प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- देवरिया में दो फर्जी शिक्षिकाएं बर्खास्त, अमेठी में पांच परिषदीय शिक्षकों की खतरे में नौकरी
- नहीं भेजी रिपोर्ट, उच्च शिक्षा निदेशालय ने दोबारा भेजा पत्र, 27 शिक्षकों के संदिग्ध दस्तावेज की मांगी गई थी रिपोर्ट
- फतेहपुर : गूगल बोलो एप से बच्चों की हिन्दी-अंग्रेजी का सुधारेंगे उच्चारण
- फतेहपुर : प्राथमिक स्कूलों के कायाकल्प को लगी चोरों की नजर
- स्वयं प्रभा चैनल व दूरदर्शन उ. प्र. के जरिए माध्यमिक विद्यालयों में होगी पढ़ाई
| देवरिया में दो फर्जी शिक्षिकाएं बर्खास्त, अमेठी में पांच परिषदीय शिक्षकों की खतरे में नौकरी Posted: 17 Aug 2020 05:43 PM PDT देवरिया में दो फर्जी शिक्षिकाएं बर्खास्त, अमेठी में पांच परिषदीय शिक्षकों की खतरे में नौकरी। देवरिया : : दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहीं दो शिक्षकों को बीएसए ने सोमवार को बर्खास्त कर दिया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा की जांच में मामला पकड़ में आने पर हुई जांच के बाद दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हुई। दोनों शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर वेतन रिकवरी के निर्देश बीएसए ने दिए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय की जांच में जून में प्रदेशभर में एक ही पैन पर दो लोगों के नौकरी करने के 192 मामले मिले थे इनमें से सात मामले देवरिया के थे। इसकी जांच के दौरान प्राथमिक विद्यालय मुसैला खुर्द की प्रधानाध्यापक रेनूबाला और प्राथमिक विद्यालय नदावर घाट की प्रधानाध्यापक सीमा सिंह मोबाइल बंद कर गायब हो गई। सलेमपुर के खंड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीनारायण ने एक जुलाई को दोनों शिक्षकों को जरूरी कागज के साथ उपस्थित होने के लिए फोन करना चाहा तो दोनों का मोबाइल बंद मिला। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने एक जुलाई को ही दोनों विद्यालयों का दौरा किया। इसमें सीमा सिंह अपने तैनातीस्थल प्राथमिक विद्यालय नदावर घाट में नहीं मिलीं। विद्यालय बंद मिला। वहीं मुसैला खुर्द प्राथमिक विद्यालय से प्रधानाध्यापिका रेनूबाला बिना सूचना के गायब मिलीं। इसकी सूचना खंड शिक्षा अधिकारी ने बीएसए को दी। बीएसए ने वेतन बाधित करते हुए दोनों शिक्षकों के पते पर नोटिस भेजकर जरूरी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा था। अमेठी में पांच परिषदीय शिक्षकों की नौकरी खतरे में अमेठी : अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का एक और मामला प्रकाश में आया है। जहां विभिन्न ब्लॉकों में तैनात पांच शिक्षकों के अभिलेख पर जनपद फिरोजाबाद में भी पांच शिक्षकों द्वारा नौकरी पाए जाने का आरोप है। मामले में बीएसए ने इन सभी शिक्षकों का वेतन रोकते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। साथ ही फिरोजाबाद बीएसए को पत्र लिखकर वहां तैनात शिक्षकों का वेरिफिकेशन कर उनकी अभिलेखों की छाया प्रति मांगी है। बेसिक शिक्षा विभाग में अलग-अलग ब्लॉकों के परिषदीय विद्यालय में कार्यरत 5 शिक्षकों के अभिलेखों पर किसी व्यक्ति ने बीएसए से फोन पर शिकायत की थी। ![]() |
| Posted: 17 Aug 2020 05:41 PM PDT नहीं भेजी रिपोर्ट, उच्च शिक्षा निदेशालय ने दोबारा भेजा पत्र, 27 शिक्षकों के संदिग्ध दस्तावेज की मांगी गई थी रिपोर्ट प्रयागराज : नियम विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ शासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसके तहत शासन ने राज्य विश्वविद्यालय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत शिक्षकों के दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया है। शुरुआती जांच में 27 शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध मिले हैं, उनकी रिपोर्ट क्षेत्रीय अधिकारियों को सोमवार को उच्च शिक्षा निदेशालय भेजनी थी। लेकिन क्षेत्रीय अधिकारियों ने रिपोर्ट नहीं भेजी। इस पर उच्च शिक्षा निदेशक ने दोबारा पत्र भेजकर शीघ्र से शीघ्र रिपोर्ट मांगी है। बीते 30 जुलाई तक 11,412 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच हुई। इसमें 27 शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध मिले थे। इसमें सबसे अधिक मेरठ परिक्षेत्र के 22 शिक्षक हैं। इनकी मार्कशीट में नाम बदलने, जन्म तारीख में बदलाव, फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि शासन ने पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच करके रिपोर्ट मांगी थी। इसके तहत क्षेत्रीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन, सोमवार तक रिपोर्ट नहीं मिली। इस पर दोबारा पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है। |
| फतेहपुर : गूगल बोलो एप से बच्चों की हिन्दी-अंग्रेजी का सुधारेंगे उच्चारण Posted: 17 Aug 2020 04:25 PM PDT फतेहपुर : गूगल बोलो एप से बच्चों की हिन्दी-अंग्रेजी का सुधारेंगे उच्चारण। फतेहपुर : जिले के परिषदीय विद्यालयों के करीब ढाई लाख से अधिक बच्चों को अपना शब्दकोष बढ़ाने और हिन्दी व इंग्लिश उच्चारण को सही करने के लिए गूगल बोलो एप मदद करेगा। इसके लिए जल्द ही शिक्षकों को प्रशिक्षित करके इस तकनीकि को बच्चों तक पहुँचाई जाएगी। शब्दकोष बढ़ाने के लिए इस विशेष ऐप को छह से 11 वर्ष के बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है। ऐप के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षण और निगरानी की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) को दी गई है। सीमैट से प्रशिक्षण पाने के बाद मास्टर ट्रेनर्स पूरे जिले में शिक्षकों को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षित करेंगे। सीमैट के निदेशक संजय सिन्हा की मानें तो पहले चरण में 5.76 लाख शिक्षकों को गूगल बोलो एप से जोड़ने के लिए प्रदेश, जनपद एवं विकास खंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से जिले के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक करीब 2785 विद्यालयों में पंजीकृत 2 लाख 67 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को अपना शब्दकोष बढ़ाने में मदद मिलेगी। बच्चों के हिसाब से बनाया ऐप उनका मनोरंजन भी करेगा। जिससे बच्चों में इसमें पढ़ने की रुचि भी पैदा होगी। सीमैट एवं राज्य परियोजना कार्यालय की देखरेख में इन दिनों में मिशन प्रेरणा के तहत शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम चल रहा है। इसके बाद गूगल बोलो के प्रशिक्षण की तैयारी होगी। 'दीया मदद के साथ करेगा उत्साहवर्धन इस ऐप में एक फीचर 'दीया है, जो कि एक एनिमेटेड कैरेक्टर है। यह बच्चों को कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। किसी शब्द का उच्चारण करने में दिक्कत आने पर बच्चों की मदद करेगी। यह पूरी रीडिंग खत्म करने के बाद बच्चों की तारीफ भी करती है। यदि शिक्षकों को हिन्दी अथवा अंग्रेजी के किसी उच्चारण में भ्रम की स्थिति होगी तो इस एप से मदद मिलेगी। ऐप इंस्टाल के बाद नेट की जरुरत नहीं निदेशक संजय सिन्हा के अनुसार इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने गूगल के साथ एग्रीमेंट किया है। उन्होंने बताया कि यह ऐप पूरी तरह से नि:शुल्क है, इसे गूगल प्ले स्टोर में जाकर डाउननोड कर सकते हैं। अभिभावकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। ऐप के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होगी, यह ऑफलाइन मोड पर भी काम करेगा। लेकिन पहले 50 एमबी का यह ऐप इंस्टाल करना होगा। ऐप में हिन्दी और अंग्रेजी की करीब 100 कहानियां हैं। ![]() |
| फतेहपुर : प्राथमिक स्कूलों के कायाकल्प को लगी चोरों की नजर Posted: 17 Aug 2020 04:19 PM PDT फतेहपुर : प्राथमिक स्कूलों के कायाकल्प को लगी चोरों की नजर। फतेहपुर : प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए यूपी नेडा की ओर से सोलर पैनल, सबमर्सिबल, आरओ सिस्टम आदि लगवाया जा रहा है। जिस पर अब चोरों की नजर लग गई है। स्कूलों में लगने वाला सिस्टम फिलहाल एक दो दिन में ही चोरी हो जा रहा है। इसके पीछे लगाने वाले मजदूर या ठेकेदार का गिरोह भी हो सकता है इसे नकारा नहीं जा सकता। शासन की ओर से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प कराया जा रहा है। जिसके तहत चिन्हित विद्यालयों में सबमर्सिबल, आरओ, सोलर पैनल से चलने वाले सीलिंग फैन इंस्टाल कराए जा रहे हैं और इन्हें चलाने के लिए एक किलोवाट से अधिक क्षमता वाले सोलर पैनलों को भी लगाया जा रहा है। लेकिन शासन की इस मंशा और स्कूलों के कायाकल्प को चोरों की नजर लग गई है। विद्यालयों की छतों में सोलर पैनल इंस्टाल कराए जा रहे हैं लेकिन इंस्टाल होते ही दो-तीन दिन के भीतर यह चोरी हो जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पैनलों का वजन काफी अधिक है और इनके फ्रेम को कंक्रीट से जाम कर दिया जाता है। जिसके चलते चोर कंक्रीट को तोड़ने के बजाय फ्रेम सहित सोलर पैनल खोल कर ले जाते हैं। इसके पीछे किसी मामूली चोर या पूर्व में स्कूलों में हो रही चोरियों में शामिल चोरों का हाथ नहीं हो सकता। आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह हो सकता है। जिसे हर चीज की जानकारी होती है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जो भी इन्हें इंस्टाल कर रहा है उसका हाथ भी हो सकता है। अभी हाल ही में खागा, हसवा और हुसेनगंज के कुछ स्कूलों में यह वारदात हो चुकी है। ![]() |
| स्वयं प्रभा चैनल व दूरदर्शन उ. प्र. के जरिए माध्यमिक विद्यालयों में होगी पढ़ाई Posted: 17 Aug 2020 08:20 PM PDT स्वयं प्रभा चैनल व दूरदर्शन उ. प्र. के जरिए माध्यमिक विद्यालयों में होगी पढ़ाई। शैक्षिक प्रसारण का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देशविशेष संवाददाता राज्य मुख्यालयप्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए वीडियो / वर्चुअल कक्षाओं के संचालन का निर्णय लिया है। यह पढ़ाई दूरदर्शन उत्तर प्रदेश और स्वयंप्रभा चैनल-22 के माध्यम से मंगलवार से प्रारम्भ होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा 9 और 11 की पढ़ाई स्वयं प्रभा चैनल-22 पर सुबह 11 से 1 बजे तक होगी। इसका पुन: प्रसारण शाम साढ़े 4 बजे से साढ़े 6 बजे तक होगा। कक्षा 10 और 12 की पढ़ाई दूरदर्शन उत्तर प्रदेश पर दोपहर 1 से 2 बजे, ढाई से 3 बजे, साढ़े 3 से 5 बजे तक, साढ़े 5 बजे से साढ़े 6 बजे तक होगी। श्री पाण्डेय ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से कहा है कि शैक्षिक प्रसारण का व्यापक प्रचार किया जाए। उन्होंने कहा है कि अध्यापक भी शैक्षिक प्रसारण देंखे और छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान व्हाट्सअप और फोन पर करने की सुविधा रहे। सभी प्रधानाध्यापक शिक्षकों के व्हाट्सअप समूह में इन निर्देशों को डालें और शिक्षक विद्यार्थियों को शैक्षिक प्रसारण की जानकारी दें।उन्होंने कहा है कि साप्ताहिक समय सारिणी की सूचना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि विद्यार्थियों को नियमित सूचना मिल सके। अभिभावक संघ के माध्यम से अभिभावकों को भी इसकी जानकारी दी जाए। समय सारिणी और कक्षावार विद्यार्थियों द्वारा वीडियो देखने की जानकारी मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के निदेशालय और माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजे। |
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