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Sunday, January 2, 2022

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)


INDORE में मिला, मार्बल कारोबारी का किडनैप हुआ बेटा, उदयपुर से हुआ था अपहरण - MP NEWS

Posted: 02 Jan 2022 10:19 PM PST

इंदौर
। राजस्थान के उदयपुर से किडनैप किया गया मार्बल कारोबारी नंदलाल माखीजा का बेटा राहुल माखीजा, मध्यप्रदेश के इंदौर से मुक्त करा लिया गया है। राजस्थान पुलिस ने दावा किया कि एक सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम ने सोमवार की सुबह 4:00 बजे सफलता हासिल कर ली। 

राहुल माखीजा का अपहरण 4 दिन पहले गुरुवार को हुआ था। उसकी कार एक अस्पताल के सामने लावारिस हालत में मिली थी। कार के अंदर लाल मिर्च पाउडर भी मिला था। कुछ समय बाद व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर राहुल के पिता को उसके आवरण की सूचना दी गई एवं 80 लाख रुपए फिरौती मांगी गई थी। राजस्थान पुलिस ने सभी सीमाएं सील कर दी थी परंतु अपहरणकर्ता राहुल को लेकर मध्यप्रदेश के इंदौर तक पहुंच गए। 

प्रॉपर इंफॉर्मेशन नेटवर्क के कारण राजस्थान पुलिस को राहुल के इंदौर में होने की सूचना मिली। रविवार देर रात उदयपुर पुलिस ने इंदौर में अपना ऑपरेशन शुरू किया। सुबह 4:00 बजे राहुल को मुक्त करा लिया गया। फिलहाल उदयपुर पुलिस की तरफ से केवल इतना बताया गया है कि अपहरणकर्ताओं की संख्या 6 थी। उदयपुर पुलिस राहुल को लेकर रवाना हो चुकी है। मामले का खुलासा उदयपुर में किया जाएगा। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.

MP प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा- आवेदक साढ़े नो लाख हो गए, रिक्त पदों का पता नहीं - TET VARG-3 NEWS

Posted: 02 Jan 2022 09:18 PM PST

भोपाल
। सरकारी नौकरी और रोजगार के मामले में मध्य प्रदेश में सरकार जनता के साथ बाजीगरी करती नजर आती है। सन दो हजार अट्ठारह में विज्ञापित की गई परीक्षा का आयोजन 2022 में हो रहा है। सरकार ने नए उम्मीदवारों से आवेदन करा लिए लेकिन रिक्त पदों की संख्या नहीं बढ़ाई। आवेदकों की संख्या बढ़कर 9.37 लाख हो गई है। 

मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के लिए Professional Examination Board, Bhopal द्वारा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की प्रक्रिया सन 2018 में शुरू की गई थी। उम्मीदवारों से आवेदन और फीस जमा कराने के बाद नवनिर्वाचित कमलनाथ सरकार ने परीक्षा का आयोजन नहीं कराया। 16 महीने बाद सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन शिवराज सिंह सरकार ने भी परीक्षा का आयोजन नहीं कराया। 

सन 2022 में परीक्षा की घोषणा की गई है। सरकार ने 2018 में विज्ञापित परीक्षा के लिए 2022 में आवेदन प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी थी। 6.57 लाख उम्मीदवार पहले से ही प्रतियोगिता में थे। ऑनलाइन आवेदन के सेकंड राउंड में 2.80 लाख नए उम्मीदवार शामिल हो गए। अब कुल मिलाकर 9.37 लाख उम्मीदवार मैदान में है। 

ऑनलाइन आवेदन के सेकंड राउंड के टाइम सरकारी अधिकारियों का तर्क था कि परीक्षा 2022 में हो रही है इसलिए पिछले 2 सालों में योग्यता प्राप्त हुए बेरोजगारों को भी मौका मिलना चाहिए। उनका तर्क सही माना जा सकता है लेकिन अधूरा है। पिछले 3 सालों में जनसंख्या वृद्धि हुई है। हजारों शिक्षक रिटायर हो गए। नवीन स्कूल खोले जाने चाहिए। रिटायर हुए शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए। रिक्त पदों की संख्या भी तो बढ़नी चाहिए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

MP CORONA NEWS- स्थिति चिंताजनक, इंदौर 110, भोपाल 54, मध्य प्रदेश 201

Posted: 02 Jan 2022 10:01 PM PST

भोपाल
। स्थिति चिंताजनक हो गई है। कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम संकट के मुहाने पर खड़े हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण का ट्रेंड बिल्कुल वैसा ही है जैसा दूसरी लहर के समय था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आज दो सौ से ज़्यादा Corona केस आये। मगर स्कूल बंद नहीं करना। व्यावसायिक गतिविधियाँ बंद नहीं करना चाहता हूँ।

INDORE CORONA NEWS- रविवार को 110 पॉजिटिव, एक्टिव केस की संख्या 438 

मध्यप्रदेश में इंदौर की स्थिति सबसे नाजुक है। यहां पिछले 24 घंटे में 110 नए पॉजिटिव मामले मिले हैं। इंदौर में संक्रमित नागरिकों की संख्या 438 हो गई है। पॉजिटिविटी रेट जो 27 दिसंबर को 0.39 था रविवार को 1.58 हो गया है। यानी प्रत्येक 100 में से 2 सैंपल पॉजिटिव मिल रहे हैं।

BHOPAL CORONA NEWS- एक परिवार में 11 लोग पॉजिटिव 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटे में 54 नागरिक कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। पुराने भोपाल में एक परिवार के 11 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 4 महीने का एक बच्चा भी शामिल है। इस परिवार के कारण स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इस परिवार की कांटेक्ट हिस्ट्री सर्च की जा रही है।

MP COVID19 REPORT- 10 जिलों में 201 नागरिकों में संक्रमण पाया गया

दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में भी ग्वालियर बिल्कुल वैसा ही ट्रेंड कर रहा है। रविवार को 9 नागरिकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उज्जैन में 8, रीवा 6, जबलपुर 4, सागर 4 एवं रतलाम 2 सहित पूरे मध्यप्रदेश में 24 घंटे में 201 नागरिक कोरोनावायरस से संक्रमित मिले हैं। संक्रमित होने के बाद और रिपोर्ट आने के पहले तक यह सभी लोग आम नागरिकों के साथ व्यवहार कर रहे थे। बहुत जरूरी है कि आम नागरिक सावधान हो जाए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

यदि आरोपी को आरोप पत्र समझ ना आए तब क्या होगा- CrPC section 213

Posted: 02 Jan 2022 08:31 PM PST

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 211 और 212 के तहत चार्ज शीट (आरोप पत्र) तैयार की जाती है। आरोप पत्र बनाने वाला विशेषज्ञ होता है। न्यायालय में न्यायाधीश एवं सभी कर्मचारी उस भाषा एवं शब्दों के अभ्यस्त होते हैं, जिनका उपयोग आरोप पत्र में किया जाता है लेकिन कई बार आरोपी को आरोप पत्र समझ में नहीं आता। प्रश्न यह है कि ऐसी स्थिति में क्या आरोपी को उस पर लगाया गया आरोप समझाया जाएगा अथवा प्रक्रिया शुरू करके प्रकरण का फैसला कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं:-

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 213 की परिभाषा

जब कोई मामला आरोपी व्यक्ति पर आरोप पत्र की धारा 211 या 212 के अंतर्गत लगाया गया है एवं आरोपी व्यक्ति को आरोप लगने के बाद भी जानकारी नहीं मिल पा रही है, तब आरोपी व्यक्ति को उस नियमावली द्वारा बताया जाएगा जिससे वह आसानी से समझ सके।

आरोप पत्र को ठीक प्रकार से समझना, आरोपी का अधिकार है

"इस धारा का उद्देश्य यह है कि आरोपी व्यक्ति को स्पष्ट रूप से यह समझाया जा सके कि उस पर किस प्रकार के अपराध का आरोप लगाया गया है, ताकि यदि वह निर्दोष है तो अपना बचाव कर सके और यदि अपराधी है तो शासन तंत्र को अपराध के कारण का पता चल सके ताकि शासन व्यवस्था आवश्यकता पड़ने पर उस तरह के कारणों को समाप्त कर पाए। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

MP TET VARG 3 TOPIC- जीन पियाजे पार्ट-4: औपचारिक या अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था

Posted: 02 Jan 2022 01:36 PM PST

यह टॉपिक एमपी टेट वर्ग 3 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। इसके अलावा और भी टीचिंग एग्जाम्स के लिए भी  टॉपिक काफी महत्वपूर्ण है। जीन पियाजे को बाल मनोविज्ञान (Child Psychology) का फादर या जनक कहा जाता है। जो कि एक Swiss Psychologist होने के साथ साथ radical constructivism भी थे। उन्होंने विकास की अवस्थाओं पर भौतिक पर्यावरण (Physical Environment) के प्रभाव पर अधिक जोर दिया। उन्होंने बताया कि बच्चे अपने ज्ञान का निर्माण स्वयं करते हैं और उन्होंने बच्चों को नन्हे वैज्ञानिक(Little Scientist) भी कहा।

जीन पियाजे ने एक बच्चे के संज्ञानात्मक विकास को 4 अवस्थाओं में विभाजित किया है-

1. इंद्रिय जनित गामक अवस्था( Sensorimotor Stage) 
2. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था(Pre- Operational Stage) 
3. मूर्त संक्रियात्मक अवस्था( Concrete- Operational Stage) 
4. औपचारिक या अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Formal - Operational Stage)

औपचारिक या अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था

जीन पियाजे (A Swiss psychologist) के अनुसार यह बाल विकास की सबसे आखरी अवस्था है, जिसे सामान्यतः किशोरावस्था भी कहा जाता है। जिसकी उम्र 11 साल और उससे ऊपर होती है। अलग-अलग साइकोलॉजिस्ट के अनुसार यह उम्र अलग-अलग भी होती है। कोई इसे 13 वर्ष से मानता है तो कोई 15 तक भी मानता है। यही वह उम्र है जब बच्चों की लाइफ का गोल सेट करना चाहिए। जबकि ज्यादातर लोग पूत के पांव पालने में ही देखने की कोशिश करते हैं और इस उम्र में बच्चों पर लगाम कसने की कोशिश करते रहते हैं। 

Stanley Hall के अनुसार यह संघर्ष एवं तूफान की अवस्था है। इस अवस्था में बच्चे अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं। ख्याली पुलाव पकाना, दिन में तारे देखना जैसी कहावत इस अवस्था में  चरितार्थ होती दिखती है। यदि इस अवस्था में सही दशा और दिशा मिल जाए तो बच्चे किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं परंतु यदि सही गाइडेंस नहीं मिल पाता है तो नशे की लत, चोरी, अन्य अपराध करने जैसी घटनाएं करने में बच्चे लिप्त हो जाते हैं।

बौद्धिक विकास की दृष्टि से भी यह अवस्था बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस अवस्था में बच्चों में अमूर्त चिंतन (एब्स्ट्रेक्ट थिंकिंग) अर्थात जो चीज आँखो के सामने नहीं है, उस पर भी सोचने की क्षमता का विकास हो जाता है। इस अवस्था में बच्चे मे हाइपोथेटिको डिडक्टिव रीजन परिकल्पनात्मक तर्कशक्ति ( Hypothetico deductive  Reasoning ) का भी विकास होने लगता है और बच्चा बड़े से बड़े काम भी कर जाता है। मुश्किल चीजों को समझने लगता है। 

टीनेजर्स को भी लगता है कि वो सारी दुनिया का आकर्षण केंद्र हैं 

H. E. Johns के अनुसार किशोरावस्था को शैशवावस्था की पुनरावृत्ति कहा जाता है। जिस प्रकार से शिशु चंचल स्वभाव के होते हैं और अपने आप को ही दुनिया का केंद्र मानते हैं। उसी प्रकार से किशोर भी चंचल स्वभाव के होते हैं, उन्हें भी ऐसा लगता है कि वही सारी दुनिया का आकर्षण केंद्र है। 

किशोरावस्था को Age of problems भी कहते हैं

इसी कारण किशोरावस्था को समस्याओं की आयु (Age of  problems), सपनों की आयु  (Age of dreams) भी कहा जाता है। जिसमें विभिन्न प्रकार की समस्याएं जैसे -शिक्षा, स्वास्थ्य,  नैतिक, मानसिक एवं सामाजिक समायोजन, सेक्सुअल प्रॉब्लम्स आदि समस्याएं आती है। 

इस उम्र में असफलता डिप्रेशन लाती है

यदि वे अपनी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते हैं तो उनमें हीन भावना भी उत्पन्न हो सकती है और यदि सही दशा व दिशा मिल जाती है तो बालक शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकसित होकर एक परिपक्व प्रौढ़ (Mature Adult) में विकसित होता है। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के इंपोर्टेंट नोट्स के लिए कृपया mp tet varg 3 notes in hindi पर क्लिक करें.

अध्यापकों को कैबिनेट मंजूरी के 2 साल बाद भी हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ नहीं: कर्मचारी संघ- MP karmchari news

Posted: 02 Jan 2022 01:26 PM PST

जबलपुर
। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनवरी 2020 को प्रदेश के शासकीय लोक सेवकों के लिए निःशुल्क उपचार हेतु राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दी गई थी। योजना के केबिनट से पास होने के बाद भी वर्तमान सरकार द्वारा इसे आज दिनांक तक लागू नहीं किया गया है। 

प्रदेश के लगभग 2.5 लाख अधिक अध्यापकों को एक आशा बंध गई थी कि केन्द्रीय कर्मचारियों के समान ही उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी में बाजार के मेडिक्लेम के सहारे नहीं रहना पडेगा साथ ही वह किसी बीमारी से ग्रस्ति होन पर अस्पताल में अच्छे से अच्छा इलाज ले पायेगा , परन्तु सरकार द्वारा लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू नहीं किया गया है जिससे अध्यापकों को कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारी के इलाज में जमा पूंजी के साथ ही सहूकारों से पैसे कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाने मजबूर होना पड़ रहा है। 

स्वास्थ्य बीमा योजना लागू न होने से कोरोनाकाल में अध्यापक व उनका परिवार अपने आपको ढ़गा हुआ महसूस कर रहे है यदि शासन समय रहते इस बीमा योजना को लागू कर देता ता प्रदेश के हजारों अध्यापक बेहतर बुनयादी सुविधा का लाभ उठा पाते । इस योजना के लागू न होने से प्रदेश के अध्यापकों पर दोहरी मार पड़ रही है एक तरफ बाजार का मेडिक्लेम जिसमें प्रतिवर्ष हजारों रूपये देने के बाद भी क्लेम नहीं मिल पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इलाज में स्वयं की जमा पूँजी भी खर्च हो रही है। 

संघ के मुकेश सिंह , अजय सिंह ठाकुर , मनीष चौबे , नितिन अग्रवाल , गगन चौबे , श्यामनारायण तिवारी ,धीरेन्द सोनी, मो तारिक, प्रणव साहू , राकेश उपाध्याय , मनोज सेन , सुदेश पाण्डेय , विनय नामदेव , देवदत्त शुक्ला , सोनल दुबे , विजय कोष्टी , अब्दुल्ला चिस्ती , पवन ताम्रकार , संजय श्रीवास्तव , आदित्य दीक्षित , संतोष कावेरिया , जय प्रकाश गुप्ता , आनंद रैकवार , अभिषेक मिश्रा , संतोष तिवारी आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से ई मेल भेजकर मांग की है कि अध्यापकों के निःशुल्क उपचार हेतु राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना कोरोना महामारी की तीसरी लेहर के पूर्व लागू किया जाये। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.

वाहन की स्टीयरिंग साइड में क्यों होती है बीच में क्यों नहीं होती, टेक्निकल लॉजिक पढ़िए- GK in Hindi

Posted: 02 Jan 2022 09:31 PM PST

यह सवाल (सड़क पर चलने वाले वाहनों का स्टेयरिंग दाएं अथवा बाएं तरफ क्यों होता है बीच में क्यों नहीं होता) कई बार पूछा जाता है और हर बार इतिहास की बातें बता कर लंबा जवाब दिया जाता है लेकिन सही नहीं होता। आज अपन इस सवाल का सही जवाब तलाश करेंगे:- 

भारत में सड़क पर बाएं तरफ क्यों चलते हैं दाएं तरफ क्यों नहीं चलते

अपन सब जानते हैं कि दुनिया के 163 देशों में रोड पर दाईं ओर और 76 देशों में बाईं ओर चलने का नियम है। अपन यह भी जानते हैं कि कच्चे रास्तों पर घुड़सवार राजा और उसके सैनिक बाएं तरफ इसलिए चलते थे क्योंकि उनके दाएं हाथ में हथियार (तलवार अथवा भाला) होता था, जिसका वह आसानी से इस्तेमाल कर सकते थे। यदि दाएं हाथ की तरफ चलते तो बाएं हाथ से हथियार चलाना आत्मघाती हो सकता था। जब वाहनों की शुरुआत हुई तब घोड़ों पर यात्रा बंद नहीं हुई थी। इसलिए बाएं तरफ चलने का नियम बन गया। 

163 देशों में रोड पर दाईं ओर क्यों चलते हैं, बाईं ओर क्यों नहीं चलते

अमेरिका में 18वीं शताब्दी में टीमस्टर्स (एक बहुत बड़ा बैगन) सड़क पर बाएं हाथ की तरफ चलता था। उससे बचने और यातायात को सुगम बनाने के लिए लोगों ने दाएं हाथ की तरफ चलना शुरू कर दिया। टीमस्टर्स (एक बहुत बड़ा बैगन) वन वे रोड पर चलता था। इसलिए कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। लोग दाएं हाथ की तरफ चलते रहे। समय के साथ टीमस्टर्स खत्म हो गए लेकिन दाएं हाथ की तरफ चलने की आदत बाद में नियम बन गई। क्योंकि अमेरिका में दाएं हाथ की तरफ चलते हैं इसलिए अमेरिका से जुड़े सभी 163 देशों में दाएं हाथ की तरफ चलने की परंपरा बन गई।

वाहन की स्टीयरिंग बीच में क्यों नहीं होती, गियर बीच में क्यों होता है

अब अपने मूल प्रश्न पर आते हैं। इसका सरल जवाब है कि गियर हैंडल बीच में होता है। इसे साइड में नहीं लगा सकते क्योंकि पीछे वाले दोनों पहियों को चलाने के लिए जो सॉफ्ट रॉड लगाया जाता है उसका दोनों पहियों के बीच में होना जरूरी है। स्टीयरिंग का काम आगे वाले पहियों को मोड़ना है जबकि गियर के कारण पहियों को गति मिलती है। स्वाभाविक है कि कार को आगे बढ़ाने के लिए गियर का काम महत्वपूर्ण है। इसलिए उसे प्राथमिकता दी गई। यदि गियर हैंडल को किनारे पर लाने की कोशिश की गई तो वाहन का मेंटेनेंस बढ़ जाएगा। पुराने जमाने की कुछ वाहनों में गियर हैंडल को सेंटर से हटाकर साइड में करने की कोशिश की गई थी, वह सारे मॉडल फेल हो गए। 

गियर को स्टीयरिंग के पास रखा गया था, ताकि गियर बदलने में आसानी हो लेकिन यह फार्मूला फेल हो गया
(इसी प्रकार की मजेदार जानकारियों के लिए जनरल नॉलेज पर क्लिक करें) Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi,  general knowledge questions with answers, gk questions for kids, ) :- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

mp government calendar diary 2022 PDF यहां से DOWNLOAD करें

Posted: 02 Jan 2022 12:01 PM PST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश शासन की शासकीय डायरी एवं कैलेंडर 2022 का विमोचन कर दिया है। राजधानी भोपाल में स्थित मुख्यमंत्री निवास में विमोचन की औपचारिकता पूरी की गई। इसे आप मध्यप्रदेश शासन की आधिकारिक वेबसाइट से अथवा यहां क्लिक करके PDF DOWNLOAD कर सकते हैं। 

मध्य प्रदेश की सरकारी डायरी एवं कैलेंडर 2022 डाउनलोड करें

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर शासकीय डिजिटल डायरी और कैलेण्डर 2022 का वर्चुअली विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नोटबुक का लोकार्पण भी किया। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क श्री राघवेन्द्र सिंह और नियंत्रक शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री श्री श्रीमन शुक्ला उपस्थित थे। 

मध्यप्रदेश शासन की शासकीय डायरी एवं कैलेंडर 2022 डाउनलोड करें

मध्य प्रदेश की शासकीय डायरी एवं कैलेंडर में राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति एवं उनका सचिवालय, संसद, नेता प्रतिपक्ष, भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार, मध्यप्रदेश की विधानसभा, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट, लोकायुक्त कार्यालय मध्य प्रदेश एवं औद्योगिक न्यायालय मध्य प्रदेश से संबंधित जानकारियां डाक एवं व्यवहार के प्रति और फोन नंबर अथवा मोबाइल नंबर शामिल किए गए हैं। कैलेंडर में सन 2022 के सभी शासकीय अवकाश एवं ऐच्छिक अवकाश दर्ज किए गए हैं।

2 जजों की सेवाएं समाप्त, तीसरे का इस्तीफा मंजूर- GWALIOR HC NEWS

Posted: 02 Jan 2022 11:43 AM PST

ग्वालियर।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की फुल कोर्ट मीटिंग में जिलों में पदस्थ दो अपर सत्र न्यायाधीशों की सेवाएं समाप्त कर दी गई जबकि तीसरे न्यायाधीश का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। इनमें से एक न्यायाधीश को कदाचरण के मामले में प्रक्रिया पूरी होने के बाद बर्खास्त किया गया है। 

जानकारी के अनुसार लीना दीक्षित नरसिंहपुर जिले में अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत थीं। परवीक्षा अवधि में उनका कार्य संतोषजनक नहीं था। इसके चलते इनकी सेवाएं समाप्त की गई हैं। दीक्षित ने वकालत की शुरुआत ग्वालियर से की थी। राम कुमार डेहरिया दतिया जिले के सेंवढ़ा में अपर सत्र न्यायाधीश पद पर कार्यरत थे। इन्हें कदाचरण के लिए जिम्मेदार माना गया है। इसके चलते इन्हें बर्खास्त किया गया है। 

राजगढ़ जिले के ब्यावरा में द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश संजय धाकड़ ने अपना त्याग पत्र दिया था, जिसे 29 दिसंबर 2021 से स्वीकार कर लिया गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के ग्वालियर खंडपीठ के प्रिसिंपल रजिस्ट्रार विमल प्रकाश शुक्ला ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। हाई कोर्ट ने 20 जनवरी 2022 से एच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकार कर लिया है। शुक्ला ने सेवानिवृत्ति के लिए तीन महीने पहले आवेदन किया था।ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें

GWALIOR NEWS- शिवपुरी का डॉक्टर महिला मित्र के फ्लैट में, पुलिस पहुंच गई

Posted: 02 Jan 2022 08:00 AM PST

ग्वालियर।
ग्वालियर के पॉश अपार्टमेंट में महिला दोस्त के फ्लैट में मौज मस्ती करने पहुंचे शिवपुरी मेडिकल कॉलेज डॉक्टर की पार्टी में उस समय हंगामा मच गया, जब पुलिस ने वहां एंट्री मार दी। फ्लैट के अंदर टेबल पर शराब की बोतलें सजी थीं। अंदर डॉक्टर समेत दो युवक और दो महिलाएं थीं। अंदर खड़ी एक महिला, डॉक्टर को पति बताते हुए पुलिस से भिड़ गई। पुलिस की समझाइश के बाद वह शांत हो गई।

गार्ड की शिकायत पर आई थी पुलिस

विवाद डॉक्टर द्वारा नशे में अपार्टमेंट के गार्ड से मारपीट के बाद हुआ था। गार्ड और अपार्टमेंट की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची थी। घटना सिरोल स्थित साक्षी पर्ल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 105 में शनिवार-रविवार दरमियानी रात 12 बजे का है। गार्ड ने मारपीट की शिकायत भी की है। डॉक्टर की पत्नी भी शिवपुरी से ग्वालियर पहुंची है। रविवार शाम सोशल मीडिया पर पार्टी का VIDEO सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा है।


पुलिस ने बताई कहानी

सिरोल स्थित साक्षी पर्ल अपार्टमेंट में शनिवार-रविवार दरमियानी रात 12 बजे उस समय हंगामा मच गया, जब सिक्योरिटी गार्ड कुलदीप यादव से कुछ लोगों ने मारपीट कर दी। हुआ यूं था कि शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर राजेश शाक्य अपनी एक महिला मित्र के फ्लैट पर कुछ एक अन्य दोस्त व्यापारी राहुल गुप्ता निवासी लोहिया बाजार के साथ नए साल का जश्न मनाने पहुंचे थे। यहां जब वह अपार्टमेंट के गेट से अंदर जा रहे थे, तो बिजली गुल हो गई थी।

गार्ड कुलदीप यादव ने उनकी कार का नंबर देखने के लिए मोबाइल की टॉर्च चलाकर देखना शुरू किया, तो डॉक्टर को बुरा लगा। उसको लगा कि गार्ड उनकी रिकॉर्डिंग कर रहा है। इस पर उन्होंने गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। यही नहीं, डॉ. शाक्य के साथ एक अन्य युवक भी था, उसने भी गार्ड के साथ मारपीट की। गार्ड को पीटते हुए अपना परिचय राहुल गुप्ता के रूप में दिया। राहुल खुद को व्यापारी बता रहा था। मारपीट करने के बाद डॉक्टर अंदर चले गए। गार्ड ने अपार्टमेंट के अन्य सदस्यों को बता दिया। पुलिस को सूचना दी।

फ्लैट में सजी थी शराब की महफिल

गार्ड की सूचना पर जब सिरोल पुलिस की टीम ने फ्लैट नंबर 105 में दबिश दी, तो वहां महफिल सजी मिली। एक सोफा पर डॉ. राजेश, उसका साथी राहुल और दो युवतियां बैठी थीं। सामने टेबल पर शराब की बोतल रखी थीं। पुलिस ने जैसे ही डॉक्टर को पकड़कर सवाल जवाब किए, तो वहां बैठी महिला आक्रोशित हो गई। वह पुलिस से बहस करने लगी।

दतिया निवासी शिवानी नाम की महिला ने डॉ. राजेश को अपना पति बताते हुए कार्रवाई का विरोध किया। उसके साथ में एक अर्चना नाम की युवती थी, जिसकी बर्थ डे पार्टी बताई गई। पुलिस डॉ. राजेश शाक्य और व्यापारी राहुल गुप्ता को लेकर थाने चली आई। गार्ड ने लिखित शिकायत की है।

डॉक्टर की असली पत्नी पहुंची थाने

मामले का पता चलते ही डॉ. राजेश की असली पत्नी ज्योति शाक्य भी सिरोल थाने पहुंच गई। अपने पति के संबंध में शिकायत की है। पुलिस ने महिला की शिकायत को भी जांच में लिया है। डॉक्टर की पत्नी ने भी महिला मित्र पर आरोप लगाया है।

गार्ड बोला- डॉक्टर अक्सर आता जाता है

गार्ड कुलदीप यादव ने पुलिस को बताया कि मारपीट करने वाला शिवपुरी का डॉ. राकेश शाक्य अक्सर अपार्टमेंट के एक फ्लैट में आता जाता रहता है। यहां अक्सर पार्टी करते हैं। आसपास के लोग परेशान रहते हैं। शनिवार रात को भी वह जश्न मना रहे थे।

जांच की जा रही है

थाना प्रभारी सिरोल गजेन्द्र धाकड़ का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। फ्लैट में शिवपुरी का डॉक्टर पार्टी कर रहा था। गार्ड ने मारपीट की शिकायत की है। जांच की जा रही है। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें

MP NEWS- सहायक सचिव की याचिका पर कलेक्टर का आदेश निरस्त, नौकरी वापस मिली

Posted: 02 Jan 2022 07:42 AM PST

जबलपुर
। ग्राम पंचायत जेराखस के ग्राम रोजगार सहायक अखंड प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने निवाड़ी के कलेक्टर के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसके तहत सहायक सचिव की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। कोर्ट ने उन्हें अपने जॉब पर वापस ज्वाइन करने का आदेश दिया है। 

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभांशु कमल ने न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर ग्राम रोजगार सहायक अखंड प्रताप सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। जबकि कार्रवाई में जिन लोगों के हलफनामे शामिल किए गए हैं, उन्होंने कोई शिकायत ही नहीं की थी। कमिश्नर के निर्देश पर निवाड़ी जिले के कलेक्टर सह जिला कार्यक्रम समन्वयक ने अनाधिकृत तौर पर कार्रवाई कर दी थी। क्योंकि ग्राम रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त करने का अधिकार कलेक्टर को है ही नहीं। यह अधिकार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास सुरक्षित है। 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने प्रकरण पर फैसला सुनाते हुए कहा कि दस्तावेजों के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि याचिकाकर्ता को अनाधिकृत रूप से पद से हटाया गया है। शिकायत नहीं होने के बावजूद जांच की गई और हलफनामे शामिल किए गए। हाईकोर्ट ने कहा कि सक्षम अधिकारी याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है परंतु कार्रवाई से पहले उसे आरोपी कर्मचारी को अपना पक्ष रखने का मौका देना पड़ेगा।

एक फसल का दो कंपनियों में बीमा नहीं करा सकते: उपभोक्ता फोरम - Hindi News

Posted: 02 Jan 2022 07:28 AM PST

भोपाल।
बीमा कंपनियों के आवेदन फॉर्म में इस चर्च का उल्लेख नहीं है कि यदि आपने पहले से किसी दूसरी कंपनी में बीमा कराया है तो हम क्लेम नहीं देंगे लेकिन मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में संचालित उपभोक्ता फोरम का कहना है कि एक फसल का दो कंपनियों में बीमा कराना, ठगी अथवा धोखाधड़ी जैसा गंभीर अपराध है। फोरम ने किसान के क्लेम को खारिज कर दिया। 

मुलताई तहसील के ग्राम चिखलीकलां के किसान सर्वेलाल पिता गोकुलसिंह रघुवंशी के द्वारा अपनी 6.026 हेक्टेयर कृषि भूमि पर स्टेट बैंक आफ इंडिया, शाखा मुलताई से वर्ष 2017 में खरीफ मौसम में सोयाबीन की फसल हेतु किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लिया था। बैंक ने 14 सितंबर 2017 को बीमा प्रीमियम राशि 4,146 रुपये काटकर बीमा कंपनी को भुगतान कर, राष्ट्रीय (प्रधानमंत्री) कृषि फसल बीमा योजना के अंतर्गत सोयाबीन की फसल का बीमा कराया था। वर्ष 2017 के खरीफ मौसम में परिवादी की सोयाबीन की फसल प्राकृतिक आपदा के कारण बर्बाद हो गई। 

शासन द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार पटवारी हल्का नंबर-68, ग्राम चिखलीकलां, तहसील मुलताई, जिला बैतूल की सोयाबीन की फसल के उत्पादन में 62 प्रतिशत कमी अर्थात 62 प्रतिशत क्षति हुई। इस आधार पर सर्वेलाल को एक लाख 28 हजार 522 रुपये बीमा दावा राशि प्राप्त होना था। इसके बदले में उसे केवल 49,187 रुपये क्षतिपूर्ति राशि का ही भुगतान किया गया। इस पर किसान ने 79,355 रुपये अंतर की क्षतिपूर्ति राशि ब्याज सहित प्रदान कराने के लिए परिवाद दायर किया। 

मामले की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता आयोग ने स्वप्रेरणा से यह जांच कराई कि कहीं किसान ने किसी दूसरी कंपनी से तो बीमा नहीं करा लिया था। जांच के दौरान पाया गया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, चिखलीकलां से भी ऋण लिया गया था। लोन देते समय नियमानुसार सहकारी समिति ने भी फसल का बीमा प्रीमियम काट लिया था। यह भी पाया गया कि सहकारी समिति द्वारा कराए गए बीमा से किसान द्वारा क्लेम प्राप्त किया गया है। 

आयोग के अध्यक्ष बिपिन बिहारी शुक्ला एवं सदस्य अजय श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा है कि किसान ने एक ही अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल का बीमा दो भिन्न-भिन्न वित्तीय संस्थाओं से कराया है। उक्त कृत्य निःसंदेह छल जैसे अपराध की श्रेणी में आता है। इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि परिवादी ने उक्त सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य का उल्लेख अपने परिवाद में नहीं किया है और उसे छुपाया है। फलस्वरूप यह कहा जा सकता है कि परिवादी ने सद्भाविक रूप से परिवाद प्रस्तुत नहीं किया है। परिवादी स्वच्छ हस्त से इस जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष नहीं आया है। अतः केवल इसी आधार पर परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

RDVV NEWS- ओपन बुक एग्जाम की तैयारियां पूरी, शिक्षा विभाग के आदेश का इंतजार

Posted: 02 Jan 2022 08:47 PM PST

जबलपुर। 
Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Jabalpur MP द्वारा ओपन बुक एग्जाम की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। यही कारण है कि दिसंबर का महीना निकल जाने के बावजूद परीक्षा कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया। 

परीक्षा के लिए मौजूदा परिस्थितियां अनुकूल नहीं 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने ऑफलाइन परीक्षा का ऐलान किया है लेकिन रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में छात्रों की मांग पर परीक्षा की प्रणाली को लेकर एक कमेटी बनाई। जिसमें परीक्षा नियंत्रक के अलावा सभी संकायों के संकायाध्यक्ष शामिल हुए। सभी ने परीक्षा के लिए मौजूदा परिस्थितियों को अनुकूल नहीं माना। उन्होंने परीक्षा के लिए दूसरे विकल्प अपनाने पर जोर दिया। ऐसे में आनलाइन परीक्षा करवाने का विकल्प था लेकिन प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण आनलाइन परीक्षा करवाना संभव नहीं था। ऐसे में ओपन बुक परीक्षा कराने पर सहमति बनी। प्रशासन ने अपनी अनुशंसा को उच्च शिक्षा विभाग के पास भेजा है। इसी के आधार पर शासन को निर्णय लेना है।

RDVV NEWS- परीक्षा कार्यक्रम कब घोषित होगा, पढ़िए

अभी स्नातकोत्तर परीक्षाओं का कार्यक्रम तय होना है। प्रदेश में कई विश्वविद्यालयों ने परीक्षा का कार्यक्रम तय कर दिया है। कुछ में परीक्षा प्रारंभ हो गई है। ये सभी आफलाइन परीक्षा करवा रही है। परीक्षा नियंत्रक प्रो.एनसी पेंडसे ने कहा कि शासन से आदेश मिलने के बाद ही परीक्षा कार्यक्रम तय होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम पांच के तहत परीक्षा का संचालन विश्वविद्यालय के पास है लेकिन प्रणाली शासन के द्वारा तय की जाएगी।

छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं 

आनलाइन परीक्षा को लेकर लगातार विद्यार्थी मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कोरोना संक्रमण दोबारा फैल रहा है ऐसे में विद्यार्थियों की जान जोखिम में आ सकती है। इसलिए आनलाइन परीक्षाएं हो ताकि संक्रमण का खतरा कम हो। इधर प्रशासन के पास आनलाइन परीक्षा करवाने का इंतजाम नहीं है। दूर दराज के गांव में और इलाकों में पर्याप्त कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिस वजह से आनलाइन परीक्षा होना संभव नहीं है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.

BHOPAL NEWS- 200 से अधिक RSS स्वयंसेवकों ने लाठी चलाई

Posted: 02 Jan 2022 06:34 AM PST

भोपाल
। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भोपाल विभाग की ओर से रविवार को शारीरिक एवं घोष के प्रकटोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक चयनित स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। शारीरिक कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने समता एवं 40 प्रकार से दंड (लाठी) संचालन प्रयोगों का प्रदर्शन किया। 

वहीं घोष दल के स्वयंसेवकों ने बांसुरी, आनक, शंख, झल्लरी और पणव पर भी विभिन्न रचनाओं की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मंच पर अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री सुनील कुलकर्णी, सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. पीएन त्रिपाठी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री रमेश के. दवे, प्रान्त संघचालक श्री अशोक पांडेय और विभाग संघचालक डॉ. राजेश सेठी उपस्थित थे।

नर, नराधम, नरोत्तम और नारायण में क्या अंतर है, यहां पढ़िए

मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रीयस्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री सुनील कुलकर्णी ने कहा कि संस्कारित व्यक्ति के द्वारा राष्ट्रनिर्माण यह संघ का उद्देश्य है। संघ की दैनिक शाखा पर गीत, सुभाषित, वीर महापुरुषों की गाथाओं, इत्यादि के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो स्वयं के कर्तव्य को जानता है, उसे नर कहते हैं। वहीं, जो अपने कर्तव्य को नहीं जानता या जान कर भी दूसरों को पीड़ा देने का कार्य करता है, उसे नराधम कहते हैं। जबकि जो अपने कर्तव्य को जानता है और अपने स्वार्थ को छोड़कर समाज के लिए जीता है, उसे नरोत्तम कहते हैं। चौथा प्रकार है- नारायण। जो अपने बारे में विचार ही नहीं करता बल्कि अपना समूचा जीवन दूसरों की चिंता में लगा देता है, उसे नारायण कहते हैं। 
 
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. पीएन त्रिपाठी ने कहा कि संघ का उद्देश्य है चरित्र निर्माण और देश सेवा। भारतीय सेना का भी यही उद्देश्य है। चरित्र निर्माण के लिए मन एवं वचन में एकरूपता होनी चाहिए। नये परिवर्तनों को ध्यान में रखकर संघ को युवा पीढ़ी को सही दिशा देने का काम भी करना चाहिए। संघ विश्व की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संस्था है। संघ के अनुशासन का लोहा विश्व मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में सबके लिए पांच वर्ष का सैन्य प्रशिक्षण होना चाहिए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.

MP NEWS- कैदी जेल में बैठे-बैठे BE और MBA पास कर सकते हैं, फीस नहीं लगेगी

Posted: 02 Jan 2022 06:32 AM PST

भोपाल।
यदि कोई मध्य प्रदेश की किसी जेल में बंद है और पढ़ाई करना चाहता है तो मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Bhoj Open University) द्वारा उसके लिए एक विशेष प्रकार की योजना शुरू की गई है। ना केवल उसकी फीस माफ की जाएगी बल्कि उसे पढ़ने के लिए किताबें भी दी जाएंगी। यानी सजायाफ्ता अपराधी जेल में बैठे बैठे इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर सकता है।

मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा घोषित किया गया है कि वह मध्य प्रदेश की 130 जेलों में बंद कैदियों को पढ़ाकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के रास्ते खोलेगा। इसके लिए प्रदेश के सभी 130 जेलों में भोज विवि अध्ययन केंद्र खोलेगा, जहां शिक्षण व्यवस्था की जाएगी। इन अध्ययन केंद्रों में कैदी अपने पसंद के कोर्स में प्रवेश लेकर अध्ययन कर पाएंगे। उन्हें पढ़ने और लिखने के लिए कापी, किताब सहित पूरी शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। 

डा. जयंत सोनवलकर, कुलपति, मध्य प्रदेश भोज यूनिवर्सिटी ने बताया कि जेल के विद्यार्थियों के लिए अध्ययन केंद्रों में आनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर 15 दिन की आफलाइन कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों की परीक्षा भी आयोजित की जाएगी। उन्हीं जेलों में उनके लिए परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षाएं कराई जाएंगी, ताकि डिग्री लेकर वहां से मुक्त होकर वे नौकरी भी कर सकें। सत्र 2021-22 के लिए जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। अभी तक विवि ने 50 फीसद फीस में कटौती की थी। अब पूरी फीस माफ की गई है। विवि के सभी कोर्स में कैदी 15 जनवरी तक निशुल्क प्रवेश ले सकते हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

MP NEWS- सभी जिलों में तत्काल कोविड केयर सेंटर शुरू करें: मुख्यमंत्री का आदेश

Posted: 02 Jan 2022 11:43 AM PST

भोपाल
। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिर्डी से लौटकर कोरोनावायरस की स्थिति की समीक्षा करने के बाद सभी 52 जिलों के कलेक्टरों को आदेशित किया है कि तत्काल कोविड केयर सेंटर शुरू करें। ब्लॉक स्तर पर भी अस्पताल और इलाज की चाक-चौबंद व्यवस्था रहे।

MP CORONA- सीएम शिवराज सिंह ने प्राइवेट अस्पतालों से अनुबंध की अवधि बढ़ाई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दूसरी लहर के समय जिन निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध हुआ था, उसकी अवधि 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा ली जाए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर शासकीय अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी मरीजों का इलाज किया जा सके।

सर्दी, खांसी, जुकाम वालों का RTPCR करवाएं: मुख्यमंत्री के निर्देश

चीफ मिनिस्टर ऑफ मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी वार्ड और ग्राम पंचायत स्तरीय समितियां ध्यान रखें कि सर्दी, खांसी, जुकाम या हल्के बुखार को गंभीरता से लें। इससे पीड़ित व्यक्ति का तुरंत आरटीपीसी सैंपल लिया जाए और जांच करें कि कहीं कोरोना तो नहीं है।

CORONA LATEST NEWS 

मुंबई में कोरोना वायरस के 8063 नए मामले सामने आए हैं, 578 रिकवरी हुईं। सक्रिय मामलों की संख्या 29,819 है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.


CORONA से बचना है तो दौड़ लगाओ: सर्जन्स के सेमिनार का निष्कर्ष

Posted: 02 Jan 2022 06:05 AM PST

जो लोग मोटापे का शिकार हैं, जिन लोगों के शरीर में चर्बी अधिक है, जिनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है और जिन लोगों का वजन उनके सामान्य औसत से अधिक है, ऐसे सभी लोग आसानी से कोरोनावायरस का शिकार हो सकते हैं। संक्रमण के कारण ऐसे लोगों की स्थिति गंभीर हो जाती है। यह निष्कर्ष एसोसिएशन आफ सर्जन्स के सेमिनार में निकल कर सामने आया है।

एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ इंदौर द्वारा सर्जरी के माध्यम से मोटापा कम करने के विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार की अध्यक्षता डा अरुण मिश्रा, डा. सीपी कोठारी और डा. विजय निचानी ने की। सेमिनार में विशेषज्ञों ने बताया कि मोटापे से पीड़ित लोग आसानी से कोरोनावायरस का शिकार बन रहे हैं। ऐसे लोगों को संक्रमण में से बचाना एक बड़ी चुनौती है। 

सेमिनार में बताया गया कि गैस्ट्रिक बैलून एवं गैस्ट्रिक पिल, बैरियाट्रिक सर्जरी का विकल्प नहीं है। गैस्ट्रिक बैलून एवं गैस्ट्रिक पिल की मदद से कुछ समय के लिए औसत 10 किलो वजन कम किया जा सकता है लेकिन वजन फिर से बढ़ जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि नियमित व्यायाम ही एकमात्र प्रक्रिया है जिसके कारण मोटापा, एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल, औसत से अधिक वजन और कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें

INDORE NEWS- सारा अली खान वाली बाइक चोरी की नहीं थी, फिटिंग के कारण कन्फ्यूजन हो गया

Posted: 02 Jan 2022 05:40 AM PST

इंदौर।
फिल्म लुका-छुपी-2 की शूटिंग के दौरान जिस बाइक पर एक्टर विक्की कौशल, सारा अली खान को लेकर इंदौर की सड़क पर घूमे थे, वह चोरी की नहीं थी। उसका नंबर भी फर्जी नहीं था। नंबर प्लेट की फिटिंग गलत होने के कारण कंफ्यूजन हो गया था। 

मामले का खुलासा होने के बाद बाणगंगा थाना पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की थी। टीआइ राजेंद्र सोनी के मुताबिक जयसिंह नामर युवक द्वारा शिकायत दर्ज करवाई थी कि विक्की कौशल ने अभिनेत्री सारा अली को जिस बाइक पर बैठाकर राजवाड़ा का चक्कर लगाया उस पर जयसिंह के स्कूटर(एमपी 09यूएल-4872) का नंबर लिखा था। जयसिंह ने उसके स्कूटर का नंबर लगाकर बाइक चलाने का आरोप लगाया।

रविवार को पुलिस ने जांच शुरु की और उस जगह पहुंचे जहां फिल्म की शूटिंग चल रही है। प्रोड्यूशर, प्रोड्क्शन मैनेजर और लाइन प्रोड्यूसर हर्ष ने पूछताछ में बताया जयसिंह की शिकायत झूठी है। विक्की द्वारा चलाई बाइक का नंबर तो एमपी 09यूएल 1872 था। नंबर प्लेट की फिटिंग के दौरान गलती हो गई थी जिसके कारण नंबर 1, नंबर चार जैसा लग रहा था। टीआइ के मुताबिक करीब 1 घंटे तक पुुलिस ने गहन छानबीन की और संबधितों के कथन लेकर जांच बंद कर दी।

JABALPUR NEWS- पुलिस अधिकारियों की पॉलिटिक्स रोजनामचा में दर्ज

Posted: 02 Jan 2022 05:33 AM PST

जबलपुर।
पुलिस अधिकारियों के बीच चलने वाली पॉलिटिक्स अब रोजनामचा में दर्द होने लगी है। कुछ दिनों पहले महिला टीआई अर्चना नागर ने एडिशनल एसपी रोहित काशवानी की शिकायत रोजनामचा में दर्ज कर दी थी और अब विजय नगर थाने की टीआई सोमा मलिक ने कोतवाली थाने के टीआई अनिल गुप्ता की शिकायत रोजनामचा में दर्ज कर दी। 

टीआई अनिल गुप्ता और सोमा मलिक के बीच विवाद

मामला बलात्कार की FIR का है। कोतवाली थाना पुलिस ने अपने यहां जीरो पर FIR दर्ज करके इन्वेस्टिगेशन के लिए केस डायरी विजय नगर पुलिस थाने को भेज दी थी। इससे पहले कि विजय नगर पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर पाती कोतवाली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और विजय नगर पुलिस को सौंप दिया। अधिकार क्षेत्र में दखलअंदाजी का मामला तूल पकड़ गया है। विजय नगर थाने के टीआई सोमा मलिक ने कोतवाली थाने के टीआई अनिल गुप्ता की शिकायत रोजनामचा में दर्ज करते हुए लिखा है कि उन्होंने आरोपी के साथ मारपीट की। विजय नगर पुलिस द्वारा आरोपी का मेडिकल भी कराया गया है। 

TI अर्चना नागर और एडिशनल SP रोहित काशवानी के बीच विवाद 

इससे पहले गोरखपुर थाने के टीआई अर्चना नागर ने रोजनामचा में लिखा था कि एडिशनल एसपी रोहित काशवानी ने उनके बंगले पर तैनात सिपाही को गोरखपुर थाने भेजकर वीडियोग्राफी करवाई और फिर थाने आकर अब शब्दों का प्रयोग किया। इस मामले में टीआई अर्चना नागर ने लिखित में माफी मांग ली थी। अब देखना यह है कि इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारियों के बीच का झगड़ा क्या नया मोड़ लेता है।जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया jabalpur news पर क्लिक करें.

OBC महासभा- पुलिस कार्रवाई से घबराए नेता, कोई प्रदर्शन नहीं हुआ - BHOPAL NEWS

Posted: 02 Jan 2022 04:49 AM PST

भोपाल
। दिनांक 2 जनवरी 2022 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ओबीसी महासभा के बैनर तले आधा दर्जन से ज्यादा संगठनों का सामूहिक प्रदर्शन फेल हो गया। पुलिस ने जैसे ही कार्रवाई शुरू की, घबराए नेताओं ने कदम पीछे खींच लिए। ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तुलसीराम पटेल ने पत्रकारों के सामने आकर अपना पक्ष रखा। लाखों लोगों की बात की जा रही थी परंतु पुलिस हिरासत में लिए गए नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या 1000 भी नहीं थी।

ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तुलसीराम पटेल का बयान

तुलसीराम पटेल ने कहा कि पुलिस ने शनिवार को ही हमारे कई नेताओं को नजर बंद कर दिया था। विभिन्न जिलों से जो कार्यकर्ता भोपाल आ रहे थे उन्हें रोक दिया गया। कुछ लोग जो भोपाल के अंदर तक आ गए थे उन्हें हिरासत में लिया गया। कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने मारपीट भी की है। पटेल ने कहा कि अब हम मध्य प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन करेंगे। शासन-प्रशासन हमको कब तक रोकेगा, देखते हैं।

असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस का बयान 

असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस टीटी नगर ने स्पष्ट कर दिया था कि 2 जनवरी 2022 को प्रस्तावित प्रदर्शन बिना अनुमति के किया जा रहा है, इसलिए इस प्रदर्शन को रोक दिया जाएगा। एसीपी टीटी नगर में कहा था कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि ओबीसी महासभा के नाम पर जो प्रदर्शन किया जा रहा है, उसमें हिंसा की साजिश रची गई है। एसीपी के बयान के बावजूद ओबीसी महासभा की तरफ से किसी भी नेता नहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन की गारंटी नहीं ली थी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

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