प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- कंपोजिट ग्रांट घोटाले में उन्नाव के पूर्व डीएम से पूछताछ
- आगरा : आगरा विवि के फर्जी घोषित करने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र वाले 171 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ
- फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
- कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में परीक्षाएं होंगी, 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव खत्म होगा
- शिक्षक से रुपये मांगे जाने का वीडियो वायरल, कौशाम्बी बीएसए ने शुरू कराई जांच
- कोरोना प्रभाव : नवंबर में नहीं होगी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, अगले साल जनवरी के बाद परीक्षा होने की संभावना
- पॉलीटेक्निक छात्र पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर होंगे प्रमोट
- आगरा : वेतन और अकारण निलंबन के विरोध में शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर किया विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक गिरफ्तारी देने के बाद मिला वेतन
- अलीगढ़ : संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले 22 शिक्षकों की होगी जांच
- आक्रोश : हेडमास्टरों की जांच के लिए अधीनस्थ संविदाकर्मियों को दी गयी जिम्मेदारी
- हाथरस : कार्यालय में विभिन्न कार्यों हेतु सिटीजन चार्टर घोषित, शिकायत निस्तारण हेतु फोन / वाट्सएप्प नंबर व ईमेल आईडी जारी, देखें
- जालौन : शिक्षकों पर अनुचित दबाव बनाकर नियमविरुद्ध यू-डायस (DCF) ऑनलाइन भराने के सम्बन्ध में RSM द्वारा की गई शिकायत पर जांच का आदेश
कंपोजिट ग्रांट घोटाले में उन्नाव के पूर्व डीएम से पूछताछ Posted: 29 Jul 2020 06:43 PM PDT कंपोजिट ग्रांट घोटाले में उन्नाव के पूर्व डीएम से पूछताछ लखनऊ : बहुचर्चित कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय से लंबी पूछताछ की है। जांच एजेंसी ने कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब के दौरान उनके बयान दर्ज किए हैं। घोटाले में आरोपित आईएएस अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को शासन ने निलंबित कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक पांडव से बाजार में सस्ती दर पर उपलब्ध सामान को महंगी दरों पर खरीदे जाने और नियमों को दरकिनार कर जौनपुर की फर्म को कार्य आवंटित किए जाने सहित कई बिंदुओं पर सवाल किए गए। माना जा रहा है कि ईओडब्ल्यू मामले की जांच रिपोर्ट जल्द शासन को सौंपने की तैयारी में है। |
Posted: 29 Jul 2020 06:32 PM PDT आगरा : आगरा विवि के फर्जी घोषित करने के बाद फर्जी प्रमाणपत्र वाले 171 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ आगरा। जिले के परिषदीय प्राथमिक और उप प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत और एसआईटी की सूची में शामिल 171 और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से अपना पक्ष रखने वाले 12 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किए जाने से बेसिक शिक्षा विभाग का काम आसान हो गया है। अब सूची प्राप्त होने का इंतजार है। बेसिक शिक्षा विभाग ने विवि के बीएड सत्र 2004-05 को एसआईटी की ओर से तैयार फर्जी एवं टेम्पर्ड प्रमाण पत्रों की सूची से जिले में 249 शिक्षकों को चिह्नित किया था। इसमें से 195 का नाम फर्जी प्रमाणपत्र और फर्जी घोषित किए सूची में शामिल गए 812 अभ्यर्थियों की सूची में नाम प्रशासन ने सात होने की उम्मीद 54 का नाम टेपर्ड प्रमाणपत्रों की फरवरी 2020 को एसआईटी की सूची में शामिल 2823 अभ्यर्थियों को फलों घोषित कर दिया इन अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से ललित 195 में से 24 शिक्षकों के नाम थे। इनको बर्खास्त कर दिया गया है। का 171 अभ्यर्थियों का वेतन रोका गया है। इनके खिलाफ खस्तगी की कार्रवाई के लिए विवि में अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों पर निर्णय लिए जाने का इंतजार किया जा रहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने सूची के लिए विवि के अधिकारियों से संपर्क भी किया था। इनका कहना है कि सूची मिलने के साथ बाकी चिन्हित शिक्षकों के नाम से मिलान करने के बाद बास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। |
फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण Posted: 29 Jul 2020 06:27 PM PDT फतेहपुर : अंग्रेजी माध्यम शिक्षकों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण। फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में उत्कृष्ट स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से विभाग संचालित कर रहा है। इन विद्यालयों का शैक्षिक स्तर मजबूत किए जाने के लिए अब समग्र शिक्षा अभियान के तहत संपर्क फाउंडेशन शिक्षक शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष करेगा। राज्य शैक्षिक और अनुसंधान परिषद-एससीइआरटी ने अंग्रेजी माध्यम के चयनित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की शैक्षिक दशा सुधारने के लिए हाथ मिलाया है। जिले में 139 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं को एप डाउनलोड किए जाने के निर्देश बीएसए ने दिए हैं। प्ले स्टोर से एप डाउनलोड होने के बाद अक्टूबर माह में अंग्रेजी और गणित की नवाचारी पद्धतियों के प्रशिक्षण से शिक्षकों को लैस किया जाएगा। बीएसए देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि निदेशक समग्र शिक्षा और एससीईआरटी के निर्देश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं 1. को एप लोड कराने के निर्देश दिए गए हैं। एप डाउनलोड करने वाले सभी अध्यापकों के नाम और स्कूल की सूची बनाकर खंड शिक्षा अधिकारी देंगे। इसकी सूचना फाउंडेशन को भेजी जाएगी। अक्टूबर माह में प्रशिक्षण शुरू होगा और कार्ययोजना के मुताबिक इन सभी शिक्षक शिक्षकों को जुड़ना होगा। |
कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में परीक्षाएं होंगी, 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव खत्म होगा Posted: 29 Jul 2020 05:55 PM PDT कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में परीक्षाएं होंगी, 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव खत्म होगा राहत ◆ नई शिक्षा नीति में 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने का ऐलान ◆ वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक दो भागों में कराने का भी सुझाव दिया नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में करोड़ों छात्रों एवं अभिभावकों के लिए जो सबसे बड़ी राहत पहुंचाने वाली बात है, वह है 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने की घोषणा। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र हमेशा दबाव में रहते हैं और ज्यादा अंक लाने के चक्कर में कोचिंग पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन भविष्य में उन्हें इससे मुक्ति मिल सकती है। नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं पर दांव कम रहेगा। इसमें कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमताओं एवं योग्यताओं को परखा जाएगा। छात्रों द्वारा रटे हुए सवालों पर बोर्ड परीक्षा का दारोमदार अब नहीं रहेगा। नीति में कहा गया है कि विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओं के व्यवहार्य मॉडल तैयार करेंगे। जैसे वार्षिक, सेमिस्टर और मोड्यूलर बोर्ड परीक्षाएं। बोर्ड परीक्षाएं दो भागों में या दो तरह जैसे वस्तुनिष्ठ और ब्याख्यात्मक भी हो सकती हैं। नई शिक्षा नीति का ब्योरा देते हुए स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव को लेकर कई सुझाव हैं। जैसे साल में दो बार करना, दो हिस्सों वस्तुनिष्ठ और व्ख्यात्मक श्रेणियों में विभाजित करना आदि। बोर्ड परीक्षा में मुख्य जोर ज्ञान के परीक्षण पर होगा। ताकि छात्रों में रटने की प्रवृत्ति खत्म हो। नई नीति के तहत कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में भी परीक्षाएं होगीं । जबकि 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बदले स्वरूप में जारी रहेंगी। |
शिक्षक से रुपये मांगे जाने का वीडियो वायरल, कौशाम्बी बीएसए ने शुरू कराई जांच Posted: 29 Jul 2020 05:54 PM PDT शिक्षक से रुपये मांगे जाने का वीडियो वायरल, कौशाम्बी बीएसए ने शुरू कराई जांच। कौशाम्बी : बीआरसी मूरतगंज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में दो कर्मचारी एक शिक्षक से कमीशन की बात कर रहे हैं। इसके अलावा एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें महिला कर्मी शिक्षक से रुपये देने को कह रही है। वीडियो व वीडियो वायरल होने से विभाग में खलबली मच गई है। बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करा दी है। वायरल वीडियो व ऑडियो के निशाने पर मूरतगंज एसडीआई हैं। आरोप है कि उन्हीं के लिए रुपया वसूला जा रहा है। मूरतगंज एसडीआई रमेश पटेल अर्से से यहां तैनात हैं। इनके खिलाफ पहले भी कई शिकायत हो चुकी है। एक शिक्षिका ने भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन एसडीआई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो दिन पहले सोशल मीडिया में मूरतगंज बीआरसी का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो एक शिक्षक ने बनाया है। शिक्षक के सामने कुर्सी पर बैठे पुरुष व महिलाकर्मी जांच के नाम पर रुपये देने की बात कर रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि रुपया इसलिए लिया जा रहा है कि जांच नहीं होगी। शिक्षक सवाल करता है कि यदि वह उनको रुपये दे देगा तो जिले की टीम आएगी तब क्या होगा? इसे लेकर रुपया वसूलने वाले उसको समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि सब मैनेज हो जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि रुपया कम पड़ने पर अभी उसने साहब को अपनी जेब से दिया है।अब वह उसकी भरपाई कर रहा है। इसके बाद शिक्षक ने पर्स दिखाते हुए कहता है कि इतना ही है। पांच सौ रुपया उसको दे दिया जाए। वीडियो से साफ है कि वसूली को ही लेकर शिक्षक को बुलाया गया था। वसूली कितने लोगों से हुई है, इसका रजिस्टर भी कर्मचारी दिखाता है। यह रजिस्टर भी वीडियो में है। इसके तुरंत बाद एक वीडियो वायरल हो जाता है, जिसमें महिला कर्मचारी रुपये की मांग करती है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची है। बीएसए ने माले की जांच शुरू करा दी है। वायरल वीडियो काफी पुराना है। वीडियो में फिलहाल एसडीआई की भूमिका स्पष्ट नहीं है। वीडियो में भी जो लोग हैं, उनकी तस्दीक कराई जा रही है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद इस मामले में कार्रवाई कराई जाएगी। SO राजकुमार पंडित, बीएसएफ |
Posted: 29 Jul 2020 05:47 PM PDT कोरोना प्रभाव : नवंबर में नहीं होगी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, अगले साल जनवरी के बाद परीक्षा होने की संभावना प्रयागराज। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने हर साल नवंबर में होने वाली एनटीएसई (राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा) की तिथि आगे बढ़ाने का फैसला किया है। एनसीईआरटी की ओर से 31 जुलाई तक परीक्षा के लिए आवेदन लिए जाते थे। नवंबर के दूसरे सप्ताह में प्रारंभिक परीक्षा होती थी। लेकिन अब परीक्षा वर्ष 2021 जनवरी के बाद होने की संभावना है। मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए एनसीईआरटी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन करता है। परीक्षा में केवल दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं। दो चरणों में परीक्षा का आयोजन किया जाता है। प्रथम चरण में एससीईआरटी द्वारा परीक्षा कराई जाती है। उत्तर प्रदेश में इस परीक्षा का आयोजन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से किया जाता है। पहले चरण की परीक्षा में सफल छात्र-छात्राएं दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होते हैं। जो विद्यार्थी द्वितीय चरण में चयनित होते है, उन्हें एनसीईआरटी की ओर से 11वीं से पीएचडी तक छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति में 11वीं से 12वीं तक हर महीने 1250 रुपये मिलते हैं। स्नातक स्तर पर यूजीसी नियम के अनुसार छात्रवृत्ति मिलती है। नहीं हो सकी दूसरे चरण की परीक्षा एनसीईआरटी की ओर से अभी तक 2018-19 सत्र के दूसरे चरण की परीक्षा नहीं पूरी की जा सकी हैं। प्रथम चरण के रिजल्ट के बाद दूसरे चरण की परीक्षा 19 जून को होनी थी, लेकिन इससे पहले मार्च में कोविड-19 का प्रकोप बढ़ने से इसे स्थगित करना पड़ा। दूसरे चरण की परीक्षा के बाद एनटीएसई में देश भर से दो हजार विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। पहले चरण में मेधावियों का चयन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से होने वाली परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा में भी देरी इस बार राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा भी नवंबर में नहीं हो सकेगी। एनसीईआरटी की ओर से एससीईआरटी के माध्यम से आयोजित इस परीक्षा में आठवीं के छात्र शामिल होते हैं। चयनित छात्र को एनसीईआरटी की ओर से नौवीं से बारहवीं तक सालाना 12 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलती है। यह छात्रवृत्ति सरकारी स्कूल के छात्रों को ही मिलती है। |
पॉलीटेक्निक छात्र पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर होंगे प्रमोट Posted: 29 Jul 2020 05:16 PM PDT पॉलीटेक्निक छात्र पिछली परीक्षाओं के अंकों के आधार पर होंगे प्रमोट। कानपुर। प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दूसरे-चौथे वर्ष और सेमेस्टर के छात्र पिछली परीक्षाओं और असाइनमेंट के आधार पर प्रमोट किए जाएंगे। प्राविधिक शिक्षा निदेशालय द्वारा बनाई गई समिति ने छात्रों को प्रमोट करने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि दूसरे और चौथे सेमेस्टर के छात्रों को सेशनल एग्जाम, असाइनमेंट के अंक और पिछले सेमेस्टर के 50% अंकों को कैरीओवर करते हुए प्रमोट किया जाएगा। अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर में पढ़ रहे और विशेष बैंक पेपर देने वाले छात्र छात्राओं की परीक्षाएं सात सितंबर से 12 सितंबर के बीच होंगी। 17 अगस्त से पांच सितंबर तक पॉलिटेक्निक संस्थानों में कक्षाएं चलेंगी। बचा पाठ्यक्रम पूरा कराने के साथ दूसरे व चौथे सेमेस्टर के छात्रों सेशनल एग्जाम और असाइनमेंट का काम पूरा कराया जाएगा। |
Posted: 29 Jul 2020 04:45 PM PDT आगरा : वेतन और अकारण निलंबन के विरोध में शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर किया विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक गिरफ्तारी देने के बाद मिला वेतन। आगरा : : शिक्षकों के वेतन और अकारण निलंबन के विरोध में बुधवार को शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर तालाबंदी कर सामाजिक गिरफ्तारी भी दी। हालांकि गिरफ्तारी के बाद शिक्षकों का वेतन और शिक्षामित्रों का मानदेय जारी कर दिया गया। राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ के बैनर तले प्रदेश संयोजक मुकेश डागुर व वीरेन्द्र छौंकर के नेतृत्व में बुधवार को दोपहर में ने एसडीएम महेंद्र कुमार व क्षेत्राधिकारी नम्रता श्रीवास्तव का सामाजिक गिरफ्तारी दी। शिक्षकों ने सीएम महेंद्र कुमार को बेसिक शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। |
अलीगढ़ : संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले 22 शिक्षकों की होगी जांच Posted: 29 Jul 2020 12:44 PM PDT अलीगढ़ : संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले 22 शिक्षकों की होगी जांच बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में काम करने वाले 22 शिक्षकों के खिलाफ जांच की तलवार लटक गई है। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी से बीएड करने वाले इन शिक्षकों के नाम एसआईटी ने अपने संदिग्ध अभ्यर्थियों की सूची में शामिल किए हैं, जिसके बाद इन सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में फर्जी शिक्षकों का प्रकरण उजागर होने के बाद विभाग लगातार शिक्षकों की जांच करवा रहा है। इस दौरान एसआईटी ने विभाग को 16 ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है जिनकी डिग्री संदेहास्पद है और इसकी जांच कराई जानी चाहिए। इन सभी शिक्षकों ने है वाराणसी स्टेशन वाराणसी के संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल की है। एसआईटी से 16 शिक्षकों की सूची हासिल होने के बाद विभाग ने मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड जानकारी से मिलान करके 6 शिक्षकों के नाम और शामिल किए हैं जिन्होंने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से ही बीएड किया है। इन सभी के मामले भी एक जैसे हैं और संदेह के घेरे में है। अब विभाग ने इन सभी 22 शिक्षकों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन विद्यालयों में कार्यरत है यह शिक्षक जिले के जिन शिक्षकों की बीएड डिग्री की जांच विभाग ने शुरु करी है वह सभी अलग-अलग विद्यालयों में कार्यरत हैं। इन शिक्षकों की ड्यूटी प्रावि दीनापुर बिजौली, प्रावि नगला बाटुल, प्रावि पाली मुकीमपुर, प्रावि सांकरा, प्रावि खैमपुर, प्रावि नगला मढ़ैया, प्रावि भवानीपुर, प्रावि अजाहरी, प्रावि सरकोरिया, प्रावि नगला पटवारी, प्रावि सीयपुर, प्रावि आजादनगर, प्रावि केसीनगला, प्रावि नगला भोपा, प्रावि महारावल, प्रावि उटवारा नम्बर 1, प्रावि उटवारा नम्बर 2, प्रावि जट्टारी नम्बर 2, प्रावि शाहनगर सौरोला, प्रावि सिकंदरपुर, प्रावि संग्रामपुर, प्रावि टीकरी कनोवी में कार्यरत है। इन सभी के बीएड डिग्री का सत्यापन किया जाएगा। शिक्षकों की बीएड डिग्री में संदेह की स्थिति होने के कारण इनके सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई है। अगर जांच में किसी तरह की गड़बड़ी सामने आई तो इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। -डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी। |
आक्रोश : हेडमास्टरों की जांच के लिए अधीनस्थ संविदाकर्मियों को दी गयी जिम्मेदारी Posted: 29 Jul 2020 12:38 PM PDT आक्रोश : हेडमास्टरों की जांच के लिए अधीनस्थ संविदाकर्मियों को दी गयी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों की जांच संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों को सौंपी गई है। विभाग के पोर्टल पर भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट अपलोड करने के लिए इन शिक्षकों की ट्रेनिंग भी पूरी कराई जा चुकी है। जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा निदेशालय से आने वाली विकास कार्यों की राशि से वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में जिले के विभिन्न स्कूलों में विकास कार्य कराए गए हैं। इसके साथ ही कार्य करती योजना के तहत ग्राम पंचायत से मिलने वाली विकास राशि से भी विकास काम हो रहे हैं। इसमें स्कूलों में चार दिवारी, शौचालय, पीने के पानी के लिए हैंडपंप, फर्नीचर, स्पोर्ट्स किट ऑन लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। अब निदेशालय ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पिछले 3 सालों में किए गए इन सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए। लेकिन विभाग की ओर से यह कार्य विशेष शिक्षकों और विभाग में काम करने वाले फिजियोथैरेपिस्ट को सौंपा गया है। यह विशेष शिक्षक व फिजियोथैरेपिस्ट विभाग में संविदा शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं। इसके साथ ही इन सभी की ड्यूटी स्कूलों में हेड मास्टर के अंडर में रहती है। ऐसे में अब जब इन सभी शिक्षकों को विद्यालय में जाकर किए गए विकास कार्यों को देख कर बहुत ही सत्यापन करने के लिए कहा गया है तो या इस काम से कतरा रहे हैं। इसका कारण यह है कि संविदा पर काम करने वाले सभी शिक्षक किसी न किसी हेड मास्टर के अंडर में ही अपनी ड्यूटी करते हैं। विद्यालय से जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर इन सभी शिक्षकों की संविदा को आगे बढ़ाया जाता है। इसके साथ ही विभाग में इस बात का भी विरोध हो रहा है कि संविदा पर काम करने वाले यह शिक्षक किस तरह से स्कूलों का भौतिक सत्यापन करेंगे। विकास कार्यो की रिपोर्ट नकारात्मक गई तो संबंधित पर होगी कार्यवाही परिषदीय स्कूलों में होने वाले सभी कामकाज हेड मास्टर की देखरेख में और एसएमसी सदस्यों की स्वीकृति के बाद ही कराए जाते हैं। विद्यालय के सभी कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराना हेडमास्टर की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अगर भौतिक सत्यापन के दौरान किसी स्कूल में गड़बड़ी पाई गई और वहां के काम मांगों के अनुकूल ना मिले तो उस हेड मास्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। जिसके कारण हेड मास्टर की मांग लिया है कि अगर यह जांच कराई जा रही है तो इसके लिए उच्च अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। निदेशालय ने स्कूलों में किए गए विकास कार्यों के भौतिक सत्यापन के लिए विशेष शिक्षकों और फिजियोथैरेपिस्ट की नियुक्ति किए जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी विभाग की ओर से इस काम को रोक दिया गया है और जल्दी ही इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। विभाग के अगले आदेश आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। -डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी |
Posted: 29 Jul 2020 06:14 AM PDT |
Posted: 29 Jul 2020 04:50 AM PDT |
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