प्राइमरी का मास्टर ● इन |
- आगे खिसक सकती हैं यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं
- अब नहीं मिलेगी कोई छूट, प्री-बोर्ड परीक्षा में बैठना होगा जरूरी
- विषयवार शिक्षकों की तैयार होगी कुंडली, पढ़ाई की गुणवत्ता पता लगाने के लिए होगा मूल्यांकन
- फतेहपुर : जो स्कूल कभी बने नहीं उनके कनेक्शन के लिए भी जारी हो गया बजट, परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन के नाम पर भारी गोलमाल
- आंगनबाड़ी केंद्रों में होगी प्ले ग्रुप की पढ़ाई, तैयार हुई किताबें
- फतेहपुर : खजुहा ब्लॉक में तनातनी जारी, मामला पहुंचा बीएसए की चौखट पर।
- प्रयागराज : नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हेतु ऑनलाइन आवेदनों के सत्यापन के सम्बन्ध में
- बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सीबीएसई शुरू करेगा कॉउंसलिंग सेवा
- 21 जनवरी 2021 तक करें पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए आवेदन
- यूपी में खुलेंगी 28 नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 51 राजकीय महाविद्यालय : उप मुख्यमंत्री
- बहराइच : जनपदीय वार्षिक अवकाश तालिका जारी, देखें
आगे खिसक सकती हैं यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं Posted: 13 Jan 2021 07:29 PM PST आगे खिसक सकती हैं यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं लखनऊ : यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तिथि इस साल आगे खिसक सकती है। आमतौर पर यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक करा दी जाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से परीक्षा लेट कराई जाएगी। बोर्ड ने फरवरी के प्रथम व दूसरे सप्ताह में परीक्षा की संभावित समय सारिणी जारी की थी, लेकिन जो हालात बन रहे हैं, उस हिसाब से समय सारणी फिर खिसक सकती है। दरअसल, परीक्षा को लेकर बोर्ड परीक्षकों की सूची जारी करता है। इसके प्रपत्र वाले लिफाफे स्कूलों को पहुंचाए जाते हैं। स्कूल प्रशासन परीक्षकों से संपर्क कर प्रयोगात्मक परीक्षा कराने की तिथि तय करते हैं। यह प्रक्रिया तभी शुरू होती है जब परीक्षकों की सूची जारी होती है। स्कूलों के अनुसार इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। सीबीएसई की प्रयोगात्मक परीक्षा मार्च के प्रथम सप्ताह से होगी संभावना है कि यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा सीबीएसई के साथ शुरू होगी बोर्ड परीक्षा मई में कराने के आसार बन रहे हैं। बोर्ड परीक्षकों की सूची ऑनलाइन जारी करता है और उसके प्रपत्र परीक्षा कार्यालय में आते हैं, लेकिन अभी तक आए नहीं हैं। जैसे ही आएंगे स्कूलों को इसकी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। -डॉ. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक |
अब नहीं मिलेगी कोई छूट, प्री-बोर्ड परीक्षा में बैठना होगा जरूरी Posted: 13 Jan 2021 07:25 PM PST अब नहीं मिलेगी कोई छूट, प्री-बोर्ड परीक्षा में बैठना होगा जरूरी लखनऊ : कोरोना काल में भले ही अनिवार्य उपस्थिति से छूट मिली है, लेकिन प्री-बोर्ड परीक्षा में छात्रों का बैठना जरूरी है। स्कूलों ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं। यूपी बोर्ड की प्री-बोर्ड परीक्षा 15 जनवरी से शुरू होगी। वहीं, सीबीएसई और आईसीएसई में कहीं प्री-बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई है तो कहीं पर 15 से बाद यह शुरू होगी। उधर, सभी केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों को इस बार एक जैसा प्रश्नपत्र दिया जा रहा है। इसे क्षेत्रीय स्तर पर तैयार किया गया है। कोरोना काल में भले ही पढ़ाई ऑनलाइन तरीके से कराई गई हो, लेकिन कक्षा 10 और 12 के छात्रों की पढ़ाई को लेकर सभी बोर्ड और स्कूल गंभीरता दिखा रहे हैं। छात्रों की तैयारी के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। साल भर की उपस्थिति से छात्रों को छोड़ दी गई है, लेकिन प्री-बोर्ड परीक्षा में उनका बैठना जरूरी कर दिया गया है। बोर्ड अधिकारियों की सहमति पर स्कूलों ने इसके निर्देश भी जारी कर दिए हैं। सभी बोर्ड कम से कम दो प्री-बोर्ड परीक्षाएं कराएंगे। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूल तीन प्री-बोर्ड परीक्षा कराएंगे। इस परीक्षा में छात्रों का बैठना इसलिए जरूरी किया गया है, ताकि मूल्यांकन के बाद उनका आकलन किया जा सके और बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराई जा सके। स्कूल ऑफलाइन तरीके से प्री-बोर्ड परीक्षा कराने पर सहमत हैं। इससे पहले छमाही परीक्षा भी इसी तरह कराई गई थी, जिसमें करीब 90 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति दर्ज हुई थी। सभी केंद्रीय विद्यालयों में एक जैसा प्रश्न पत्र इस बार सभी केंद्रीय विद्यालयों की प्री-बोर्ड परीक्षा में छात्रों को एक जैसा प्रश्नपत्र दिया जा रहा है। यह क्षेत्रीय संभाग (लखनऊ संभाग) की ओर से तैयार किया गया है। केवी गोमती नगर के प्रधानाचार्य डॉ. सीबीपी वर्मा ने बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए दूसरी प्री-बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। इस बार क्षेत्रीय संभाग द्वारा प्रश्नपत्र तैयार करवाए गए हैं। लखनऊ संभाग में आने वाले सभी 55 केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों को इस बार एक जैसा प्रश्नपत्र दिया जा रहा है। इससे छात्रों की रीक्षा में एकरूपता आएगी। छात्रों की कमियां पता चल सकेंगी और मूल्यांकन बाद उनकी तैयारी और अच्छे से हो पाएगी। उन्होंने बताया कि अभी बोर्ड परीक्षा में समय है। ऐसे में तीसरी प्री-बोर्ड परीक्षा भी कराएंगे। बताया कि छात्रों को प्री-बोर्ड परीक्षा को गंभीरता से लेने और शामिल होने का निर्देश दिया गया है। यदि कोई छात्र बीमारी की वजह से अनुपस्थित रहता है तो उसे छूट दी जाएगी। 15 से यूपी बोर्ड की पहली प्री-बोर्ड परीक्षा यूपी बोर्ड के स्कूलों में 15 जनवरी से पहली प्री-बोर्ड परीक्षा होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए उनसे प्री-बोर्ड परीक्षा कराने की समयसारणी भी मांगी है। कई स्कूल 15 जनवरी से तो कई गणतंत्र दिवस के बाद प्री-बोर्ड परीक्षा कराएंगे। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि दूसरी प्री-बोर्ड परीक्षा मार्च में होगी। स्कूलों को निर्देश है कि छात्रों को प्री-बोर्ड परीक्षा में शामिल करें और मूल्यांकन कर उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाएं। ...ताकि हो सके बोर्ड परीक्षा की तरह अनुभव सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों ने भी छात्रों व उनके अभिभावकों को प्री-बोर्ड परीक्षा को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों के बीच प्री-बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन कराने पर सहमति बनी है, ताकि छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तरह अनुभव हो सके। इसके लिए सभी छात्रों को परीक्षा में बैठने का निर्देश दिया गया है। |
विषयवार शिक्षकों की तैयार होगी कुंडली, पढ़ाई की गुणवत्ता पता लगाने के लिए होगा मूल्यांकन Posted: 13 Jan 2021 06:59 PM PST विषयवार शिक्षकों की तैयार होगी कुंडली, पढ़ाई की गुणवत्ता पता लगाने के लिए होगा मूल्यांकन वाराणसी। आम तौर पर स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम का ही मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन अब उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की सफलता का भी मूल्यांकन कराया जाएगा। पिछले तीन साल में किस शिक्षक के पढ़ाए छात्रों ने बोर्ड परीक्षा में संबंधित विषय में कितने प्रतिशत सफलता अर्जित की है, अब इसकी सूची नए सिरे से तैयार कराई जा रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक 50 प्रतिशत से कम परिणाम वाले शिक्षकों की सूची शासन को भेजी जाएगी। जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत यूपी बोर्ड के करीब 400 विद्यालय हैं। इसमें कक्षा 9 से 12 तक के करीब सवा दो लाख छात्र- छात्रा पढ़ाई करते हैं। इसमें करीब एक लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल, इंटर में हर साल परीक्षा देते हैं। पिछले तीन सालों से बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्रा सफल भी हो रहे हैं। जब परिणाम जारी होता है तो विद्यालयों की ओर से अपने वहां परिणाम शत प्रतिशत होने का दावा भी किया जाता है। यहीं नहीं शिक्षा विभाग में भी इसकी जानकारी दी जाती है। अब इन दावों की हकीकत का पता लगाने के लिए ही बोर्ड ने अपने स्तर से जांच कराने का निर्णय लिया है। इसमें विषय के शिक्षकों की भी कुंडली तैयार कराई जा रही है । विषयवार शिक्षकों के परीक्षा परिणाम के बारे में जो जानकारी मांगी गई है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ ही शिक्षकों को जिम्मेदारियों का सजगता पूर्वक निर्वहन कराने की दिशा में पहली बार इस तरह की पहल की गई है इससे शिक्षकों की विषय के प्रति रूचि तो बढ़ेगी ही,सबसे अधिक लाभ छात्रों को मिलेगा। - डॉ. विजय प्रकाश सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक |
Posted: 13 Jan 2021 07:09 PM PST फतेहपुर : जो स्कूल कभी बने नहीं उनके कनेक्शन के लिए भी जारी हो गया बजट, परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन के नाम पर भारी गोलमाल फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के कारनामे भी न्यारे हैं। जहां कई विभाग बजट न मिलने का रोना रो रहे हैं वहीं बेसिक शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों में भी बिजली कनेक्शन के लिए पैसा दे रहा है जो कभी बने ही नहीं। बिजली विभाग ने पिछले कुछ सालों में कई किस्तों में 3435 परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन के लिए कुल पांच करोड़ 63 लाख 38 हजार 220 रुपये का बजट जारी किया है। जबकि जिले में कुल परिषदीय स्कूलों की संख्या 2650 है। यानि बेसिक शिक्षा विभाग ने 785 ऐसे स्कूलों में कनेक्शन के लिए साढ़े 54 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट बिजली विभाग को जारी कर दिया जिनका जमीन पर नामोनिशान ही नहीं है। परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन के नाम पर भारी गोलमाल सामने आया है। जिले में 1903 प्राथमिक और 747 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मिलाकर कुल 2650 स्कूल हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने 2008 से लेकर 2013 के बीच जिले के सभी पुराने 1550 स्कूलों में वायरिंग और विद्युत कनेक्शन लिए 26988 रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से चार किस्तों में बजट जारी किया था। इस तरह से 2016 से लेकर अब तक प्रति स्कूल 6955 रुपये के हिसाब से 1885 स्कूलों में बिजली कनेक्शन के लिए धनराशि बिजली विभाग को भेजी जा चुकी है। (संवाद) आठ साल पहले स्कूलों में कराए गए बिजली कनेक्शन का विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है। तत्कालीन पटल प्रभारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। पुराना रिकार्ड खोजा जा रहा है। 2016 से रिकार्ड मौजूद है। सभी बीईओ से अपने-अपने क्षेत्र में स्कूल कनेक्शनों का ब्योरा मांगा गया है। बजट शासन से सीधा भेजा जा रहा है। यही कारण है कि यह गड़बड़ी हो रही है। - शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी . विभाग में जितने कनेक्शन की धनराशि जमा की जाती है, उतने कनेक्शन जोड़ दिए जाते हैं। - विनोद कुमार गंगवार, अधीक्षण अभियंता विद्युत फतेहपुर : बिजली विभाग ने पैसा तो लिया, नहीं किया काम बेसिक शिक्षा विभाग ने 5.63 करोड़ रुपये बिजली विभाग को दिए, पर अभी तक 1550 स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची, बिजली कनेक्शन में खेल फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों में बिजली कनेक्शन के नाम पर तगड़ा खेल हुआ है। बिजली कनेक्शन के लिए बिजली विभाग ने पैसा तो खूब लिया, लेकिन काम कराने में पीछे रहा। 3435 स्कूलों में बिजली कनेक्शन कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से बजट लेने के बाद बिजली विभाग ने सिर्फ 1100 स्कूलों में कनेक्शन कराया। कई स्कूलों में कनेक्शन के अलावा वायरिंग, पंखा, एलईडी आदि व्यवस्था करने के लिए भी बजट बिजली विभाग ने लिया, लेकिन काम कराने में पीछे रह गया बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 5.63 करोड़ रुपये बिजली विभाग को दिया गया, लेकिन अभी तक 1550 स्कूलों में बिजली तक नहीं पहुंच पाई है। परिषदीय स्कूलों में 2008-09 से विद्युतीकरण के लिए बजट जारी हो रहा है, लेकिन 12 साल बाद भी अभी तक 1550 स्कूल बिजली कनेक्शन विहीन हैं। 2012-13 तक प्रति स्कूल 26988 रुपये प्रति स्कूल की दर से विद्युतीकरण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने बिजली विभाग को बजट जारी किया था इसमें एक स्कूल में 1788 वायरिंग, 7500 ट्यूबलाइट व पंखे आदि की खरीद होनी थी। इनके अलावा प्रत्येक स्कूल में कनेक्शन के लिए 2200 रुपये की धनराशि शामिल है। यानी तब बिजली विभाग को 1550 स्कूलों में बिजली से जुड़ी व्यवस्था कराने के लिए चार करोड़ 18 लाख 31 हजार 400 रुपये की धनराशि दी गई । लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि इतनी मोटी रकम लेने के बाद विभाग ने सिर्फ 227 कनेक्शन ही किए। यानी 26988 रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से विभाग ने सिर्फ 61 लाख 26 हजार 276 रुपये ही खर्च किए। जबकि तीन करोड़ 57 लाख पांच हजार 124 रुपये बिजली विभाग हजम कर गया। बेसिक शिक्षा विभाग भी इतनी मोटी रकम देने के बाद भूल गया । 2008 से 2013 तक ली गई धनराशि का कोई लेखाजोखा नहीं बिजली विभाग को कई बार पत्र लिखा हालांकि 2008-09 से 2012-13 तक जिले में बीएसए का चार्ज संभालने वाले राजकुमार पंडित और आरपी यादव ने कई बार बिजली विभाग को इस बाबत पत्र लिखा, लेकिन विभाग टालमटोल करता रहा। धीरे-धीरे मामला पुराना होने पर ठंडे बस्ते में चला गया। 2017 से अब तक चार किस्तों में बिजली विभाग को सिर्फ कनेक्शन देने के लिए इस्टीमेट शुल्क के रूप में प्रति स्कूल 6955 रुपये की दर से कुल 1885 स्कूलों का बजट आवंटित किया गया है। खास बात यह है कि जिले में कुल 2650 स्कूल हैं। इनमें पहले 1550 स्कूलों में कनेक्शन के लिए बिजली विभाग धनराशि ले चुका है । इसके बाद कनेक्शन के लिए जिले में 1100 स्कूल बचते हैं। ऐसी हालत में 785 स्कूलों में कनेक्शन जोड़ने की अतिरिक्त धनराशि ली गई है। इस तरह से बिजली विभाग ने पांच करोड़ 63 लाख 38 हजार 220 की भारी भरकम धनराशि लेकर मुट्ठी भर कनेक्शन ही कराया है। |
आंगनबाड़ी केंद्रों में होगी प्ले ग्रुप की पढ़ाई, तैयार हुई किताबें Posted: 13 Jan 2021 06:50 PM PST आंगनबाड़ी केंद्रों में होगी प्ले ग्रुप की पढ़ाई, तैयार हुई किताबें वाराणसी। नए शैक्षिक सत्र से आंगनबाड़ी में प्ले ग्रुप के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए वाराणसी के राज्य हिंदी संस्थान में किताबें तैयार की जा रही हैं। कुछ किताबें तैयार भी हो चुकी हैं। तीन से छह साल तक के बच्चों के लिए यह किताबें तैयार हो रही हैं। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों में प्ले ग्रुप का पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद को सौंपी है। राज्य हिंदी संस्थान की निदेशक डॉ. ऋचा जोशी ने बताया कि संस्थान द्वारा किताब तैयार करने के लिए यूपी कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रामसुधार सिंह, बलदेव पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. उदय प्रकाश पांडेय, डायट वाराणसी, चंदौली के प्रवक्ता व स्कूलों के अध्यापकों को चुना गया है । डॉ. ऋचा ने बताया कि पुस्तक का मुख्य फोकस बच्चों में देखने, सुनने व बोलने का अभ्यास कराने पर रहेगा । बच्चों के लिए तीन तरह की पुस्तकें होंगी। |
फतेहपुर : खजुहा ब्लॉक में तनातनी जारी, मामला पहुंचा बीएसए की चौखट पर। Posted: 13 Jan 2021 06:47 PM PST फतेहपुर : खजुहा ब्लॉक में तनातनी जारी, मामला पहुंचा बीएसए की चौखट पर। ■ बीईओ के स्थानांतरण न होने पर दी आंदोलन की धमकी ■ बीते दिन खजुहा बीईओ से हुई थी शिक्षकों की भिड़ंत फतेहपुर : खजुहा ब्लाक के बीईओ (खंड शिक्षाधिकारी ) राजीव गंगवार और दो शिक्षिकाओं से हुए विवाद के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष की तीखी बहस और नोकझोक का मामला बीएसए की चौखट में जा पहुंचा है। दूसरे दिन दोनों पक्ष पेशबंदी करते हुए नजर आए। शिक्षकों का पक्ष रखने के लिए ब्लाक अध्यक्षों में अनुराग मिश्रा, दिग्विजय सिंह, शैलेंद्र भदौरिया, धर्मेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह तथा खजुहा ब्लाक अध्यक्ष बलराम सिंह बुधवार को बीएसए से मुलाकात की। बीएसए के सामने बीईओ पर जमकर आरोप जड़े। कहाकि अमर्यादित टिप्पणी की हद पार हो गई है। आए दिन ऐसी टिप्पणी करके शिक्षक-शिक्षिकाओं की मर्यादा तार- तार कर रहे हैं। विरोध करने पर वेतन रोकने, सस्पेंड करने जैसी धमकी दी जाती है। चाइल्ड केयर लीव मांगने का आवेदन करने वाली शिक्षिकाओं के आवेदन वेवजह निरस्त कर दिए गए। बीएसए ने मामले की जांच करने और कार्रवाई का आश्वासन देकर शिक्षकों का गुस्सा शांत किया। उधर खंड शिक्षाधिकारी संघ की आपात बैठक नगर संसाधन केंद्र गुप्त बैठक कर शिक्षकों द्वारा की जा रही पेशबंदी से निपटने की रणनीति बनाई। फतेहपुर : बीआरसी में भिड़े शिक्षक और बीईओ, शिक्षक संघ अध्यक्ष ने बीईओ पर लगाया अमर्यादित भाषा बोलने का आरोप फतेहपुर : ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) खजुहा में बीईओ (खंड शिक्षाधिकारी और महिला शिक्षिका के बीच जमकर वाद विवाद हुआ। इसमें शिक्षिका द्वारा ब्लाक शिक्षक संघ से शिकायत की बात रखी तो बीईओ की जुबान फिसल गई जिस पर भारी हंगामा शुरू हो गया। मौके पर ब्लाक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी साथियों के साथ जा पहुंचे। एक दूसरे पर जमकर आरोप मढ़े। जिससे बीआरसी परिसर झगड़े का अखाड़ा बना रहा। ब्लाक के कंपोजिट विद्यालय दलेलखेड़ा में कार्यरत सहायक अध्यापिका बीना सिंह विद्यालय से संबंधित सूचनाएं मांगे जाने व कंपोजिट विद्यालय आलमगंज में तैनात शिक्षिका स्वाती दीक्षित सीसीएल अवकाश का प्रार्थना पत्र रिजेक्ट होने के बाबत बीआरसी खजुहा पहुंचीं। शिक्षिकाओं का आरोप है कि बीईओ राजीव गंगवार ने उन्हें अमर्यादित भाषा में बात की और गलत निगाह से देखा। आपत्ति करने पर सस्पेंड कराने की धमकी दी। इस पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष बलराम सिंह से करने की बात कही तो बीईओ ने उनके खिलाफ भी अमर्यादित टिप्पणी की। शिक्षक संघ अध्यक्ष भी बीआरसी पहुंच गए। इस पर अध्यक्ष और बीईओ की भी बहस हो गई। उधर बीईओ राजीव गंगवार का आरोप है कि दोनों शिक्षिकाएं शिक्षक संघ अध्यक्ष के साथ कार्यालय आईं। शिक्षिका बीना सिंह ने जो प्रार्थना पत्र उसे ले लिया। शिक्षिका स्वाती दीक्षित ने सीसीएल का आवेदन निरस्त होने की बात कही गई । शिक्षिका का आवेदन मावन संपदा पोर्टल में अपलोड न होने कारण निरस्त हो गया है। अवकाश उनके द्वारा सिर्फ उच्चाधिकारियों को अग्रसारित किया जाता है। इस पर तीनों शिक्षक अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। विवाद के बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे। ब्लाक अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि बीईओ आए दिन अमर्यादित आचरण करते हैं। शिक्षक अध्यक्ष दोनों शिक्षिकाओं व बीईओ ने अलग-अलग तहरीर दी है। कोतवाली प्रभारी बिंदकी सत्येंद्र सिंह ने कहा इनके विभागाध्यक्ष को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जांच के बाद होगी कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच करवाई जाएगी और जिस पर दोष पाया जाएगा कठोर कारवाई होगी। |
Posted: 13 Jan 2021 06:22 PM PST |
बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सीबीएसई शुरू करेगा कॉउंसलिंग सेवा Posted: 13 Jan 2021 05:36 PM PST बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सीबीएसई शुरू करेगा कॉउंसलिंग सेवा, दसवीं-बारहवीं के छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव, खानपान की दी जाएगी जानकारी प्रयागराज : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से दसवीं और बारहवीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए फरवरी-मार्च में काउंसलिंग सेवा शुरू होगी। इस दौरान विशेषज्ञ छात्र छात्राओं को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ कैरियर, कोरोना संक्रमण से बचाव, खान-पान, सोशल डिस्टेंसिंग, योग-व्यायाम और परीक्षा जुड़ी अन्य सलाह दी जाएंगी। बोर्ड की ओर से यह प्रक्रिया परीक्षा और परिणाम आने के बाद भी जारी रहेगी। सीबीएसई की ओर से जारी सूचना में कहा दसवीं , बारहवीं की परीक्षा से पहले छात्र-छात्राएं मानसिक दवाब और तनाव की स्थिति में रहते हैं इसके चलते उन्हें परीक्षा के समय घबराहट, भूख कम लगना, विभिन्न विषयों को लेकर आने वाली परेशानी, अंकों का दबाव सहित ढेर सारी समस्याएं सामने होती हैं। सीबीएसई की ओर से हर साल छात्रों की सुविधा के लिए परीक्षा से पहले काउंसलिंग सेवा की जाती रही है। इस बार कोरोना के चलते बोर्ड परीक्षाएं मई में हो रही हैं, ऐसे में बोर्ड काउंसलिंग फरवरी मार्च में शुरू करेगा। सीबीएसई के विशेषज्ञों से छात्र कर सकेंगे समस्या का समाधान : सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षा के बारे में योजनाबद्ध तरीके से जानकारी देने के लिए विशेषज्ञ ऑनलाइन, मोबाइल, लैंडलाइन के साथ टोल फ्री नंबर पर उपलब्ध होंगे। परीक्षार्थी इस दौरान तनाव, दबाव कम करने के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में सलाह ले सकेंगे विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण के चलते इस बार छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने सहित स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी जानकारी भी देंगे यूपी बोर्ड की ओर से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए जुलाई अगस्त से ही लगातार काउंसलिंग कार्यक्रम चला रहा है। |
21 जनवरी 2021 तक करें पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए आवेदन Posted: 13 Jan 2021 05:25 PM PST 21 जनवरी 2021 तक करें पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए आवेदन लखनऊ : राज्य सरकार ने पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना में 9वीं-10वीं कक्षाओं से संबंधित पाठ्यक्रमों का मास्टर डाटाबेस तैयार करने, सत्यापन व लाक करने और छात्रों को छात्रवृत्ति आवदेन से संबंधित विवरण के लिए संशोधित समय सारिणी जारी की है। समाज कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जारी निर्देश के अनुसार छात्र एवं छात्राओं द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए जाने के लिए 21 जनवरी तक का समय दिया गया है। 27 जनवरी तक विद्यालयों में हार्ड कॉपी जमा कर सकते हैं। |
यूपी में खुलेंगी 28 नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 51 राजकीय महाविद्यालय : उप मुख्यमंत्री Posted: 13 Jan 2021 05:46 PM PST UP Board exam 2021: दो दिन बाद शुरू होंगी यूपी बोर्ड की प्री बोर्ड परीक्षाएं, वार्षिक परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में कराने पर हो रहा विचार यूपी में खुलेंगी 28 नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 51 राजकीय महाविद्यालय : उप मुख्यमंत्री मार्च-अप्रैल में होंगी राज्य विवि की वार्षिक परीक्षाएं : डॉ. शर्मा प्रदेश को जल्द ही 28 नए निजी विश्वविद्यालय और 51 राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। नए सत्र से विवि से सम्बद्धता दिए जाने का काम ऑनलाइन किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी है। डॉ. शर्मा बुधवार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले चार साल की उपलब्धियों का ब्योरा दे रहे थे। लोकभवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि बीएड के नए महाविद्यालयों और कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने के लिए ऑनलाइन एनओसी की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं मार्च व अप्रैल में कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने एम.फिल. का कोर्स खत्म करने की जानकारी भी दी। डॉ. शर्मा ने कहा कि 23 विवि के विशेषज्ञों व 1700 शिक्षाविदों व तकनीकी विशेषज्ञों के योगदान से 73468 से अधिक ई-कंटेंट पोर्टल पर मौजूद है। डिजिटल लाइब्रेरी में हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं में 134 विषयों के एक लाख ई-कंटेंट मौजूद हैं। इसकी सफलता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आईआईटी खड़गपुर की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया ने प्रदेश सरकार को पार्टनरशिप का प्रस्ताव भेजा है। जल्द ही करार किया जाएगा। नए विवि और शोधपीठों की स्थापना डॉ. शर्मा ने कहा कि आजमगढ़, सहारनपुर, अलीगढ़ में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के बाद शिक्षा जगत में प्रदेश आगे बढ़ेगा। इसके लिए बजट व भूमि आवंटन का काम हो चुका है। सिद्धार्थनगर कपिलवस्तु में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट सेंटर एवं सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिन्दुइज्म, बुद्धिइज्म एवं जैनिज्म की स्थापना जा रही है। इसके अलावा डीएवी कॉलेज कानपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया इंस्टीटयूट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ स्टडी एंड रिसर्च व सेंटर फॉर रिन्यूबेल एनर्जी एंड नैनो टेक्नोलॉजी और गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ बनाया गया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क की स्थापना की जा रही है। शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। बड़े प्रोजेक्ट के लिए 15 व छोटे प्रोजेक्ट के लिए 5 लाख रुपए ग्रांट दी जाएगी। यह ग्रांट विश्वविद्यालयों के साथ महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आकांक्षी जिलों फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्वार्थनगर व बलरामपुर के 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्रीलोडेड टैबलेट दिया जाएगा जिससे वहां के विद्यार्थी भी देश-दुनिया से जुड़ सकें। UP Board exam 2021: दो दिन बाद शुरू होंगी यूपी बोर्ड की प्री बोर्ड परीक्षाएं, वार्षिक परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में कराने पर हो रहा विचार यूपी सरकार भी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड वार्षिक परीक्षाएं मार्च व अप्रैल में कराए जाने पर विचार कर रही है। अभी 15 जनवरी से यूपी बोर्ड प्री बोर्ड की परीक्षाएं हैं। यह बात आज उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दी। वे बुधवार को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले चार साल की उपलब्धियों का ब्योरा दे रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश को जल्द ही 28 नए निजी विश्वविद्यालय और 51 राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि कल मकर संक्रांति पर यूपी सरकार बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों पर विचार कर सकती हैं। लोकभवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि बीएड के नए महाविद्यालयों और कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने के लिए ऑनलाइन एनओसी की शुरुआत हो चुकी है। आपको बता दें कि सीबीएसई की तरह ही यूपी बोर्ड ने भी पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की है। जिसकी जानकारी छात्रों को दी जाएगी। से लेकर बोर्ड ने छात्र-छात्राओं के लिए विवरण पत्रिका तैयार की है। पत्रिका में विषयवार पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई है। अब तक जिले के माध्यमिक विद्यालयों में 70 फीसदी विवरण पत्रिका भेज दी गई है। मार्च-अप्रैल में होंगी राज्य विवि की वार्षिक परीक्षाएं : डॉ. शर्मा उपमुख्यमंत्री ने कहा, 30 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए मंजूरी जल्द उप मुख्यमंत्री ने गिनाई उच्च शिक्षा विभाग की 4 साल की उपलब्धियां लखनऊ : उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में एक दर्जन से अधिक नए निजी विश्वविद्यालय स्थापना के लिए मंजूरी जल्द दी जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग ने 30 निजी विश्वविद्यालय के लिए आशय पत्र जारी कर दिया है। आशय पत्र जारी होने के बाद मंजूरी के लिए दो वर्ष की अवधि है, लेकिन विभाग एक वर्ष से कम अवधि में निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उच्च शिक्षा विभाग की चार साल की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने बताया कि राज्य विश्वविद्यालयों की वार्षिक परीक्षा मार्च अप्रैल में कराई जाएगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। शोध को प्रोत्साहन देने के लिए प्रो. राजेन्द्र सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ स्टडी एंड रिसर्च और रिसर्च सेंटर फॉर रिन्यूवल एनर्जी नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना की गई है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि 51 नए राजकीय महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। 26 मॉडल राजकीय महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे है। राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के 2854 पदों में से 1909 पद भरे गए हैं। अगले सत्र से संबद्धता भी ऑनलाइन मिलेगी उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, राजकीय महाविद्यालयों और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। शिक्षकों आधार कार्ड, बैंक खाते के रिकार्ड के आधार पर फर्जी शिक्षकों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों के लिए ऑनलाइन एनओसी की व्यवस्था की है। अगले शैक्षिक सत्र से संबद्धता भी ऑनलाइन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग ने कोरोना संक्रमण काल में आपदा को अवसर में बदलते हुए ऑनलाइन शिक्षा में बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने बताया कि हजारों डिजिटल पाठ्य सामग्री वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं, इसका लाखों विद्यार्थियों ने उपयोग किया गया। |
बहराइच : जनपदीय वार्षिक अवकाश तालिका जारी, देखें Posted: 13 Jan 2021 06:33 AM PST |
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