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Monday, November 9, 2020

प्राइमरी का मास्टर ● इन

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सैनिक स्कूलों में एक प्रवेश परीक्षा से दाखिले, NTA को सौंपा गया जिम्मा

Posted: 08 Nov 2020 06:11 PM PST

सैनिक स्कूलों में एक प्रवेश परीक्षा से दाखिले, NTA को सौंपा गया जिम्मा


बरेली : अब देश भर के 33 सैनिक स्कूलों में कक्षा छह व नौ में दाखिले के लिए सिर्फ एक परीक्षा होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


परीक्षा अगले वर्ष 10 जनवरी को होगी। इसके लिए एनटीए ने शनिवार को विस्तृत शेड्यूल जारी किया है। अभी तक सभी सैनिक स्कूल अपनी-अपनी परीक्षा कराते हुए मेरिट बनाकर दाखिला लेते थे।

20 नवंबर से होंगी यूपी बोर्ड की छमाही परीक्षाएं कराने का दावा, ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनो तरीके से होगी परीक्षा

Posted: 08 Nov 2020 05:58 PM PST

20 नवंबर से होंगी यूपी बोर्ड की छमाही परीक्षाएं कराने का दावा, ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनो तरीके से होगी परीक्षा


कोरोना संक्रमण काल की चुनौतियों का सामना करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छमाही परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अभी तक किए गए होमवर्क को देखते हुए विभाग के अधिकारियों ने 20 नवंबर से छमाही परीक्षाएं शुरू कराए जाने का दावा किया है। परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में कराई जानी हैं। ऐसे में इस बार बीते वर्षों की तुलना में पहले ही परीक्षाएं शुरू कराई जा रही हैं, जोकि दिसंबर मध्य तक चलेंगी।


राजधानी में कक्षा नौ से 12 तक करीब 600 से अधिक माध्यमिक स्कूलों हैं। इनमें विद्यार्थियों की संख्या दो लाख से अधिक है। जिले स्तर के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की कक्षाएं अभी ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। समय से आधा कोर्स पूरा हो जाए और उसकी परीक्षाएं हो जाएं, इस बात पर अभी फोकस किया जा रहा है। इसी मकसद से दीपावली के बाद 20 नवंबर से छमाही परीक्षाएं शुरू कराए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है।


अभिभावकों पर छोड़े गए दोनों विकल्प: जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि कक्षा नौ से कक्षा 12 तक की छमाही परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में कराए जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। अभिभावक यदि स्कूल भेजकर अपने बच्चों को परीक्षा में शामिल कराना चाहते हैं या फिर घर से ही परीक्षा दिलाए जाने के पक्ष में हैं तो इस संबंध में स्कूल को अवगत करा दें। स्कूल की ओर से किसी तरह की कोई बाध्यता नहीं रहेगी।

इंग्लिश मीडियम परिषदीय स्कूल में तैनाती के लिए हाईकोर्ट पहुंचे बेसिक शिक्षक

Posted: 08 Nov 2020 05:36 PM PST

इंग्लिश मीडियम परिषदीय स्कूल में तैनाती के लिए हाईकोर्ट पहुंचे बेसिक शिक्षक 


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिले में सवा साल से तैनाती के लिए भटक रहीं प्रतिभा सिंह और 43 अन्य शिक्षकों ने शासनादेश के अनुरूप अंग्रेजी स्कूलों में तैनाती की गुहारलगाई है। मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होनी है। चयनत शिक्षकों का तर्क है कि 29 मई को शासन ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तैनाती पर रोक हटा ली थी। लेकिन इसके पांच महीने बाद भी प्रयागराज में तैनाती नहीं की गई है। 


जिले में सत्र 2019-20 में 110 प्राथमिक 24 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे। साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और 1 सितंबर 2019 को चयनित शिक्षकों से स्कूलों के विकल्प भराए गए। लेकिन इसके बाद तैनाती नहीं की गई। चयनित शिक्षकों ने कई बार बीएसए और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से वार्ता की तो हर बार अफसरों ने एक-दूसरे पर टाल दिया। सवा साल बाद भी तैनाती नहीं होने सेदुःखी शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका कर दी।इससे पहले रामनाथपुरके ग्राम प्रधान और अन्य 5 प्रधान भी अपने गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल बनने के बावजूदशिक्षकों की नियुक्ति न होने को लेकर याचिकाएं कर चुके हैं।

फतेहपुर : चार ब्लॉक के स्कूलों का होगा कायाकल्प, खनन विभाग के बजट से बदलेगी सूरत, तैयार हो रहा एस्टीमेट।

Posted: 08 Nov 2020 04:32 PM PST

फतेहपुर : चार ब्लॉक के स्कूलों का होगा कायाकल्प, खनन विभाग के बजट से बदलेगी सूरत, तैयार हो रहा एस्टीमेट।

फतेहपुर : जिले के चार ब्लॉकों के परिषदीय स्कूलों का खनन विभाग के बजट से कायाकल्प कराया जाएगा। धाता, विजयीपुर, असोथर, अमौली ब्लॉक के करीब 800 स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग इन स्कूलों में सुंदरीकरण कराने में आने वाले खर्च का एस्टीमेट तैयार कर रहा है।


जिले में नगर समेत 14 ब्लॉकों में 2650 परिषदीय स्कूल संचालित हैं इनमें धाता, विजयीपुर, असोथर, अमौली ब्लॉक यमुना तटवर्ती क्षेत्र में आते हैं। इन्हीं ब्लॉकों के विभिन्न यमुना घाटों में भारी तादाद में मौरंग खनन होता है। साल में अरबों रुपये मौरंग खनन से शासन को राजस्व मिलता है। मौरंग खनन होने के कारण इन चारों ब्लॉक क्षेत्र की अधिकांश सड़कें सालभर में नष्ट हो जाती हैं। साल में अरबों रुपये राजस्व की अदायगी करने वाले यह चारों ब्लॉक मौरंग खनन से मिलने वाले राजस्व के उपयोग से पूरी तरह से वंचित हैं। इन चारों ब्लाक क्षेत्र में करीब 800 परिषदीय स्कूल हैं। इनमें कुछ स्कूलों का ग्राम पंचायतों ने कायाकल्प कराया दिया है, लेकिन अभी तक बड़ी तादाद में स्कूलों की हालत दयनीय है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग ने यमुना तटवर्ती ब्लाकों के परिषदीय स्कूलों का सुंदरीकरण कराने के लिए खनन विभाग का सहारा लेने का निर्णय लिया है।


खनन विभाग के बजट से जरूरत के हिसाब से स्कूलों की रंगाई पुताई, टूटी फूटी मरम्मत, दरवाजे, खिड़की, टाइल्स, पेयजल की व्यवस्था, विद्युतीकरण का काम कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इन चारों ब्लाकों के स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट सूचीबद्ध किया है। इसके बाद काम के हिसाब से आने वाले खर्च का एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर यमुना तटवर्ती चार ब्लाकों के स्कूलों का सुंदरीकरण कराने के लिए अनुमानित खर्च का व्योरा तैयार कराया जा रहा है। एस्टीमेट बनाकर खनन विभाग को भेजा जाएगा।

सूबे के 2235 स्कूल में बनेंगे यूथ और इको क्लब, राजकीय विद्यालयों के युवाओं को जिम्मेदार बनाएंगे ये क्लब

Posted: 08 Nov 2020 03:08 PM PST

सूबे के 2235 स्कूल में बनेंगे यूथ और इको क्लब, राजकीय विद्यालयों के युवाओं को जिम्मेदार बनाएंगे ये क्लब।


05 करोड़ 58 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

25 हजार रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से दिए जाएंगे।

तैयारी

▪️स्कूल के प्रधानाचार्य या उप प्रधानाचार्य यूथ और इको क्लब के प्रभारी होंगे।

▪️खेल मैदान और लाइब्रेरी का उपयोग क्लास के बाद या छुट्टियों में कर सकेंगे।

प्रयागराज : प्रदेशभर के 2235 राजकीय हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों में यूथ और इको क्लब बनेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने युवाओं के बहुमुखी विकास के उद्देश्य से 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए यूपी के 2235 स्कूलों में यूथ और इको क्लब बनाने के लिए प्रति विद्यालय 25 हजार और कुल पांच करोड़ 58 लाख रुपये मंजूर किए हैं।


यूथ क्लब का मकसद स्कूल के अनुपयोगी संसाधन जैसे खेल का मैदान, खेल के सामान, लाइब्रेरी, संगीत एवं कला कक्ष, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग सह शैक्षणिक गतिविधियों जैसे ड्रामा, वाद विवाद, कला, खेलकूद, संगीत आदि से छात्रों के व्यक्तिगत एवं सामूहिक विकास को बढ़ावा देना होगा।

खेल का मैदान और लाइब्रेरी का उपयोग क्लास के बाद या छुट्टियों के दौरान कर सकेंगे। इसी प्रकार  इको क्लब का उद्देश्य पर्यावरण, जैव विविधता, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि के प्रति जागरूकता एवं बच्चों में रुचि पैदा करना है। प्रधानाचार्य या उप प्रधानाचार्या यूथ और इको क्लब के प्रभारी होंगे।

एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाएंगे जो स्कूल की छुट्टी के बाद यूथ क्लब की गतिविधियों में सहयोग करेंगे। इन कार्यों में बच्चों का मार्गदर्शन करने और उनके साथ समय बिताने के लिए अभिभावकों, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और शिक्षक आदि की मदद ली जा सकेगी।



बच्चों में बढ़ेगा आत्मविश्वास

समग्र शिक्षा अभियान के तहत मंजूर यूथ और इको क्लब से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही स्कूलों में पंजीकरण और उनके ठहराव में भी सुधार की आशा है। इको क्लब से विज्ञान, तकनीक और जैव-चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि पैदा होगी।

पहल : योगी सरकार ने आंगनबाड़ी केन्‍द्रों से जुड़े 1.64 करोड़ लाभार्थियों को दिया बड़ा तोहफा, लाभार्थियों को मिलेगा दही, दूध व घी

Posted: 08 Nov 2020 04:35 PM PST

पहल : योगी सरकार ने आंगनबाड़ी केन्‍द्रों से जुड़े 1.64 करोड़ लाभार्थियों को दिया बड़ा तोहफा, लाभार्थियों को मिलेगा दही, दूध व घी।

लखनऊ : प्रदेश की योगी सरकार दिवाली पर प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्‍द्रों से जुड़े लाभार्थियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। सरकार की ओर से लाभार्थियों को उच्‍च गुणवत्‍ता का पौष्टिक आहार उपलब्‍ध कराया जाएगा। अभी तक आंगनबाड़ी केन्‍द्रों से जुड़ी लाभार्थियों को कोटेदार के माध्‍यम से पुष्‍टाहार उपलब्‍ध कराया जाता था। अब सरकार की ओर से आंगनबाड़ी से जुड़ी गर्भवती महिलाओं, शिशुओं व बालिकाओं को दूध पाउडर, दही व घी भी दिया जाएगा।


राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीवि‍का  मिशन से जुड़े  स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं की महिलाएं पुष्‍टाहार के यह पैकेट पैक करके आंगनबाड़ी केन्‍द्रों तक पहुंचाने का काम करेंगी। इससे स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं से जुड़ी महिलाएं भी रोजगार मिलने से आत्‍मनिर्भर बनेंगी । यही नहीं, स्‍वयं सेवी समूह की महिलाएं पुष्‍टाहार की गुणवत्‍ता भी जांचेंगी।


उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1.89 लाख आंगनबाड़ी केन्‍द्र हैं। जहां पर 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शिक्षा देने के साथ, किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति कार्यकर्ता व सहायिकाओं के माध्‍यम से की जाती है। आंगनबाड़ी केन्‍द्रों पर लाभार्थियों को अब चावल, दाल व गेहूं के साथ दूध पाउडर, दही, घी भी उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा। इससे प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केन्‍द्रों से जुड़ी 1.64 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। लखनऊ में 2015 आंगनबाड़ी केन्‍द्र हैं। जहां पर 1.60 लाभार्थियों को  कोटेदारों के माध्‍यम से राशन उपलब्‍ध कराया जाता था। सोमवार से राष्‍ट्रीय आजिवि‍का मिशन से जुड़ी स्‍वयं सहायता समूह की महिलाएं कोटेदार के यहां से राशन लेकर उसको पैक करेंगी। इसके अलावा वह दूध पाउडर, दही व घी के अलग पैकेट बनाएंगी। इन पैकेटों को वह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को लेकर जाकर सौपेंगी। जहां से कार्यकत्रियां उन पैकेटों को लाभार्थियों तक पहुंचाएंगी। इसमें राष्‍ट्रीय ग्रामीण अजिवि‍का  मिशन व बाल विकास पुष्‍टाहार विभाग व खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग बराबर की जिम्‍मेदारी निभाएंगे। लखनऊ में  सोमवार से इस योजना की शुरुआत की जाएगी । दिवाली तक पुष्‍टाहार के पैकेट सभी लाभार्थियों तक पहुंचा दिए जाएंगे। राष्‍ट्रीय ग्रामीण अजिवि‍का  मिशन के उपायुक्‍त स्‍वत: रोजगार सुख राज बंधु बताते हैं कि कंपनियों से जो पुष्‍टाहार मिलता था वह पहले कोटेदारों के माध्‍यम से सीधा आंगनबाड़ी केन्‍द्रों पर जाता था। अब स्‍वयं सहायता समूह की महिलाएं पुष्‍टाहार का पैक करके आंगनबाड़ी केन्‍द्रों तक पहुंचाएंगी। फरूर्खाबाद के 178 आंगनबाड़ी केन्‍द्रों पर 3 हजार के करीब लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।

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