प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- कोविड के चलते स्नातक के अंकों के आधार पर इस साल मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश
- हाथरस : एक वर्ष पुराने समायोजन आदेश को नियम विरुद्ध बताने और पालन न करने पर 8 शिक्षकों का हुआ निलम्बन, देखें
- राजर्षि टण्डन मुक्त विवि में 12 साल बाद पीएचडी को हरी झंडी
- हाथरस बीएसए द्वारा कुछ संगठन को विधिशून्य घोषित करने पर आपत्ति करते हुए उचित कार्यवाही हेतु अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) को सदस्य विधान परिषद ने लिखा पत्र
- शैक्षणिक कार्यों हेतु समयावधि एवम कार्य निर्धारण के संबंध में जारी शासनादेश की समीक्षा किये जाने के सम्बंध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन का मांग पत्र जारी
- अनियमित नियुक्त शिक्षकों पर खर्च हो रहे तीन करोड़, माध्यमिक शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
- राज्य पुरस्कार : शिक्षक का आवेदन निरस्त करने का मामला, खंड शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब
- उच्च शिक्षा : प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने की कार्ययोजना बनेगी
- यूपी बोर्ड : कक्षा-9 और 11 में पांच लाख भी नहीं हुए रजिस्ट्रेशन, 31 अगस्त तक 9 से 12 तक के बच्चों का होना है पंजीकरण, आवेदन
- New Education Policy 2020 : यूपी के माध्यमिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव, बनी 11 सदस्यीय कमेटी
| कोविड के चलते स्नातक के अंकों के आधार पर इस साल मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश Posted: 24 Aug 2020 07:43 PM PDT कोविड के चलते स्नातक के अंकों के आधार पर इस साल मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश एमबीए या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) में एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने कहा है कि एमबीए और पीजीडीएम कराने वाले संस्थान स्नातक में मिले नंबर के आधार पर छात्रों का अपने यहां एडमिशन कर सकते हैं। परिषद ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित नहीं कराई जा सकती हैं। तकनीकी शिक्षा नियामक ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि नामांकन प्रक्रिया में यह छूट सिर्फ 2020-21 के अकादमिक सत्र के लिए दी जा रही है। परिषद के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी फैलने के डर से कई राज्यों में प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन नहीं कराया जा सका है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन परीक्षाओं को स्थगित किया गया है या भविष्य में इनका आयोजन कराया जाएगा या रद कर दिया जाएगा। इस साल नामांकन का यह होगा तरीका : संस्थान स्नातक या समकक्ष परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर पारदर्शी तरीके से मेरिट लिस्ट तैयार कर एडमिशन ले सकते हैं। जो छात्र इन कोर्सो के लिए किसी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए होंगे और स्कोर किया होगा, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। |
| Posted: 24 Aug 2020 07:46 PM PDT हाथरस : एक वर्ष पुराने समायोजन आदेश को नियम विरुद्ध बताने और पालन न करने पर 8 शिक्षकों का हुआ निलम्बन, देखें हाथरस: समायोजित स्कूल में कार्यभार ग्रहण न करने पर आठ शिक्षक-शिक्षिकाएं निलंबित। समायोजित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को पिछले दिनों 20 अगस्त तक हर हाल में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बीएसए के आदेश को न मानते हुए कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। बीएसए ने ऐसे शिक्षक शिक्षिकाओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। विकास खंड सासनी के कई स्कूलों में छात्र संख्या के सापेक्ष शिक्षकों की संख्या अधिक थी, जबकि जिले के अन्य स्कूलों में शिक्षकों की कमी देखी गई। इसके चलते बीएसए मनोज कुमार मिश्र ने कमेटी के अनुमोदन के बाद ऐसे शिक्षकों का समायोजन जरूरत वाले स्कूलों में कर दिया, लेकिन इन शिक्षकों ने समायोजित स्कूलों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। पिछले दिनों 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अंतिम अवसर देते हुए 20 अगस्त तक कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश बीएसए ने दिए, लेकिन आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आदेश को नियम विरुद्ध कहते हुए पालन नहीं करने की सूचना बीएसए को दी। बीएसए ने विभागीय निर्देशों को जानबूझकर न मानने, शासन व विभाग की नीतियों का मनमाना पूर्ण विरोध करना, शिक्षण व्यवस्था में अव्यवस्था उत्पन्न करने के दोषी होने करार देते हुए उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 एवं उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन करने के आरोपों में आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन शिक्षकों को हुआ निलंबन:- जयपाल सिंह उप्रावि भदूरी सादाबाद का पदस्थापन उप्रावि अगराना, सिकंदराराऊ में किया गया था। निलंबित करते हुए अब इनको बीआरसी सिकंदराराऊ में संबद्ध किया गया है। सीमा सहायक अध्यापिका उप्रावि कैलोरा हाथरस का पदस्थापन उप्रावि गढ़ी धारू विख हाथरस में किया गया था। अब निलंबित करते हुए बीआरसी मुरसान में संबद्ध किया गया है। शिक्षिका कल्पना सेंगर उप्रावि वाहनपुर हाथरस का पदस्थापन उप्रावि बोनई हाथरस में किया था, लेकिन कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर बीआरसी सासनी में संबद्ध किया गया है। शिक्षिका ममता उप्रावि सिथरौली हाथरस का पदस्थापन उप्रावि पोरा हसायन में किया गया था, लेकिन कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर निलंबित करते हुए बीआरसी हसायन से संबद्ध किया गया है। शिक्षिका रागिनी सिंह उप्रावि सोखना हाथरस का पदस्थापन उप्रावि बोनई हाथरस में किया गया था। निलंबन अवधि में रागिनी सिंह को बीआरसी सासनी से संबद्ध किया गया है। शिक्षक सफदर अली उप्रावि मेंडू हाथरस का पदस्थापन उप्रावि पोरा हसायन में किया गया था, लेकिन अब निलंबन करते हुए बीआरसी हसायन में संबद्ध किया गया है। जितेंद्र कुमार वार्ष्णेय उप्रावि पैकवाड़ा हाथरस द्वारा उप्रावि कैशोंपुर हाथरस में कार्यभार ग्रहण न करने पर निलंबन करते हुए बीआरसी सादाबाद में संबद्ध किया गया है। उमेश कुमारी उप्रावि टुकसान मुरसान का पदस्थापन उप्रावि खेरिया डहर मुरसान में किए जाने के बाद कार्यभार ग्रहण न करने पर निलंबित करते हुए बीआरसी सादाबाद से संबद्ध किया है। समायोजित शिक्षकों द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया। उन्हें नोटिस जारी कर अंतिम अवसर भी प्रदान किया गया, लेकिन इसके बाद भी आठ शिक्षकों द्वारा मनमानी करते हुए विभागीय आदेश को गलत ठहरा दिया गया। ऐसे आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनकी जांच के लिए जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। -मनोज कुमार मिश्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी। |
| राजर्षि टण्डन मुक्त विवि में 12 साल बाद पीएचडी को हरी झंडी Posted: 24 Aug 2020 07:41 PM PDT राजर्षि टण्डन मुक्त विवि में 12 साल बाद पीएचडी को हरी झंडी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से 12 साल बाद फिर पीएचडी की जा सकेगी। राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कुलपति से चर्चा के बाद हरी झंडी दे दी है। कार्यपरिषद से भी मंजूरी मिल गई है। सितंबर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं। वर्ष 2008 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पीएचडी संबंधी अध्यादेश की वजह से विश्वविद्यालय में प्रवेश बंद था। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने इसे शुरू कराने की पहल की। प्रस्ताव को कुलाधिपति तथा प्रदेश सरकार की अनुमति मिलने के बाद कार्यपरिषद की बैठक में रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई। नए शैक्षिक सत्र में शिक्षाशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, कंप्यूटर विज्ञान, एग्रीकल्चर, हेल्थ साइंस, कॉमर्स, मैनेजमेंट, हिंदी, संस्कृत और पत्रकारिता में पीएचडी की जा सकेगी। संस्थान के शिक्षक ही होंगे निदेशक: पूर्व में शोध निदेशक, बाहरी होते थे। अतएव शोध भी बाहर कराए जाते थे। यहां शोधाíथयों को थीसिस जमा करनी होती थी। सिर्फ डिग्री अवार्ड होती थी। नए रेगुलेशन के तहत प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा और मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षक ही निदेशक होंगे। आरडीसी में तय होंगे शोध निदेशक: मुविवि उन्हीं विषयों में पीएचडी कराएगा, जिसमें शिक्षक होंगे। सबसे पहले शोध निदेशक का नाम स्कूल बोर्ड प्रस्तावित करेगा। फिर रिसर्च डिग्री कमेटी (आरडीसी) मुहर लगाएगी। आरडीसी में बाहरी विशेषज्ञ भी शामिल होगा। इसके बाद एकेडमिक काउंसिल और कार्य परिषद की मंजूरी मिलने पर संख्या के अनुसार विषयवार रिक्तियां निकाली जाएंगी। प्रोफेसर को आठ, रीडर को छह और लेक्चरर को चार लोगों को पीएचडी कराने की अनुमति रहेगी। प्री-पीएचडी अनिवार्य पीएचडी से पहले आवेदक को इसके लिए परीक्षा में सफल होना पड़ेगा। इसके बाद मेरिट और निर्धारित आरक्षण के आधार पर रजिस्ट्रेशन होगा। शोध के दौरान छह माह की प्री पीएचडी भी अनिवार्य होगी। पीएचडी के लिए नए सत्र में आवेदन मांगे जाएंगे। आरडीसी की बैठक में शोध निदेशक तय होने के बाद आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। |
| Posted: 24 Aug 2020 07:17 PM PDT |
| Posted: 24 Aug 2020 07:08 PM PDT |
| Posted: 24 Aug 2020 05:43 PM PDT राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 35 से ज्यादा शिक्षक सरकार को हर साल करीब 3 करोड़ का चूना लगा रहे हैं। इनकी नियुक्तियों को 2013 में ही अनियमित घोषित कर दिया गया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। खुलासे के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह की ओर से जांच शुरू कर दी गई है। यह प्रकरण करीब 11 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत 35 से ज्यादा शिक्षकों से जुड़ा हुआ है। इनमें से कई नियुक्तियां 15 से 20 साल पुरानी है। इसमें, 27 से ज्यादा एलटी ग्रेड के शिक्षक हैं। करीब 6 से 7 मामले प्रवक्ता पद पर कार्य कर रहे शिक्षकों से जुड़े हैं| और कुछ शिक्षकों की नियुक्ति प्राइमरी सेक्शन में की गई। |
| राज्य पुरस्कार : शिक्षक का आवेदन निरस्त करने का मामला, खंड शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब Posted: 24 Aug 2020 05:40 PM PDT संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक ने खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी से एक शिक्षक का राज्य अध्यापक पुरस्कार आवेदन निरस्त कराए जाने पर जवाब तलब किया है। बीकेटी शिक्षक सुरेश जयसवाल ने बीकेटी खंड शिक्षा अधिकारी पर षडयंत्र करके उनका आवेदन निरस्त कराए जाने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत उन्होंने महानिदेशक बेसिक शिक्षा, निदेशक बेसिक शिक्षा व संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक से की थी। जेडी बेसिक गणेश कुमार की ओर से जारी पत्र के मुताबिक खंड शिक्षावअधिकारी को सभी दस्तावेजों के साथ 26 अगस्त को कार्यालय तलब किया गया है। सुरेश जयसवाल के मुताबिक विभाग की ओर से जारी हुई लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर था लेकिन अगले दिन ही उनका नाम राज्य अध्यापक पुरस्कार के आवेदन लिस्ट से हटा दिया गया है। मामले की जांच के लिए उन्होंने विभागीय अधिकारियों समेत प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से पत्र लिख कर शिकायत की थी। |
| उच्च शिक्षा : प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने की कार्ययोजना बनेगी Posted: 24 Aug 2020 05:37 PM PDT उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग कमेटी में आंशिक संशोधन करते हुए चार नए सदस्यों को शामिल किया महाविद्यालय में वेविनार करने की तिथियां निर्धारित करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने नई इसकी सूचना पांच सितंबर तक शिक्षा नीति लागू करने की कार्ययोजना उपलब्ध कराएं। शिक्षकों से भी सुझाव के लिए एवं सारगर्भित सारांश तैयार कर उसे शासन ने सभी क्षेत्रीय उच्च उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से अधिकारियों को नई शिक्षा नीति शासन को उपलब्ध कराना है जिससे शिक्षा में प्रस्तावित विषयों पर वेबिनार या आगे का काम हो। वर्चुअल कांफ्रेंस करने के निर्देश क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे नई शिक्षा नीति 2020 के प्रस्तावित विषयों में से कोई एक विषय चुनते हुए अपने क्षेत्र में के आने वाले राजकीय या सहायता प्राप्त महाविद्यालय में वेबिनार आयोजित उच्चतर शिक्षा संस्थानों को बड़े और बहुविषयक विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों के रूप में विकसित करने लिए कार्ययोजना बने एवं उसका क्रियान्वयन हो श्रेणीबद्ध मान्यता की एक पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से इन मुद्दों पर चर्चा होगी महाविद्यालयों को ग्रेडेड स्वायत्तता देने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया की स्थापना उच्चतर शिक्षा संस्थानों के लिए सार्वजनिक वित्त पोषण की व्यवस्था के लिए सुझाव प्राप्त करने उच्चतर शिक्षण संस्थानों द्वारा जीवन पर्यंत सीखने के अवसरों को मुहैया कराने के लिए दूरस्थ शिक्षा एवं आनलाइन कोर्स को संचालित करने की योजना बनाने एवं सुझाव देने डिग्री कार्यक्रमों की संरचना में बदलाव शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकने के प्रयास जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी |
| Posted: 24 Aug 2020 04:30 PM PDT यूपी बोर्ड : कक्षा-9 और 11 में पांच लाख भी नहीं हुए रजिस्ट्रेशन, 31 अगस्त तक 9 से 12 तक के बच्चों का होना है पंजीकरण, आवेदन। प्रयागराज : यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में कक्षा 9 व 11 के रजिस्ट्रेशन और 10 व 12 के आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद प्रवेश में सुधार होता नहीं दिख रहा। अब तक कक्षा 9 व 11 के पांच लाख से भी कम छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन बोर्ड की वेबसाइट पर हुआ है। 10वीं एवं 12वीं के आवेदन पत्र जमा होने के बाद स्थिति साफ होगी लेकिन बोर्ड सूत्रों और स्कूलों की मानें तो इसमें भी कोई खास सुधार नहीं हुआ है। अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने 5 अगस्त को कक्षा 9 से 12 तक के प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त तक बढ़ाई थी। पिछले साल कक्षा 9 में 2997106 और 11 में 2331267 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया था 9वीं एवं 11वीं में सफल छात्र-छात्राएं इस साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होंगे। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में फेल बच्चे भी दोबारा एग्जाम देंगे। कक्षा 9 व 11 में 10 प्रतिशत भी प्रवेश नहीं हो सका है। कक्षा 10 व 12 के छात्र-छात्राओं की फीस कारागार में जमा करते हुए परीक्षा आवेदन पत्र 21 सितंबर तक और विलंब शुल्क के साथ 24 सितंबर तक अपलोड किए जाएंगे। कक्षा 9 व 11 में प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण शुल्क की सूचना और उनके विवरण 21 सितंबर तक यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। यूपी बोर्ड ▪️ 31 अगस्त तक कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों का होना है पंजीकरण, आवेदन। ▪️पहले 5 अगस्त थी आखिरी तारीख, बाद में 31 अगस्त तक बढ़ाई गई। ![]() |
| Posted: 24 Aug 2020 06:20 PM PDT New Education Policy 2020 : यूपी के माध्यमिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव, बनी 11 सदस्यीय कमेटी। लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम व मूल्यांकन पद्धति में बड़ा बदलाव करेगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव करने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। अपर शिक्षा निदेशक व्यावसायिक शिक्षा मंजू शर्मा की अध्यक्षता में बनी कमेटी बुधवार तक माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय को कार्य योजना प्रस्तुत करेगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस कार्य योजना के अनुसार अपना लक्ष्य तय करेगा और आगे के वर्षों में इसी के अनुरूप बदलाव करेगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव करने के लिए बनी कमेटी में संयुक्त शिक्षा निदेशक (शिविर) शिविर कार्यालय लखनऊ भगवती सिंह, माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा मंडल मुकेश अग्रवाल, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी मंडल प्रदीप कुमार, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ सुरेंद्र तिवारी, अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय, उप शिक्षा निदेशक (शिविर) शिविर कार्यालय लखनऊ विवेक नौटियाल, उप शिक्षा निदेशक व्यावसायिक शिक्षा पीसी यादव, डीआइओएस लखनऊ मुकेश कुमार सिंह व डीआइओएस इटावा राजू राणा शामिल हैं। फिलहाल यहा कमेटी सबसे पहले पाठ्यक्रम व मूल्यांकन पद्धति में बदलाव पर रोडमैप तैयार करेगी। विभागीय संगठनात्मक ढांचे में बदलाव सहित नव प्रयोग को किस तरह बढ़ावा दिया जाए इस पर विस्तृत रिपोर्ट देगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस कार्य योजना के अनुसार अपना लक्ष्य तय करेगा और आगे के वर्षों में इसी के अनुरूप बदलाव करेगा। ![]() |
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