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Tuesday, November 10, 2020

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*विधायक श्री पाठक ने पेश की मानवता की मिशाल*@राजकुमार भदौरिया

Posted: 09 Nov 2020 05:51 PM PST


*विधायक श्री पाठक ने पेश की मानवता की मिशाल*@राजकुमार भदौरिया
ग्वालियर - अपनी कार्यशैली के कारण जनता के बीच लोकप्रिय ग्वालियर दक्षिण से  कांग्रेस पार्टी के विधायक श्री प्रवीण पाठक जी ने आज एक बार पुनः दयालुता दिखाते हुए मानवता की मिसाल पेश की...विधायक श्री पाठक ने पवन शिवहरे नाम के व्यक्ति की नि:स्वार्थ भाव से मदद की... 
कल दिनांक 08/11/2020 को ग्वालियर दक्षिण विधायक श्री प्रवीण पाठक जी  जब अपने कार्यालय  के बाहर आये क्षेत्रवासियों की समस्या का समाधान कर रहे थे,तभी उनकी नज़र पास में  बैठे एक घायल व्यक्ति पवन शिवहरे पर पड़ी जिसने कुछ दिन पूर्व एक दुर्घटना में करंट लगने के कारण अपने दोनों हाथ खो दिये थे.. वह व्यक्ति  विधायक श्री पाठक से  मदद की उम्मीद में जब उनके कार्यालय पहुंचा तो  उपचार के अभाव में उसके जख्मों से बदबू आ रही थी और वह दर्द से कराह रहा था..श्री पाठक ने तुरंत उस व्यक्ति के पास पहुँच कर विस्तृत ब्यौरा लिया तब मालूम हुआ कि  कुछ दिन पहले करंट लगने के कारण व्यक्ति ने अपने दोनों हाथ खो दिए थे  तब विधायक श्री पाठक ने  उस पीड़ित व्यक्ति को  मदद का पूरा आश्वासन दिया और उसके तत्काल बाद  उपचार के लिए  सामाजिक संस्थान मिशन ह्यूमैनिटी फाउंडेशन को फोन पर जानकारी दी, संस्था की ओर से हरिमोहन,राकेश आर्य एवं प्रिंस श्रीवास्तव ने पहुँच कर लावारिश मरीज को उपचार हेतु  ग्वालियर में भर्ती कराया एवं उसके बाद आज विधायक श्री पाठक ने अपने स्वयं  के खर्चे पर  सामाजिक संस्था मिशन  ह्यूमैनिटी फाउंडेशन के  सहयोग से पुनर्वास हेतु भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम में दाखिल कराया।
सामाजिक संस्था मिशन  ह्यूमैनिटी फाउंडेशन के   श्री हरि मोहन ने बताया कि
यदि आपको भी अपने आस पास इस तरह के जरूरतमंद व्यक्ति दिखाई दे तो निसंकोच इन नंबरों पर फोन करें।
8839597091
6265069841

संपादकीय/*इस दीपावली पर नये शुभ-लाभ का संकल्प लें*

Posted: 09 Nov 2020 05:35 PM PST


*०प्रतिदिन* -राकेश दुबे
१० ११ २०२०
*इस दीपावली पर नये शुभ-लाभ का संकल्प लें*
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली समेत पूरे एन सी आर में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबन्ध आज रात से लागू हो गया है और ३० नवंबर तक रहेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह आदेश देश के उन सभी कस्बों और शहरों में भी लागू होगा जहां पिछले साल नवंबर में हवा की क्वालिटी का लेवल पूअर या इससे ऊपर की कैटेगरी तक चला गया था।बढ़ते प्रदूषण और कोरोना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा है कि पटाखे खुशियां मनाने के लिए चलाए जाते हैं, मौतों और बीमारियों के लिए नहीं। सही अर्थों में दीपावली का पर्व शुभ और लाभ की आराधना का ही पर्व होता है | पर्यावरण की शुद्धता से बड़ा कोई लाभ नहीं है, सबको इस बार इस शुभ -लाभ का संकल्प लेना चाहिए |
वैसे इस देश में विकास के नाम पर औद्योगिक इकाइयों को धुआं फैलाने की खुली छूट मिल जाती है| औद्योगिक इकाइयां, बिल्डर और खनन माफिया पर्यावरण संरक्षण कानूनों की खुलेआम अनदेखी करते हैं| औद्योगिक इकाइयों के अलावा वाहनों की बढ़ती संख्या, धुआं छोड़ती पुरानी डीजल गाड़ियां, निर्माण कार्य और टूटी सड़कों की वजह से हवा में धूल का उड़ना भी प्रदूषण की बड़ी वजह हैं| प्रदूषण को लेकर सख्त नियम हैं, लेकिन उनको लागू करने वाला कोई नहीं है| उत्तर भारत में तो वायु प्रदूषण का असर लोगों की औसत आयु पर पड़ रहा है|
कुछ समय पहले एक शोध संस्था एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक जारी किया था| इसमें उत्तर भारत मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों की औसत आयु लगभग सात वर्ष तक कम होने की आशंका जतायी थी| रिपोर्ट के अनुसार देश के कई जिलों में भी लोगों का जीवनकाल प्रदूषण के कारण घट रहा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ समय पहले एक और गंभीर तथ्य की ओर इशारा किया था कि भारत में ३४ प्रतिशत मौत के लिए प्रदूषण जिम्मेदार है| वायु प्रदूषण से हृदय व सांस संबंधी बीमारियां और फेफड़ों का कैंसर जैसे घातक रोग तक हो जाते हैं|
वैसे वायु प्रदूषण पूरे उत्तरी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, भारत की आबादी का ४० प्रतिशत से अधिक हिस्सा इसी क्षेत्र में रहता है| वायु प्रदूषण के शिकार सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग होते है| एक आकलन के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल छह लाख बच्चों की जान चली जाती है| आपको याद होगा कि कोरोना की वजह से जब सख्त लॉकडाउन था, तो देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के सभी शहरों के प्रदूषण में भारी कमी आयी थी| लॉकडाउन के दौरान लोगों को यह अहसास हुआ है कि साफ हवा क्या होती है और उसमें सांस लेना कितना सुखद होता है|
तत्समय अखबारों में छपीं तस्वीरें छपींतस्वीरें और वर्णन सुखद अहसास देते थे | विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि प्रदूषण न हो तो २० हजार फीट ऊंची कोई भी शृंखला लगभग ३०० किलोमीटर दूरी से नजर आ सकती है| अगर शासन व्यवस्था और जन सामान्य ठान लें, तो परिस्थितियों में सुधार लाया जा सकता है| दीपावली का ११ दिन दिन चलने वाला त्योहार शुरू होने जा रहा है पूरा देश मिल कर दीपावली पर खुशी के दिये जलाएं और न केवल दीपावली पर, बल्कि पूरे साल साफ-सफाई का ख्याल रखें| साथ ही अपने नदियों-तालाबों और वायुमंडल को प्रदूषण मुक्त रखने का संकल्प लें|

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