प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- आज आएगी संदिग्ध शिक्षकों की रिपोर्ट, जांच में राज्य विश्वविद्यालय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत 27 शिक्षकों के दस्तावेज मिले थे संदिग्ध
- माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : दो दशक में ढाई हजार शिक्षकों को नहीं मिली नियुक्ति, अभ्यर्थियों से मांगे गए आवेदन
- इस साल कक्षा में उपस्थिति सम्बन्धी नियमों में मिलेगी ढील, समाज कल्याण विभाग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों से लिया फीडबैक, छात्रवृत्ति योजना में ऑनलाइन पढ़ाई को मिलेगी मान्यता, शासनादेश जल्द
- खण्ड शिक्षा अधिकारी (प्रा0) परीक्षा - 2019 का प्रश्नपत्र देखें
- प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) पद पर चयनित लेकिन कार्यभार ग्रहण न कर पाने वाले शिक्षकों से मांगा प्रत्यावेदन
- यूपी बोर्ड : स्कूलों में लगेंगे ड्रॉप बॉक्स, साधन विहीन बच्चे उसमें डालेंगे उत्तर
| Posted: 16 Aug 2020 05:41 PM PDT आज आएगी संदिग्ध शिक्षकों की रिपोर्ट, जांच में राज्य विश्वविद्यालय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत 27 शिक्षकों के दस्तावेज मिले थे संदिग्ध प्रयागराज : राज्य विश्वविद्यालय व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों में कार्यरत जिन 27 शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध हैं, उनकी रिपोर्ट सोमवार को उच्च शिक्षा निदेशालय पहुंच जाएगी। क्षेत्रीय अधिकारी मामले की पड़ताल करके अपनी अंतिम रिपोर्ट निदेशालय को भेजेंगे। इसमें जिनके दस्तावेज गड़बड़ मिलेंगे निदेशालय उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करके रिपोर्ट शासन को भेजेगा। शासन ने शिक्षकों की नियुक्ति में होने वाली गड़बड़ी को रोकने व सारी प्रक्रिया पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया है। इसके तहत समस्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराई गई है। बीते 30 जुलाई तक 11,412 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच हुई। इसमें 27 शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध मिले थे। इसमें सबसे अधिक मेरठ परिक्षेत्र के 22 शिक्षक हैं। इनकी मार्कशीट में नाम बदलने, जन्म तारीख में बदलाव, फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय से हर पहलु पर पड़ताल कराकर रिपोर्ट मांगी थी। |
| Posted: 16 Aug 2020 04:14 PM PDT माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड : दो दशक में ढाई हजार शिक्षकों को नहीं मिली नियुक्ति, अभ्यर्थियों से मांगे गए आवेदन। उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए चयनित ढाई हजार से अधिक शिक्षकों को दो दशक बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अब ऐसे सभी अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं। चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से वर्ष 2000 से 2016 के बीच 4502 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती की गई। बोर्ड ने चयनित शिक्षकों को जिला और स्कूल भी आवंटित किया था, लेकिन कई सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन ने अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया। अभ्यर्थी वर्षों से बोर्ड और निदेशालय के चक्कर लगाते रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मामले में संज्ञान लेते हुए अब कार्रवाई शुरू की है। निदेशालय ने वर्ष 2000 से 2013 के बीच हुई भर्ती में नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थियों से 21 अगस्त तक और 2016 में हुई भर्ती में नियुक्ति से वंचित चयनित अभ्यर्थियों से 7 सितंबर तक आवेदन मांगे हैं। अभ्यर्थियों को स्कूल प्रबंधन द्वारा नियुक्ति नहीं देने का कारण भी आवेदन में बताना होगा। ![]() |
| Posted: 16 Aug 2020 04:14 PM PDT इस साल कक्षा में उपस्थिति सम्बन्धी नियमों में मिलेगी ढील, समाज कल्याण विभाग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों से लिया फीडबैक, छात्रवृत्ति योजना में ऑनलाइन पढ़ाई को मिलेगी मान्यता, शासनादेश जल्द। लखनऊ :: कोरोना संकट के कारण इस साल छात्रों के लिए उपस्थिति संबंधी नियमों को लचीला बनाया जाएगा। इसके साथ ही छात्रवृत्ति योजना में ऑनलाइन पढ़ाई को भी उपस्थिति होने पर सहमति बन गई है। इस बारे में समाज कल्याण विभाग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों से फीडबैक लिया है। जल्द ही इस बाबत शासनादेश जारी हो जाएगा। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा के लिए छात्र की कक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है। कोरोना संकट के इस माहौल में समाज कल्याण विभाग ने राज्य विवि से ऑनलाइन संवाद कर फीडबैक लिया। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बताया कि वे 22 अगस्त से लेकर 15 सितंबर के बीच प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू करेंगे। विवि ने कहा कि इस बार 75% उपस्थिति की अनिवार्यता के नियम में ढील दी जानी चाहिए। इस पर समाज कल्याण विभाग ने कहा कि माध्यमिक व उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों से बातचीत कर इस संबंध में निर्णय किया जाएगा। समाज कल्याण विभाग उपस्थिति के नियमों में ढील देने के लिए तैयार है, पर यह तभी संभव है जब परीक्षा में बैठने के लिए भी न्यूनतम 75% उपस्थिति के नियमों में बदलाव किया जाए। छात्रवृत्ति योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी परीक्षा दें। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने राज्य विवि के प्रतिनिधियों से कहा कि उनसे संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी भी ऑनलाइन पढ़ाई में उपस्थित रहे हैं, इसका सत्यापन राज्य विवि को ही करके देना होगा। तभी विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई की रकम भेजी जाएगी। ![]() |
| खण्ड शिक्षा अधिकारी (प्रा0) परीक्षा - 2019 का प्रश्नपत्र देखें Posted: 16 Aug 2020 05:09 AM PDT |
| Posted: 15 Aug 2020 06:23 PM PDT प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) पद पर चयनित लेकिन कार्यभार ग्रहण न कर पाने वाले शिक्षकों से मांगा प्रत्यावेदन प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) पद पर चयनित लेकिन विभिन्न कारणों से कार्यभार ग्रहण न कर सकने वाले अभ्यर्थियों से अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने प्रत्यावेदन आमंत्रित किए हैं। वर्ष 2000 से 2013 तक के चयनित अभ्यर्थी ई-मेल आईडी secondaryedujoiningcomplain1@gmail.com पर 21 अगस्त तक और 2016 के चयनित साक्ष्यों के साथ secondaryedujoiningcomplain2@gmail.com पर 7 सितंबर तक प्रेषित कर सकते हैं। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। साथ ही प्रत्यावेदन की मूल प्रति पंजीकृत डाक से कार्यालय अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक प्रयागराज को उपलब्ध कराएंगे। |
| यूपी बोर्ड : स्कूलों में लगेंगे ड्रॉप बॉक्स, साधन विहीन बच्चे उसमें डालेंगे उत्तर Posted: 15 Aug 2020 03:55 PM PDT यूपी बोर्ड : :स्कूलों में लगेंगे ड्रॉप बॉक्स, साधन विहीन बच्चे उसमें डालेंगे उत्तर। यूपी बोर्ड : कोरोना के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से टेलीविजन और ऑनलाइन माध्यमों पर आश्रित हो गई है। ऐसे में जिन बच्चों के पास आवश्यक संसाधन नहीं हैं, उन्हें खासी परेशानी हो रही है। कक्षा 9 से 12 तक के ऐसे बच्चों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल ने गुरुवार शाम जारी एकेडमिक कैलेंडर में साफ किया है कि बोर्ड से संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों की ओर से इन बच्चों को दूरस्थ शिक्षा से संबंधित पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे बच्चों के साप्ताहिक मूल्यांकन या मासिक परीक्षा के लिए स्कूलों में ड्रॉप बॉक्स की व्यवस्था की जाएगी जिसमें वे अपने उत्तर डाल सकेंगे। इस संबंध में आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए सचिव यूपी बोर्ड ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है। प्रदेश में लाखों छात्र-छात्राओं के पास नहीं सुविधा यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। अमूमन गरीब तबके से आने वाले इन बच्चों में लाखों के पास इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट या टेलीविजन नहीं है। प्रयागराज के एक हजार से अधिक स्कूलों में पिछले दिनों कराए गए सर्वे में 58 हजार से अधिक ऐसे बच्चे मिले थे जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं है। पीटीए बैठक से लेकर जागरुकता कार्यक्रम सब ऑनलाइन प्रयागराज :: कोरोना के कारण पढ़ाई-लिखाई एवं सीखने-सिखाने के तौर-तरीके में बड़े बदलाव हो रहे हैं। इस सत्र में स्कूलों में शिक्षक अभिभावक संघ (पीटीए) की बैठक से लेकर जागरुकता कार्यक्रम तक ऑनलाइन कराए जाएंगे। यूपी बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि 25 अगस्त तक पीटीए की आम सभा की बैठक और कार्यकारिणी का गठन कर लिया जाए। इन्सपायर अवार्ड योजना के तहत जिले स्तर पर ऑनलाइन प्रदर्शन व प्रोजेक्ट प्रतियोगिता के लिए चयनित छात्र-छात्राओं की तैयारी भी ऑनलाइन कराई जाएगी। 1 से 15 सितंबर तक हिन्दी पखवाड़ा, गांधी जयंती पर स्वच्छता पखवाड़ा, चाचा नेहरू की जयंती बाल दिवस समेत अन्य अवसरों पर ऑनलाइन कार्यक्रम एवं जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे। ![]() |
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