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- अरुण यादव और जीतू पटवारी को भाजपाइयों ने घेरा, सुरक्षाकर्मियों ने बचाकर निकाला - MP NEWS
- MP CORONA: इंदौर 20000 के पार, भोपाल बिगड़ा, ग्वालियर में सुधार, शहडोल सुलग रहा है - UPDATE NEWS
- कांग्रेस पार्टी के 6 उम्मीदवारों की लिस्ट लीक, खंडन किया - MP BY-ELECTION NEWS
- मुख्यमंत्री के आश्वासन पर 60,000 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल खत्म - MP NEWS
- KAMAL NATH को करारा झटका: पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने इस्तीफा दिया, बरैया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे - MP NEWS
- SBI MORATORIUM: लोन की किस्त नहीं चुका सकते! कोई बात नहीं, 2 साल बाद चुका देना - BUSINESS NEWS
- MYFM अब नौकरियां भी दिलाएगा: बेरोजगारी के ख़िलाफ़ "ऑफर लेटर आएगा" अभियान - BHOPAL NEWS
- मध्यप्रदेश में किसानों की सम्मान राशि ढाई गुना बढ़ाई, मुख्यमंत्री की घोषणा - MP NEWS
- BHOPAL के तनिष्क शोरूम में गिफ्ट वाउचर घोटाला, वाराणसी का कर्मचारी मास्टरमाइंड निकला- CRIME NEWS - MP NEWS
- रंजय डेनियल BEO फंदा के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट का स्टे - BHOPAL NEWS
- FB फ्रेंड से शादी करने जबलपुर से गुजरात पहुंची शादीशुदा, प्रेमी के खिलाफ FIR कराई - MP NEWS
- JABALPUR में दोस्त को बचाने कूदे युवक की मौत - MP NEWS
- TIKAMGARH में पुलिसकर्मी ने GF के लिए पत्नी की हत्या की: पुलिस - CRIME NEWS
- AMITABH की फिल्म जंजीर की एक्ट्रेस की संक्रमण से मौत - NATIONAL NEWS
- CBSE कंपार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट घोषित करें: सुप्रीम कोर्ट - EDUCATION NEWS
- मध्य प्रदेश में OBC छात्रों से भेदभाव मामले में: हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया - MP NEWS
- INDORE में MUMBAI की 2 मॉडल युवतियों का रेप, इवेंट के लिए बुलाया था - MP NEWS
- COLLEGE ADMISSION: सीएलसी में भी सन्नाटा, जो कॉलेज अकड़ दिखाते थे वह फोन लगा रहे हैं - MP NEWS
- मध्यप्रदेश में 15000 डॉक्टरों की जरूरत, उपलब्ध केवल 4000: शिवराज सिंह सरकार का सबसे बड़ा फेलियर - MP NEWS
- INDORE बाजार सप्ताह में 2 दिन लॉकडाउन रहेगा - MP NEWS
- हाईवे पर लगे बोर्ड हरे रंग के क्यों होते हैं, पहले तो पीले होते थे - GK IN HINDI
- बलात्कार के कारण यदि महिला डिप्रेशन में चली गई तो FIR में किस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा - ASK IPC
- उपचुनाव क्यों होता है, जबकि हर 5 साल में मुख्य चुनाव होता है - GK IN HINDI
- LIC का पैसा शेयर बाजार में डूब जाए तो पॉलिसी होल्डर्स का क्या होगा, सरकार ने संसद में बताया - BUSINESS NEWS
- तीन दोस्त, जो हर समस्या से आपको बाहर निकाल ले जाते हैं - MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI
अरुण यादव और जीतू पटवारी को भाजपाइयों ने घेरा, सुरक्षाकर्मियों ने बचाकर निकाला - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 07:52 AM PDT भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में पहली बार पार्टियों के बीच नई तरह की लड़ाई शुरू हुई है। ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में उपद्रव मचाया था। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कांग्रेस नेताओं, पूर्व मंत्रियों और विधायकों की गांव गांव में घेराबंदी कर रहे हैं। हरदा जिले में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी और विधायक कुणाल चौधरी हो भाजपाइयों ने घेर लिया। हालात इतने तनावपूर्ण हुए की सुरक्षाकर्मियों को दखल देकर कांग्रेसी नेताओं को भीड़ से बचाकर निकालना पड़ा। हरदा में अरुण यादव और जीतू पटवारी के साथ क्या हुआपूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री श्री जीतू पटवारी अपने साथी विधायक कुणाल चौधरी के साथ हरदा जिले के अतरसमा गांव में गए थे। यहां एक किसान लक्ष्मी नारायण जाट ने आत्महत्या कर ली थी। कांग्रेस नेताओं के गांव में पहुंचते ही भाजपा नेताओं ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। किसान की मौत पर राजनीति का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे। इसी बीच कांग्रेस नेताओं के दल से किसी ने भाजपाइयों का नेतृत्व कर रहे एक नेता को शराब के नशे में धुत बता दिया। बस फिर क्या था, चिंगारी भड़क गई। तनातनी शुरू हो गई और हाथापाई की नौबत आ गई। सुरक्षाकर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए, सायरन बजाकर भीड़ को तितर-बितर किया और कांग्रेस नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला। राजनीति में गैंगवार मध्यप्रदेश की परंपरा नहीं हैयहां बताना जरूरी है कि इस तरह की राजनीतिक लड़ाई, मध्य प्रदेश की परंपरा नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में उपद्रव मचाया और उसके बाद भाजपा के लोग जिस तरह से प्रतिक्रियाएं कर रहे हैं। दोनों ही मध्य प्रदेश के राजनीतिक स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। अब से पहले तक नेताओं का विरोध आम जनता द्वारा किया जाता रहा परंतु पहली बार पार्टियों की तरफ से योजनाबद्ध तरीके से तनावपूर्ण स्थिति या निर्मित की जा रही है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
MP CORONA: इंदौर 20000 के पार, भोपाल बिगड़ा, ग्वालियर में सुधार, शहडोल सुलग रहा है - UPDATE NEWS Posted: 22 Sep 2020 07:29 AM PDT भोपाल। मध्यप्रदेश में भले ही चुनावी कार्यक्रमों में शामिल 2 कैबिनेट मंत्री महामारी का शिकार हो गए हो परंतु कोरोनावायरस के संक्रमण के लिए आम जनता जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार सिर्फ समीक्षा कर रही है। इंदौर ने तो जैसे टॉप पर बने रहने की कसम खा ली है। संक्रमित नागरिकों की संख्या 20,000 से ज्यादा हो गई है। भोपाल के हालात थोड़े स्थिर हुए थे परंतु फिर से बिगड़ने लगे हैं। अलबत्ता ग्वालियर के हालात में जरूर थोड़ा सुधार नजर आ रहा है। संक्रमित जिलों की सूची में ग्वालियर एक पायदान नीचे तीसरे नंबर पर आ गया है। शहडोल सुलग रहा है। कभी भी ज्वालामुखी की तरह फट सकता है। हर रोज 25-30 नागरिकों की मौत को सरकार सामान्य मानने लगी है, पिछले 24 घंटे में 28 लोग मर गए। आज का पॉजिटिविटी रेट 14% से अधिक है परंतु सरकार द्वारा जारी समीक्षा रिपोर्ट में ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट की बात की जाती है। भारत देश की रिकवरी रेट 80% से अधिक है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संतुष्ट हैं कि मध्य प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 76% के आसपास है। MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 22 SEPTEMBER 2020संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 22 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:- 17698 सैंपल की जांच की गई। 159 सैंपल रिजेक्ट हो गए। 15154 सैंपल नेगेटिव पाए गए। 2544 सैंपल पॉजिटिव पाए गए। 28 मरीजों की मौत हो गई। 2012 मरीज डिस्चार्ज किए गए। मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 110711 मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2035 मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 86030 22 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 22646 22 सितंबर 2020 को मध्यप्रदेश में संक्रमित इलाकों की संख्या (आज की रिपोर्ट में नहीं बताई) राजनीतिक कार्यक्रमों को खुली छूट, दुकान पर भीड़ दिखी तो सीलकोरोनावायरस की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश में सरकार के दो प्रकार के अभियान चल रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि यदि किसी दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होता हुआ दिखाई दे तो उसे तत्काल सील कर दिया जाए। मध्य प्रदेश में आज आधा दर्जन से ज्यादा दुकानें सील की गई। उन्हीं कर्मचारियों को शायद यह भी कहा गया है कि यदि राजनीति की दुकान में भीड़ दिखाई दे तो आंख बंद कर लेना। मध्य प्रदेश के 2 कैबिनेट मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग और महेंद्र सिंह सिसोदिया संक्रमित हो गए। एक विधायक की मृत्यु हो चुकी है लेकिन राजनीतिक कार्यक्रमों पर कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि कुछ जागरूक नागरिकों ने उपचुनाव वाले जिलों के कलेक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जनहित याचिकाएं तैयार कर ली है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
कांग्रेस पार्टी के 6 उम्मीदवारों की लिस्ट लीक, खंडन किया - MP BY-ELECTION NEWS Posted: 22 Sep 2020 06:29 AM PDT भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ की टीम ने एक बार फिर 6 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करके वापस ले ली। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने अपने मित्र पत्रकारों को 6 उम्मीदवारों की सूची उपलब्ध कराई। जैसे ही यह लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई, कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक बयान देकर इसे फर्जी बता दिया। मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से लीक की गई लिस्ट में कौन-कौन से नाम1. ग्वालियर से सतीश सिंह सिकरवार 2. मुंगावली से कन्हैया राम लोधी 3. सुरखी से पारुल साहू 4. करैरा में संसोधन करते हुए योगेश करारे 5. मुरैना से राकेश मावई 6. पोहरी हरीवल्लभ शुक्ला कांग्रेस ने पहले भी ऐसा ही किया थाप्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ लगातार सर्वे की बात करते हैं। शायद सर्वे करने की एक ट्रिक यह भी है। पहले लिस्ट को पब्लिक कर दिया जाए और फिर उसके बाद प्रतिक्रियाओं का इंतजार किया जाए। 15 प्रत्याशियों वाली पहली लिस्ट जारी करने से पहले भी ऐसा ही कुछ किया गया था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जारी की गई लिस्ट में कुछ नाम पक्के हैं परंतु 2 नामों पर विवाद की स्थिति बन जाने के कारण खंडन किया गया। कांग्रेस सूत्रों की तरफ से जारी की गई लिस्ट के नाम कई टीवी चैनलों में भी दिखाए जा रहे थे। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
मुख्यमंत्री के आश्वासन पर 60,000 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल खत्म - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 06:14 AM PDT भोपाल। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं छिंदवाड़ा जिले में सबडिवीजन चौरई के एसडीएम सीपी पटेल के चेहरे पर सांसद नकुल नाथ समर्थक कांग्रेस नेता बंटी पटेल द्वारा कालिख पोतने के मामले में 19 सितंबर से काम बंद हड़ताल पर गए राजस्व विभाग एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के 60000 अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री से मिले, ज्ञापन दिया- आश्वासन लियामुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आज निवास पर प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने भेंट की। प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से आग्रह किया कि छिंदवाड़ा में एस.डी.एम. श्री सी.पी. पटेल पर किए गए हमले में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। उन्हें आवश्यक सहायता एवं सुरक्षा भी प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ए.डी.एम. और एस.डी.एम. को सशस्त्र गार्ड एवं समस्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट के लिए गार्ड की व्यवस्था की जाए। प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना के विरोध में 19 से 21 सितम्बर तक हड़ताल अवधि का सामूहिक अवकाश प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रशासनिक सेवा और कार्यपालक मजिस्ट्रेट का दायित्व निभा रहे लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
Posted: 22 Sep 2020 06:07 AM PDT भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों विधानसभा उपचुनाव में टिकट के लिए पार्टियों की अदला बदली का खेल लगातार जारी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी में सेंधमारी कर रहे हैं परंतु भांडेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने कमलनाथ को करारा झटका दिया है। श्री बौद्ध ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बसपा का दामन थाम लिया है। अब वह भांडेर विधानसभा सीट से कमलनाथ कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। बताने की जरूरत नहीं कि कांग्रेस के लिए भांडेर विधानसभा सीट खतरे में पड़ गई है। महेंद्र बौद्ध ने दिग्विजय सिंह के सामने बगावत का ऐलान किया था50 साल से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहे पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध मंगलवार को जिले के शीर्ष नेताओं के सामने बसपा में शामिल हो गए। वे भांडेर से फूल सिंह बरैया को टिकट दिए जाने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने 9 दिन पहले खुले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने विरोध जताया था। लगातार छह बार महेंद्र बौद्ध का टिकट काटा गया थाउन्होंने कहा था- राजा साहब, मेरे साथ लगातार अन्याय हो रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अब तक 6 बार टिकट कट चुका है। 50 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। भांडेर से जिन्हें टिकट दिया गया है, वह तिलक, तराजू और तलवार का नारा देकर लोगों को जातिगत रूप से बांटने का काम करते हैं। लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे। कांग्रेस के लिए भांडेर सीट खतरे में, महेंद्र बौद्ध बड़ी चुनौती साबित होंगेमहेंद्र बौद्ध भांडेर में लंबे समय से सक्रिय हैं। लोगों के बीच उनकी अच्छी पहचान बताई जाती है। ऐसे में बरैया का खुलकर विरोध करने का एक कारण स्थानीय नेताओं का भी उनके समर्थन में खड़ा होना है। वे लंबे समय तक पार्टी का एक अति पिछड़ों के लिए चेहरा रहे हैं। पार्टी के लिए उनके बीच रहकर काम करते रहे हैं। बरैया का स्थानीय स्तर पर लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा, क्योंकि बौद्ध के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस के ज्यादा वोट करेंगे। महेंद्र बौद्ध ने बताया: भाजपा के बजाय बसपा को क्यों चुनाकांग्रेस छोड़ने के बाद बौद्ध ने कहा कि भाजपा में इसलिए नहीं गया, क्योंकि उनकी सरकार है। सरकार में जाने के बाद कोई काम नहीं करता है। बसपा की सरकार नहीं है। ऐसे में यहां रहकर मुझे आम लोगों के बीच जाने का मौका मिलेगा। उनकी बात समझ सकूंगा। इसलिए बसपा में शामिल हुए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा था: टिकट वितरण में मेरा कोई हस्तक्षेप नहींमहेंद्र बौद्ध ने भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ पहले ही विरोध के संकेत दे दिए थे। उन्होंने किला चौक पर आयोजित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण समारोह में खुले तौर पर पार्टी के निर्णय का विरोध किया था। दिग्विजय ने महेंद्र बौद्ध को यह कहकर समझाया कि हम पीछे हट नहीं सकते हैं। चर्चा करेंगे, बातचीत करेंगे, कोशिश करेंगे, हाथ-पांव जोड़ेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे, यही कह सकते हैं। अन्याय तो हुआ है लेकिन क्या कर सकते हैं। मैं टिकट वितरण में कतई हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण कराने पर मैं महेंद्र को शुभकामनाएं देता हूं। दिग्विजय सिंह के खाते से एक और कट्टर समर्थक कम हो गयाफूल सिंह बरैया का टिकट तय हो जाने के बाद भांडेर में कांग्रेस में गुटबाजी की संभावना बन गई थी। बताया जाता है कि यह टिकट दिग्विजय सिंह के कहने पर ही बरैया को दिया गया है। ऐसे में बौद्ध ने खुलेतौर पर इसका विरोध करते हुए अंजाम देख लेने तक की बात कही थी। याद दिलाते चलें कि महेंद्र बौद्ध पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नजदीकी और कट्टर समर्थक माने जाते थे। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
SBI MORATORIUM: लोन की किस्त नहीं चुका सकते! कोई बात नहीं, 2 साल बाद चुका देना - BUSINESS NEWS Posted: 22 Sep 2020 07:30 AM PDT नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ऐसे ग्राहक जिन्होंने बैंक से लोन ले रखा है, को राहत देने के लिए SBI MORATORIUM SCHEME की शुरुआत की है। इस योजना के तहत बैंक से लोन लेने वाले लोग यदि महामारी से प्रभावित होकर फिलहाल ईएमआई चुकाने की स्थिति में नहीं है तो उनके खिलाफ वसूली की कार्यवाही नहीं की जाएगी बल्कि उन्हें 2 साल का मौका दिया जाएगा। SBI का कहना है कि इस पोर्टल के जरिए उन लोगों की समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, जिनकी कोरोना या लॉकडाउन की वजह से नौकरी चली गई है और अगले 6, 8, 9 या 12 महीनों में नई नौकरी मिल सकती है। हालांकि यह पूरी तरह उनका आंकलन होगा क्योंकि उन्हें कब नौकरी मिलेगी ये उनके हाथ में है। हमारे हाथ में नहीं। SBI MORATORIUM कैसे करें आवेदनSBI का कहना है कि लोग हमारी शाखाओं में नहीं जाकर पहले इस पोर्टल के जरिए अपनी योग्यता को चेक कर लें। इसके लिए सबसे पहले SBI की वेबसाइट www.sbi.co.in पर आवेदन करना होगा। इस एप्लीकेशन के लिए एक OTP आपको मोबाइल फोन पर आएगा। आवेदन करने के बाद आपको पता चलेगा कि आप इस मोरेटोरियम के योग्य हैं या नहीं। अगर आप योग्य हुए तो एक रेफरेंस नंबर मिलेगा, जिसे लेकर आपको बैंक की शाखा में जाना होगा। जहां आपको बाकी की कागजी कार्रवाई पूरी करनी होगी। याद रखें कि रेफरेंस नंबर सिर्फ 30 दिन तक वैध होगा। रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया डॉक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन के बाद ही पूरी होगी। SBI मोरेटोरियम क्या है, स्कीम के बारे में कुछ जरूरी बातें जान लेंSBI की इस स्कीम के तहत आप अपने लोन की किश्त को दो साल तक के लिए टाल सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे इस दौरान ब्याज चढ़ता रहेगा। एक बात और कि ये मोरेटोरियम RBI के पहले वाले मोरेटोरियम से अलग है। SBI मोरेटोरियम के कारण EMI बढ़ जाएगीजो भी ग्राहक लोन रीस्ट्रक्चरिंग करवा रहा है, उसे बाकी के लोन अवधि पर 0.35% सालाना अतिरिक्त ब्याज चुकाना होगा। यानि लोन की अवधि तो बढ़ेगी ही, साथ ही ब्याज का आंकलन पर नए सिरे से होगा, यानि EMI भी बढ़ जाएगी। SBI मोरेटोरियम के लिए योग्यताअगर आपकी सैलरी अगस्त 2020 में फरवरी 2020 की तुलना में कम होकर आई है। लॉकडाउन में आपकी सैलरी कट हो गई या आगे बढ़ा दी गई है। आपका रोजगार चला गया है या बिजनेस बंद हो गया है। अगर आप खुद बिजनेस करते हैं और ऐसे में लॉकडाउन में आपका बिजनेस बंद हो गया या उसमें कमी आ गई, तो आप इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। SBI मोरेटोरियम के तहत कौन से लोन कवर:होम लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन कवर होगा. पर्सनल लोन लिया है तो वो भी इसके दायरे में आएगा। SBI मोरेटोरियम आवेदन की अंतिम तारीख:आप इसके लिए 24 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकते हैं। मोराटोरियम के दौरान आपको कर्ज की EMI नहीं देनी होगी। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
MYFM अब नौकरियां भी दिलाएगा: बेरोजगारी के ख़िलाफ़ "ऑफर लेटर आएगा" अभियान - BHOPAL NEWS Posted: 22 Sep 2020 04:47 AM PDT भोपाल। आपका फेवरेट 94.3 MYFM, हमेशा आपके लिए कुछ ना कुछ इंटरेस्टिंग करता रहता है। इस बार MYFM आपके लिए जॉब लाया है। सही पढ़ा आपने, इस मुश्किल समय में जॉब पाना अब आसान नहीं है। "94.3 मायएफम लेकर आया है "ऑफर लेटर आएगा" नाम का एक ऐसा शो, जो जॉब दिलवाने में आपकी हेल्प करेगा। हर दिन यहाँ जॉब ओपनिंग के बारे में बताया जायेगा। इसके साथ-साथ कैसे करें जॉब की तैयारी, आज के टाइम में ऐसी कौन-कौन सी नई फ़ील्ड्स है जहाँ आपको मिल सकती है जॉब्स। क्या है इंडस्ट्रीज की डिमांड, कैसे अपने करियर को दें सही दिशा। इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस बेहतरीन कार्य के पार्टनर है आईसेक्ट ग्रुप और इसका सहयोग कर रहे हैं रोजगार मंत्रा। 11 से 26 सितम्बर तक चलने वाले इस शो में 12 जॉब्स अनाउंस की जाएंगी। जिनकी डिटेल आपको मायएफ आरजे टीना ,आरजे मानसी और आरजे रचित के फेसबुक पेज पर मिल जाएगी। अगर आप भी इसका हिस्सा बनकर जॉब पाना कहते हैं तो। वाहट्सएप्प करें ,9977500943 आप का नाम, उम्र, शिक्षा और किस क्षेत्र में नौकरी चाहते हैं। सुनते रहिये 94.3 माय एफएम चलो आज कुछ अच्छा सुनते है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
मध्यप्रदेश में किसानों की सम्मान राशि ढाई गुना बढ़ाई, मुख्यमंत्री की घोषणा - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 06:02 AM PDT भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ताबड़तोड़ घोषणा कर रहे हैं। मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को मिलने वाली सम्मान राशि (जो ₹6000 है) में ₹4000 मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी मिलाएं जाएंगे यानी किसानों को कुल ₹10000 प्रतिवर्ष प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को भोपाल के मिंटो हाॅल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को 0% ब्याज दर पर ऋण देने के लिए राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रुपए की राशि भी ट्रांसफर की है। किसान क्रेडिट कार्ड एक नए आत्मविश्वास से भरने का काम करता है। इससे किसानों का न सिर्फ खेती करने में सहूलियत होती है, बल्कि उनकी जरूरतें भी पूरी हाे जाती हैं। मुख्यमंत्री का कहना था कि प्रदेश के किसान समर्थ, सशक्त हों और सानंद जीवन व्यतीत करें, यही मेरे जीवन का उद्देश्य है। मंडियां बंद नहीं होंगी, ये पहले जैसी चलती रहेंगी शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में लहसुन, धनिया का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है। इसके लिए प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर प्रदेश में ही मसाले तैयार किए जाएंगे ताकि किसान को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। मंडियां बंद नहीं होंगी, ये पहले की तरह चलती रहेंगी। किसान अपनी उपज चाहे खेत से बेचे, प्राइवेट मंडियों में बेचे, वेयरहाउस से ही बेच दे। किसान को जहां ज्यादा कीमत मिलेगी, वहां पर अपना माल बेचने के लिए स्वतंत्र है। समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ताजा घोषणाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक हफ्ते पहले एक बड़ी घोषणा की थी। इसमें सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की बिक्री और खरीदी पर 2% सेस घटा दिया है। पहले स्टाम्प ड्यूटी पर 3% ली जाती थी, लेकिन अब सिर्फ 1% ली जाएगी। अब एक लाख रुपए की प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने पर सीधे 2 हजार रुपए तक की बचत होगी। अगस्त में मुख्यमंत्री ने युवाओं को लेकर बड़ी घोषणा की थी। शिवराज ने कहा था कि राज्य की सरकारी नौकरियां सिर्फ मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए ही होंगी। सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार इसके लिए कानूनी पहलुओं को समझ रही है। जरूरत पड़ी तो कानून भी बनाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज ने 28 अगस्त को प्रदेश में बकाया बिजली के बिल माफ करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अब लोगों को बकाया बिल के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार उसे पूरी तरह से माफ करने जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह जोड़ा था कि अब लोगों को आने वाले समय में एक माह का ही बिजली बिल भरना होगा। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की घोषणा की है। इससे मध्य प्रदेश के 48 हजार दैनिक वेतन भोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
Posted: 22 Sep 2020 04:10 AM PDT भोपाल। मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल और सुल्तानपुर के ज्वेलरी शोरूम के फर्जी गिफ्ट वाउचर तैयार कर उन्हें रिडीम करवाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को राज्य सायबर पुलिस ने पकड़ा है। मास्टरमाइंड वाराणसी के तनिष्क शोरूम का कर्मचारी है, जिसे प्रबंधन ने किसी के भी गिफ्ट वाउचर नंबर देखने के अधिकार दिए थे। गिरोह ने पांच महीने में पांच शोरूम पर कोशिश की और तीन में कामयाब होकर 23 लाख की ठगी कर ली। गैंग का अगला टारगेट महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार के शोरूम में थे, जिसके लिए 65 लाख के फर्जी गिफ्ट वाउचर और तैयार कर रखे थे। इस तरह की वारदात में देशभर में ये पहला खुलासा है। भोपाल शोरूम से 137 ग्राम सोना ले गए थेएसपी गुरकरन सिंह ने बताया कि फर्जी गिफ्ट वाउचर से आरोपी रोशनपुरा स्थित शोरूम से 137 ग्राम सोना ले गए थे। पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लगे थे। कुछ तकनीकी पहलुओं पर काम करने के बाद इंस्पेक्टर लोकपाल भदौरिया, सिपाही शिवकुमार समेत अन्य की टीम वाराणसी पहुंची, जहां पता चला कि इस तरह की वारदात सुल्तानपुर और फैजाबाद में भी हुई हैं। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने वाराणसी, रांची और बिहार के कैमूर से तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें संचित अग्रवाल, अजीत कुमार मौर्य और विकास मौर्या शामिल हैं। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने भोपाल के शोरूम से गया 137 ग्राम सोना और रांची के शोरूम से गए 86 सोने के सिक्के जब्त कर लिए हैं। जब्त किए गए सोने की कीमत 13 लाख रुपए है। यह है गिफ्ट वाउचर की पूरी प्रक्रियाबड़े ज्वेलरी शोरूम से बड़ी खरीदारी करने पर प्रबंधन अपने ग्राहक को तय अवधि के लिए दो तरह के गिफ्ट वाउचर देता है। इनमें ई-वाउचर और फिजिकल वाउचर शामिल हैं। अगली खरीदारी के समय ग्राहक इन वाउचर को लेकर शोरूम पर पहुंचेगा। वाउचर में दर्ज राशि के आधार पर उसे खरीदारी में छूट या कैश राशि लेने के अधिकार मिलते हैं। इसे रिडीम कहा जाता है। फर्जी वाउचर बनाने वाले साथी की तलाशपूछताछ में संचित ने पुलिस को बताया कि उनके करीब 12 लाख रुपए के गिफ्ट वाउचर खराब हो गए। दरअसल, जब वे इतनी कीमत के फर्जी वाउचर लेकर शोरूम पर पहुंचे तो पता चला कि असल धारक ने वाउचर नंबर के आधार पर उसे पहले ही रिडीम करवा लिया है। आरोपियों के पास अब भी 65 लाख रुपए के फर्जी वाउचर तैयार थे। इनका इस्तेमाल ये गिरोह गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार के शोरूम पर करने वाले थे। पुलिस को आरोपियों के उस साथी की तलाश है, जो फर्जी वाउचर तैयार करता था। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
रंजय डेनियल BEO फंदा के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट का स्टे - BHOPAL NEWS Posted: 22 Sep 2020 03:51 AM PDT जबलपुर। राजधानी भोपाल के विकासखंड फंदा में बीयू के पद पर पदस्थ श्री रंजय डेनियल के ट्रांसफर आर्डर पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है। श्री रंजन डेनियल के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि कोर्ट ने माना है कि उनका ट्रांसफर नियम विरुद्ध एवं किसी अन्य व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से किया गया प्रतीत होता है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करके इस मामले में शासन से जवाब तलब किया है। श्री रंजय डेनियल, प्राचार्य की पदस्थापना शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, फंदा, भोपाल से विकास खंड शिक्षा अधिकारी ऑफिस, फंदा में प्रभारी सहायक संचालक, के रूप में, वरिष्ठता के आधार पर दिनांक 04/08/19 को की गई थी। एक महीने बाद दिनाँक 03/09/19 को श्री डेनिएल से काफी जूनियर प्राचार्य श्री केके गौर को, श्री डेनिएल के स्थान पर, पदस्थापना देने के आदेश किये गए। यह मामला, उच्च न्यायालय, जबलपुर पहुंचा, जहां प्रकरण के निराकरण के निर्देश प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा को 2019 अक्टूबर में दिये गए थे। आयुक्त लोकशिक्षण, द्वारा आदेश दिनांक 20/11/19 जारी कर, श्री डेनिएल को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्य करने की अनुमति दी गई थी। उसी आदेश से प्राचार्य श्री केके गौर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय फंदा में पोस्टिंग दी गई थी। विकासखंड कार्यालय मे, सहायक संचालक, शिक्षा की पद संरचना होने पर, एवं पद्दोन्नति में विलंब को ध्यान में रखकर, वरिष्ठता के आधार पर, उक्त पोस्टिंग श्री रंजय डेनियल को दी गई थी। प्रिंसिपल, उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय के बाद अगला, पद्दोन्नति से भरा जाने वाला पद सहायक संचालक, शिक्षा होता है। इसी आधार पर श्री डेनिएल की पदस्थापना विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दी गई थी। श्री रंजय डेनिएल द्वारा आयुक्त लोकशिक्षण के आदेश दिनाँक 20/11/19 के पालन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी फंदा ऑफिस में कार्य प्रारंभ कर दिया गया। वही दूसरी ओर, श्री केके गौर द्वारा 8 महीने तक उच्चतर माध्यमिक, फंदा विद्यालय में उपस्थिति नही दी गई। अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए, किसी प्रकार का अवकाश उन्हें स्वीकृत नही हुआ था, ना ही ऐसा कोई आवेदन दिया गया था। 8 महीने की अनाधिकृत अनुपस्थिति के बाद, श्री केके गौर को, कथित प्रशासनिक जरूरत के आधार पर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय, फंदा से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ऑफिस, फंदा, दिनाँक 24/07/2020 को श्री रंजय डेनियल के स्थान पर, ट्रांसफर किया गया। ट्रांसफर आदेश दिनांक 24/07/2020 में श्री केके गौर का पदस्थापना स्थल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय, फंदा भोपाल, दर्शाया गया था, जबकि, स्थानांतरण आदेश जारी होने की दिनाँक एवं उसके पूर्व 24/07/2020 को, श्री गौर द्वारा 8 माह पुराने आदेश दिनांक 20/11/19 के पालन में शासकीय उच्चतर माध्यमिक, फंदा में उपस्थिति दी ही नही गई थी। परिणामस्वरूप 8 माह वेतन भी प्राप्त नही हुआ था। उनके द्वारा 8 माह पश्चात , दिनाँक 25//07/19 को स्कूल में बिना वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व सूचना के अनाधिकृत उपस्थिति स्वयं ही दी गई। उसी दिनाँक को स्वयं के द्वारा ही उनको कार्यमुक्त कर लिया गया था। घटनाओं और परिस्थितियों से स्पष्ट था, उनकी इच्छानुसार उन्हें नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफर किया गया था। श्री रंजय डेनिएल प्रिंसिपल को वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापना दी गई थी। श्री रंजय डेनियल द्वारा उक्त मनमाने ट्रांसफर के विरुद्ध, रिट याचिका हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत की गई। उनके अधिवक्ता, श्री अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय जबलपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह विवाद दिनांक 04/08/19 से चल रहा है। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के अनुसार श्री रंजय डेनियल को दिनाँक 04/08/19 को प्रभारी सहायक संचालक, शिक्षा पद के विरुद्ध विकासखण्ड ऑफिस में वरिष्ठता के आधार पर, प्रमोशन में विलंब को विचार में रखते हुए, पदस्थापना दी गई थी। एक महीने बाद नाटकीय ढंग से से श्री डेनियल से अत्याधिक कनिष्ठ श्री केके गौर को दिनाँक 03/09/19 को पोस्टिंग देने के आदेश जारी कर दिये गए थे। मामले में हाई कोर्ट के दखल के बाद श्री डेनियल को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ऑफिस में कार्य करने की अनुमति दिनांक 20-11-19 को दी गई थी। दूसरी ओर श्री गौर को उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय फंदा में जाने के आदेश किए गए थे। परन्तु, श्री केके गौर, प्राचार्य, द्वारा आदेश दिनाँक 20/11/19 को उच्च न्यायालय, जबलपुर में चुनौती दी गई थी। उनके द्वारा दायर प्रकरण में, उनके अभ्यावेदन के निराकरण के निर्देश माह दिसंबर 2019 मे दिये गए थे। आयुक्त लोकशिक्षण, द्वारा उनके अभ्यावेदन को निरस्त कर, शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, फंदा में उपस्थिति के निर्देश दिए गए थे परंतु, उनके द्वारा उक्त आदेश का पालन नही किया गया। अचानक, दिनांक 24/09/2020 को श्री डेनियल के स्थान पर श्री केके गौर को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय फंदा, स्थानांतरित किया गया था। अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने बताया कि हाई कोर्ट जबलपुर ने सुनवाई के दौरान, दिनाँक 11/09/2019 को प्रथम दृष्टया ट्रांसफर आदेश दिनाँक 24/07/2020 को, द्वेषपूर्ण एवं व्यक्तिविशेष को उसकी मर्जी के अनुसार प्रतिस्थापित/पदस्थापना करने वाला माना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से स्टे पर सुनते हुए, उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आयुक्त लोकशिक्षण भोपाल द्वारा जारी, ट्रांसफर आदेश दिनाँक 24/07/2020 के प्रभाव एवं क्रियान्वयन को स्टे कर, शासन से जबाब तलब किया गया है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
FB फ्रेंड से शादी करने जबलपुर से गुजरात पहुंची शादीशुदा, प्रेमी के खिलाफ FIR कराई - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 03:30 AM PDT जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में धनवंतरी नगर क्षेत्र में रहने वाली 24 वर्षीय महिला ने फेसबुक पर गुजरात में रहने वाले एक युवक को अपना फ्रेंड बनाया और फिर दूसरी शादी करने के चक्कर में अपने पति को धोखा देकर घर से बहन को छोड़ने के लिए बालाघाट जाने की बात कहकर 6 सितम्बर को निकली महिला गुजरात पहुँच गयी। वहाँ से उसका प्रेमी उसे अहमदाबाद ले गया और फिर शादी से इनकार कर दिया। कथित प्रेमी द्वारा ठुकराए जाने पर महिला ने थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, उधर यहाँ उसके पति ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। सूत्रों के अनुसार करीब एक सप्ताह पूर्व धनवंतरी नगर क्षेत्र में रहने वाली महिला अपने पति से यह कहकर घर से रवाना हुई थी कि वह अपनी बहन को छोड़ने के लिए बालाघाट जा रही है। इसके बाद महिला बालाघाट नहीं पहुँची। इस बात की जानकारी लगने पर पति ने तलाश करते हुए उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। वहीं फेसबुक पर हुए प्यार को पाने के लिए महिला जबलपुर से गुजरात पहुँच गयी और वहाँ पर अपने प्रेमी अजय तिवारी को खोज लिया। वहाँ जब महिला ने उससे शादी करने के लिए कहा तो उसने साफ इनकार कर दिया। शादी से इनकार किए जाने पर महिला ने अहमदाबाद में उसके खिलाफ झाँसा देकर बुलाने और फिर शादी से इनकार करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पूछताछ में पुलिस को उसके परिजनों का पता लगा जिसके बाद परिजनों को सूचना दी गयी और उसे जबलपुर रवाना किया गया। यहाँ पहुँचने पर संजीवनी नगर पुलिस द्वारा महिला से पूछताछ कर उसे उसकी माँ के सुपुर्द कर दिया। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
JABALPUR में दोस्त को बचाने कूदे युवक की मौत - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 02:07 AM PDT जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में दोस्त का जन्मदिन मना कर लौटते समय नहर किनारे खड़े होकर सेल्फी ले रहे युवक के अनियंत्रित होकर कैनाल के पानी में गिरने पर बचाने के लिए कैनाल के पानी में कूदे दोस्त शिवम का शव मिला। गौर चौकी प्रभारी उप निरीक्षक नितिन पाण्डे ने बताया कि 20 सितम्बर को शाम 4 बजे ग्राम कजरवारा एवं पचपेढी सिविल लाईन के 7-8 लड़के कजरवारा निवासी रितिक सविता उम्र 20 वर्ष का जन्मदिन मनाने आये थे। शाम लगभग 6-45 बजे वापस लौटते समय कजरवारा निवासी हैप्पी उर्फ आकाश चौधरी उम्र 20 वर्ष का ग्राम बारहा मे कैनाल के किनारे खडे होकर सैल्फी ले रहा था। जो अनियंत्रित होकर नहर के पानी मे जा गिरा, जिसे बचाने के लिये ग्राम कजरवारा निवासी शिवम सिंह उम्र 22 वर्ष का पानी में कूदा, हल्ला सुनकर आसपास के लोग भी पहुंच गये। जिन्होंने हैप्पी उर्फ आकाश चैधरी को बचा लिया। शिवम सिंह नहर के पानी मे डूब गया है। डूबे शिवम सिंह की तलाश होमगार्ड की एनडीआरएफ टीम के द्वारा तलाश करवाई जा रही थी। कैनाल के आसपास गाॅव मे रहने वाले लोगों को एवं कैनाल मे पैट्रोलिंग करने वाले चैकीदार को सूचित किया गया था।तलाश के दौरान आज सुबह 8 बजे एक युवक के 15 कि.मी. दूर ग्राम घुघरी स्थित कैनाल गेट के पास कैनाल के पानी में शव के उतराता मिला। सूचना पर पुलिस स्टाफ एवं NDRF टीम के साथ पहुंचकर कैनाल के पानी मे उतरा रहे युवक के शव को निकलवाया गया। जिसकी शिनाख्त शिवम सिंह के रूप में परिजनों के द्वारा की गयी है। पंचनामा कार्यवाही कर शव को पीएम के लिए भिजवाते हुये मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
TIKAMGARH में पुलिसकर्मी ने GF के लिए पत्नी की हत्या की: पुलिस - CRIME NEWS Posted: 22 Sep 2020 01:03 AM PDT टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा थाना क्षेत्र में बांदा (उत्तर प्रदेश) में पदस्थ एक कांस्टेबल ने पत्नी की हत्या के बाद उसे दुर्घटना दिखाने का प्रयास किया। पुलिस द्वारा मौका का मुआयना करने और फॉरेंसिक टीम की जांच के बाद स्थितियां संदेहास्पद लगी। इसके बाद कड़ाई से पूछताछ करने पर कांस्टेबल ने पत्नी की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। जतारा थाना प्रभारी हिमांशु चौबे ने बताया कि सोमवार सुबह करीब पांच बजे जतारा-लिधौरा रोड पर श्मशान घाट के पास मोहरा गांव में कार दुर्घटना की सूचना आई। पुलिस मौके पर पहुंची तो आरोपी कैलाश पुत्र रमोले गौतम निवासी मरकुआ थाना गरौठा जिला झांसी (उप्र) ने बताया कि वह 25 वर्षीय पत्नी रजनी गौतम के साथ छिपरी (टीकमगढ़) जा रहा था। वहां पत्नी का पथरी का इलाज कराना था। तभी सामने से एक पिकअप वाहन ने कार की तरफ गाड़ी दबा दी, जिसे बचाने के प्रयास में गाड़ी असंतुलित हो गई और पत्नी को चोट आने के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस को कैलाश की बातों पर शक हो गया, क्योंकि जांच में मृतका के सिर पर दाहिनी ओर भौंतेले हथियार से चोट पाई गईं, जबकि कार के बाई ओर के दरवाजे के ऊपर का शीशा टूटा था। कड़ाई से पूछताछ में कैलाश ने पत्नी की हत्या करना स्वीकार कर लिया। थाना इंचार्ज ने बताया कि आरोपी ने पहले पत्नी की सिर में पत्थर मारा, फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी कैलाश बांदा की पुलिस लाइन में आरक्षक है। वह प्रेमिका के साथ रहना चाह रहा था, इसलिए पत्नी को रास्ते से हटा दिया। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
AMITABH की फिल्म जंजीर की एक्ट्रेस की संक्रमण से मौत - NATIONAL NEWS Posted: 22 Sep 2020 04:20 AM PDT मराठी और हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी एक्ट्रेस आशालता वाबगांवकर का मंगलवार को 83 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से महाराष्ट्र के सातारा में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थीं। मंगलवार सुबह करीब 4.45 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली। परिवार के अनुसार, वे सातारा में अपने मराठी सीरियल 'आई कलुबाई' की शूटिंग करने पहुंची थीं। यहां कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उनका टेस्ट करवाया गया। संक्रमण की पुष्टि और सांस लेने में दिक्कत के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। कोरोना की वजह से आशालता का अंतिम संस्कार सतारा में ही किया जाएगा। एक्ट्रेस आशालता की पर्सनल लाइफ31 मई, 1941 को गोवा में पैदा हुईं आशालता एक मराठी गायिका, नाटककार और फिल्म अभिनेत्री के रूप में प्रसिद्ध थीं। उनकी स्कूलिंग मुंबई के सेंट कोलंबो हाई स्कूल, गिरगांव में हुई थी। 12वीं के बाद कुछ समय तक उन्होंने मंत्रालय में पार्ट टाइम काम भी किया। इसी दौरान उन्होंने आर्ट में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने नाथीबाई दामोदर ठाकरे महिला विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एमए किया था। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के मुंबई केंद्र पर कुछ कोंकणी गाने भी गाए। बॉलीवुड में आशालता का सफरआशालता ने 100 से ज्यादा हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम किया। बॉलीवुड में पहली बार वे बासु चटर्जी की फिल्म 'अपने पराए' में नजर आईं। इसके लिए उन्हें 'बंगाल क्रिटिक्स अवार्ड' और बेस्ट सह कलाकार का फिल्मफेयर मिला था। फिल्म 'जंजीर' में उन्होंने अमिताभ बच्चन की सौतेली मां का किरदार निभाया था। आशालता ने अंकुश, अपने पराए, आहिस्ता आहिस्ता, शौकीन, वो सात दिन, नमक हलाल और यादों की कसम समेत कई शानदार हिन्दी फिल्मों में काम किया। मराठी नाट्य जगत में भी आशालता का बड़ा नाम'द गोवा हिंदू एसोसिएशन' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'संगीत सेनशैकोलोल' में रेवती की भूमिका में आशालता ने अपनी नाटकीय करियर की शुरुआत की। मराठी नाटक 'मत्स्यगंधा' आशालता के अभिनय करियर में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इसमें उन्होंने 'गार्द सबभोति चली सजनी तू तर चफकली', 'अर्थशुन्य बोसे मझला कला जीवन' गीत भी गाया था। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
CBSE कंपार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट घोषित करें: सुप्रीम कोर्ट - EDUCATION NEWS Posted: 21 Sep 2020 11:49 PM PDT नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने सीबीएसई से कंपार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट जल्द घोषित करने को कहा है ताकि परीक्षा में हिस्सा ले रहे करीब 2 लाख छात्र इसी शैक्षणिक सत्र में कॉलेज में प्रवेश ले सकें। मामले पर 24 सितंबर को फिर सुनवाई होगी।आज से शुरू हो रही कंपार्टमेट परीक्षा 29 तक चलेगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की 10वीं और 12वीं क्लास की कंपार्टमेंट परीक्षा आज यानी 22 सितंबर से शुरू हो गई हैं। छात्र जो जुलाई में जारी हुए सीबीएसई (CBSE) के रिजल्ट में किसी सब्जेक्ट में सफल नहीं हो पाए हैं, वे कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होकर अपने रिजल्ट को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 10वीं क्लास में 1,50,198 छात्रों और 87,651 कक्षा 12वीं के छात्रों को कंपार्टमेंट श्रेणी में रखा गया था। सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा की डेट शीट और एडमिट कार्ड को आधिकारिक वेबसाइट cbse.nic.in पर पहले ही जारी कर दिया गया था। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
मध्य प्रदेश में OBC छात्रों से भेदभाव मामले में: हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया - MP NEWS Posted: 21 Sep 2020 11:34 PM PDT आनंद बंदेवार/जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जवाब तलब किया है। जबलपुर स्टेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस संजय यादव और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।सतना के स्कॉलर होम कॉलेज के BSc के छात्र प्रियांशु यादव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कॉलेज में उसके साथ BSC कर रहे SC और ST के छात्रों को रेगुलर कोर्स के समतुल्य पूरी छात्रवृत्ति दी जा रही है, जबकि OBC का होने के कारण उसे जनभागीदारी से चलने वाले कोर्सों के समतुल्य कम छात्रवृत्ति दी जा रही है। अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने तर्क दिया कि यह स्थिति प्रदेश के सभी कॉलेजों में है। OBC छात्रों को छात्रवृत्ति देने में भेदभाव किया जा रहा है, जो असंवैधानिक है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
INDORE में MUMBAI की 2 मॉडल युवतियों का रेप, इवेंट के लिए बुलाया था - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 02:20 AM PDT इंदौर। मुंबई से दो मॉडल युवतियों को इंदौर में इवेंट के बहाने बुलाकर उन्हें बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में बाणगंगा इलाके की एक टाउनशिप से महिला और चार युवकों को गिरफ्तार किया है। एसपी विजय खत्री ने बताया कि सोमवार को कोलकाता की 21 वर्षीय और मुंबई की 22 वर्षीय युवतियां विजय नगर थाने पहुंची थी। इन्होंने बताया ये मॉडलिंग करती हैं। कुछ दिन पहले आरोपी महिला ने फोन पर संपर्क किया और इंदौर में एक बड़े इवेंट में डांस के लिए बुलाया था। दोनों मॉडल युवतियां बस से 16 सितंबर को इंदौर आ गई और सी-21 माल पहुंची। आरोपी महिला के साथी युवक यहां से उन्हें बाणगंगा इलाके की सिल्वर ओक टाउनशिप की एक बिल्डिंग के फ्लैट में ले गए। आराेपी महिला ने इन्हें बताया कि इवेंट एक-दो दिन में होगा, लेकिन 17-18 सितंबर को इनसे ज्यादतियां शुरू हुईं। महिला ने इन्हें इवेंट के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी तैयार करना चाहा तो दोनों ने इनकार कर दिया। दोनों नहीं मानी तो महिला के साथियों ने इन्हें बंधक बनाकर पीटा। खाना-पीना नहीं दिया। इनके कपड़े फाड़े और अश्लील वीडियो बनाए। इसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म भी किया। पुलिस ने 27 वर्षीय महिला और उसके साथी नवीन, राजेंद्र और कुलदीप निवासी बाणगंगा, राकेश निवासी धार को आरोपी बनाया है। महिला खुद को इवेंट मैनेजर बताती है, लेकिन असल में वह अनैतिक कामों में लिप्त है। उसके साथी बाहर से युवतियों को लाकर अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। एसपी ने बताया कि दोनों युवतियों को तीन दिन भूखा-प्यासा रख पांचों आरोपी शोषण करते रहे। जब एक युवती की हालत बिगड़ी तो सोमवार को इन्हें ओला कैब से धार भेज दिया। युवतियों ने धार कोतवाली थाने में पुलिस को घटना जाकर बताई तो वहां से घटनास्थल इंदौर का होने का बताकर उन्हें फिर इंदौर भेज दिया। ड्राइवर उन्हें विजय नगर थाने लाकर छोड़ गया। टीआई तहजीब काजी ने तत्काल एक टीम बनाकर बाणगंगा इलाके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। टीआई काजी ने बताया कि आरोपी महिला हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट संचालित करती है। इसके इंदौर के अलावा बाहरी शहरों के कई लोगों से कनेक्शन हैं। इसकी बड़ी लिंक पता चली है, जिसे पुलिस खंगाल रही है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
COLLEGE ADMISSION: सीएलसी में भी सन्नाटा, जो कॉलेज अकड़ दिखाते थे वह फोन लगा रहे हैं - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 03:33 AM PDT भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन का माहौल बिल्कुल उल्टा दिखाई दे रहा है। पिछले साल तक जहां एक-एक सीट के लिए मारामारी होती नजर आती थी, इस साल उच्च शिक्षा विभाग और कॉलेज मैनेजमेंट स्टूडेंट का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। कॉलेज लेवल काउंसलिंग में जो कॉलेज स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को अकड़ दिखाते थे, वह बार-बार फोन लगा रहे हैं। पीजी में एडमिशन के लिए 17 सितंबर कॉलेज लेवल काउंसलिंग शुरू की गई थी। पीजी में प्रवेश के लिए 14880 विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है। कॉलेज स्तरीय प्रवेश प्रक्रिया के तहत पीजी में प्रवेश के लिए पंजीयन कराने की अंतिम तारीख 23 सितंबर है। इन विद्यार्थियों को 30 सितंबर को कॉलेज का आवंटन कर दिया जाएगा। जिसके बाद आवंटित कॉलेज में पांच अक्टूबर तक फीस जमा कर प्रवेश लिया जा सकेगा। 59638 स्टूडेंट्स को सीटें आवंटित की थी लेकिन केवल 39595 ने एडमिशन लियाउच्च शिक्षा विभाग ने पहले राउंड के लिए 10 सितंबर को 59638 छात्र-छात्राओं को सीटें अलाट की थीं, लेकिन 39595 छात्र-छात्राओं ने ही फीस जमा कर एडमिशन लिया। सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की यूजी कक्षाओं में प्रवेश के लिए 44342 विद्यार्थिंयों ने पंजीयन कराया है। इनमें से 37647 विद्यार्थिंयों ने दस्तावेजों कराया है। अब इन विद्यार्थिंयों को मेरिट के आधार पर कॉलेज का आवंटन 24 सितंबर को कर दिया जाएगा। जिसके बाद 29 सितंबर तक संबंधित कॉलेज में ऑनलाइन फीस जमा कर प्रवेश लिया जा सकेगा। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
Posted: 21 Sep 2020 10:24 PM PDT भोपाल। लगभग हर रोज कोई ना कोई मामला सामने आ जाता है जिसमें डॉक्टर की लापरवाही प्रमाणित होती हुई नजर आती है परंतु उसके साथ ही दिखाई देती है लाचार सरकार, जो मामले की जांच कराने का आश्वासन तो देती है परंतु डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती। यहां तक की डॉक्टर की गलती के कारण मृत मरीज के हंगामा करते परिजनों को गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन डॉक्टर को सस्पेंड नहीं किया था। इसका सबसे बड़ा कारण है मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी। यह शिवराज सिंह सरकार का सबसे बड़ा फेलियर हैअपनी जनता को निशुल्क चिकित्सा और शिक्षा उपलब्ध कराना किसी भी सरकार की सबसे पहली जिम्मेदारी है। यदि वह ऐसा नहीं कर पा रही है तो उस सरकार को असफल सरकार कहा जाना चाहिए। शिवराज सिंह सरकार का सबसे बड़ा फेलियर यही है। जिस राज्य में मेडिकल कॉलेज की एक सीट पाने के लिए 10000000 रुपए रिश्वत दी जा रही थी उसी राज्य में सरकारी अस्पतालों में आवश्यकता का 10% डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं है। 15000 डॉक्टरों की जरूरत, 9000 स्वीकृत पद इनमें से भी 5000 रिक्तमध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में व्यावहारिक तौर पर 15000 डॉक्टरों की जरूरत है। वर्षों पहले जब आबादी कम थी तब 9000 पद स्वीकृत किए गए थे। आप जानकर चौंक जाएंगे की शिवराज सिंह सरकार ने गरीब नागरिकों की जान बचाने वाले डॉक्टरों की भर्ती नहीं की। एक के बाद एक डॉक्टर रिटायर होते चले गए और कुर्सियां खाली रह गई। आज सरकारी अस्पतालों में मात्र 4000 डॉक्टर काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि डॉक्टर खुद को भगवान समझ रहे हैं, मरीजों का इलाज नहीं करते और परिजनों को अपमानित करते हैं तो ऐसा करने का अवसर सरकार ने उन्हें उपलब्ध कराया है। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
INDORE बाजार सप्ताह में 2 दिन लॉकडाउन रहेगा - MP NEWS Posted: 22 Sep 2020 02:20 AM PDT इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक शनिवार, रविवार को बाजार पूरी तरह बंद रखने का निर्णय लिया गया है। सोमवार को शहर के 20 से ज्यादा व्यापारी संगठनों की कलेक्टर के साथ बैठक हुई। व्यापारी संघों ने स्वेच्छा से वीकेंड में प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रखने पर सहमति दी। वहीं, कामकाजी पांच दिनों में भी बाजार शाम छह बजे बंद कर दिए जाएंगे। अहिल्या चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल के मुताबिक बाजारों में उमड़ रही भीड़, 400 के करीब रोजाना केस, अस्पतालों में बेड, आईसीयू की कमी को देखते हुए व्यापारी संगठन ने ही पहल की है। कलेक्टर से मीटिंग के पहले ही व्यापारी संगठन सप्ताह में दो दिन बाजार बंद रखने पर सहमत हो गए थे। बैठक में यह तय हुआ कि जब तक शहर में कोरोना संक्रमण काबू मे नहीं आता, मामले कम नहीं होते, अस्पतालों में भीड़ कम नहीं होती तब तक दो दिन कारोबार बंद ही रहेगा। सरकार ने कुछ दिन पहले ही रविवार का लाॅकडाउन भी खत्म कर दिया था। बाजार पूरी तरह खुल गए थे। व्यापारी एसोसिएशन भी अब लॉकडाउन के समर्थन में आगे आ रहे हैं। सराफा बाजार एसो. ने पहल कर बाजार की गाइडलाइन तय की, जिसके तहत बाजार के खुलने, बंद करने के अलावा शनिवार-रविवार स्वैच्छिक लॉकडाउन किया गया है। 22 संगठन भी आगे आए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह के साथ हुई इस बैठक में सभी ने शनिवार-रविवार बाजार बंद रखे जाने पर सहमति जताई। 22 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार |
हाईवे पर लगे बोर्ड हरे रंग के क्यों होते हैं, पहले तो पीले होते थे - GK IN HINDI Posted: 21 Sep 2020 10:04 PM PDT यदि आप किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आते-जाते हैं तो आपको याद होगा शहरों की दूरी एवं दिशाएं बताने वाले बोर्ड हरे रंग के होते हैं। वर्षों पहले इस तरह के बोर्ड का कलर पीला हुआ करता था और उन पर काले अक्षरों से शहर के नाम व दूरी अथवा दिशा की सूचना लिखी होती थी। सवाल यह है कि हाईवे पर दिशा एवं दूरी बताने वाले बोर्ड का रंग हरा ही क्यों चुना गया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इंजीनियर आरएस राणा का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की प्रक्रिया में हर छोटी से छोटी चीज का बारीकी से ध्यान रखा जाता है। सड़कों को इस तरह बनाया जाता है कि वाहन चालक को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो और यात्री आरामदायक यात्रा का आनंद उठा सकें। जिन हरे रंग के बोर्ड का जिक्र किया जा रहा है, वह अक्सर ऊंचाई पर लगाए जाते हैं। यदि उनमें पीला, लाल या काले रंग का उपयोग किया जाएगा तो वाहन चालक का कंसंट्रेशन डिस्टर्ब हो सकता है। बोर्ड के रिफ्लेक्शन से एक्सीडेंट हो सकता है। हरा रंग आंखों के लिए नुकसानदायक रिफ्लेक्शन नहीं करता। बल्कि हरे रंग से आंखों को आराम मिलता है। ड्राइवर को मार्गदर्शन भी मिल जाता है और उसकी ड्राइविंग में कोई डिस्टरबेंस नहीं आता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,) |
Posted: 21 Sep 2020 02:36 PM PDT यह तो सभी जानते हैं कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है परंतु कई बार बलात्कारी, महिला को चंगुल में फंसा लेता है, बंधक बना लेता है, ब्लैकमेल करता है और इस सब के कारण यदि महिला डिप्रेशन में चली जाए तो आईपीसी में इस तरह के अपराध के लिए धारा 376-A का प्रावधान है। आइए जानते हैं 376-A की परिभाषा में क्या लिखा है और कितनी सजा निर्धारित की गई है। भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376-क ( 376-A )की परिभाषा:-यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री का बलात्कार करता है और बलात्कार करने में स्त्री की मृत्यु हो जाती है, या फिर उसकी स्थिति विकृतशील (मानसिक डिप्रेशन या पागल) हो जाती है, तब ऐसे व्यक्ति को धारा 376 -A के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा। भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376-A या376 क के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को होता है। सजा- कम से कम 20 वर्ष से अधिकतम मृत्यु दण्ड तक हो सकती है। बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेखकोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी |
उपचुनाव क्यों होता है, जबकि हर 5 साल में मुख्य चुनाव होता है - GK IN HINDI Posted: 21 Sep 2020 02:14 PM PDT भारत के कई राज्यों में दर्जनों सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं। मध्यप्रदेश में 2020 का उपचुनाव, मुख्य चुनाव से कम महत्वपूर्ण नहीं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब 5 साल में एक बार लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, इसी प्रकार दूसरे चुनाव हो जाते हैं तो फिर बीच-बीच में उपचुनाव का आयोजन क्यों किया जाता है। सरल शब्दों में समझिए, उप चुनाव क्यों होते हैं
कुल मिलाकर किसी भी स्थिति में यदि सीट खाली हुई तो उपचुनाव का आयोजन करके सीट पर एक नए जनप्रतिनिधि को बिठाया जाता है। उपचुनाव में चुने गए जनप्रतिनिधि का कार्यकाल पूरे 5 साल नहीं होता बल्कि मुख्य चुनाव के लिए शेष बची अवधि उसका कार्यकाल होता है। उपचुनाव कराने के बजाय निकटतम प्रतिद्वंदी को जनप्रतिनिधि क्यों नहीं मान लिया जातायदि किसी भी कारण से किसी जनप्रतिनिधि की सीट रिक्त हो जाती है 2 सीट के लिए दोबारा मतदान क्यों कराया जाता है। सरकारी नौकरियों की तरह वेटिंग लिस्ट से नए उम्मीदवार को अवसर क्यों नहीं दिया जाता। यानी निकटतम प्रतिद्वंदी को शेष बचे हुए कार्यकाल के लिए अवसर क्यों नहीं दिया जाता है। इसका बड़ा सरल था उत्तर यह है कि यदि ऐसा किया जाने लगा तो निकटतम प्रतिद्वंदी आपराधिक साजिश रचने लगेंगे और जनप्रतिनिधियों की जान को नया खतरा पैदा हो जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,) |
Posted: 21 Sep 2020 10:04 PM PDT नई दिल्ली। भारत सरकार की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम पिछले कुछ समय से जोखिम भरे निवेश कर रही है। उसमें शेयर बाजार में मोटी रकम निवेश की है। इसके अलावा सरकार के कहने पर घाटे के कारण बंद हो चुके हैं यस बैंक में भी निवेश किया है। सवाल यह है कि यदि एलआईसी का पैसा शेयर बाजार या फिर यस बैंक की जैसे निवेश में डूब जाए तो पॉलिसीहोल्डर्स का क्या होगा। भारत सरकार के वित्त विभाग के राज्यमंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में शनिवार दिनांक 20 सितंबर 2020 को इस प्रश्न का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि, 'लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा जारी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज पर सॉवरेन गारंटी के प्रावधान शामिल हैं।' दरअसल, गुजरात के सूरत से लोकसभा की सदस्य दर्शना विक्रम जरदोश ने वित्त मंत्री से यह जानना चाहा था कि क्या सरकार का भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा दी गई पॉलिसियों पर सॉवरेन गारंटी देने का विचार है या नहीं। यदि LIC बंद हो गई तो पॉलिसी के सम इंश्योर्ड और बोनस कौन देगाउन्होंने यह भी सवाल किया था कि एलआइसी के सूचित विनिवेश के बाद भी उसकी पॉलिसियों पर सरकार सॉवरेन गारंटी देगी या नहीं। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट, 1956 के सेक्शन 37 के मुताबिक कॉरपोरेशन द्वारा जारी सभी पॉलिसीज के सम इंश्योर्ड और अगर कोई बोनस देय है तो उसकी नकद भुगतान की गारंटी केंद्र सरकार की होगी। ठाकुर ने कहा कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाइ) ऑफसाइट और ऑनसाइट निगरानी तंत्र के जरिए सभी इंश्योरेंस कंपनियों के कामकाज की समीक्षा करता है। एलआइसी के कार्य-निष्पादन का आकलन बीमा कंपनी द्वारा हर साल सरकार को दिए जाने वाले स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट के माध्यम से भी किया जाता है। इसके साथ ही कॉरपोरेशन के कामकाज की सालाना रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में रखी जाती है। संसद की विभिन्न स्थायी समितियां जीवन बीमा निगम के कामकाज की समीक्षा करती हैं। उन्होंने पॉलिसीधारकों की धनराशि को सुरक्षित रखने को संदर्भ में कहा कि पॉलिसीधारकों से प्राप्त प्रीमियम का विवेकपूर्ण निवेश बीमा अधिनियम, 1938 तथा इरडाई (इंवेस्टमेंट) रेगुलेशन, 2016 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा एलआइसी इरडाइ द्वारा निर्धारित सॉल्वेंसी रेशियो से उच्चतर स्तर को बनाए हुए है। इससे पहले फरवरी में ठाकुर ने समाचार एजेंसी 'पीटीआइ' को बताया था कि सरकार एलआइसी के पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा था कि LIC के लिस्टिंग से बेहतर पारदर्शिता, लोक भागीदारी को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां, आपको पसंद आएंगी |
तीन दोस्त, जो हर समस्या से आपको बाहर निकाल ले जाते हैं - MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI Posted: 21 Sep 2020 01:11 PM PDT शक्ति रावत। महामारी के इस दौर में चारों तरफ निराशा का वातावरण है, जिस चेहरे को भी हम देखें, वही चिंता से घिरा नजर आता है, लोगों मे चिंता है, भविष्य को लेकर, आने वाले कल को लेकर। जो कि स्वाभिक भी है। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, जीवन में कि अचानक यह महामारी का महासंकट आ गया। अब सवाल यह उठता है, कि इस निराशा और नकारात्मकता के महौल में आप क्या सोच रहे हैं। इंसान की हिम्मत ने हर मुश्किल को बौना साबित किया हैक्या आप भी बाकी लोगों की तरह सिर्फ चिंता ही कर रहे हैं, या फिर आपके पास इस चुनौती से निपटने का कोई प्लान है, जीवन तो हमेशा से ही अनिश्चत है, कब क्या हो कोई नहीं जानता, लेकिन इसके बाद भी इंसान ने अपने हौंसले और साहस से हमेशा चुनौतियों का डटकर सामना किया है। हमारा इतिहास इस बात का गवाह है, कि इंसान की हिम्मत ने हर मुश्किल को बौना साबित किया है। समस्या से बाहर निकलने आपको कौन से दोस्तों की जरूरत पड़ेगीजब कोई मुश्किल या चुनौती सामने होती है, तब दो ही रास्ते होते हैं, या तो हम बैठकर उसकी चिंता करें और रोना रोएं और या फिर उससे बाहर निकलने का रास्ता तलाशने में जुट जाएं। मैं हमेशा दूसरा रास्ता अपनाने को कंहूूगा, क्योंकि यह आशा और उम्मीद से भरा हुआ है, और दूसरे विकल्प पर चलने के लिए आपको तीन मित्र चाहिये, तो आईये आज बात करते हैं, ऐसे ही तीन साथियों की, जिनसे दोस्ती करके आप इस विपरीत पस्थिति में हिम्मत रखने के साथ ही आगे का रास्ता तय कर सकते हैं। जो आपको परिस्थिति के मुकाबले की प्रेरणा देंगे। इनमें सबसे पहला साथी है, विश्वास-दूसरे क्या कहते हैं, यह कीमती नहीं है, बल्कि कीमती यह है, कि आप क्या सोचते हैं, जब दूसरे हालात को कोस रहे हैं, तब भी अगर आपके मन में भरोसा कायम है, मतलब आप सही रास्ते पर हैं, यह यकीन रखिये कि दुनिया में कोई ताला ऐसा नहीं है, जिसकी चाबी ना हो, ऐसे ही ईश्वर ने ऐसी कोई समस्या नहीं बनाई जिसका समाधान ना हो या जो कभी खत्म ही ना हो, दुनिया में इससे पहले भी कई समस्याएं आईं और चलीं गईं, ऐसे ही आज नहीं तो कल यह महामारी का संकट भी चला जाने वाला ही है, यह भरोसा अपने अंदर जगाईये। दूसरा है, कोशिश-बेशक इस साल बुरे वक्त की शुरूआत के बाद से बहुत लोगों ने दुनिया में बहुत कुछ खोया है, तकलीफों और समस्याओं की हजारों कहानियां है, लोगों के पास। लेकिन हम परिणाम से डरकर कोशिश करना नहीं छोड़ सकते, क्योंकि कोशिश ही हर बार आपको आगे ले जाती है। मानाकि, आपकी समस्या भी कम छोटी नहीं होगी, लेकिन दुनिया में लाखों लोग सबकुछ खोने के बाद फिर आगे बढऩे की कोशिश कर रहे हैं, फिर आप इतनी जल्दी कैसे हार मान सकते हैं। नहीं, आपको फिर कोशिश करनी चाहिए, कोशिश करना मत छोडिय़े। गुच्छे की कौन सी चाबी आपकी किस्मत का ताला खोल देगी कोई नहीं जानता, और तीसरा और अंतिम दोस्त है, हिम्मत-विश्वास और कोशिश से पहले हर इंसान को हिम्मत की जरूरत पड़ती है, दुनिया के इतिहास पर नजर डालें तो सैकड़ों नाम गिनाये जा सकते हैं, जिन्होंने अपनी हिम्मत से जिंदगी की कहानी को बदल दिया। गांधीजी भीड़ के सामने बोलने से डरते थे, बु्रसली बचपन में बहुत बीमार रहा करते थे, और उनकी आंखें कमजोर थी, हमारे वर्तमान पीएम का बचपन गरीबी में बीता तो वहीं बेयर ग्रिल्स की रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद डॉक्टरों को उनके फिर से खड़े होने का भी भरोसा नहीं था। बावजूद इसके वे आज दुनिया के लगभग सभी ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ चुके और दुनियाभर के खतरे उठाते हैं, इनमें से किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं थी। ये सिर्फ चंद नाम है, ऐसे और भी कई लोग हैं, जिन्होंने हिम्मत जुटाकर तकदीर का रूख मोड़ दिया। आपने एक कहावत अगर सुनी होगी, जिसका आसान अनुवाद होता है, कि हिम्मत करने वाला हाथी को भी बांध सकता है, और मैं मानता हूं आपके अंदर भी हिम्मत की कोई कमी नहीं है। तो बस चिंता को खूंटी पर टांग दीजिए, और उम्मीद का दामन पकडिय़े। मैं यह भी मानता हूं कि विपरीत परिस्थति में हिम्मत बनाये रखना आसान नहीं होता, लेकिन इसके अलावा दूसरा विकल्प नहीं अगर हमें इस अंधेरी रात से बाहर निकलना है, तो हिम्मत चाहिए। आपको खुद से कहना होगा, कि मैं इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं हूं, मैं इस अंधेरे बाहर जरूर निकलकर दिखाऊंगा, और देखना आप जरूर विजेता बनकर निकलेंगे, क्योंकि आप टूटने के लिए नहीं बल्कि रिकार्ड तोडऩे के लिए बने हैं। लेखक शक्ति रावत, मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं। |
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