प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- प्रदेश भर में मदरसा शिक्षकों की जांच शुरू, जांच हेतु एक माह का समय
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को वेटेज देने व शिक्षक भर्ती के संबंध में शासन को भेजा प्रस्ताव
- शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने पर फिर उपजा रोष
- फतेहपुर : ड्रेस वितरण में फंसा सिलाई व कपड़े का पेंच
- फतेहपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन हेतु व्यापक प्रचार एवं विचार विमर्श किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश जारी, देखें
- प्रतापगढ़ : नौनिहालों के ऑनलाइन शिक्षण को गति देगा सम्पर्क बैठक एप"
- लखनऊ में सर्वाधिक शिक्षकों ने कोरोना काल में बनाए शैक्षणिक वीडियो, हुआ सम्मान
- फतेहपुर : मध्यान्ह भोजन योजनांतर्गत छात्रों- छात्राओं को परिवर्तन लागत की धनराशि आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु बैंक शुल्क से मुक्त किए जाने के सम्बन्ध में
- महराजगंज : निःशुल्क स्वेटर वितरण हेतु परिषदीय विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं का कक्षावार सूचना प्रेषित करने के सम्बन्ध में बीएसए ने किया निर्देशित
| प्रदेश भर में मदरसा शिक्षकों की जांच शुरू, जांच हेतु एक माह का समय Posted: 05 Sep 2020 06:38 PM PDT प्रदेश भर में मदरसा शिक्षकों की जांच शुरू, जांच हेतु एक माह का समय लखनऊ : प्रदेश में मदरसा शिक्षकों की जांच शुरू हो गई है। सरकार ने जांच के लिए बोर्ड को एक माह का समय दिया है ।बोर्ड ने जिलों में जांच के लिए प्रभारी अफसर नियुक्त कर दिए हैं। साथ हीबोर्ड के एक-एक कर्मचारी को भी हर जिले में लगाया गया है | जिलों से शिक्षकों की मार्कशीट वअभिलेख मदरसा बोर्ड मंगाए गए हैं। मार्कशीट व अभिलेख फर्जी मिलने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने क्ताया कि यदि किसी अफसर ने जांच में लापरवाही बरती तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। |
| Posted: 05 Sep 2020 06:32 PM PDT |
| शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने पर फिर उपजा रोष Posted: 05 Sep 2020 06:57 PM PDT शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने पर फिर उपजा रोष प्रयागराज : उप्र जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व कानून के खिलाफ जाकर शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने की कड़ी निंदा की है। सरकार को नौकरशाही के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना करने का दोषी करार दिया है। एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता मिथिलेश कुमार तिवारी ने की। संचालन सचिव जीपी सिंह ने किया। एसोसिएशन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के केस में स्पष्ट रूप से निर्णय दिया है कि अधिकरण वहीं गठित हो जहां हाईकोर्ट हो। उप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम में स्पष्ट लिखा गया है कि उप्र का हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट है। लखनऊ में इसकी खंडपीठ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्यालय प्रयागराज में होने के नाते किसी भी अधिकरण का मुख्यालय भी प्रयागराज में ही होना चाहिए, क्योंकि प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ स्थित है। हर अधिकरण पर हाईकोर्ट का क्षेत्रधिकार व नियंत्रण होता है। ऐसे में अधिकरण का मुख्यालय प्रयागराज में न बनाकर लखनऊ में बनाना कानून की धज्जियां उड़ाने वाला है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नौकरशाही के दबाव में आकर कानून व सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्थाओं के विपरीत, शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र : इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ त्रिपाठी ने शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री को ई-मेल से पत्र भेजकर विरोध किया है और कहा है कि कैबिनेट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के मद्रास बार एसोसिएशन केस, यूपी अमल्गमेशन आर्डर के तहत नसीरुद्दीन केस के फैसले व उप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम के उपबंधों का खुला उल्लंघन है। त्रिपाठी ने प्रदेश के महाधिवक्ता एवं विधायी कार्य देखने वाले अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि सही कानूनी सलाह न देने के कारण सरकार गलत फैसले ले रही है और सुप्रीम कोर्ट में जीतने वाले मुकदमे हारती जा रही है। त्रिपाठी ने प्रयागराज में ही शिक्षा सेवा अधिकरण स्थापित करने की मांग की है और कहा है कि मुख्यमंत्री नेताओं व नौकरशाही के दबाव में फैसले न लेकर कानूनी दायित्व निभाए। शिक्षा प्राधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाए जाने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। सरकार के इस फैसले से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सुभाष चौराहे पर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर प्रयागराज की गरिमा एवं पहचान से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। सुभाष चौराहा पर एकत्रित कार्यकर्ता घेरा बनाकर बैठ गए थे। उनका कहना कि जिले का नाम बदलने के साथ सरकार इसकी सूरत और पहचान बदलने की साजिश कर रही है। यहां से सभी मुख्यालय हटाए जा रहे हैं। सरकार यह निर्णय प्रयागराज वालों के साथ धोखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इलाहाबाद की उपेक्षा मंत्रियों को भारी पड़ेगी। आंदोलन की अगुवाई कर रही ऋचा सिंह ने मंत्रियों तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों सवाल उठाया। |
| फतेहपुर : ड्रेस वितरण में फंसा सिलाई व कपड़े का पेंच Posted: 05 Sep 2020 09:36 AM PDT फतेहपुर : ड्रेस वितरण में फंसा सिलाई व कपड़े का पेंच धाता : परिषदीय विद्यालयों में ड्रेस वितरण में स्वयं सहायता समूह को विद्यालय नामित कर दें। धाता: परिषदीय विद्यालयों में ड्रेस वितरण में स्वयं सहायता समूह को विद्यालय नामित कर देने के बाद वितरण के नियम स्पष्ट न होने से शिक्षक और विभागीय अधिकारी असमंजस में हैं। वितरण का मानक प्रत्येक जिले में अलग-अलग है। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं विद्यालय के अध्यापकों से सिलाई की रकम को लेकर पूछताछ कर वापस लौट रही हैं। ड्रेस के एक सेट की कीमत 300 रुपये तय की गई है। समूह की महिलाएं तय कीमत में 140 रुपये सिलाई बताती हैं। जबकि हाथरस के बीएसए ने अपने जनपद में जारी एक आदेश में स्पष्ट किया है कि 80 रूपये प्रति सेट सिलाई का निकालने के बाद 220 रुपये का कपड़ा खरीदा जाएगा। बताते चलें कि इससे पहले शिक्षकों द्वारा ड्रेस का वितरण किया जाता था। इसमे प्रबंध समिति की बैठक बुलाकर तीन दुकानों से कपड़े का कोटेशन लिया जाता था। उचित मूल्य व उचित गुणवत्ता के कपड़े को स्थानीय टेलर से सिलाई करा कर ड्रेस का वितरण होता था। इस वर्ष ब्लाक क्षेत्र के 110 परिषदीय विद्यालयों में महिला समूह द्वारा अनिवार्य रूप से ड्रेस वितरण का आदेश दिया गया है। समूह से जुड़ी महिलाएं स्कूल पहुंचकर बच्चों की संख्या का एक प्रपत्र भरवाती हैं। जिसमें लिखा हुआ है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सिर्फ कपड़े सिलने का कार्य दिया गया है। जबकि महिलाएं साथ में एक कपड़ा लगा हुआ ऐरायां ब्लॉक के नाम की रसीद प्रस्तुत करती हैं। उक्त रसीद में 160 रुपये कपड़े की कीमत दी गई है, 140 रुपये एक सेट की सिलाई निकाली गई है। 22 जून से पहले महिला समूहों को ड्रेस सिलाई आर्डर की रकम को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी है। अध्यापकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में बीईओ, धाता सुनील कुमार सिंह का कहना था सभी विद्यालयों में महिला समूह द्वारा ही ड्रेस का वितरण किया जाएगा। एक सेट ड्रेस की सिलाई कितनी निर्धारित की गई है, इसके बारे में जानकारी नहीं है। ![]() |
| Posted: 05 Sep 2020 08:40 AM PDT |
| प्रतापगढ़ : नौनिहालों के ऑनलाइन शिक्षण को गति देगा सम्पर्क बैठक एप" Posted: 05 Sep 2020 08:16 AM PDT Sampark Baithak App : नौनिहालों के ऑनलाइन शिक्षण को गति देगा एप, आसान है इसका प्रयोग। प्रतापगढ़ : संपर्क बैठक एप एक मोबाइल एप है। इसके माध्यम से कक्षा एक से पांच तक के बच्चे घर में रहकर ही पढ़ाई कर सकते हैं। अभी वर्तमान में लॉकडाउन के कारण पूरे देश के स्कूलों में पढा़ई बंद हो गई है। बच्चों की पढ़ाई प्रभवित न हो इसलिए नए नए तकनीक से बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। संपर्क बैठक एप के माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी अध्ययन अध्यापन के नए नए तकनीक और तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस एप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके उपयोग की प्रक्रिया अत्यंत सरल है। बेसिक शिक्षकों को संपर्क बैठक एप डाउनलोड करने का निर्देश मोबाइल एप के माध्यम से पढ़ाई करने के लिए बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करना होगा। बेसिक शिक्षकों को संपर्क बैठक एप डाउन लोड करने का निर्देश दिया गया है। यह एप आनलाइन शिक्षण को गति प्रदान करेगा। शिक्षकों को इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद बच्चों व अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। इसके माध्यम से शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा। ![]() |
| लखनऊ में सर्वाधिक शिक्षकों ने कोरोना काल में बनाए शैक्षणिक वीडियो, हुआ सम्मान Posted: 05 Sep 2020 07:37 AM PDT लखनऊ में सर्वाधिक शिक्षकों ने कोरोना काल में बनाए शैक्षणिक वीडियो, हुआ सम्मान। लखनऊ : कोरोना काल मे जब विद्यालय और कोचिंग सेंटर बंद हैं। बच्चे घरों में बैठकर संसाधनों के अभाव में पढाई कर रहे हैं। ऐसे में शासन के आदेश पर ई-ज्ञान गंगा एवं स्वयंप्रभा और डीडी यूपी पर माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों की कक्षाएं संचालित करने का आदेश हुआ तो सूबे में सवार्धिक शिक्षक लखनऊ से आगे आएं। उन्होंने बच्चों के लिए पाठ्यक्रम के अनुसार शैक्षणिक वीडियो बनाएं। जिन्हें दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। ऐसे सभी 40 शिक्षकों का शिक्षक दिवस के मौके राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोमतीनगर में प्रशस्तिपत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया। इस मौके पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम में उक्त शिक्षक/ शिक्षिकाओं की महती भूमिका है। राज्य स्तर पर सर्वाधिक वीडियो तैयार करने का कार्य जनपद लखनऊ के शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा किया गया। इस दैरान डीआइओएस (द्वितीय) नंदकुमार एवं डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह मौजूद रहें। कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। वहीं, शिक्षक, शिक्षिकाओं द्वारा ने वीडियो निर्माण में अपने अनुभव को साझा करते हुए उक्त कार्यक्रम को आगे बढ़ाने हेतु संकल्प लिया गया साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कैसे जनपद स्तर पर लागू किया जाए इस पर भी विचार विमर्श हुआ। ![]() |
| Posted: 05 Sep 2020 07:17 AM PDT |
| Posted: 05 Sep 2020 04:34 AM PDT |
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