबादले, पारस्परिक तबादले, पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गंवाने वाले शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक के पद पर नियुक्ति सहित अन्य मामले लंबित हैं। इन्हीं मांगों को पूरा कराने के लिए शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले मंगलवार को राजधानी में हुई महारैली में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए थे। महारैली के बाद मुख्य सचिव ने शिक्षकों व कर्मचारियों से जुड़े मामलों की समीक्षा में कमेटी को जल्द रिपोर्ट जल्द पेश करने के निर्देश दिए हैं। अवस्थी ने बताया कि कमेटी जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। शिक्षक संगठनों के प्रत्यावेदन पर विभागों से बात की जा रही है। |
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और रजिस्ट्रार आज करेंगे ज्वाइन Posted: 02 Dec 2021 04:56 PM PST सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और रजिस्ट्रार आज करेंगे ज्वाइन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी शुक्रवार को पदभार ग्रहण करेंगे। वह टीईटी पेपर आउट आउट मामले में गिरफ्तार सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय की जगह लेंगे। मनोज कुमार अहिरवार भी शुक्रवार को ही रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं का पदभार ग्रहण करेंगे। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का पेपर आउट होने के मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित करने के साथ गिरफ्तार किया गया है। अब उनकी जगह संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) एससीईआरटी रहे अनिल भूषण चतुर्वेदी को निदेशक राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के साथ सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अनिल भूषण इससे पहले 2018 से जून 2021 तक सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में दो शिक्षक पात्रता परीक्षा और एक शिक्षक भर्ती परीक्षा सकुशल संपन्न हुई थी। इसके चलते उन्हें दोबारा यह जिम्मेदारी दी गई। वहीं, मनोज कुमार अहिरवार भी शुक्रवार को रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं का पदभार ग्रहण करेंगे। वह अभी तक उप प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सीतापुर के पद पर तैनात रहे। नए PNP सचिव के सामने एक माह में यूपीटीईटी कराने की बड़ी चुनौती प्रयागराज : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के सामने एक माह में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का दोबारा आयोजन कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी। हालांकि शासन ने उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दोबारा सौंपी है। वह बृहस्पतिवार को ज्वाइन कर सकते हैं। इससे पहले भी पूर्व सचिव सुत्ता सिंह के निलंबन के बाद उन्हें इस पद की जिम्मेदारी अचानक सौंप दी गई थी। उन्हें टीईटी के आयोजन का अनुभव है। पेपर छपवाने, एजेंसी के चयन, मॉडरेशन आदि की जिम्मेदारी अब उन्हीं पर होगी। सरकार पहले ही घोषणा कर दी है कि एक माह में टीईटी का आयोजन दोबारा करा दिया जाएगा। अनिल भूषण को फिर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव का जिम्मा, रजिस्ट्रार पद में भी बदलाव, देखें आदेश लखनऊ: परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव पद पर फिर अनिल भूषण चतुर्वेदी की तैनाती की गई है। वे इस समय राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ में संयुक्त शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। पांच माह पहले चतुर्वेदी के तबादले के बाद ही संजय उपाध्याय को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव बनाया गया था। ये भी संयोग है कि 68 हजार, 500 शिक्षक भर्ती में कापी बदलने और मूल्यांकन में गड़बड़ी होने पर तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह को निलंबित किए जाने के बाद भी अनिल भूषण को ही विपरीत परिस्थितियों में जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब फिर पेपर लीक होने पर उन्हें दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं मनोज कुमार अहिरवार बनाए गए हैं। वे इस समय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सीतापुर में उप प्राचार्य हैं। दोनों पदों पर तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं। |
UPTET पेपर लीक केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, निलंबन के बाद पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार Posted: 01 Dec 2021 05:43 PM PST प्रयागराज में हुई थी पेपर छापने का ठेका लेने वाली कंपनी के लोगों से डील प्रयागराज : सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने नई दिल्ली की जिस आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड को यूपीटीईटी परीक्षा का पेपर छापने का ठेका दिया था, उसके अधिकारियों से पूरी डील शहर में ही हुई थी। सचिव ने प्रिंटिंग प्रेस की जांच के बिना ही कंपनी को काम दे दिया था। कंपनी ने चार अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए, जिससे छपाई के बाद ही पेपर लीक हो गया था। यूपीटीईटी परीक्षा के लिए सचिव ने 26 अक्तूबर को आरएसएम फिनसर्व कंपनी को प्रश्नप्रत्र की छपाई के लिए वर्कआर्डर दिया था। कंपनी के लोग सचिव से काफी पहले से ही सेटिंग में लगे थे। कंपनी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहर में किसी स्थान पर संजय उपाध्याय से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही कंपनी को पेपर छापने का ठेका मिल गया। इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा का प्रश्नपत्र कहां छपेगा, सचिव ने न तो इसकी कोई जांच कराई न ही कंपनी से इस तरह के काम का कोई अनुभव प्रमाणपत्र मांगा। कंपनी के पास सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस था ही नहीं। कंपनी ने चार अलग प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए। हर स्तर पर लापरवाही बरती गई। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक संजय उपाध्याय ने एक ऐसी कंपनी को बिना जांच के ही काम दे दिया, जोकि प्रश्नपत्र मुद्रित करने में सक्षम ही नहीं थी। संजय ने पूछताछ के दौरान अपनी इस गलती को स्वीकार कर लिया। संजय के खिलाफ धारा 420, 409 और 120 बी के तहत नोएडा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर किस डील के तहत कंपनी को इतना बड़ा वर्कआर्डर दे दिया गया। संभावना है कि इस मामले में और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है। यूपी टीईटी पेपर लीक केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, निलंबन के बाद पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार UPTET Paper Leak Case यूपी टीईटी 2021 पेपर लीक केस में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय के निलंबन के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके पहले प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था। यूपी टीईटी 2021 पेपर लीक केस में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ । उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली की चहेती कंपनी को नियमों को दरकिनार कर प्रश्नपत्र छापने का काम देने के दोषी पाए गए परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के निलंबित सचिव संजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रश्नपत्र छापने का ठेका लेने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद से पूछताछ में संजय उपाध्याय की संलिप्तता सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई। शासन ने संजय उपाध्याय को मंगलवार को निलंबित किया था। एसटीएफ की नजर अब कई और आरोपितों पर टिकी है। पेपर लीक करने वालों से लेकर साल्वर गिरोह के कई सदस्यों की तलाश चल रही है। जल्द कई और आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकती है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद पहले से एक-दूसरे को जानते थे। अनूप की कंपनी के पास सिक्योरिटी प्रिंटिंग की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसकी जानकारी होने के बाद भी संजय ने अनूप की कंपनी को बिना कोई गोपनीय जांच कराए ही वर्क आर्डर दिया और उसकी प्रिंटिंग प्रेस का निरीक्षण तक नहीं किया गया। एसटीएफ की जांच में संजय उपाध्याय को सरकारी धन का दुरुपयोग करने का भी दोषी पाया गया है। सिक्योरिटी प्रिंटिंग में एक प्रश्नपत्र के मुद्रण में 50 रुपये तक खर्च आता है। जो साधारण प्रिंटिंग की तुलना में काफी अधिक होता है। इन सभी तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी एक ऐसी कंपनी को मुद्रण का काम दिया गया, जो एक भी मानक को पूरा नहीं करती थी। आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड ने चार अलग-अलग साधारण प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छपवाए थे। सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इन तथ्यों के सामने आने के बाद संजय उपाध्याय को एसटीएफ मुख्यालय बुलाकर लंबी पूछताछ की गई थी, जिसमें वह चहेती कंपनी को वर्क आर्डर देने को लेकर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश का कहना है कि एसटीएफ की प्रयागराज और नोएडा यूनिट सहित थाना सूरजपुर पुलिस की संयुक्त पूछताछ में पेपर लीक मामले में संजय की संलिप्तता पाई गई। मूलरूप से गाजीपुर के ग्राम चकिया निवासी संजय उपाध्याय को गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाने में राय अनूप प्रसाद व अन्य के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे के तहत गिरफ्तार किया गया है। एडीजी का कहना है कि संजय उपाध्याय के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था, जिसके कारण परीक्षा रद कर दी गई थी। इसमें 21.65 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। इस पूरे प्रकरण को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटरनेट मीडिया पर पेपर लीक करने सहित साल्वर गिरोह के करीब तीन दर्जन आरोपितों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय के बाद अब जल्द ही इस मामले में कुछ और बड़ों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। यूपी के एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि टीईटी पेपर लीक केस में शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि सख्त एक्शन लिया जाएगा। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। उनके अनुसार पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी। उन्होंने कहा कि पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। सरकार पहले ही उन्हें निलंबित कर चुकी है। इससे पहले प्रश्न पत्र छापने वाली कंपनी के निदेशक अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। पेपर लीक के लिए दोनों जिम्मेदार पाए गए हैं। आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड का निदेशक भी हो चुका है गिरफ्तार : टीईटी पेपर लीक केस में एटीएफ ने एक दिन पूर्व ही आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया था और उसके तीन साथियों की तलाश की जा रही है। एसटीएफ पेपर लीक मामले में प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, अयोध्या, कौशांबी, बागपत और शामली में 10 मुकदमे दर्ज कराकर 45 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें सबसे अधिक 18 आरोपित प्रयागराज में गिरफ्तार किए गए हैं। योगी सरकार में पीएनपी के दूसरे सचिव पर कार्रवाई : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के स्तर पर गड़बड़ी होने के मामले में दूसरी बार सचिव पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप में इससे भी बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह सहित कई अफसरों को निलंबित कर दिया गया था। अब यूपीटीईटी में गोपनीयता के उच्चस्तरीय मानदंडों का पालन नहीं करने के आरोप में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर गिरफ्तार भी कर लिया गया है। यह इस पद पर छह महीने भी नहीं रह पाए। कई बड़ों की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें : एसटीएफ की जांच का दायरा जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसमें जल्द कुछ और बड़ों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से परीक्षा संचालित कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि किस-किस स्तर पर लापरवाही बरती गई और नियमों की अनदेखी की गई। अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से भी जल्द पूछताछ हो सकती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद) का एक अंग है। विवेचना में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर एसटीएफ आगे की छानबीन कर रही है। |
Posted: 01 Dec 2021 08:17 AM PST उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा तिथि के संबंध में लिया बड़ा फैसला, लाखों स्टूडेंट्स जरूर करें चेक उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड ( Uttar Pradesh Basic Education Board UPBEB) परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है उम्मीद है कि नई परीक्षा तिथि समय और स्थान के विवरण के साथ आवेदकों के लिए नए प्रवेश पत्र जल्द जारी किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा तिथि के संबंध में लिया बड़ा फैसला, लाखों स्टूडेंट्स जरूर करें चेकयूपी सरकार ने अभ्यर्थियों को बड़ी सुविधा दी है। नई दिल्ली : यूपी टीईटी परीक्षा कैंसिल होने के बाद नई परीक्षा तिथि का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बड़ी अपडेट है। दरअसल, यूपी सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा तिथि के संबंध में लिया बड़ा फैसला, है। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा फॉर्म भरने वाले 22 लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए, सरकार ने कहा है कि जल्द ही परीक्षा की नई तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने कहा है कि परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation, UPSRTC) परीक्षा के लिए मुफ्त सुविधा प्रदान की जाएगी। यूपी सरकार ने कहा कि यूपीटीईटी 2021 एक महीने के भीतर "पारदर्शी तरीके से" परीक्षा आयोजित की जाएगी। वहीं उम्मीदवारों से कोई अतिरिक्त परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। बता दें कि बीते दिन यानी कि 28 नवंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने पेपर लीक मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। लखनऊ से चार, मेरठ से तीन, वाराणसी से दो और गोरखपुर सहित विभिन्न शहरों से लगभग 23 को गिरफ्तार किया गया है। वहीं इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने बताया कि कौशांबी से 1 और प्रयागराज से 13 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड ( Uttar Pradesh Basic Education Board, UPBEB) परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है, उम्मीद है कि नई परीक्षा तिथि, समय और स्थान के विवरण के साथ आवेदकों के लिए नए प्रवेश पत्र जल्द जारी किए जाएंगे। गौरतलब है कि यूपी टीईटी परीक्षा में प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) प्रारूप में होंगे और हिंदी और अंग्रेजी में होंगे। उम्मीदवार अपनी सुविधानुसार भाषा का चयन कर सकते हैं। UPTET 2021 परीक्षा में दो पेपर होंगे। पहले पेपर में पांच विषय शामिल हैं, यानी बाल विकास और शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेजी या उर्दू या संस्कृत), गणित और पर्यावरण अध्ययन, वहीं जबकि पेपर 2 में बाल विकास शिक्षाशास्त्र, भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेजी या उर्दू या संस्कृत), और गणित या विज्ञान या सामाजिक विज्ञान या सामाजिक अध्ययन शामिल हैं। |
CBSE Private Candidates : सीबीएसई 10वीं, 12वीं के प्राइवेट परीक्षार्थी कल से भरेंगे परीक्षा फॉर्म Posted: 01 Dec 2021 08:07 AM PST CBSE Private Candidates : सीबीएसई 10वीं, 12वीं के प्राइवेट परीक्षार्थी कल से भरेंगे परीक्षा फॉर्म CBSE Private Candidates : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बारहवीं के बाद अब दसवीं के प्राइवेट परीक्षार्थी के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि जारी कर दी है। छात्र दो दिसंबर से परीक्षा फॉर्म भर सकते है। बिना विलंब शुल्क के दो से 20 दिसंबर तक परीक्षा फॉर्म भराया जायेगा। वहीं 21 से 30 दिसंबर तक विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फॉर्म भरा जायेगा। बोर्ड की मानें तो पांच विषयों के लिए परीक्षा शुल्क 15 सौ देना होगा। वहीं अतिरिक्त विषय के लिए प्रति विषय तीन सौ रुपये देने होंगे। विलंब शुल्क के तौर पर दो हजार रुपये प्रति परीक्षार्थी देना होगा। ज्ञात हो कि बोर्ड द्वारा इससे पहले 12वीं के प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि घोषित की गई थी। बारहवीं के प्राइवेट परीक्षार्थी 20 दिसंबर तक ही परीक्षा फॉर्म भर सकेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं और 12वीं 2022 सत्र की बोर्ड परीक्षा दो पार्ट में ली जा रही है। लेकिन प्राइवेट परीक्षार्थियों को केवल टर्म-2 परीक्षा ही देनी होगी। नियमित परीक्षार्थी को टर्म-1 और टर्म-2 दोनों देना होगा। - छह साल तक के छात्रों को मिलेगा मौका बोर्ड द्वारा 2016 से 2020 तक के अनुत्तीर्ण छात्र को परीक्षा में बैठने का मौका दिया गया है। इसके अलावा 2021 के कंपार्टमेंट, इंप्रूवमेंट, अतिरिक्त विषय आदि के लिए परीक्षा में शामिल हो सकते है। जो छात्र 2016 में प्लस टू या दसवीं में फेल हो गये, वो परीक्षा फॉर्म भर सकते है। बोर्ड द्वारा छात्र हित में यह मौका दिया जा रहा है। 2020 और 2021 बैच के छात्र अतिरिक्त विषय के लिए परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। |
यूपी बोर्ड : कक्षा 9 से 12 अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के अंक वेबसाइट पर अपलोड करने के सम्बन्ध में। Posted: 30 Nov 2021 05:18 PM PST |
Posted: 30 Nov 2021 04:56 PM PST UPTET पेपर लीक कांड में बढ़ता जा रहा जांच का दायरा, लगातार गिरफ्तार किये जा रहे आरोपित, प्रिंटिंग के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक होने की बात आ रही सामने UPTET पेपर लीक केस : पेपर छापने का ठेका लेने वाली कंपनी का निदेशक गिरफ्तार, पेपर प्रिंट की कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं रही उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने का ठेका लेने वाली दिल्ली की कंपनी के निदेशक राय अनूप प्रसाद को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली के बदरपुर स्थित आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड ने प्रश्नपत्र मुद्रण का ठेका लिया था।दिल्ली में प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राय अनूप प्रसाद की ओखला में प्रिंटिंग प्रेस है। वर्तमान में वह दिल्ली में ही रह रहा था। यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया कि कंपनी के निदेशक अनूप ने ठेका लेने के बाद दिल्ली की ही एक दूसरी प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपवाए थे और इस दौरान ही पेपर लीक हो गया। इस पूरे प्रकरण में कुछ अन्य लोगों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन की जा रही है। एसटीएफ जल्द ही कुछ अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर सकती है। कंपनी के असुरक्षित ढंग से पेपर छपवाने के साथ ही प्रश्नपत्र विभिन्न जिलों की ट्रेजरी में पहुंचाए जाने के दौरान भी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में किसी जिले में पेपर की सील खुली होने की बात सामने नहीं आई है। कई बिंदुओं पर छानबीन जारी है। एसटीएफ की नोएडा इकाई ने यह कार्रवाई की है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि जांच में सामने आया कि टीईटी 2021 के प्रश्नपत्र के मुद्रण के लिए 26 अक्टूबर 2021 को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने मोहन कापरेटिव एरिया फेस-टू, बदरपुर दिल्ली स्थित आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड कंपनी के निदेशक राय अनूप प्रसाद को वर्क आर्डर दिया गया था। पेपर लीक होने में अनूप प्रसाद की भूमिका सामने आने पर उसे 29 नवंबर को एसटीएफ के नोएडा कार्यालय बुलाया गया था, जहां लंबी पूछताछ के बाद अनूप प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपित अनूप प्रसाद ने बताया कि उसके पास पेपर प्रिंट करने के लिए अपनी कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं थी। वर्क आर्डर हासिल करने के बाद उसने एक अन्य प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छपवाए थे। प्रश्नपत्र के मुद्रण के दौरान गोपनीयता व सुरक्षा मानकों की सीधी अनदेखी सामने आने पर अनूप प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ ने गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाने में अनूप प्रसाद व चार अन्य आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। अनूप प्रसाद के चार अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है। लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रश्नपत्र छापने का ठेका लेने वाली दिल्ली की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की जांच के घेरे में कई बड़े भी आ गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय के निलंबन के बाद प्रश्नपत्र के मुद्रण के लिए कंपनी के चयन में लापरवाही के सवाल भी उठ रहे हैं। रही अब तक की जांच में प्रिंटिंग के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक होने की बात सामने आई है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में किसी जिले में प्रश्नपत्र के लिफाफे की सील खुली मिलने की बात सामने नहीं आई है। कई बिंदुओं पर छानबीन जारी है। मुख्यमंत्री योगी के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ की अलग-अलग यूनिट गहनता से छानबीन में जुटी हैं। दो दिनों की पड़ताल की दौरान एसटीएफ के हाथ प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग कराने वाली एजेंसी तक पहुंचे और अब उसके निशाने पर कई और आरोपित हैं। प्रश्नपत्र लीक होने के बाद कई हाथों में पहुंचने और अलग-अलग स्तर पर उसे बेचने का काम किए जाने के तथ्य सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि एसटीएफ अब तक पकड़े गए सभी आरोपितों के आपसी कनेक्शन की भी गहनता से छानबीन कर रही है। बागपत में पकड़े गए राहुल चौधरी ने पूछताछ में एसटीएफ अधिकारियों के सामने उसे परीक्षा से एक दिन पूर्व पेपर हासिल होने की बात स्वीकार की है। राहुल ने अपने साथी रवि उर्फ बंटी, फिरोज व बलराम राठी के नाम उगले हैं। एसटीएफ उसके तीनों साथियों की भी तलाश कर रही है। ताकि यह पता लगा कि सके कि इस गिरोह को प्रश्नपत्र किससे हासिल हुआ था। राहुल ने इन दिनों चल रही दारोगा भर्ती परीक्षा में भी धांधली करने का प्रयास करने की बात भी स्वीकार की है। ऐसे ही प्रयागराज, लखनऊ व अन्य जिलों में पकड़े गए कई आरोपितों के पास भी प्रश्नपत्र हासिल हुए थे। जिनके कई साथी भी अब तक फरार हैं। दूसरी ओर इस परीक्षा में सेंधमारी के लिए कई साल्वर गिरोह भी सक्रिय थे। एसटीएफ ऐसे करीब 12 से अधिक साल्वर गिरोह की छानबीन कर रही है। खासकर बिहार से साल्वर उपलब्ध कराने वाले गिरोह उसके रडार पर हैं। बिहार का गिरोह परीक्षा तिथि से करीब दो सप्ताह पूर्व ही सक्रिय हो गया था और कई साल्वर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजे गए थे। एसटीएफ जल्द कई और आरोपितों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश खुद अलग-अलग स्तर व ¨बदुओं पर चल रही छानबीन की मानीटरिंग कर रहे हैं। एडीजी ने अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर अधीनस्थों को कई कड़े निर्देश भी दिए हैं। शिक्षक सहित पांच आरोपित गिरफ्तार लखनऊ : यूपीटीईटी का पेपर आउट करने तथा आंसर शीट उपलब्ध कराने के मामले में मंगलवार को बस्ती में भी पांच लोग पकड़े गए हैं। इसमें एक प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक है। पुलिस अब मुख्य आरोपित की तलाश कर रही है जबकि बागपत के बड़ौत में सोमवार को एसटीएफ ने जनता वैदिक कालेज के पास से एक युवक को गिरफ्तार कर उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। बस्ती के एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एसटीएफ की सूचना के आधार पर प्रकरण में गिरफ्तारी के लिए लालगंज पुलिस व बस्ती की एंटी नारकोटिक्स की संयुक्त टीम गठित की गई है। टीम ने पांच आरोपितों को दिन में लगभग डेढ़ बजे लालगंज थाना क्षेत्र के गौरा घाट पुल के पास से गिरफ्तार किया। इनमें बस्ती के गौर थानाक्षेत्र के माझा मानपुर निवासी आनंद प्रकाश यादव, जगदीश यादव, कोतवाली थानाक्षेत्र के मुंडेरवा (लबनापार) निवासी विनय कुमार, लालगंज थानाक्षेत्र के तिघरा निवासी शिक्षक सत्येंद्र सिंह उर्फ सोनू तथा धर्मेंद्र यादव शामिल हैं। सत्येंद्र प्राथमिक विद्यालय भानपुर में तैनात है। सभी के पास मोबाइल फोन मिले हैं, जिसमें टीईटी का मूल प्रश्न पत्र व आंसर शीट मिली है। मुख्य आरोपित आनंद प्रकाश फरार है। उत्तराखंड टीईटी में भी बैठा था साल्वर अयोध्या: यूपीटीईटी में सेंध लगाने वाले साल्वर उत्तराखंड टीईटी में भी शामिल हुए थे। यह सच्चाई अयोध्या में गिरफ्तार किए गए साल्वर रमेश कुमार ने एसटीएफ की पूछताछ में कबूली है। रमेश के पास से उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल 2021 का प्रवेश पत्र भी बरामद हुआ है। रमेश के मोबाइल की गैलरी में मिला प्रवेश पत्र पप्पू आर्या के नाम है, जिस पर रमेश कुमार की फोटो लगाई गई है। एएसपी पलाश बंसल बोले कि उत्तराखंड परीक्षा को लेकर अभियुक्त की ओर से दी गई जानकारी पर भी जांच कराई जाएगी। |
Posted: 30 Nov 2021 04:46 PM PST पुरानी पेंशन समेत 21 सूत्रीय मांगों के लिए कर्मचारियों व शिक्षकों की महारैली, सरकार को दिया चुनाव से पहले मांगे पूरी करने का अल्टीमेटम लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली व कैशलेस इलाज की सुविधा सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को प्रदेश भर के कर्मचारियों व शिक्षकों ने महारैली कर विरोध जताया। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के आह्वान पर बड़ी संख्या में कर्मचारी व शिक्षकों की भीड़ राजधानी में स्थित ईको गार्डन में जुटी। कर्मचारियों व शिक्षकों ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि अगर चुनाव आचार संहिता लगने से पहले दिसंबर तक उनकी मांगें सरकार ने पूरी नहीं की तो विधान सभा चुनाव में वह भाजपा और उसके सहयोगी दलों का विरोध करेंगे। ईको गार्डन में सुबह आठ बजे से ही प्रदेश भर से कर्मचारी व शिक्षकों की भीड़ जुटने लगी थी। महारैली की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने की। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोक रखा है। करीब 12 से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए। पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जा रही। प्रधानाध्यापकों के लाखों पद सरकार ने समाप्त कर दिए। शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई। शिक्षामित्र व अनुदेशक भुखमरी के कगार पर हैं। विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता सुरेश त्रिपाठी और विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों व शिक्षकों की अनदेखी करना ठीक नहीं है। आगे विधान सभा चुनाव में यह अपनी ताकत दिखाएंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही। संविदा कर्मियों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा रहा। यूपी मेडिकल एंड हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि सरकार कर्मचारियों व शिक्षकों की अनदेखी कर रही है, उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महारैली को परिवहन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के पूर्व अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया। भीड़ के कारण जाम से जूझे लोग : महारैली में जुटी बड़ी संख्या में भीड़ के कारण आलमबाग से लेकर तेलीबाग चौराहे और उसके आसपास दिन भर लोग जाम से जूझते रहे। शाम साढ़े चार बजे जब महारैली खत्म हुई तो आसपास के क्षेत्र में भीषण जाम लग गया। घंटों लोगों को जाम से जूझना पड़ा। पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो चुनाव में सिखाएंगे सबक, लखनऊ में शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों व पेंशनर्स ने भरी हुंकार लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों की लंबित पदोन्नति जल्द करने, शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स ने मंगलवार को राजधानी के ईको गार्डन में हुंकार भरी। उत्तर प्रदेश शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले आयोजित महारैली में मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार को सबक सिखाएंगे। सिर पर सफेद टोपी लगाए शिक्षक व कर्मचारियों से खचाखच भरे ईको गार्डन में 'चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हो', 'जाति धर्म का भेद मिटाओ, पुरानी पेंशन बहाल कराओ', 'पुरानी पेंशन अधिकार है, बुढ़ापे का आधार है' जैसे नारे गूंज रहे थे। डॉ. शर्मा ने कहा कि पहले सरकारें कर्मचारियों व शिक्षकों की समस्याओं को सुनकर उनके निराकरण का प्रयास करती थी, लेकिन यह पहली सरकार है, जो कर्मचारियों के लंबे संघर्ष से हासिल उपलब्धियों व अधिकारों को छीन रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान रोका हुआ है। एक दर्जन से अधिक भत्ते खत्म कर दिए है। बेसिक शिक्षा में प्रधानाध्यापकों के हजारों पद समाप्त कर दिए हैं। पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षक को पदोन्नति नहीं दी गई है। शिक्षामित्र व अनुदेशकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है। आंगनबाड़ियों व रसोइया भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वहीं, मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। इस महारैली ने यह साबित कर दिया कि शिक्षकों व कर्मचारियों में सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है। इसके खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ सकता है। विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी, सुरेश त्रिपाठी और डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह सहित अन्य कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भी महारैली को संबोधित किया। सत्ता पलटने में भी सक्षम है मंच उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों और शिक्षकों का अधिकार है। सरकार लगातार कर्मचारियों और शिक्षकों के खिलाफ निर्णय ले रही है। तो उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने सवाल उठाया कि जब विधायक और सांसद को पांच साल के कार्यकाल पर पेंशन मिलती है। तब कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों को 30-35 सालों की सेवा के बाद भी पेंशन क्यों नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो मंच सत्ता पलटने में भी सक्षम है। |
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