प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- उत्तर प्रदेश में पहली बार मदरसा बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करेगी योगी सरकार
- फतेहपुर : 'उम्मीद के रंग' में जनपद की दो शिक्षिकाओं की संघर्ष कथाएं, बेसिक शिक्षा मंत्री ने पुस्तक का किया विमोचन
- फतेहपुर : मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत चिन्हित 400 विद्यालयों में किचेन गॉर्डन विकसित किए जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी, देखें विकासखंडवार प्रस्तावित विद्यालयों के नाम
- प्रदेश की पॉलीटेक्निक में 46105 सीटों पर होगा प्रवेश
- मिर्जापुर : डीएम से मिलने पहुंचे बीएसए लेकिन नहीं लगाया था मास्क, ठोका जुर्माना
- परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को पदोन्नति तिथि से उसी पद पर सीधी भर्ती हेतु निर्धारित न्यूनतम मूल वेतन 17140 अनुमन्य किये जाने हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का मांगपत्र
- परिषदीय शिक्षकों को अर्जित अवकाश, मेडिकल सुविधा एवं वाहन भत्ता दिए जाने तथा समय परिवर्तन सम्बन्धी नवीन आदेश को कोरोना काल मे स्थगित रखे जाने हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का मांगपत्र
- टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर बेसिक स्कूलों के सम्बन्ध में जारी शासनादेश को वापस लिए जाने हेतु जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ द्वारा मा0 मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित
- महराजगंज : 'मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला' के वृहद प्रचार-प्रसार के सम्बन्ध में डीएम ने जारी किया निर्देश, आदेश देखें
- महराजगंज : फार्म 16 प्राप्त करने के सम्बन्ध में वित्त एवं लेखाधिकारी ने किया निर्देशित, आदेश देखें
- उच्च शिक्षा : सत्यापन के फरमान के खिलाफ शिक्षकों ने उठाई आवाज, शिक्षक संगठनों ने की उप मुख्यमंत्री से जांच स्थगित करने की मांग
- टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर समय अवधि एवं कार्य निर्धारण सम्बन्धी शासनादेश की व्यवहारिक कठिनाइयों पर ध्यान आकर्षित करने हेतु प्राथमिक शिक्षक संघ का अपर मुख्य सचिव को पत्र
| उत्तर प्रदेश में पहली बार मदरसा बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करेगी योगी सरकार Posted: 26 Aug 2020 06:37 PM PDT लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी बोर्ड की तर्ज पर पहली बार मदरसा बोर्ड के मेधावी छात्र और छात्राओं का भी सम्मान करने जा रही है। यूपी सरकार इसके टॉपरों को एक-एक लाख रुपये, टैबलेट व प्रशस्ति पत्र प्रदान करेगी। साथ ही मॉडर्न विषय मैथ, साइंस व कंप्यूटर के तीन-तीन टॉपरों को भी 51-51 हजार रुपये व टैबलेट प्रदान किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह कार्यक्रम किस प्रकार आयोजित किया जाए, इस पर सरकार मंथन कर रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बड़ी पहल करने जा रही है। इससे पहले किसी भी सरकार ने मदरसा बोर्ड के मेधावियों का सम्मान नहीं किया है, लेकिन योगी सरकार ने प्रदेश में पहली बार मदरसा बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।सरकार सेकेंडरी (मुंशी/मौलवी), सीनियर सेकेंडरी (आलिम), कामिल व फाजिल के 10-10 यानी कुल 40 छात्र-छात्राओं को एक-एक लाख रुपये व टैबलेट प्रदान करेगी। इसके अलावा सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी के मैथ, साइंस व कंप्यूटर विषय के तीन-तीन यानी कुल 18 मेधावी छात्र-छात्राओं को 50-50 हजार रुपये, टैबलेट व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।यह पुरस्कार रेगुलर छात्र-छात्राओं को ही मिलेगा। छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देने पर जो खर्च आएगा, उसे उत्तर प्रदेश मदरसा विकास निधि से पूरा किया जाएगा। इस पुरस्कार के शुरू होने से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के छात्र-छात्राओं में भी प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होगी। मदरसा बोर्ड ने कोरोना संक्रमण के कारण मेधावियों का सम्मान किए जाने के तरीके पर सरकार से दिशा-निर्देश मांगे हैं। सरकार से दिशा-निर्देश आते ही मेधावियों को पुरस्कार दिया जाएगा |
| Posted: 26 Aug 2020 06:27 PM PDT फतेहपुर : 'उम्मीद के रंग' में जनपद की दो शिक्षिकाओं की संघर्ष कथाएं, बेसिक शिक्षा मंत्री ने पुस्तक का किया विमोचन। फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों को संवारने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं के संघर्ष की गाथा को बेसिक शिक्षा विभाग ने संकलित कर पुस्तक लिखी है। संघर्ष गाथा का भौतिक सत्यापन के बाद सूबे के 24 शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया गया है। इसमें जिले की दो शिक्षिकाएं नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की प्रधानाध्यापिका आसिया फारूकी और देवमई ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता यादव के लेख शामिल किए गए हैं। प्रकाशक टाटा ट्रस्ट की पुस्तक 'उम्मीद के रंग' का विमोचन बेसिक शिक्षामंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने बुधवार को लखनऊ में किया। कोरोना संकट के चलते पुस्तक का वर्चुअल विमोचन हुआ। साथ ही पुस्तक में शामिल किए गए लेखों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का गूगल मीट के जरिए जोड़कर विचार जाने गए। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह सहित शिक्षा अधिकारियों ने इसे मील का पत्थर करार दिया। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने दोनों शिक्षिकाओं को बधाई दी। कहाकि इस पुस्तक से विद्यालय के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं में आएगा। यह पुस्तक अब सभी के लिए उपलब्ध होगी। ![]() |
| Posted: 26 Aug 2020 05:21 PM PDT |
| प्रदेश की पॉलीटेक्निक में 46105 सीटों पर होगा प्रवेश Posted: 26 Aug 2020 05:21 PM PDT प्रदेश की पॉलीटेक्निक में 46105 सीटों पर होगा प्रवेश। लखनऊ : राज्य मुख्यालय प्रदेश सरकार ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राजकीय एवं अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश क्षमता का निर्धारण कर दिया है। इस सत्र में इन संस्थाओं के सभी पाठ्यक्रमों में 46105 सीटों पर प्रवेश होगा। प्राविधिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार चौधरी ने निदेशक प्राविधक शिक्षा को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। शासन ने कहा है कि संबंधित डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 46105 सीटों की प्रवेश क्षमता के आधार पर सूची में दिए गए विवरण के अनुसार ही प्रवेश लिया जाएगा। सूची में सभी संस्थाओं को अलग-अलग आवंटित सीटों का की संख्या का विवरण दिया गया है। इन सीटों पर काउंसलिंग के पहले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से अनुमोदन की स्थिति संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव को अपने स्तर से देखनी होगी। प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव से भी कहा गया है कि वे छात्रों का पंजीकरण करते समय एआईसीटीई से सीटों की मान्यता की पुष्टि कर लें। ![]() |
| मिर्जापुर : डीएम से मिलने पहुंचे बीएसए लेकिन नहीं लगाया था मास्क, ठोका जुर्माना Posted: 26 Aug 2020 08:45 AM PDT मिर्जापुर : डीएम से मिलने पहुंचे बीएसए लेकिन नहीं लगाया था मास्क, ठोका जुर्माना। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कोरोना काल के समय बीएसए को लापरवाही करना भारी पड़ गया। जिलाधिकारी ने कोविड-19 के समय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगा दिया है। मिर्जापुर जिले में बुधवार को बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह किसी सरकारी कार्य से डीएम सुशील कुमार पटेल से मिलने गए थे, लेकिन जब वह डीएम के सामने पहुंचे तो उनके मुंह पर मास्क नहीं था। डीएम ने उनसे पूछा कि आपका मास्क कहां है। इस पर बीएसए को ध्यान आया और उन्होंने जेब में हाथ डाला लेकिन उनके पास मास्क नहीं मिला, न ही उनके पास रूमाल मिला। इस पर डीएम ने उनको डांट लगाई और कहा कि आप जिला स्तरीय अधिकारी हैं। जब आप ही नियम का पालन नहीं करेंगे तो दूसरे कैसे करेंगे। उन्होंने बीएसए पर 500 रुपये का दंड लगाने का निर्देश दिया। बीएसए कहते रहे कि वह जल्दी में थे और मास्क ऑफिस में छोड़कर चले आए। आइंदा से इस का ध्यान रखेंगे। वहां उपस्थित अन्य लोगों से भी डीएम ने कहा कि वह किसी भी अन्य व्यक्ति से मिलते समय अथवा सार्वजनिक स्थल पर जाते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें। कोविड-19 के खतरे से बचाव का यह एक उपाय है। |
| Posted: 26 Aug 2020 08:24 AM PDT |
| Posted: 26 Aug 2020 08:17 AM PDT |
| Posted: 26 Aug 2020 07:58 AM PDT |
| Posted: 26 Aug 2020 07:25 AM PDT |
| महराजगंज : फार्म 16 प्राप्त करने के सम्बन्ध में वित्त एवं लेखाधिकारी ने किया निर्देशित, आदेश देखें Posted: 26 Aug 2020 07:13 AM PDT |
| Posted: 26 Aug 2020 06:27 PM PDT उच्च शिक्षा : सत्यापन के फरमान के खिलाफ शिक्षकों ने उठाई आवाज। महाविद्यालयों के पास नहीं है सत्यापन शुल्क का बजट। राज्य मुख्यालय : प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराने के फरमान के खिलाफ आवाज मुखर होने लगी है। शिक्षक संगठनों ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से यह जांच स्थगित कराने की मांग की है। उनका कहना है कि पूर्व में जारी शासनादेश के विपरीत जाकर अब सत्यापन की कार्रवाई शुरू कराई जा रही है। यह कार्रवाई शिक्षकों के उत्पीड़न का जरिया बन रही है। शिक्षक संगठनों का यह आक्रोश क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के उस पत्र के बाद मुखर हुआ है, जिसमें विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से अपने सभी शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का उसे निर्गत करने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन कराने को कहा गया है। इससे पहले शासन के आदेश पर जिले स्तर पर गठित कमेटी ने शिक्षकों की जांच की थी। इसमें शैक्षिक अभिलेखों के साथ-साथ सेवा अभिलेखों की भी जांच की गई थी। लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कहा है कि शासनादेश में कहीं भी शैक्षणिक अभिलेखों की जांच संबंधित संस्थान द्वारा कराने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इस तरह क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों द्वारा शासनादेश का उल्लंघन किया जा रहा है। लुआक्टा ने यह तथ्य भी संज्ञान में लाया है कि अभिलेखों की जांच के लिए शुल्क की अदायगी करनी पड़ती है। महाविद्यालयों के पास किसी तरह का कोई कोष नहीं है जिससे अभिलेखों के सत्यापन के लिए शुल्क जमा कर सके। कतिपय महाविद्यालयों द्वारा शिक्षकों से शैक्षणिक अभिलेखों की जांच के नाम पर धनउगाही की जा रही है। लुआक्टा ने ज्ञापन में कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना की गई है और जांच के लिए निर्धारित 31 जुलाई 2020 की तिथि तक जांच कार्य पूर्ण नहीं की गई। इस कारण अब जांच कार्य स्थगित कर दिया जाना चाहिए और शासनादेश के विपरीत क्षेत्रीय कार्यालयों से जारी पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए। ![]() |
| Posted: 26 Aug 2020 04:19 AM PDT |
| You are subscribed to email updates from प्राइमरी का मास्टर ● इन | Primary Ka Master | District News | Basic Shiksha | Shikshamitra. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
| Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States | |


































