सुल्तानपुर टाइम्स - 🌐

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Sunday, August 23, 2020

सुल्तानपुर टाइम्स

सुल्तानपुर टाइम्स


कन्ट्रोल रूम में कर्मचारियों की उपस्थिति बहुत कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की डीएम ने

Posted: 23 Aug 2020 06:45 AM PDT

सुलतानपुर/जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती की अध्यक्षता में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आज अपरान्ह से आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम आई0सी0सी0सी0 कन्ट्रोल रूम के बारे में जानकारी देने के लिये लगी ड्यूटी के कर्मचारियों की उपस्थिति बहुत कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की । उन्होंने नाराजगी के कारण कन्ट्रोल रूम में लगे अधिकारियों से स्पष्टीकरण, चेतावनी आदि दिये जाने का निर्देश दिया गया। तत्पश्चात उन्होंने कन्ट्रोल रूम में लगे कर्मचारियों से बारी-बारी जानकारी ली गयी। डीएम ने जानकारी का अभाव होने एवं शासनादेश के अनुसार क्या-क्या कार्य है की जानकारी भी नहीं पाये जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए बिन्दुवार जानकारी दी। 
जिलाधिकारी ने बताया कि कन्ट्रोल रूम के 3 दूरभाष नम्बर 05362-240203/220189/220154 तथा आई0डी0एस0पी0 का कन्ट्रोल रूम नम्बर 05362-231211 बताया गया। उन्होंने निर्देशित किया कि कन्ट्रोल रूम पर किसी व्यक्ति का फोन आने पर फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति पहले कन्ट्रोल रूम के बारे में बतायेंगे कि मैं आई0सी0सी0सी0 कन्ट्रोल रूम से बाले रहा हूं। तत्पश्चात फोन करने वाले का नाम, मोबाइल नम्बर, पता, उनकी समस्या तथा निदान करने की कार्यवाही करेंगे।   उन्होंने बताया कि राशन, खाने, दूध, पानी आदि से सम्बन्धित जिला पूर्ति अधिकारी, विवाद-जमीनी, एक्सीडेन्टल, शौंचालय एवं अन्य आपातकालीन शिकायत/समस्या के निस्तारण के लिये सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को तत्काल अवगत करायेंगे तथा चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098, महिला हेल्प लाइन नम्बर 1090, कोविड-19 हेल्प लाइन 1075 है। स्वास्थ्य से सम्बन्धित किसी प्रकार की समसया आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्साधीक्षक तथा सभी चिकित्सा अधिकारियों प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सूचित करें। उन्होंने बताया कि छेड़खानी, छोटी बच्ची, महिला आदि से सम्बन्धित समस्या के लिये जिला प्रोबेशन अधिकारी/वन स्टाफ सेन्टर को बतायेंगे। उन्होंने बताया कि एम्बुलेन्स के लिये 108, 102,  ए0एल0एस0 के पायलट एवं टेक्नेशियन की सूची उपलब्ध है उन्हें सूचित करके समस्या का निस्तारण करायेंगे। साफ-सफाई एवं छिड़काव के लिये ग्रामीण क्षेत्र में सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ पंचायत तथा नगरीय क्षेत्र में सम्बन्धित अधिशाषी अधिकारी को सूचित करेंगे। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों के लिये जिला पंचायत राज अधिकारी एवं नगरीय क्षेत्र के लिये सम्बन्धित उप जिलाधिकारी सूचित करेंगे।  जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के लिये नोडल अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगरीय क्षेत्र अपर जिलाधिकारी(प्रशा0) व ग्रामीण क्षेत्र के लिये मुख्य विकास अधिकारी नोडल अधिकारी हैं। इसी प्रकार अन्य कार्यों के लिये नोडल अधिकारी भी नामित किये गये हैं। आई0सी0सी0सी0 में कुल 32 कर्मचारी लगाये गये हैं, जो 24ग7 घण्टे कार्य करेंगे। आई0डी0एस0पी0 06 मेम्बर कार्य कर रहे हैं। आई0डी0एस0पी0 द्वारा पाजिटिव केस की ट्रैसिंग कर आर0आर0टी0(एक दिन के अन्तराल पर) को उपलब्ध कराने पर उनके द्वारा एएनएम के साथ भ्रमण कर लक्षण के अनुसार इलाज हेतु होम आईसोलेशन एल-1 अथवा एल-2 हास्पिटल में रेफर करेंगे। उन्होंने वरिष्ठ कोषाधिकारी वरूण खरे को निर्देशित किया कि कलेक्ट्रेट स्थित समेकित कोविड कमाण्ड कन्ट्रोल रूम में शासनादेश के अनुसार सभी कर्मचारियों द्वारा कार्य कराये जाने के लिये एक सप्ताह के लिये सम्बद्ध किया गया है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स, अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) उमाकान्त त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सीबीएन त्रिपाठी, वरिष्ठ कोषाधिकारी वरूण खरे, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी पन्नालाल, जिला विकास अधिकारी डॉ0 डी0आर0 विश्वकर्मा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता में कोविड-19 के बचाव हेतु बैठक हुई आयोजित

Posted: 23 Aug 2020 05:50 AM PDT

सुलतानपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती ने कोविड-19 की एक आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में की। बैठक में उन्होंने कोविड-19 के बचाव हेतु अब तक किये गये प्रयासों की जानकारी दी। बैठक के पश्चात कोविड-19 कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश सम्बन्धित को दिये। 
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित नोडल अधिकारियों को आर0आर0टी0, कन्टैक्ट ट्रैसिंग, सर्विलान्स टीम, आई0सी0सी0सी0, आई0डी0पी0 व कन्ट्रोल रूम के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कन्टैक्ट ट्रैसिंग के लिये विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर सर्वे कर कम से कम 3 अधिकतम 5 बार किया गया है। होम आईसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों के सम्बन्ध में आई0सी0सी0सी0 द्वारा प्रत्येक दिवस में उनके सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। उन्होंने निर्देशित किया कि आई0सी0सी0सी0 में कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को कोविड-19 के बचाव के लिये आवश्यक दवायें दिया जायें।
 बैठक में उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि समय से पाजिटिव केसों को चिन्हीकृत कर लक्षण अनुसार इलाज हेतु कार्यवाही की जाय।  जनपद में 14 सी0एच0सी0, डिस्ट्रिक हास्पिटल पुरूष महिला, ट्रामा सेन्टर अमहट, स्टैटिक बूथ डिहवा एवं स्टैटिक बूथ प्राथमिक विद्यालय डिहवा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय संगमलाल करौदिया में किया जाना है। नगर क्षेत्र में 5 से 14 अगस्त तक सघन कान्टैक्ट ट्रेसिंग कर 17235 सैम्पल लिये गये, जिससे कम्युनिटी स्प्रेट रोका जा सके। उन्होंने बताया कि सभी नागरिकों को लाकडाउन में  डोर-टू-डोर दूध, राशन की सामग्री उपलब्ध करायी गयी। 24 कोरोना वैरियर्स की स्थापना भी की गयी है।  बैठक के पश्चात जिलाधिकारी ने आई0सी0 सी0सी0 कन्ट्रोल का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में उपस्थित कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 एवं अन्य जानकारी पूंछने नहीं बताये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और सभी को अलग से बैठक कर जानकारी दिये जाने के लिये बैठक बुलाई गयी । इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(प्रशा0) हर्षदेव पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) उमाकान्त त्रिपाठी, मुख्य राजस्व अधिकारी शमशाद हुसैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सीबीएन त्रिपाठी, सीएमएस जिला चिकित्सालय डॉ0 प्रभाकर राय, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी पन्नालाल सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

डायबिटीज रोगियों के लिए बेस्ट है कच्चा पपीता

Posted: 23 Aug 2020 05:26 AM PDT


पका पपीता तो आपने कई बार खाया होगा। ये सेहत और त्वचा दोनों के लिए अच्छा होता है। रोजाना इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा शाइन करने लगती है तो वहीं रोजाना खाने से पेट भी साफ होता है। लेकिन क्या आपको पता है पके हुए पपीते से ज्यादा कच्चा पपीता सेहत के लिए ज्यादा अच्छा होता है। यहां तक कि ये डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम ,विटामिन  ए, सी, ई और बी का बहुत बड़ा स्त्रोत है। जानिए कच्चा पपीता खाने से क्या फायदा होता हैच्चा पपीता मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। इसे या तो आप ऐसे ही खाइए। इसके अलावा आप इसका जूस भी पी सकते हैं। इसका जूस रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। इसके साथ ही शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाता है। कच्चे पपीते में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर कब्ज की समस्या से निजात दिलाने का काम करता है। कच्चे पपीते में ऐसे एंजाइम होते हैं जो एसिडिटी होने से रोकते हैं। साथ ही डाइजेशन सिस्टम में सुधार होता है।कच्चे पपीते में विटामिन ई, सी और ए के अलावा कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यही पोषक तत्व शरीर को बीमारियों से बचाए रखता है। साथ ही इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है।

24 घंटों में कोरोना के 5423 नए मामले

Posted: 23 Aug 2020 05:21 AM PDT


लखनऊ। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी 2900 से अधिक हो गई है। 24 घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 5423 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या अब 187781 हो गई है। वहीं इस बीमारी के कारण उत्तर प्रदेश में जान गंवाने वालों की संख्या अब 2926 हो गई है।अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कुल मामलों में से अभी तक 135613 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। राज्य में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 72.21 प्रतिशत तक पहुंच गई है। प्रसाद ने कहा कि राज्य में फिलहाल कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 49242 है, जिनका इलाज चल रहा है।अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शनिवार को प्रदेश में 130445 सैंपल्स की जांच हुई। यह एक दिन में अब तक किसी भी राज्य द्वारा किए सबसे ज्यादा टेस्ट है। अभी तक उत्तर प्रदेश में कुल 4551 619 सैंपल्स की जांच हो चुकी है। प्रसाद ने बताया कि अब तक प्रदेश में 62744 कोविड हेल्प डेस्क बनाए जा चुके हैं, जिनकी सहायता से 6 लाख 72 हजार 275 लक्षणात्मक लोगों की पहचान की जा चुकी है। अब इन लोगों की आगे की प्रक्रिया जारी है।

जब लाश तक को शव वाहन नही दे सकती है, तो आम जनता से टैक्स क्यों वसूलती है सरकार

Posted: 23 Aug 2020 02:43 AM PDT

सुलतानपुर। शनिवार को सोशलमीडिया में दिन भर छाया रहा कि किस तरह एक व्यक्ति अपने मरे हुए साढ़े तीन साल के पौत्र की लाश को कन्धे पर लाद कर पैदल शहर की सड़क दर सड़क भटक रहा था। पीछे पीछे उसकी दादी रोते-बिलखते चल रही थी। जो भी शहर का बाशिंदा इस दृश्य देखता तो विचलित हो जाता है। शहर के जिला अस्पताल में पैसा न दे पाने के कारण उसे निशुल्क शव वाहन नही मिल पायी वो भी इस समय जबकि पूरा देश कोरोना काल में मेडिकल सुविधाओं को लेकर युद्ध स्तर पर हाई अलर्ट है ।सरकारी जिला अस्पताल में हो रही इस तरह की संवेदनहीनता को देखकर काउंसिल आफ उद्योग व्यापार मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता ने मामले की शिकायत  भारत के  प्रधानमंत्री सहित राष्ट्रपति महोदय को ईमेल के माध्यम से किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चूँकि सरकार जब मरे हुए एक बच्चे को एम्बुलेंस तक नही दे सकती तो उसे देश की जनता व व्यापारियों से टैक्स वसूलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आखिर टैक्स वसूलने के बाद भी गरीब जनता को मेडीकल सुविधा क्यों नही देती सरकार। देश में धन की भी कोई कमी नहीं है क्योंकि हर बार की तरह इस बार भी आपदा काल में सरकार के आह्वान पर देश के तमाम नागरिकों ने स्वेच्छा से भारी धनराशि राहत कोष में दान दिया है।वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी निचले स्तर पर पनप गयी भ्रष्टाचार प्रणाली पर भी सीधा सर्जिकल स्ट्राइक करें । उन भ्रष्ट अधिकारियों पर रोक लगाया जाए जो आवंटित करोड़ों रुपये के बजट का अधिकांश हिस्से को लिखा पढ़ी की जादूगरी से फाइल में ही खर्च कर देते हैं। संविधान निर्माताओं ने तो यही व्यवस्था दी थी कि सम्पन्न लोगों से टैक्स वसूल कर ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि देश के गरीब जनता को भी जीवन जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं मिल सके। आज दुखद स्थिति है कि गांवों कस्बों से ईलाज के लिए जिला मुख्यालय आये गरीब और असहाय लोगों को संवेदनाहीन व्यवहार का सामना करना पड़ता है। देश का मध्यम वर्ग जो आवाज़ उठाने में सक्षम है वो या तो अपने में व्यस्त है या फिर राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों के माध्यम से हो रहे डिबेटों से हमेशा उलझा रहता है। समाज के असहाय लोगों को किस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है उस तरफ उसका ध्यान ही नही जाता । वह तो कभी पाकिस्तान तो कभी चीन तो कभी कश्मीर तो कभी आतंकवाद तो कभी हिन्दू मुस्लिम और जब कभी इनसे उभरता है तो जातिवाद में उलझा दिया जाता है। आम जनता का ध्यान बुनियादी समस्याओं की तरफ जाता ही नहीं या फिर वो मान चुके है कि ये सिस्टम ऐसे ही रहेगा इसमे कुछ सुधार हो नही सकता है। पांच साल से जिले में ट्रामा सेंटर बन रक्खा है पर चालू नही हुआ है। स्थानीय समाजसेवी गण जब इस मुद्दे को उठाते हैं तो शहर का मध्यम वर्ग भी उसे खबर की तरह पढ़ कर भी उदासीन बना रहता है।समस्त जनता की सामूहिक सहभागिता न हो पाने के कारण  ट्रामा सेंटर चालू करने की मांग दब जाती है।काउंसिल ऑफ उद्योग व्यापार मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता ने सरकार से मांग किया कि जिस तरह से व्यापारियों से टैक्स वसूलने के लिए सशक्त मानिटरिंग सिस्टम बना रक्खा गया है, तो वैसी ही ठोस कार्य प्रणाली सरकार विकसित करे ताकि निचले स्तर पर हर गरीब को हर वो स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके जो सरकारी योजना के तहत जनता में भेजी जा रही है।

14 पासपोर्ट और कराची में 3 घर दाऊद इब्राहिम के पास पाकिस्तान ने माना

Posted: 22 Aug 2020 11:32 PM PDT


नई दिल्ली।  27 साल से जारी ना-नुकुर के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार अपने मुल्क में दाऊद इब्राहिम उसकी मौजूदगी की बात कबूल कर ली है। पाकिस्तान ने शनिवार को 88 आतंकियों की लिस्ट जारी की। इसमें 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम का भी नाम है। बड़ी बात यह कि इस लिस्ट में दाऊद के नाम के साथ यह भी बताया गया है कि वह 14 पासपोर्ट रखता है और कराची में उसके तीन घर हैं।दाऊद 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद पाकिस्तान भाग गया था। इन धमाकों में 257 की जान चली गई थी और 1400 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। इसके बाद दाऊद के पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों में होने की खबरें आती रहीं, लेकिन पाक ने उसकी मौजूदगी के बारे में खुलकर कभी नहीं कबूला।सवाल यह उठता है कि आखिर 27 साल बाद ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तान ने दाऊद की इतनी सारी डिटेल दुनिया के सामने जाहिर कर दी। इसकी वजह है फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की अक्टूबर में होने वाली मीटिंग। यह टास्क फोर्स दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नेटवर्क पर नजर रखती है। दुनियाभर के देश इस टास्क फोर्स की सिफारिश को मानते हैं।पाकिस्तान के सामने दिक्कत यह है कि आतंकियों से निपटने के मामले में अपने खराब रिकॉर्ड के कारण वह 2018 से इस टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में हाेना यानी दुनियाभर से आर्थिक मदद मिलने में परेशानी। पाकिस्तान को उम्मीद है कि आतंकियों के नाम बताकर अगर वह उनके खिलाफ कदम उठाता है तो वह ग्रे लिस्ट से बाहर आ सकता है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को 27 पॉइंट का डिमांड लेटर दिया था। सितंबर तक यह सभी शर्तें पूरी की जानी हैं। अगर पाकिस्तान ने शर्तें नहीं मानीं, तो वह ब्लैक लिस्ट हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जारी किए प्रोटोकॉल गृह मंत्रालय ने

Posted: 22 Aug 2020 11:13 PM PDT


नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने वंदे भारत योजना के तहत गैर-निर्धारित व्यावसायिक उड़ानों और एयर बबल व्यवस्था के लिए शनिवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है. एयर बबल व्यवस्था दो देशों के बीच व्यावसायिक यात्री उड़ानों का परिचालन दोबार शुरू करने की अस्थायी व्यवस्था को कहते हैं.मंत्रालय ने कहा कि एसओपी के मुताबिक, वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानों के माध्यम से भारत आने के इच्छुक लोग उस देश में स्थित अपने भारतीय मिशनों के पास रजिस्टर करवा सकेंगे जहां वे फंसे हुए हैं या रह रहे हैं. हालांकि एयर बबल व्यवस्था के तहत जिन उड़ानों का संचालन होगा, उनके लिए रजिस्टर नहीं करवाना होगा.भारत की इस समय अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, कतर, मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात के साथ एयर बबल व्यवस्था है. इस संबंध में 13 और देशों के साथ बातचीत चल रही है.कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विदेशों से भारतीयों को लाने के लिये 'वंदे भारत' अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के तहत अब तक लगभग 11.23 लाख भारतीय स्वदेश लौट आए हैं.

भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वैक्सीन हासिल कर लेगा

Posted: 22 Aug 2020 11:15 PM PDT

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश में साल के अंत तक घातक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले चार से पांच महीनों में कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है. मंत्री ने बाद में हिंदी में एक ट्वीट करते हुए कहा, कब तक आएगी कोरोना की वैक्सीन? पत्रकारों के इस सवाल पर मैंने उम्मीद जताई कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वैक्सीन हासिल कर लेगा.स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि तीन कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवारों में से एक ने पूर्व-नैदानिक मानव परीक्षण (प्री क्लीनिकल ह्यूमन ट्रायल) के तीसरे चरण में प्रवेश किया है.कोविड-19 पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल के अनुसार, तीसरे चरण में प्रवेश करने वाले वैक्सीन उम्मीदवार (कैंडिडेट) ने अपने परीक्षण के प्रारंभिक चरणों में उत्साहजनक परिणाम प्राप्त किए हैं.
अन्य दो वैक्सीन वर्तमान में अपने पूर्व-नैदानिक?? परीक्षणों के चरण एक या दो में हैं. हालांकि, उन्होंने परीक्षण चरण की स्थिति को साझा करते हुए वैक्सीन के नामों का खुलासा नहीं किया.अधिकारियों ने हालांकि अपने परीक्षण चरण के बारे में बोलते हुए वैक्सीन उम्मीदवारों के नामों का खुलासा नहीं किया, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे चरण में प्रवेश करने वाली वैक्सीन भारत बायोटेक की को-वैक्सीन है, जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर विकसित किया गया है.



आतंकी के गांव वाले घर में मिले दाे मानव बम जैकेट

Posted: 22 Aug 2020 11:18 PM PDT



लखनऊ। दिल्ली में पकड़े गए आईएसआईएस के सदस्य अबू युसूफ का असली नाम मुस्तकीम था। पुलिस ने जब उसके वह बलरामपुर जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बढ़या भैसाही गांव में दबिश दी तो काफी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, मानव बम वाले दो जैकेट व अन्य संदिग्ध चीजें बरामद हुई। करीब चार घंटे तक उसकी पत्नी, बच्चे व पड़ोसियों से पूछताछ करने के बाद अचानक एक टीम और बुलाई गई। इस टीम ने मजूदरों को लेकर मुस्तकीम के घर की खुदाई करवाना शुरू कर दिया। देर रात तक छानबीन हुई। इस कार्रवाई से पहले तक बलरामपुर पुलिस को मुस्तकीम के आईएसआईएस का सदस्य होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दरअसल दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जब यूपी के बड़े अफसरों को उसकी गिरफ्तारी और बलरामपुर जिले से सम्बन्ध होने की बात बतायी गई तो आनन फानन डीजीपी मुख्यालय से बलरामपुर के एसपी देवरंजन वर्मा को अलर्ट कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद ही दोपहर करीब 12 बजे बलरामपुर पुलिस ने बढ़या भैसाही गांव को सील कर दिया और मुस्तकीम के घर को घेर लिया था। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पहले वह युसूफ बताकर सबको गुमराह करता रहा था। बाद में पता चला कि उसका असली नाम मुस्तकीम है और बढ़या गांव में रहने वाले कफील खान का बेटा है। तलाशी में मुस्तकीम, उसकी पत्नी व चार बच्चों का पासपोर्ट भी बरामद हुआ है। हालांकि इस पासपोर्ट पर मुस्तकीम कहीं गया अथवा नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। गांव के कुछ लोगों ने दबी जुबान पुलिस को यह जरूर बताया कि मुस्तकीम अक्सर गायब हो जाता था, फिर वह कभी एक-दो महीने तो कभी 10-12 दिन में ही आ जाता था। वह कहां जाता था, इस बारे में उसके जवाब पर कई बार संशय बना रहता था।
पकड़े गए आतंकी का यूपी में गांव सील

Post Bottom Ad

Pages