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Friday, September 25, 2020

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)

Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh)


JABALPUR में सप्ताह में 1 दिन बाजार बंद, निकट के क्षेत्रों में 2 दिन - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 08:04 AM PDT

जबलपुर।
कोरोना संक्रमण के दौर में अब सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक व्यापार होगा, रविवार को पूर्ण अवकाश रहेगा, यह निर्णय गुरुवार को महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सभा कक्ष में सभी व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों की विशेष बैठक में लिया गया।

बैठक में पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय विश्नोई और केंट विधायक अशोक रोहाणी विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाएँ बनाने में शासन का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही यह भी जानकारी दी कि जबलपुर से लगे हुए सभी क्षेत्रों पाटन, कटंगी, मझौली, सिहोरा आदि में सीमित व्यापार समय एवं दो दिवसीय साप्ताहिक अवकाश शनिवार और रविवार का निर्णय लिया गया है। 

चेम्बर के मानसेवी मंत्री शंकर नाग्देव ने बताया कि नगर के विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक मेें व्यापार एवं उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने की दृष्टि से गहन विचार-विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया। चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के तहत व्यावसायिक गतिविधियाँ समय अनुसार करने की अपील की।

रविवार को खुला रहेगा सराफा बाजार 8 सराफा कारोबारियों ने अन्य व्यापारी संघों के रविवार पूर्णत: बंद के आग्रह को ठुकराते हुए तय किया है कि सराफा पहले की तरह मंगलवार को ही बंद रखा जाएगा। रविवार को सराफा दुकानें खुली रहेंगी।

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MP CORONA: 32 जिलों में भारी संक्रमण, इलाज के लिए गहने गिरवी रखने पड़ रहे हैं - UPDATE NEWS

Posted: 25 Sep 2020 08:00 AM PDT

भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव की रैलियों और सभाओं के कारण पिछले 1 महीने में आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश में संक्रमण तेजी से फैलता हुआ दिखाई दिया है। 32 जिले ऐसे हैं जहां प्रत्येक जिले में एक हजार से ज्यादा लोग महामारी से पीड़ित हुए। यह बताने की जरूरत नहीं कि परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित हो जाने का मतलब कम से कम 1 महीने के लिए पूरे परिवार के रोटी रोजगार बंद हो जाते हैं। पहले सरकार फ्री इलाज करवा रही थी परंतु अब तो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जमीनों की रजिस्ट्री और गहने गिरवी रखने पड़ रहे हैं। मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी का रिकॉर्ड बताता है कि गहने गिरवी रख कर नगद पैसे लेने वालों की संख्या कम से कम दोगुनी हुई है। 




MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 25 SEPTEMBER 2020

संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 25 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:- 
25603 सैंपल की जांच की गई।
149 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
23376 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
2227 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
30 मरीजों की मौत हो गई।
2743 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 117588 
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2152 
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 93238 
25 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 22198 

MADHYA PRADESH COVID UPDATE NEWS TODAY 25 SEPTEMBER 2020 

कई दिनों बाद आज की सरकारी रिपोर्ट में डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों से ज्यादा है। 
आज की रिपोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 8.6% बताई गई है। सितंबर के महीने में शायद यह पहला दिन है जब पॉजिटिविटी रेट 9% से कम है। 
जिन जिलों में उपचुनाव नहीं है एवं उपचुनाव वाली विधानसभा में आने जाने का रास्ता नहीं है वहां संक्रमण काफी कम है। 
ग्वालियर में हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद राजनीतिक कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। 
इंदौर में मुख्यमंत्री हो ठंडा खाना देने वाले खाद्य अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया परंतु मुख्यमंत्री के जाने के बाद सामूहिक भोजन कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले आयोजक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। 
बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी हो चुका है। 29 सितंबर को मध्यप्रदेश उपचुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। सरकार और दोनों पार्टियों के नेता चुनाव में व्यस्त रहेंगे। जनता को अपना ध्यान खुद रखना पड़ेगा। 

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GWALIOR: पति की आंख में जलती सिगरेट, पत्नी पर बीयर उड़ेलने वाले 3 रईसजादे गिरफ्तार - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 08:08 AM PDT

ग्वालियर
। जीवाजी यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र स्थित गोविंदपुरी रोड पर पति-पत्नी के साथ हैवानियत करने वाले 5 आरोपियों में से तीन गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इससे पहले एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया था अब पांचवा आरोपी फरार है। सभी करोड़पति परिवारों से हैं। आरोप है कि रास्ते से जा रहे एक दंपति पर अश्लील कमेंट किया और जब उन्होंने विरोध किया तो पति के सर पर बीयर की बोतल फोड़ दी, उसकी आंख में जलती सिगरेट डाल दी और उसके सामने उसकी पत्नी पर बीयर उड़ेल दी। 

घटना के 24 घंटे में एक आरोपित विक्की यादव को गिरफ्तार किया था। उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जबकि बाकी आरोपितों की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। इसी दौरान गुरुवार की रात को पुलिस को सूचना मिली कि राज राय, अनिल यादव व दौलत यादव निवासी घासमंडी अपने घरों में मौजूद हैं। तीनों फरार होने की तैयारी में हैं। पुलिस ने रात में ही इनके घरों पर दबिश दी और तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अब फरार आरोपित छोटू की तलाश में मुखबिरों को सक्रिय कर दिया है। खबर है कि कुछ संभावित ठिकानों की जानकारी भी पुलिस को लगी है, इन स्थानों पर दबिश देने के लिए पुलिस पार्टी रवाना की जा रही है। 

हैवानियत भरी घटना का विवरण

गोविंदपुरी रोड पर बाल सम्प्रेक्षण गृह के सामने पति के साथ खाना खाकर लौट रही 24 वर्षीय महिला व उसके पति से सफेद रंग की स्विफ्ट कार सवार बदमाशों ने हैवानियत दिखाई थी। घटना 16 सितंबर की रात 11 बजे की थी। आरोपितों ने महिला के पति के सिर पर बीयर की बोतल फोड़ी, आंख में जलती सिगरेट घुसेड़ दी। इसके बाद महिला को घसीटकर सड़क किनारे ले गए। एक बदमाश ने उस पर बीयर की बोतल उड़ेल दी। महिला को सड़क पर छेड़ा फिर कार में डालकर ले जाने की कोशिश की। 

दंपती के साथ उनका एक दोस्त अमित भी था। उसको भी बेरहमी से पीटा गया। पीड़ित दंपती थाना पहुंचे तो वहां प्रधान आरक्षक रामकिशन मिले। उन्होंने बिना सुने समझे मारपीट का मामला दर्ज कर खानापूर्ति करके लौटा दिया। इससे पुलिस की संवेदनहीनता और लापरवाही का उजागर हुई।

आरोपित ने स्विफ्ट कार के बीमा के कागज पुलिस को दिखाए हैं। उसने कहा कि कार उसकी खुद की है, लेकिन उसने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। कार पर फर्जी नंबर डालकर गाड़ी चला रहा था। गौरतलब है कि आरोपित की स्विफ्ट कार पर एमपी 07 टीई 0055 नंबर दर्ज है। परिवहन विभाग की साइट पर यह नंबर किसी अन्य कंपनी के चार पहिया वाहन का दिखाई दे रहा है।

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MP COLLEGE: ऑनलाइन क्लास में उपस्थिति अनिवार्य, गाइडलाइन जारी - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 07:17 AM PDT

भोपाल
। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश के सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों को निर्देशित किया है कि अक्टूबर और नवंबर के महीने में ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जाए। गाइड लाइन में ऑनलाइन क्लास में उपस्थिति को अनिवार्य बताया गया है। 1 दिसंबर से जब कॉलेज कैंपस में क्लास शुरू होंगी तब सिलेबस के वह चैप्टर नहीं पढ़ाए गए जाएंगे जो ऑनलाइन क्लास में पढ़ाए जायेंगे।

शैक्षणिक सत्र 2020-21 की स्नातक और स्नातकोत्तर की सभी विषयों की सभी कक्षाएं एक अक्टूबर से संचालित की जाएंगी। उच्च शिक्षा विभाग ने तय किया है कि 30 नवंबर तक सभी कक्षाएं ऑनलाइन ही आयोजित की जाएंगी। इस अवधि में प्रत्येक विषय की दो इकाईयां पूर्ण की जाएंगी। कोविड-19 के संक्रमण से विद्यार्थियों एवं शैक्षणिक स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

समस्त विद्यार्थी अपने विषय के प्राध्यापकों से संपर्क स्थापित कर ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन एवं समय सारिणी के विषय में विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। महाविद्यालय के पोर्टल पर भी समय सारिणी को 28 सितंबर तक अपलोड कर दिया जाएगा। विद्यार्थी इस पोर्टल से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विद्यार्थियों की उपस्थिति उनके द्वारा ऑनलाइन कक्षा में उपस्थित होने पर ही मान्य की जाएगी। विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति 75 फीसद होनी अनिवार्य रहेगी।

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CM शिवराज सिंह को सूखी रोटी, ठंडी सब्जी और घटिया दाल खिलाई, खाद्य अधिकारी सस्पेंड - INDORE NEWS

Posted: 25 Sep 2020 08:00 AM PDT

इंदौर।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सूखी रोटी, ठंडी सब्जी और घटिया दाल खिलाने वाले खाद्य अधिकारी श्री मनीष स्वामी को सस्पेंड कर दिया गया है। इंदौर से रात 9:00 बजे रवाना हुए मुख्यमंत्री के लिए शाम 6:00 बजे ही खाना पैक करवा दिया गया था। करीब 4 घंटे बाद जब उन्होंने खाने का पैकेट खोला तो सीधे इंदौर कलेक्टर पर बरस पड़े। बता दें कि मुख्यमंत्री के लिए पौष्टिक भोजन प्रोटोकॉल का हिस्सा है।

इंदौर में बैक टू बैक कार्यक्रमों के कारण सीएम शिवराज सिंह खाना तक नहीं खा पाए

सीएम शिवराज सिंह चौहान इंदौर में कई विकास योजनाओं के शुभारंभ के लिए आए थे। उस दिन उन्हें शाम 6 बजे इंदौर पहुंचना था लेकिन रात को 8 बजे पहुंचे। लगातार कार्यक्रमों की वजह से उन्हें खाना खाने का मौका नहीं मिला। इसके साथ ही मौसम खराब होने की वजह से सीएम सड़क मार्ग से भोपाल लौटना था। उन्होंने खाना पैक करवा कर अपनी गाड़ी में रखवाने के निर्देश दिए थे। 

मुख्यमंत्री 9:00 बजे रवाना हुए, खाना 3 घंटे पहले ही पैक करवा दिया था

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खाद्य अधिकारी ने शाम 6 बजे ही खाना पैक करवा दिया। सीएम रात 9 बजे इंदौर से निकले और पैक किया हुआ खाना ठंडा हो गया और रोटियां हार्ड हो गई थीं। इस पर सीएम नाराज हो गए। उन्होंने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से नाराजगी व्यक्ति की। प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने के कारण खाद्य निरीक्षक मनीष स्वामी को निलंबित कर दिया गया है। 

10 साल से इंदौर में जमे थे मनीष स्वामी

मनीष स्वामी इंदौर में 10 साल से जमे हुए थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत जिस गुणवत्ता वाला खाना होना चाहिए था, उसमें चूक हुई है। इसलिए मनीष स्वामी पर कार्रवाई की गई है।

लापरवाही या विरोध प्रदर्शन, जांच का विषय 

मुख्यमंत्री, मंत्री एवं राजकीय अतिथियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है। यह बात खाद्य विभाग का हर कर्मचारी जानता है। मनीष स्वामी 10 साल से इंदौर में पदस्थ थे। अतः यह तो कतई नहीं माना जा सकता कि मुख्यमंत्री को ठंडा और घटिया भोजन लापरवाही के कारण दे दिया गया हो। अलबत्ता यह जरूर हो सकता है कि मुख्यमंत्री को सूखी रोटी, किसी सुनियोजित विरोध प्रदर्शन का हिस्सा हो।

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MP POLICE ASP, DSP, SDOP TRANSFER LIST / मध्य प्रदेश पुलिस की तबादला सूची

Posted: 25 Sep 2020 05:55 AM PDT

मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग ने दिनांक 25 सितंबर 2020 को राज्य पुलिस सेवा के कई अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए। ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के 19, उप पुलिस अधीक्षक स्तर के 71 अधिकारी शामिल हैं।








BHOPAL में संक्रमित बैंककर्मी का शव लेकर भटकती रही बेटी, अस्पताल वालों ने PPE किट भी नहीं पहनाई - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 05:50 AM PDT

भोपाल। 
भोपाल के जेपी हॉस्पिटल 1250 में कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत के बाद उनकी बेटी ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि अपने चाचा के साथ वह मां का शव लेकर भटकती रही। पहले तो इलाज में देरी की गई। ऑक्सीजन सप्लाई सही से नहीं हुई। अस्पताल प्रबंधन ने कोई जवाब नहीं दिया

कलेक्टर और मंत्री के दरवाजे तक खटखटा आई

राजधानी भोपाल निवासी प्रियंका ने बताया कि वह अस्पताल से कलेक्टर और मंत्री के दरवाजे तक खटखटा आई, लेकिन मदद नहीं मिली। मौत के बाद भी उसकी मां को सुकून नहीं मिला और उन्हें यूं ही छोड़ दिया गया। परिजनों ने ही रात में शव को मोर्चरी में रखा। 43 साल की मां संतोष भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक कोटरा सुल्तानाबाद ब्रांच में कार्यरत थीं। पिता की 8 साल पहले मौत के बाद मां को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वह 14 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुई थीं। दो प्राइवेट अस्पतालों में उनसे 50-50 हजार महज 18 घंटे के अंदर ले लिए गए, लेकिन इलाज अच्छे से नहीं किया गया। मजबूर होकर मैं अपनी मां को एंबुलेंस में बिठाकर करीब 13 घंटे तक शहर में इधर से उधर घूमती रही, लेकिन कहीं भी उनकी मां को भर्ती नहीं किया गया।     
 
उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई, तब जाकर जेपी अस्पताल में मां को भर्ती किया गया, लेकिन भर्ती करने के अलावा उनका किसी तरह का इलाज नहीं किया गया। मैं दिन भर अस्पताल के बाहर रहती थी। जरूरत पड़ने पर आईसीयू में जाकर मां की मदद करती थी। खाना-पीना भी उनकी तरफ से ही दिया जाता था। प्रियंका ने आरोप लगाया कि गुरुवार रात मां की मौत हो गई उसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि अब तुम शव को ले जाओ। उन्होंने ना तो मां को पीपीई किट पहनाई और ना ही वार्डबॉय तक दिया। 

प्रियंका ने बताया कि इलाज में लापरवाही को देखते हुए वह मंत्री विश्वास सारंग से भी मिलने गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह दिखाते हैं, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। मां को काफी तकलीफ हो रही थी। शाम 4:00 बजे मां से मिली थीं। उस दौरान वे ठीक लग रही थीं। उन्होंने बताया कि बीच-बीच में ऑक्सीजन नहीं मिलती है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन उनसे ही ऑक्सीजन के सिलेंडर भी यहां से वहां रखवाया गया। इस संबंध में जेपी के सिविल सर्जन आरके तिवारी से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने न तो फोन रिसीव किया और ना ही  का SMS जवाब दिया।

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आचार संहिता से घबराई सरकार ने ताबड़तोड़ ट्रांसफर और घोषणा कर डाली - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 06:28 AM PDT

भोपाल
। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने कहा था कि मध्य प्रदेश की सरकार ने उप चुनाव टालने के लिए प्रस्ताव भेजा है परंतु चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते इसलिए बिहार विधानसभा चुनाव के साथ मध्य प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव कराए जाएंगे। इसके बाद जैसे ही आज चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना आई, आचार संहिता से घबराई शिवराज सिंह सरकार ने ताबड़तोड़ ट्रांसफर और घोषणा कर डाली। इधर चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा का चुनाव कार्यक्रम घोषित किया परंतु मध्यप्रदेश के लिए 29 सितंबर 2020 की तारीख सुनिश्चित कर दी। 

मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय ने राज्य पुलिस सेवा के 90 अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट आनन-फानन में जारी कर दी। इस लिस्ट में 19 एडिशनल एसपी और शेष एसडीओपी एवं डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं। मजेदार बात यह है कि हड़बड़ाहट में गड़बड़ी भी हो गई। बैरसिया से नीतू ठाकुर का ट्रांसफर कर दिया, जिनका सालभर पहले तबादला हो चुका है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों के कार्यक्रम में किसानों की घोषणा कर दी 

आचार संहिता लागू होने वाली है, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने वाली है। इस सूचना के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हड़बड़ाहट में आकर टॉपर स्कोर लैपटॉप वितरण वाले कार्यक्रम में किसान कल्याण योजना का एलान कर दिया।

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BHOPAL के IPS स्कूल में आग, इलाके में दहशत, जांच शुरू - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 04:49 AM PDT

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल (आईपीएस) में शुक्रवार दोपहर आग लग गई। धुंआ का गुबार काफी दूर से दिखाई दे रहा था। लोगों ने इसके वीडियो बनाएं और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। 

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि अभी स्कूल पूरी तरह बंद है। सिर्फ ऑनलाइन क्लास लग रही है। ऐसे में घटना के समय स्कूल के कुछ स्टाफ के अलावा कोई नहीं था। हालांकि आग कहां से कैसे लगी? अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई। लोगों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को कॉल करना शुरू कर दिया। 

दो अलग-अलग फायर स्टेशन से गाड़ियां मौके पर भेजी गई हैं। यहां एक वीडियो में स्कूल की छत पर खड़े होकर लोग आग बुझाते हुए भी नजर आए। हालांकि, समाचार लिखे जाने तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंच गई थी। अभी किसी के हताहत होने की जानकारी भी नहीं मिल पाई है।

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INDORE: मम्मी को सब बता दूंगी बोल रही थी इसलिए मार डाला - CRIME NEWS

Posted: 25 Sep 2020 04:27 AM PDT

इंदौर।
मध्य प्रदेश के इंदौर में भंवरकुआं क्षेत्र में दुष्कर्म के इरादे से परिचित की सात साल की बच्ची को खंडहर में ले गए आरोपी ने निर्ममता की सभी हदें लांघ दी। आरोपी ने 10 मिनट तक बच्ची को इधर-उधर घुमाया। फिर बिस्किट और चॉकलेट का लालच देकर सूने खंडहर में ले गया। वहां उसके इरादे ठीक नहीं दिखे तो बच्ची चीखी, मम्मी को सब बोल दूंगी। उसका इतना कहना था कि आरोपी ने उसे सिर के बल पटका। फिर पास में सीमेंट लगी ईंट उसके सिर पर दे मारी। इससे उसका जबड़ा टूट गया।

कनपटी में मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए। दो-तीन वार और किए व फिर उस पर चारा पटककर भाग गया। गंभीर घायल बच्ची ने गुरुवार तड़के 3 बजे अस्पताल में दम तोड़ दिया। रातभर अस्पताल में सीएसपी, टीआई सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। सीएसपी दिशेष अग्रवाल के अनुसार बच्ची के इलाज के लिए डॉ. दीपक कुलकर्णी और डॉ. रस्सीवाला को बुलाया। रात 2 बजे तक उसकी हालत स्थिर थी, लेकिन लगातार खून बह रहा था। उसे 4 यूनिट खून चढ़ाया। अचानक उसे झटके आए। फिर उसकी सांसें चली गईं। डॉक्टर ने सीने पर प्रेस किया तो दो बार सांस लौटीं। ईसीजी भी ठीक हुई, पर तीसरी बार में वह नहीं बची।

भंवरकुआं टीआई इंद्रेश त्रिपाठी के अनुसार, बच्ची के लापता होने के बाद जब उसके पिता के ममेरे भाई (चाचा) को गिरफ्तार किया तो वह बोला कि मैंने कुछ नहीं किया है। चाहो तो मेरे कपड़े देख लो। ऐसा इसलिए बोला, क्योंकि वह कपड़े बदल चुका था। उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाए तो रोने लगा। फिर बोला कि उससे गलती हो गई और माफी मांगने लगा। उसने बताया कि बुधवार शाम घर से ही सोचकर गया था कि बच्ची से गलत काम करूंगा। पहले घर के आसपास घूमता रहा। वह दूसरी मंजिल पर रहती है, उसे इशारा करके नीचे बुलाया। पहली मंजिल पर मैं लेने चला गया। फिर उसे बिस्किट व चॉकलेट दिलाई। अंधेरा देख खंडहर की तरफ ले गया। टीआई के मुताबिक, आरोपी का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ है, इसलिए ज्यादा सख्ती नहीं कर सके।

टीआई ने बताया कि बच्ची के घर से 300 मीटर दूरी खाली मैदान में एक टूटा-फूटा मकान है। वहां जाने के रास्ते पर घुटने-घुटने पानी भरा हुआ है। बच्ची को तलाशते हुए वहां पहुंचे तो पहले कुछ युवकों को भेजा। टार्च लेकर पहुंचे युवक चिल्लाए यहीं है, यहीं है बच्ची। वहां जाकर देखा तो वह खून से सनी थी।

मां का दर्द 

मेरी परी की जान ले ली उसने, हैवान है वह हैवान...ऐसी कई परियां शहर में थीं, जिनके हत्यारे जेल में हैं। सबको फांसी पर टांग देना चाहिए। सबको इंसाफ मिलना चाहिए।

जिला अस्पताल में डॉ. भरत वाजपेयी और डॉ. अर्चना मिश्रा ने पीएम किया। इसमें यौन शोषण की पुष्टि तो नहीं हुई, लेकिन उसे किस तरह मारा, इसका खुलासा हुआ। बच्ची के सिर में मल्टीपल फ्रैक्चर मिले।

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GWALIOR स्टेशन पर युवती ने छोले-भटूरे खाये, झांसी में मौत: आरोप - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 05:28 AM PDT

ग्वालियर।
हरियाणा के करनाल से परिवार के साथ गोवा जा रहीं काजल (23) की गुरुवार काे गोवा एक्सप्रेस में संदिग्ध परिस्थिति में माैत हाे गई। उनके साथ मां, छोटी बहन और भाई के अलावा उनकी बेटी भी गोवा जा रही थीं।

ट्रेन के ग्वालियर से निकलने के बाद उन्हें सिर में दर्द होने लगा। झांसी पहुंचने पर उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद वह ट्रेन में टॉयलेट गईं। काफी देर तक जब बाहर नहीं लौटीं तो भाई प्रमोद देखने गया, तब काजल टॉयलेट में बेसुध पड़ी थी। इसके बाद रेलवे स्टाफ को सूचना दी गई।  

ट्रेन को ललितपुर स्टेशन में रोककर महिला के शव को उतारा गया। प्रमोद ने आरोप लगाया कि ग्वालियर स्टेशन पर छोले-भटूरे खरीदे थे, जिसे काजल और अन्य लोगों ने खाया था। इससे उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हाे गई। मामले में झांसी आरपीएफ ने ग्वालियर के आरपीएफ टीआई आनंद स्वरूप पांडेय से पूछा कि क्या स्टेशन पर छोले भटूरे बिकते हैं? श्री पांडेय ने उन्हें बताया कि हां, बिकते हैं।

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चुनावी सभाओं पर प्रतिबंध, घर-घर जनसंपर्क और वर्चुअल प्रचार होगा: चुनाव आयोग - ELECTION 2020 COVID-19 RULES

Posted: 25 Sep 2020 04:47 AM PDT

नई दिल्ली।
भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि इस चुनाव में बड़ी चुनावी सभाएं नहीं होंगी। 5 लोगों की टीम जनसंपर्क कर सकती है। इसके अलावा वर्चुअल चुनाव प्रचार की अनुमति रहेगी। 

चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें

नामांकन के दौरान उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा वाहन नहीं जा सकते हैं।
एक बूथ पर होंगे सिर्फ 1,000 मतदाता। 
कोरोना मरीज वोटिंग के आखिरी घंटे में वोट डाल पाएंगे। 
पांच से ज्यादा लोग एक साथ किसी के घर जाकर प्रचार नहीं करेंगे। 
विधानसभा कैंडिडेंट समेत कुल 5 लोग ही डोर टू डोर कैंपेन में शामिल होंगे। 
5 से ज्यादा लोग घर जाकर प्रचार नहीं कर पाएंगे। 
सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक होगी वोटिंग। 
मतदान का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है। 
नामांकन ऑनलाइन भी किया जा सकेगा। 

नए सुरक्षा मानकों के तहत कोरोना काल में चुनाव की तैयारी की गई है। 
7 लाख हैंड सैनेटाइजर, 6 लाख पीपीई किट्स, 7,6 लाख बेड्सशीट, 23 लाख हैंड ग्लब्स का इंतजाम किया गया है।
कोविड के चलते नए सुरक्षा मानकों के तहत चुनाव होंगे। 
पोलिंग बूथ पर मतदाताओँ की संख्या घटाई जाएगी। एक बूथ पर 1 हजार मतदाता होंगे। 
चुनाव नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है। इसलिए चुनाव कराने जरूरी हैं। 

25 सितम्बर को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव घोषित नहीं, मंगलवार को फैसला लेंगे - MP BY-ELECTION DATE and PROGRAM

Posted: 25 Sep 2020 05:10 AM PDT

भोपाल
। भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा घोषणा नहीं की गई। जबकि इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि मध्य प्रदेश के उप चुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं मध्यप्रदेश शासन की ओर से उप चुनाव टालने के लिए प्रस्ताव आया था। इसलिए उप चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। मंगलवार दिनांक 29 सितंबर 2020 को आयोजित होने वाली बैठक में इस विषय पर बातचीत की जाएगी और फैसला लिया जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि कोविड के चलते 70 से ज्यादा देशों ने अपने देश के चुनाव टाल दिए हैं। कोरोना काल में लोगों के हेल्थ और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। चुनाव आयोग ने इसके लिए काफी तैयारी की है। चुनाव कार्यक्रम को भी इसी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनावों में हमने ऐसा किया है। चुनाव नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है। इसलिए चुनाव कराने जरूरी है। 

ग्वालियर-चंबल में होगा मुख्य मुकाबला 

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव होना है परंतु मुख्य मुकाबला ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर होगा। सभी 16 विधानसभा क्षेत्रों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव माना जाता है जिन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार गिराई और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर शिवराज सिंह सरकार बनवाई। 

कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भविष्य का चुनाव 

मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव 2018 में हुए थे। 15 महीने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार चली और पिछले 6 महीने से शिवराज सिंह सरकार काम कर रही है। उपचुनाव में 28 जीत हार से मध्य प्रदेश की जनता का कुछ खास भला नहीं होगा क्योंकि दोनों ही पार्टियां 2018 के घोषणा पत्र को पूरा नहीं करेंगी। 

लेकिन कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह उनके राजनीतिक भविष्य का चुनाव है। यदि ग्वालियर-चंबल की सीटों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया हार गए तो उनके पास से ग्वालियर-चंबल का नेता होने का तमगा छिन जाएगा। और यदि ग्वालियर-चंबल के बाहर 12 विधानसभा सीटों पर कमलनाथ हार गए, तो जय-जय कमलनाथ की जगह, हाय-हाय कमलनाथ सुनाई देगा।

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MP EDUCATION: संचालक स्तर के अधिकारियों की तबादला सूची - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 04:47 AM PDT

भोपाल
। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने संचालक स्तर के अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। इस लिस्ट में कुल 8 अधिकारियों के नाम है। ट्रांसफर लिस्ट उपसचिव अनुभा श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से जारी की गई।

राज्य शिक्षा केंद्र भाेपाल में पदस्थ संयुक्त संचालक आरके सिंह काे इंदाैर संभाग का संयुक्त संचालक बनाया गया है। इसी पद पर इंदाैर में पदस्थ मनीष वर्मा काे सागर संभाग का जेडी बनाया गया है। ग्वालियर में पदस्थ संयुक्त संचालक काे नर्मदापुरम यानी हाेशंगाबाद संभाग में पदस्थ किया गया है। 

उज्जैन में प्रभारी संयुक्त संचालक के ताैर पर पदस्थ उप संचालक काे ग्वालियर का प्रभारी संयुक्त संचालक बनाया गया। डाइट छिंदवाड़ा में पदस्थ प्राचार्य अनघा देव काे जबलपुर संभाग का प्रभारी संयुक्त संचालक बनाया गया। अनूपपुर के जिला शिक्षा अधिकारी सच्चिदानंद पांडे काे पन्ना का डीईओ बनाया गया है। 

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INDORE में चोइथराम सहित 3 मंडियों में अनिश्चितकालीन हड़ताल - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 12:22 AM PDT

इंदौर।
मध्यप्रदेश में कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन कर मॉडल एक्ट लागू किया गया है। इसका विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर मंडी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इंदौर की तीनों प्रमुख मंडियां चोइथराम, छावनी और लक्ष्मीबाई नगर के कर्मचारी भी शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। हड़ताल में करीब इंदौर के एक हजार कर्मचारी भी शामिल हैं।

हड़ताल के संबंध में जानकारी देते हुए इंदौर चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी के प्रभारी प्रदीप जोशी ने बताया कि प्रदेश की सभी मंडियों, जिसमें 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ये कर्मचारी मंडी एक्ट में सुधार न होने तक अनिश्चितकाल तक के लिए हड़ताल पर हैं। आने वाले दिनों में फल एवं सब्जी के साथ ही इससे जुड़ी अन्य सामग्री के दाम बढ़ने की संभावना है। 

मंडियों के व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज कारोबार में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि 1 मई 2020 को अध्यादेश लाया गया है, जो कि प्रदेश के किसानों, हम्माल, तुलावटियों, व्यापारियों, मंडी और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के हित में नहीं है। व्यापारियों की मांग है कि इस अध्यादेश को तुरंत निरस्त किया जाए। साथ ही मंडियों में वसूल किए जाने वाले 1.70 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 0.50 प्रतिशत किया जाए।

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INDORE मंडी का माफिया बन बैठा सचिव सस्पेंड - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 12:08 AM PDT

इंदौर।
इंदौर मंडी में माफिया की तरह राज कर रहे कृषि उपज मंडी समिति के सचिव मानसिंह मुनिया को सस्पेंड कर दिया गया है। श्री मुनिया के खिलाफ कई कर्मचारी संगठनों ने शिकायत की थी। खुद इंदौर कलेक्टर भी निरीक्षण के समय नकारात्मक टिप्पणी कर चुके थे। मानसिंह मुनिया पर आरोप है कि उन्होंने कृषि उपज मंडी इंदौर के अंतर्गत आने वाली शासकीय संपत्ति का अपनी मर्जी के मुताबिक आवंटन कर दिया। व्यापारियों एवं किसानों को परेशान किया और शासन के निर्देशों का उल्लंघन किया। श्री मानसिंह मुनिया ने 15 अगस्त को ध्वजारोहण के समय हवाई फायर भी किए थे।

मानसिंह मुनिया को मंडी बोर्ड कार्यालय में अटैच किया गया

मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक संदीप यादव ने मंडी सचिव मानसिंह मुनिया के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। मुनिया को लेकर लंबे समय से इंदौर के विभिन्न विभागों, संगठनों, कर्मचारियों द्वारा शिकायत की जा रही थी। इसी पर कार्रवाई करते हुए यह निर्णय लिया गया। मुनिया कृषि उपज मंडी समिति इंदौर में ज्वाइनिंग के बाद से ही लगातार विवादों में रहे हैं। श्री मानसिंह मुनिया को इंदौर के बाहर भोपाल अटैच किया गया है।

इन मामलों में दोषी समझते हुए सस्पेंड किया गया

आलू-प्याज और लहसुन में विपणन व्यवस्था में अनियमितता।
मंडी में 9 दुकानों के अवैध आवंटन।
फल और सब्जी मंडी की कैंटीन का अवैध आवंटन।
काेविड संक्रमण की लॉकडाऊन अवधि में फल व सब्जी मंडी पर नियंत्रण का अभाव।
व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण में अनियमितता।
फल व सब्जी मंडी में फीस का अपवचन करने में दोषी।
15 अगस्त को मंडी परिसर में ध्वजारोहण के दौरान हर्ष फायर पर एफआईआर।
किसानों का भुगतान नहीं होने पर लगातार शिकायतें मिलना।
दो बार कलेक्टर और एक बार राजस्व आयुक्त के मंडी निरीक्षण में अनाधिकृत तौर पर अनुपस्थित रहना। 
मंडी के कार्य में लगातार सुधार किए जाने के निर्देश के बावजूद उदासीनता बरतना।

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BHOPAL के 10 इलाके जहां सबसे ज्यादा कोरोनावायरस संक्रमित लोग मिले - MP NEWS

Posted: 25 Sep 2020 04:47 AM PDT

भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। चिंता की बात यह है कि इस बार भोपाल शहर के आम नागरिक महामारी का शिकार हो रहे हैं। इससे पहले तक जमात के लोग, स्वास्थ्य विभाग के लोग, राजनीति से जुड़े लोग और इस तरह श्रेणी विशेष के लोग संक्रमित हो रहे थे लेकिन अब भोपाल शहर में कोरोना का कहर दिखाई देने लगा है। 

भोपाल शहर की कॉलोनियों के नाम जहां कोविड-19 के सबसे ज्यादा पीड़ित मिले (23 सितंबर की स्थिति में)

कोलार 242 : प्रियंका नगर, राजहर्ष, दानिश कुंज, फॉर्च्यून इंक्लेव, सर्वधर्म।
कमला नगर 215 : राजीव नगर, कोटरा, राहुल नगर, नेहरू नगर, आकृति गार्डन।
टीटी नगर 227 : पंचशील नगर, तुलसी नगर, हर्षवर्धन नगर, शास्त्री नगर, बाणगंगा।
बागसेवनिया 191 : साकेत नगर, बागसेवनिया, कुंजन नगर, अमराई, एम्स परिसर।
शाहपुरा 126 : शाहपुरा सी सेक्टर, रोहित नगर, बावड़ियाकला, आकृति ईको सिटी, ईश्वर नगर।
शाहजहांनाबाद 122 : प्रभु नगर, ईदगाह हिल्स, पीएनबी कॉलोनी, मदर इंडिया कॉलोनी, बाजपेयी नगर।

कोहेफिजा 184 : जैन नगर, लालघाटी, इंद्र विहार कॉलोनी, बीडीए कॉलोनी, बरेला गांव, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जीएमसी।
अयोध्या नगर 53 : मिनाल रेसीडेंसी, नरेला शंकरी, वृंदावन नगर, अयोध्या नगर, संतोषी विहार।
तलैया 21 : बुधवारा, चौबदारपुरा, दुर्गा चौक, इस्लामपुरा, फतेहगढ़। 

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गिलहरी की पीठ पर धारियां क्यों होती है, क्या सचमुच भगवान राम ने बनाई है - GK IN HINDI

Posted: 25 Sep 2020 12:23 AM PDT

यदि आप बाग-बगीचा, खेत या जंगल में आते जाते रहते हैं तो गिलहरी को जरूर जानते होंगे। देहात यानी ग्रामीण क्षेत्रों में इसे श्रीराम की गिलहरी भी कहते हैं। इस की पीठ पर धारियां बनी होती है। सवाल यह है कि यह धारियां क्यों बनती है। क्या वह कहानी सही है जिसमें बताया गया है कि भगवान श्री राम के कारण ऐसी धारियां बनती है।

श्रीरामचरितमानस में गिलहरी का प्रसंग 

भगवान राम जब रामेश्वरम से लंका तक के लिए समुद्र पर पुल बना रहे थे तब एक नन्हीं सी गिलहरी भी श्रमदान कर रही थी। वह समुद्र के पानी में डुबकी लगाती फिर किनारे पर गुलाटी मारकर अपने शरीर में बालू (रेत) चिपका लेती और पुल पर जाकर अपने शरीर में कंपन पैदा करके रेत के कण गिरा देती थी। भगवान श्रीराम ने जब उसे ऐसा करते हुए देखा तो उस पर असीम प्रेम उमड़ पड़ा। प्रभु श्री राम ने नन्हीं सी गिलहरी को अपनी गोद में उठाकर प्रेम पूर्वक उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसके श्रमदान की सराहना की। साथ ही आशीर्वाद दिया कि सृष्टि में जब भी कोई तुम्हें देखेगा तो उसे मेरा स्मरण हो जाएगा और वह तुम्हें मेरी ही तरह प्रेम और सम्मान देगा। कहते हैं कि गिलहरी की पीठ पर भगवान श्री राम के हाथों के निशान आज भी मौजूद है। यह निशान हर जन्म लेने वाली गिलहरी की पीठ पर होते हैं। 

गिलहरी की धारियों के बारे में विज्ञान क्या कहता है 

जीव विज्ञानी आर. मालारिनो ने इस संदर्भ में काफी रिसर्च किया। नेचर मैगजीन में उनकी रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। श्री आर. मालारिनो के अनुसार गिलहरी, जेब्रा और अफ्रीका में पाया जाने वाला एक खास किस्म का धारीदार चूहा तीनों के शरीर पर लगभग एक जैसी धारियां होती है। एमआईटीएफ नामक जीन उन कोशिकाओं का प्रमुख नियमनकर्ता है जिन्हें मेलेनोसाइट या रंजक कोशिका कहते हैं। ये कोशिकाएं रंजक ( Pigment) बनाती हैं जो बालों और त्वचा की कोशिका में रंग भरने का काम करता है। 

गिलहरी दुनिया में कहां-कहां पाई जाती है

गिलहरियाँ छोटे व मध्यम आकार के कृन्तक प्राणियों की विशाल परिवार की सदस्य है जिन्हें स्कियुरिडे कहा जाता है। इस परिवार में वृक्षारोही गिलहरियाँ, भू गिलहरियाँ, चिम्पुंक, मार्मोट (जिसमे वुड्चक भी शामिल हैं), उड़न गिलहरी और प्रेइरी श्वान भी शामिल हैं। यह अमेरिका, यूरेशिया और अफ्रीका की मूल निवासी है और आस्ट्रेलिया में इन्हें दूसरी जगहों से लाया गया है। लगभग चालीस मिलियन साल पहले गिलहरियों को पहली बार, इयोसीन में साक्ष्यांकित किया गया था और यह जीवित प्रजातियों में से पर्वतीय ऊदबिलाव और डोरमाइस से निकट रूप से सम्बद्ध हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

8 तरह की दालों के नाम और उनके फायदे, हर रसोई घर में होना जरूरी है - HEALTH TIPS

Posted: 24 Sep 2020 10:02 PM PDT

लॉकडाउन में सारा देश दालों के इंपोर्टेंस को समझ चुका है। दाल-रोटी गरीबों का नहीं बल्कि स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वालों का भोजन है। क्योंकि दालों में प्रोटीन के अलावा कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिंस, फास्फोरस सहित कई प्रकार के खनिज तत्व पाए जाते हैं। जो मनुष्य के शरीर के लिए अत्यंत जरूरी है।

1. पीली मूंग दाल की खास बात

मूंग दाल दो प्रकार की होती है हरी और पीली। धुली और छिली हुई मूंग दालें पीले रंग की होती हैं। दालों में प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है। पकाने में आसान होने के साथ ही यह पचाने में भी आसान होती है। साथ ही शाकाहारी लोगों की पसंदीदा डिशेज़ में से भी एक है।

पीली मूंग दाल में क्या होता है

पीली मूंग दाल मे 50 प्रतिशत प्रोटीन, 20 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 48 प्रतिशत फाइबर, 1 प्रतिशत सोडियम और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ना के बराबर होती है। बीमार लोगों के लिए पीली मूंग दाल बहुत फायदेमंद होती है। दाल के साथ-साथ इसका सूप भी पिया जा सकता है। भारत में इसे ज्यादातर रोटी और चावल के साथ खाया जाता है।

पीली मूंग की दाल के फायदे

पीली मूंग दाल में प्रोटीन, आयरन और फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स वाली इस दाल में फैट बिल्कुल नहीं होता।
अन्य दालों की अपेक्षा पीली मूंग दाल आसानी से पच जाती है।
इसमें मौजूद फाइबर शरीर के फालतू कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
बीमारी में इस दाल का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
गर्भवती महिलाओं को भी हफ्ते में कम-से-कम 3 दिन इस दाल का सेवन करना चाहिए।
इसमें मौजूद अनेक प्रकार के तत्वों से बच्चों से लेकर बड़ों तक को कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे होते हैं।
स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चों में विकास संबंधी कई जरूरी पोषण की कमी पूरी करती है।
पीली मूंग दाल, चना दाल, मसूर दाल, काली बीन्स, उड़द दाल, अरहर, हरी मूंग दाल,लोबिया।

2- चना दाल की खास बातें

मकई के दानों जैसे दिखने वाले ये छोटे-छोटे चने होते हैं। काले चनों को दो टुकड़ों में तोड़कर उन्हें पॉलिश करके चना दाल तैयार किया जाता है। यह भारतीय खाने का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। लजीज और पौष्टिक होने के साथ ही पचने में भी आसान होते हैं। खाने के अलावा सौंदर्य बढ़ाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। जो बेसन होता है, वो आटे के साथ पीसकर बनाया गया इसका ही एक रूप है जिसका प्रयोग भी भारत के कई राज्यों में व्यजनों के तौर पर किया जाता है।


चने दाल में भी प्रोटीन और फाइबर की सबसे ज़्यादा मात्रा पाई जाती है, जो पाचन की दृष्टि से बहुत लाभदायक है। 100 ग्राम चना दाल में 364.5 kcal, 10-11 ग्राम फाइबर, 20 ग्राम प्रोटीन और सिर्फ 5 ग्राम फैट होता है।

चना दाल के फायदे

चना दाल में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है जो कोलेस्ट्रॉल कम करती है।
स्वादिष्ट होने के साथ ही इसमें ग्लाइसमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
चना दाल में जिंक, फोलेट, कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं।
वसा की मात्रा बहुत कम होती है। इसमें सिर्फ पौलीअनसैचुरेटेड फैट होता है।
इसके सेवन से एनीमिया, कब्ज, पीलिया, डिसेप्सिया, उल्टी और बालों के गिरने की समस्या दूर हो जाती है।

3- मसूर दाल की खास बातें

दालों को कच्चा खाना मुश्किल है। इसकी वजह है इनमें मौजूद एंटीन्यूट्रिएंट्स। इसके लिए दालों को रात भर या कुछ देर भिगोने के बाद ही पकाना सही रहता है। शाकाहारी लोगों के भोजन में शामिल एक और दाल, मसूर दाल। मसूर दाल तीन प्रकार की होती है साबुत, धुली और छिली हुई। बिना छिलके की इस दाल का रंग लाल होता है। हल्की होने के कारण यह जल्दी पक जाती है। इस दाल को ढककर पकाने से इसमें मौजूद विटामिन सी की मात्रा बराबर बनी रहती है। दस्त, बहुमूत्र, प्रदर, कब्ज और अनियमित पाचन क्रिया में इस दाल का सेवन फायदेमंद होता है।
मसूर में प्रोटीन, कैल्शियम, सल्फर, कार्बोहाइड्रेट, एल्युमीनियम, जिंक, कॉपर, आयोडीन, मैग्नीशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन और विटामिन डी जैसे तत्व पाए जाते हैं।

मसूर दाल के फायदे

नॉन-वेजिटेरियन्स के सारे जरूरी पोषक तत्व उन्हें चिकन और मटन से मिल जाते हैं, लेकिन वेजिटेरियन्स के लिए पोषक तत्वों का सबसे बड़ा खजाना दालों में ही मौजूद होता है। इसमें मौजूद अमिनो एसिड जैसे आईसोल्यूसीन और लाईसीन से बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है।
इस दाल में फाइबर भी उच्च मात्रा में पाया जाता है।
प्रोटीन के अलावा, इसमें फोलेट, विटामिन बी1, मिनरल्स, पोटैशियम, आयरन और लो कोलेस्ट्रॉल होता है।
पेट के रोगों से लेकर पाचन क्रिया से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।
मसूर की दाल का सूप पीने से आंतों और गले से संबंधित रोगों में आराम मिलता है।
दाल का पाउडर बनाकर दांतों पर रगड़ने से दांतों के सभी रोग भी दूर हो जाते हैं। साथ ही उनमें चमक भी आती है।
एनीमिया के रोगी के लिए यह दाल बहुत ही फायदेमंद है। कमजोरी की समस्या भी दूर होती है।
मसूर की दाल का भस्म बनाकर घावों पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
मसूर की दाल को रात में भिगोकर सुबह दरदरा पीसकर दूध के साथ चेहरे पर लगाने से चेहरे में निखार आता है। साथ ही दाग-धब्बे, पिंपल्स आदि से छुटकारा भी मिलता है।

4- काली बीन्स की खास बातें एवं गुण

छोटे-छोटे काले, चिकने से दिखने वाले ब्लैक बीन्स भारत में ही नहीं, अमेरिका में भी आम तौर पर खाए जाते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होते हैं। महज एक कप काले बीन्स के सेवन से 90 प्रतिशत तक फोलेट प्राप्त किया जा सकता है।
काली बीन्स में 109 कैलोरी, 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 8 ग्राम फाइबर पाया जाता है। 100 ग्राम काली बीन्स में 1500 मिलीग्राम पोटैशियम, 9 मिलीग्राम सोडियम और 21 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। बीन्स में फैट की मात्रा तो कम होती ही है, साथ ही इससे शरीर के लिए आवश्यक ओमेगा-3 और ओमेगा-6 की पूर्ति भी होती है।

काली बींस के फायदे

बीन्स कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर का अच्छा स्रोत है।
थायामीन(विटामिन बी1), फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और पोटैशियम की भी अच्छा स्रोत है।
वसा की मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन साथ ही इसमें गैस बनाने वाले एंजाइम्स भी होते हैं, इसलिए हमेशा इसे पकाने से पहले कुछ देर के लिए भिगोकर रखना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ ही इसमें मौजूद फाइबर ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को तेजी से बढ़ने से रोकता है, जो इन दालों को डायबिटीज, इंसुलिन रेसिसटेंट या हाईपोग्लाईसिमिया से जूझ रहे रोगियों के लिए उपयुक्त बनाता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए काले बीन्स में मौजूद फोलेट बच्चे के विकास में बहुत फायदेमंद होते हैं। बीन्स के उपयोग से आपकी वेस्टलाइन के बढ़ने की संभावना 23 फीसदी कम हो जाती है।

5- उड़द दाल की खास बातें एवं गुण

दालों की महारानी उड़द दाल सफेद और काली दो प्रकार की होती है। साउथ एशिया में इसकी पैदावार सबसे ज्‍यादा है।
उड़द को एक अत्यंत पौष्टिक दाल के रूप में जाना जाता है। यह अन्य प्रकार की दालों से अधिक बल देने वाली और पौष्टिक भी होती है। उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन,कैल्‍शियम, घुलनशील रेशा और स्‍टार्च पाया जाता है। छिलकों वाली उड़द की दाल में तो भरपूर मात्रा में विटामिन औरखनिज लवण पाए जाते हैं और कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं। गरम मसालों सहित छिलके वाली दाल ज्यादा गुणकारी होती है।
प्रति 100 ग्राम उड़द दाल में 341 कैलोरी, 38 मिलीग्राम सोडियम, 983 मिलीग्राम पोटैशियम, 59 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 18 ग्राम फाइबर और 25 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है।

उड़द दाल के फायदे

इसमें बहुत सारा आयरन होता है, जिसे खाने से शरीर को बल मिलता है। इसमें रेड मीट के मुकाबले कई गुना आयरन होता है ।
जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, बोन मैरो की वृद्धि होती है। इसमें बहुत सारे घुलनशील रेशे होते हैं, जो पचने में आसान होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल घटाने के अलावा भी काली उड़द स्वास्थ्यवर्धक होती है। यह मैग्नीशियम और फोलेट लेवल को बढ़ाकर आर्टरीज़ को ब्लॉक होने से बचाती है। यह दिल को स्वस्थ भी रखती है, क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
एक सप्ताह तक इसका सेवन करने से पुराने से पुराना मूत्र रोग ठीक हो जाता है।
अगर यंग लेडीज़ इस खीर का सेवन करें, तो उनका रूप निखरता है।
ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
यदि गर्भाशय में कोई विकार है, तो दूर होता है।
चेहरे पर झाइयां और मुहांसों के दाग को उड़द दाल के फेस पैक से साफ किया जाता है। इससे चेहरे में निखार आता है और चेहरा चमकदार बन जाता है।
अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिए भिगोकर उसे घी में फ्राई करके शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए, तो पुरुष की यौन शक्‍ति बढ़ती है और सभी विकार दूर होते हैं।
जिन्हें अपचन की शिकायत हो या बवासीर जैसी समस्याएं हो, उन्हें उड़द की दाल का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर हो जाती है।
उड़द के आटे की लोई तैयार करके दागयुक्त त्वचा पर लगाई जाए और फिर नहा लिया जाए, तो ल्युकोडर्मा (सफेद दाग) जैसी समस्या में भी आराम मिलता है।
डांग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार गंजापन दूर करने के लिए उड़द दाल एक अच्छा उपाय है। दाल को उबालकर पीस लिया जाए और इसका लेप रात सोने के समय सिर पर कर लिया जाए, तो गंजापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है और नए बाल आने शुरू हो जाते हैं।
फोड़े-फुंसियों, घाव और पके हुए जख्मों पर उड़द के आटे की पट्टी बांधकर रखने से आराम मिलता है। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से आराम मिल जाता है।
इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज़ जैसे तत्व आदि भी भरपूर पाए जाते हैं और इसे बतौर औषधि कई हर्बल नुस्खों में उपयोग में लाया जाता है।
छिलके वाली उड़द की दाल को एक सूती कपड़े में लपेटकर तवे पर गर्म किया जाए और जोड़ दर्द से परेशान व्यक्ति के दर्द वाले हिस्सों पर सिंकाई की जाए, तो दर्द में तेजी से आराम मिलता है। काली उड़द को खाने के तेल में गर्म करते हैं और उस तेल से दर्द वाले हिस्सों की मालिश की जाती है। इससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है।
इसी तेल को लकवे से ग्रस्त व्यक्ति को लकवे वाले शारीरिक अंगों में मालिश करनी चाहिए, फायदा होता है।
दुबले लोग अगर छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करें, तो यह वजन बढ़ाने में मदद करती है।

6- अरहर दाल के गुण एवं खास बातें

दाल के रूप में उपयोग में लिए जाने वाली सभी दालों में अरहर का प्रमुख स्थान है। अरहर को तुअर या तुवर भी कहा जाता है। अरहर का वानस्पतिक नाम कजानस कजान है। इसके कच्चे दानों को उबालकर पर्याप्त पानी में छौंककर स्वादिष्ट सब्जी भी बनाई जाती है। पौष्टिक गुणों को समेटे हुए अरहर की हरी-हरी फलियों के दाने निकालकर उन्हें तवे पर भूनकर भी खाना काफी लाभकारी होता है। वैसे तो यह दाल जल्दी पच जाती है, लेकिन इसका सेवन गैस, कब्ज और सांस के रोगियों को कम करना चाहिए।
100 ग्राम अरहर दाल में 22 ग्राम प्रोटीन, 343 कैलोरी, 17 मिलीग्राम सोडियम, 1392 मिलीग्राम पोटैशियम, 63 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 15 ग्राम फाइबर और विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।

अरहर की दाल के फायदे
माइग्रेन के मरीजों को अरहर के पत्तों तथा दूब (दूर्वा घास) का रस समान मात्रा में तैयार कर नाक में डालने से लाभ मिलता है।
अरहर की कच्ची दाल को पानी में पीसकर पिलाने से भांग का नशा उतार सकते हैं।
ज्यादा पसीना आने की शिकायत होने पर एक मुट्ठी अरहर की दाल, एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ लेकर सरसों के तेल में छौंककर शरीर पर मालिश करने से अधिक पसीना आने की समस्या से निदान मिलता है।
घाव सूखने के लिए अरहर के कोमल पत्ते पीसकर घाव पर लगाने चाहिए।
दांत दर्द की शिकायत होने पर अरहर के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से फायदा मिलता है।
अरहर की दाल को छिलके सहित पानी में भिगोकर रखें। फिर इससे कुल्ला करें। अरहर की ताजी हरी पत्तियों को चबाने से भी मुंह के छालों में आराम मिलता है।
अरहर के पौधे की कोमल डंडियां, पत्ते आदि दूध देने वाले पशुओं को खिलाते हैं, ताकि वे अधिक दूध दें।

7- हरी मूंग दाल की खास बातें एवं गुण

बिना छिलका उतारे इस दाल का रंग हरा होता है और छिलका उतार कर पीला। ऊपर से जैतूनी हरा और अंदर से पीला रंग होता है। इस दाल का स्वाद हल्का मीठा होता है। साथ ही पचाने में आसान। अन्य दालों की तरह इसमें भी प्रोटीन और फाइबर की अधिकता और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती।
प्रति 100 ग्राम मूंग दाल में 347 कैलोरी, 62.62 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 16.3 ग्राम फाइबर, और 23.86 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है। इसके साथ ही इसमें कई प्रकार के विटामिन्स सी, ई, के, बी6, फोलेट, पेंटोथेनिक एसिड, नियासिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन भी मौजूद होते हैं। कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जिंक आदि की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है।

हरी मूंग की दाल के फायदे

हरी मूंग दाल प्रोटीन और पाचन में सहायक फाइबर का अच्छा स्रोत है।
इसमे वसा कि मात्रा कम होती है और यह विटामीन बी कॉम्पलेक्स विटामीन, कैल्शियम और पौटैशियम से भरपूर होता है।
अन्य दाल कि तुलना मे इसे खाने से गैस या अपच नहीं होती।
पकी हुई हरी मूंग दाल पचाने में आसान होती है। इसलिए यह बच्चों, बड़े, बिमार और वृद्ध के लिए लाभदायक होती है।
बिमारी में हरी मूंग दाल का सूप बहुत लाभदायक होता है।
बचपन, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीड करते समय इसका लगातार उपयोग ज़रुरत मात्रा मे पौषण प्रदान करने के साथ-साथ स्वस्थ रखने मे मदद करता है।
अधिक मात्रा मे इसका प्रयोग करने पर यह एक दवा के रुप में काम करती है।
चावल और मूंग की खिचड़ी खाने से कब्ज दूर होती है | खिचड़ी में घी डालकर खाने से कब्ज दूर होकर दस्त साफ आता है।
मूंग को सेंककर पीस लें। इसमें पानी डालकर अच्छी तरह से मिलाकर लेप की तरह शरीर पर मालिश करें। इससे ज्यादा पसीना आना बंद हो जाता है।
मूंग की छिलके वाली दाल को दो घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इसके बाद इसे पीसकर गाढ़ा लेप दाद और खुजली युक्त स्थान पर लगाएं, लाभ होगा।
टायफॉयड के रोगी को मूंग की दाल बनाकर देने से लाभ होता है, लेकिन दाल के साथ घी और मसालों का प्रयोग बिलकुल ना करें |
मूंग को छिलके सहित खाना चाहिए | बुखार होने पर मूंग की दाल में सूखे आंवले को डालकर पकाएं। इसे रोज़ दिन में दो बार खाने से बुखार ठीक होता है और दस्त भी साफ होता है।
मूंग दाल कैंसर के जीवाणुओं के बनने की प्रक्रिया को खत्म करती है।

8- लोबिया दाल की खास बातें एवं गुण

लोबिया की दाल बहुत ही स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। बढ़ते बच्चों के लिए तो यह बहुत ही ज्यादा लाभदायक होती है। इसे बनाना बेहद आसान है और बनाने में समय भी काफी कम लगता है। लोबिया प्रोटीन के साथ ही पोटैशियम का भी बहुत अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम, कॉपर के साथ फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा पाई जाती है।
100 ग्राम लोबिया में 116 कैलोरी, 278 मिलीग्राम पोटैशियम, 4 मिलीग्राम सोडियम, 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 6 ग्राम फाइबर और प्रोटीन की मात्रा 8 ग्राम होती है। इसके साथ इसमें विटामिन ए, बी12, डी और कैल्शियम भी होता है।

लोबिया के फायदे

लोबिया शरीर के फालतू प्लाज्मा कोलेस्ट्रोल को कम करता है। साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
लोबिया में मौजूद काले रंग का भाग एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है जो शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता है।
लोबिया दाल का सेवन वजन कम करने में भी सहायक होती है।
फाइबर और फ्लेवोनॉयड्स की मात्रा से डायबिटीज रोग में आराम मिलता है।

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12 से कम उम्र की लड़की के बलात्कारी को सजा-ए-मौत किस धारा के तहत दी जाती है - ASK IPC

Posted: 24 Sep 2020 02:17 PM PDT

सरकारों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रसारित करवाया गया था कि 12 साल से कम उम्र की लड़की का बलात्कार करने वाले अपराधी को सजा-ए-मौत का प्रावधान किया गया है लेकिन कई पुलिस थानों में जानकारी के अभाव में इस तरह के प्रश्न को धारा 376 के तहत दर्ज कर लिया जाता है। आइए यह समझते हैं कि सरकार ने आईपीसी की धारा 376 में क्या बदलाव किया था। जिसके कारण बलात्कारी को सजा-ए-मौत दी जा सकती है।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376 कख की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्संग करता है, या जबर्दस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है, या  बहला-फुसला कर मैथुन (संभोग) करता है तब वह व्यक्ति धारा 376 -कख का दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376 कख़ के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं, यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को होता है। सजा :- कम से कम 20 वर्ष की कठोरतम कारावास या आजीवन कारावास जो मृत्यु तक हो सकती है ओर साथ मे जुर्माना भी।

लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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HDFC BANK के कथित मैनेजर ने खुद को गोली मार ली, बैंक ने कहा वो हमारे कर्मचारी नहीं थे - GWALIOR NEWS

Posted: 25 Sep 2020 04:58 AM PDT

ग्वालियर।
गुरूवार सुबह हजीरा थाना क्षेत्र स्थित माधवी नगर में एक युवक ने अपनी लायसेंसी बंदूक से स्वयं की गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया। आत्महत्या की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर बंदूक को अपने कब्जे में लिया। इस दौरानएफएएसएल की टीम भी साथ रही। अपडेट: इस मामले में एक नया मोड़ भी आया है। पुलिस का कहना है कि मृतक एचडीएफसी बैंक में ब्रांच मैनेजर थे जबकि एचडीएफसी बैंक का कहना है कि वह हमारे कर्मचारी नहीं थे।

पुलिस के अनुसार वह मानसिक तनाव का जीवन जी रहा था, अस्तु इसी से आजिज आकर उसने आत्मघाती कदम उठाया। हजीरा थाना प्रभारी आलोक परिहार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि माधवी नगर निवासी स्व.इन्द्रपाल कुशवाह के 39 वर्षीय पुत्र यशपाल सिंह ने अपनी लायसेंसी बंदूक से स्वयं को गोली मार ली। वह सिटी सेंटर स्थित एचडीएफसी बैंक में मैनेजर की पोस्ट पर था। हमने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। 

कई दिनों से था तनाव में, पत्नी समझाती थीं
माधवी नगर में यशपाल की मौत की सूचना जैसे ही क्षेत्र में फैली तो उसके घर पर मित्रों और सगे-संबंधियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। हर कोई इस घटना से अवाक था। जानकारी के अनुसार गुरूवार सुबह 11 बजे यशपाल अपने कमरे में आया और अलमारी में रखी 315 बोर की लायसेंस गन निकाली और स्वयं को गोली मार ली। जैसे ही फायर की आवाज आई तो परिजन कमरे की तरफ भागे, यहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए। कमरे में खून फैल रहा था। परिजन तुरंत ही घायल यशपाल को अस्पताल लेकर गए, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। 

पिता ने भी की थी आत्महत्या
जानकारी में सामने आया कि यशपाल के पिता इन्द्रपाल कुशवाह ने भी करीब 12 साल पहले स्वयं को गोली मारकर स्वयं का जीवन समाप्त कर लिया था। वह पिता के इस प्रकार से जाने से कई साल बाद उबर पाया था। उसकी पत्नी ने भी उसे तनाव से बाहर आने की समझाइस दी थी। वह अपने पिता के असमय जाने से भी परेशान रहता था।

स्वर्गीय यशपाल सिंह हमारे कर्मचारी नहीं थे: HDFC BANK

एचडीएफसी बैंक की ओर से रीजनल हेड कॉरपोरेट कम्युनिकेशन श्री संजय ओझा ने बताया कि श्री यशपाल सिंह के निधन पर हम शोक व्यक्त करते हैं परंतु स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी नहीं थे।

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GWALIOR: पुलिया नहीं है, पटिया डालकर नहर पार करते हैं स्टूडेंट्स और कर्मचारी - MP NEWS

Posted: 24 Sep 2020 09:58 PM PDT

ग्वालियर
। ग्वालियर-चंबल में इन दिनों चुनाव चल रहे हैं। हर रोज सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री जनता को विश्वास दिलाते हैं कि उनकी छोटी से छोटी समस्या को गंभीरता से लिया जाएगा और प्राथमिकता से दूर किया जाएगा लेकिन भितरवार की हालत यह है कि पुलिया ना होने के कारण पानी में डूबी हुई पटिया पर चलकर स्टूडेंट्स और दूसरे कर्मचारी छात्रावास पहुंचते हैं। 

जानकारी के अनुसार भितरवार शहर के वार्ड क्रमांक 8 से निकली नहर के उस पार बने कृषि कार्यालय एवं प्री मैट्रिक छात्रावास के लिए कोई रास्ता नहीं हैं। जिससे इन दिनों यहां का आवागमन बाधित हो रहा है। नहर पर अभी तक पुलिया नहीं बनवाई गई है। पुलिया के अभाव में नहर पर पटिया डालकर निकलने की अस्थाई रास्ते व्यवस्था की गई है। जो इन दिनों कर्मचारी और किसानों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। 

डबरा-पिछोर क्षेत्र के किसानों को धान की फसल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए पूरी क्षमता के साथ खोली गई नहर के पानी से उफन कर चलने से डाली गई पटिया पूरी तरह से डूब गई है। ऐसी स्थिति में कार्यालय पहुँच रहे कर्मचारी यहां से काफी मशक्कत कर निकल रहे हैं।

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TWTA ने कैंसर पीड़ित महिला शिक्षक को ₹200000 की आर्थिक मदद दी - MP EMPLOYEE NEWS

Posted: 24 Sep 2020 12:39 PM PDT

जबलपुर।
जबलपुर निवासी आजाद अध्यापक संघ की वरिष्ठ पदाधिकारी एवं महिला शिक्षक सारिका अग्रवाल विगत दिनों कैंसर से पीड़ित हैं। जिन्हें ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के शिक्षकों द्वारा दो लाख रुपए की आर्थिक मदद की गई। 

एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डीके सिंगौर, प्रवक्ता संजीव सोनी, संभागीय अध्यक्ष संदीप वर्मा, राकेश लोधी, मंडला जिला अध्यक्ष दिलीप मरावी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष नंदकिशोर कटारे ने शिक्षिका सारिका अग्रवाल के निवास पर जाकर उन्हें दो लाख रूपए नगद देकर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। 

ज्ञात होवे विगत दिनों इनके द्वारा रथयात्रा निकालकर पूरे प्रदेश के अध्यापकों को अधिकार की लड़ाई के लिए जाग्रत किया गया था। शिल्पी शिवान के साथ आजाद अध्यापक संघ के धरना प्रदर्शन में महिला शिक्षकों द्वारा मुंडन कार्यक्रम में महिला शिक्षक सारिका अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके बाद तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई थी, जिसके तुरंत बाद मध्यप्रदेश सरकार ने अन्य अध्यापक संगठनों का कार्यक्रम आयोजित कराकर अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन एवं सातवें वेतनमान की घोषणा करना पड़ा था। 

ऐसी जांबाज़ शिक्षक साथी के अचानक कैंसर से पीड़ित हो जाने पर पूरा अध्यापक संवर्ग सदमे में आ गया। ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के शिक्षकों मनीष पवार, सुरेश यादव, शिरीन कुरैशी, हेमेंद्र मालवीय, मुकेश पाटीदार, अरुण कुशवाहा, नीरज दुबे, इलियास खान, विजय उपाध्याय, बी एल साहू, सजीर कादरी, प्रीति सूर्येश, मंजूषा शर्मा, संजय शुक्ला, कमलेश शर्मा, कमलेश गुप्ता, इरफान मंसूरी, बाबूसिंह डामोर,  अतीक खान, व्यास नारायण दुबे, नीरज गलफट, सुशील नागेश्वर सहित हजारों शिक्षकों ने उनके लिए मंगल कामनाएं प्रेषित की।

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CM शिवराज और सांसद सिंधिया का स्टंट, वाहनों की हेड लाइट में हेलीकॉप्टर उतरा - MP NEWS

Posted: 24 Sep 2020 09:54 PM PDT

भोपाल। ऐसा नहीं है कि चुनावी सभाएं करके सीएम शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया केवल आम जनता की जान जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि वह अपनी जान भी जोखिम में डालने से नहीं चूकते। मुरैना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जोखिम भरा स्टंट करवाया। उन्होंने अपने हेलीकॉप्टर वाहनों की हेडलाइट में उतरवाया। 

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कुछ लोग शायद इसलिए शेयर कर रहे हैं क्योंकि रात के अंधेरे में वाहनों की हेडलाइट में उतरता हुआ हेलीकॉप्टर शायद उनके दोस्तों और परिवार के लोगों ने नहीं देखा था। जो लोग मामले की गंभीरता को जानते हैं वह अपने-अपने शब्दों में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। शब्द कैसे भी हो परंतु भावार्थ सिर्फ एक ही है। इस तरह का लड़कपन अच्छी बात नहीं है। 

वीडियो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का है। ग्वालियर में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा के पैतृक निवास मुरैना जिले के ग्राम सुरजनपुर पहुंचे। जहां उन्होंने श्री विष्णुदत्त शर्मा के पिता स्व. श्री अमर सिंह डण्डोतिया के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर शोक व्यक्त किया। 

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दुष्काल” और उससे “मुक्ति का धर्म” - Pratidin

Posted: 24 Sep 2020 11:17 PM PDT

लगभग साल साल बीतने को है | विश्वव्यापी दुष्काल का पंजा विश्व पर ज्यों का त्यों है| इलाज के नाम पर जो हो रहा है, अनिश्चित है| प्रयोग धर्मी अभी भी वेक्सिन के प्रयोग कर रहे हैं | इस दुष्काल से मुक्ति दिलाने वाला कोई देवता, मसीहा अब तक अवतरित नहीं हुआ है | धर्म की सर्वव्यापकता को भी इस संकट के क्षण में अस्वीकार नहीं किया जा सकता | विश्व में पहले भी ऐसा होता रहा है | कुछ विद्वान 'रिटर्न ऑफ रिलिजन' की बात भी करने लगे हैं| कोरोना दुष्काल के मध्य तकरीबन सभी धर्मो के हवाले से जो खबरें आती रहीं, उनने एक बार फिर से महामारी और धर्म के अंतर्संबंधो को विमर्श में ला दिया है|

कुछ किताबों के हवाले याद आते हैं, जो इस दुष्काल और मानवीय व्यवहार से मिलते जुलते हैं | डेनियल डेफो के बहुचर्चित उपन्यास 'अ जर्नल ऑफ प्लेग इयर', अलेस्संद्रो मंजोनी के उपन्यास 'द बेथ्रोथेड' और कामूस के उपन्यास 'द प्लेग', सभी सोलहवीं से बीसवीं सदी की महामारियों में लोगों के अंदर व्याप्त भय और चिंता, राज्य द्वारा मृतकों की संख्या छुपाने और समाज में व्याप्त महामारी के प्रति एक प्रकार के 'सेंस ऑफ डिनायल' को बखूबी दर्शाते हैं| लगभग अब विश्व में सरकारें वैसा ही कर रही है| इसका दूसरा पहलु भी यही लेखक अपनी रचनाओं में यह भी बताते हैं कि किस प्रकार दैवीय हस्तक्षेप, मृत्यु और मानवीय त्रासदी के मध्य संगठित धर्म के प्रति लोगों में गुस्सा पनपता है| आज विश्व उसी और बढ़ रहा है |

चाहे दक्षिण कोरिया में 'पेशेंट 31' का मामला हो, भारत में तबलीगी जमात से जुड़ा विवाद हो या फिर विभिन्न देशों में धार्मिक संस्थाओं द्वारा गरीब-बेसहारा के लिए भोजन की व्यवस्था हो, धर्म की सर्वव्यापकता को संकट के इस क्षण में अस्वीकार नहीं किया जा सकता| वैसे तो महामारी का इतिहास मानवीय सभ्यता के कृषि युग में प्रवेश के साथ ही शुरू हो जाता है|'जूनोटिक प्लेग', 'प्लेग ऑफ एथेंस', 'प्लेग ऑफ साइपिरियन', 'ब्लैक डेथ' हो या बीसवीं सदी के आरंभ में फैला बुबोनिक प्लेग, सभी में समान रूप से धर्म की उपस्थिति दर्ज की गयी है| ऐतिहासिक दस्तावेजों से भी यह सिद्ध होता है कि इन सभी महामारियों ने धार्मिक गुरुओं, विभिन्न धर्मों के अनुयायियों और समाज के अन्य लोगों के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया| ओरहान पामुक नामक लेखक इतिहास की सभी महामारियों के समाज और धर्म पर पड़ने वाले प्रभाव में एक आश्चर्यजनक समानता को भी रेखांकित करते हैं|

.यह किसी से छिपा नहीं है कि किस प्रकार महामारियों के मध्य अध्यात्म और अदृश्य के प्रति विश्वास उस काल में बढ़ा| इन सबके मध्य स्थानीय देवी-देवताओं, संत-महात्माओं और धर्म के प्रति समाज में स्वीकार्यता भी बढ़ी| जैसे उत्तर भारत में, कुषाण काल में एक किस्म के अज्ञात उच्च बुखार को शांत करने के लिए बौद्ध परंपरा के 'हरिति' की पूजा का प्रचलन बढ़ा था | इसी प्रकार, कालांतर में सर्प दंश से बचाव के लिए मनसा देवी और चेचक के उपाय के तौर पर शीतला माता की पूजा-अर्चना स्थापित हुई| यह भी सत्य है कि यूनानी, सिद्ध, आयुर्वेदिक आदि चिकित्सा पद्धति अलग-अलग धर्मों में लंबे समय तक चले संवाद से भी उभरी|

स्पष्ट है कि मनुष्य ने धर्म को अपनी पहचान, भय और व्यग्रताओं को पहचानने और उसके साथ तारतम्य बैठाने के क्रम में अन्वेषित किया और विभिन्न प्रारूपों में स्थापित किया| इसी कवायद में , उसने स्वयं को तलाशने और प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने के क्रम में धर्म की परिधि में भी स्वयं को बांधा होगा| उसका यह धर्म ही शायद गाँधी और विनोबा का 'समन्वय धर्म' है|जिसमें स्वयं के साथ-साथ, अन्य मनुष्य, प्रकृति, जीव-जंतुओं तथा ज्ञात-अज्ञात के साथ 'समन्वय' पर जोर दिया गया| इसी समन्वय को आज के चिंतक के एन गोविन्दाचार्य "प्रकृति केन्द्रित विकास" के रूप में परिभाषित कर रहे हैं |

डयूक विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और मेडिसिन के प्रोफेसर हेरोल्ड कोएंग के तीन दशकों से अधिक के शोध निष्कर्षों से पता चलता है कि, "किसी भी आस्था और अध्यात्म से स्वयं को जोड़ पाने वाले मरीज, किस प्रकार अन्य की तुलना में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने और उसके दुष्प्रभावों से उभरने में ज्यादा सफल रहे"| कोएंग के अनुसार, वर्तमान में दक्षिणी गोलार्ध के वासी, पश्चिमी देशों की तुलना में कोरोना महामारी के मानसिक दुष्प्रभावों से जल्द निजात प्राप्त कर लेंगे| इसका आधार वे एशिया और अफ्रीका के देशों में धर्म का जीवनदर्शन में घुले-मिले होना बताते हैं|

अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन सहित विश्व की कई चिकित्सा संस्थाएं और इनसे जुड़े शोध संस्थानों ने कोविड महामारी के मध्य ही धर्म और चिकित्सा विज्ञान के बीच संवाद की एक नयी पहल शुरू की है| भारत में यह प्रयास तेज होना थे,परन्तु कम पर ऐसे कुछ प्रयास देखने में आ रहे हैं| ऐसे में यह सबके लिए चुनौती होगी कि किस प्रकार व्यक्ति, प्रकृति, समाज और धर्म के बीच ऐसा समन्वय हो | जो सम्पूर्ण मानवीय और लुप्त होते प्रकृति उपहारों के बचाव और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे|
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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